इश्क़ का अंजाम Part 9 love story in hindi

             इश्क़ का अंजाम Part 9

हेलो दोस्तो कैसे है आप, मैं आशा करता हूं आप सब अच्छे होंगे। आपका हमारी अपनी वेबसाइट atozlove पर स्वागत है। दोस्तो आपने हमारी पिछली स्टोरी डायरी-a cute love story को बहुत ही प्यार दिया उसके लिए आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद। 

अब आप पढ़ रहे है हमारी दूसरी कहानी इश्क़ का अंजाम….. अभी तक आपने इश्क़ का अंजाम part 8 में पढ़ा कि सार्थक मंजिल के कमरे से बाहर आने के बाद सोचता है कि आज के ज़माने में भी मंजिल जैसी मासूम लड़की कैसे हो सकती है लेकिन मंजिल तो बचपन से ही बहुत सारी तकलीफों का सामना करती आयी है बचपन में ही माँ कि मृत्यु और पिता की दूसरी शादी……… अब आगे

जब से मंजिल को उसने अपने लिए थोड़ा सा परेशान देख लिया था तब से सार्थक के दिमाग़ में एक ऐसी खलबली चल रही थी जो उसे कुछ न कुछ ऐसा करने की सलाह दे रही थी जिससे मंजिल का वो सॉफ्ट वाला साइड उसे दिखता रहे ।

उसी के दिमाग़ की खुराफात का ही नतीजा था कि अभी हाथ ठीक भी न हुआ था उसने अपने एक्शन सीन करने की खुद ठान ली। इसीलिए उसने अपनी फिल्म ‘सबसे बड़ा बाजीगर ‘ के एक एक्शन स्वीक्वेंस में बॉडी डबल यूज करने से मना कर दिया। लेकिन एक्शन सीन काफी खतरनाक था उसे पहाड़ों से पैरासूट पकड़ के नीचे आते वक्त उलटी छलांग लगाकर एक घुटने के बल जमीन पर लैंड करना था ।

पहले तो डायरेक्टर ने उसकी कुछ दिनों की बीमारी और हाथ की चोट का हवाला देते हुए समझाने की कोशिश की। तो सार्थक हाथ की पट्टी खोलते हुए कहा कि वो बिल्कुल ठीक है। तब डायरेक्टर को भी उसपर भरोसा हो गया क्योंकि सार्थक लगभग हर फिल्म में एक्शन सीन बिना बॉडी डबल के ही सूट करता था।

सेट पर मौजूद बाकी कलाकार और कर्मचारी फिर से सार्थक का एक्शन सीन करते देखने के लिए उत्साहित थे। कैमरे का एंगल सेट हो चुका था साउंड चेक किया जा चुका था , जैसे ही एक्शन बोला गया सार्थक ने अपना कमाल दिखाना शुरु कर दिया उसने पहाड़ों से पैरासूट भी अच्छे से पकड़ा लैंड होने से पहले तक भी सब कुछ उसी के कंट्रोल में था लेकिन वो जैसे ही लैंड हुआ बजाय अपने घुटने के बल बैठने के सीधा जमीन से सर टकरा दिया।

सेट पर अफरा तफरी मच गयी, कट बोलते ही सारा स्टॉफ सार्थक की तरफ भागा। सार्थक के सिर से खून बह रहा था , तुरंत फर्स्ट एड देने के बाद उसे हॉस्पिटल भेज दिया गया ।

रास्ते में जब उसने अपनी एक्सीडेंट की बात मीडिया को बताने के लिए शक्ति से कहा तो उसे बहुत अजीब लगा क्योंकि पहली बात तो ये कि सार्थक की पॉपुलैरिटी ही इतनी थी कि उसे किसी पब्लिसिटी स्टंट की कोई जरूरत नहीं पड़ी , दूसरी सार्थक को खुद ये सब बिल्कुल नहीं पसंद था । लेकिन शक्ति बिना कोई जिरह किये मीडिआ को खबर भेज देता था।

एक तो सार्थक के एक्सीडेंट से, दूसरे मीडिया के शूटिंग प्लेस पर आ जाने से डायरेक्टर को पैकअप करना पड़ा।
सार्थक के सर पर दो स्ट्रेचेस लगे , हाथ पर ज्यादा खरोंच नहीं आयी थी फिर भी सार्थक ने डॉक्टर से कहकर दोनों हाथों पर जगह-जगह पट्टी करा ली और माथे पर भी एक्स्ट्रा पट्टी बंधवाई। शक्ति ये सब चुपचाप खड़ा देख रहा था , उसे अजीब लग रहा था तो भी उसने कुछ नहीं बोला।

 इश्क़ का अंजाम
           इश्क़ का अंजाम

अब तक वो सार्थक के मम्मी-डैडी की तीन से चार कॉल अटेंड कर चुका था और सार्थक के कहे अनुसार ही उन्हें बता दिया था कि चोट कुछ ज्यादा नहीं हैं बस नेक्स्ट फ्राइडे को रिलीज हो रही सार्थक की फिल्म ‘ मेरे दिल के दरमियाँ ‘ के प्रमोशन के लिए ऐसा किया गया है।

तब जाकर उसके पेरेंट्स इस बात पर राजी हुए थे कि वो सार्थक कि प्रेजेंट टाइम की फोटो खींच के भेजे , वही शक्ति खड़ा सोच रहा था कि अगर अब फोटो खींच कर भेजे तो सार्थक इतना चोटिल लग रहा है कि शाम की फ्लाइट से वो लोग गुहाटी से सीधे मुंबई आ जाएंगे।
सार्थक के इस बेवकूफी भरे बर्ताव पर दिमाग़ लगाने के बजाय शक्ति उसकी एक फोटो को एडिट करने लगा ताकि थोड़ी-बहुत चोट के निशान बना कर वो उसके पैरेंट्स के पास ये फोटो भेज सके ।

हॉस्पिटल से निकलते वक्त जब सार्थक ने उससे कहा कि वो खुद ड्राइव करके अकेले घर जाना चाहता है । तब जो गुस्सा इतनी देर से उसने दबा के रखा था वो निकल पड़ा ।

क्या मैं जान सकता हूँ कि आप ये कर क्या रहें हैं न खुद का कोई होश न काम का कोई होश। स्क्रिप्ट्स आ रहीं हैं जा रहीं हैं, लोग वेट कर रहें हैं , शूटिंग्स कैंसिल हो रहीं हैं ,लोंगो के पैसे डूब रहें हैं। कभी चोट कभी बीमारी ….! ये सब लगभग 10-12 दिनों से चल रहा है आपका। अगर कोई दिक्कत है , नहीं मन काम करने का तो ब्रेक ले लीजिये लेकिन ये खिलवाड़ क्यों कर रहें हैं खुद के साथ भी और दूसरों के साथ भी। आइये बैठिये ।

शक्ति ने इतनी भड़ास निकालने के बाद लम्बी सांस लेते हुए कार का डोर खोलकर खुद ड्राइविंग सीट संभालते हुए सार्थक से कहा ।
वैसे भी कोई रिपोर्टर फॉलो कर रहा होगा तो उसके लिए काफी मजेदार रहेगा कि एक सुपरस्टार जिसका अभी-अभी एक्सीडेंट हुआ है जो कार ड्राइव करते हुए घर जा रहा है । शक्ति ने ये खुद ही से बोला था लेकिन सुन सार्थक ने भी लिया था इसीलिए बिना ज्यादा बहस किये वो कार में आकर बैठ गया।

रास्ते भर सार्थक शक्ति से अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स , रिलीज होने वाली मूवीज , अपकमिंग मीटिंग एंड इवेंट्स , नयी स्क्रिप्ट्स और दूसरे एक्टर्स के पास की स्टोरी कांसेप्ट और उन्हें मिले हुए प्रोजेक्ट्स के बारे में बात कर रहा था । लेकिन पता नहीं अपने विला पहुँचते ही उसे क्या हो गया , जैसे ही वो कार से उतरा उसने तुरंत शक्ति के कंधो पर अपना वजन डाल दिया और लड़खड़ा के चलने लगा।

शक्ति अभी तक की ही उसकी एक्टिंग से पहले से ही परेशान था अब उसका इंटरवल की बाद वाली इस एक्टिंग से पूरा दिमाग़ भी घूम गया। पर उसे दिलचस्पी जरूर हुई ये जानने की घर में ऐसा कौन है जिसके लिए सार्थक को इतनी एक्टिंग करनी पड़ रही है ।

सार्थक चाहता तो घर का दरवाजा पासवर्ड से भी खोल सकता था शक्ति ने तो ऐसा ट्राई भी किया लेकिन उसे सार्थक ने तुरंत रोक दिया और डोरबेल बजायी। ये भी शक्ति के हजम करने की चीज नहीं थी पर क्या करता हजम करनी पड़ी ।
दरवाजा कल्पना ने खोला और सार्थक को इस हाल में देखते ही परेशान हो गयी और सभी भगवानों का नाम ले लेकर शक्ति से क्या?कब?कैसे?कहाँ? पूछती हुई सार्थक को सहारा देने के लिए आगे आयी ।

दरवाजा तुमने क्यों खोला ? सार्थक की आवाज में एक खीझ थी । उसे लगा था कि मंजिल दोपहर को जब टीवी देखते हुए उसके एक्सीडेंट की न्यूज देखेगी तो परेशान होकर इधर-उधर भागेगी और जब उससे और इंतजार नहीं किया जायेगा तो दरवाजे के पास खड़ी हो उसका इंतजार कर रही होगी इसीलिए तो वो इतना वक्त लगा कर आया था ।

और कौन है यहाँ पर जो आपके लिए दरवाजा खोलता , बाकी नौकारों को तो लगता है आपने छुट्टी पर भेज दिया है , है न ? शक्ति उसे अंदर लाते हुए बोला ।

आपने मेरे एक्सीडेंट की खबर टीवी में नहीं देखी थी?
मुझे घर के कामों से ही फुर्सत कहाँ जो टीवी देखती और अगर देखा भी होता तो आपको यहाँ नहीं घर के बाहर ही मिलती साहब । कल्पना ने साड़ी के छोर से अपनी आँखों के किनारों को साफ किया जो सार्थक की हालत देखकर भर आये थें ।

आप परेशान ना हो मुझे चोट-वोट कुछ नहीं लगी है मैं ठीक हूँ बिल्कुल ।
लगी कैसे नहीं है कितनी तो दिख रही है रुकिए मालकिन को फोन करके बता दूंगी।
अरे शक्ति इनको समझा यार । सार्थक सोफे पर फैलते हुए बोला।
हाँ दीदी ये बिल्कुल ठीक है बस एक मूवी आने वाली है उसके प्रमोशन……

आह ! भाई शक्ति मुझे मेरे कमरे में लिटा दे चल के , मुझमें चलने की जरा भी हिम्मत नहीं बची है यार। कल्पना मम्मी-डैडी को बुला देना बोलना जल्दी आएं पता नहीं उन्हें देख भी पाऊंगा या….अइह…!

साहब…. सार्थक सर….! कल्पना और शक्ति के मुँह से एकदम से ये निकला। उसकी इतनी दर्दभरी पुकार सुन कर शक्ति तो भूल ही गया था कि उसके शरीर पर चोट से ज्यादा तो पट्टी बंधी हुई है ।

कल्पना को तो ये समझते देर न लगी कि ये सब पास से किताबों में मशरूफ होकर गुजरने वाली मंजिल के लिए था जो पिछले कुछ दिनों से अपने कोप भवन यानी कमरे से बाहर आने जाने लगी थी। सार्थक भी समझता था कि अगर उसे एक ही कमरे में बंद रखना था तो उसके माँ-बाप का घर भी क्या बुरा था जो उसके घर में भी मंजिल के साथ वही हो। इसीलिए उसने कल्पना से कह दिया था उसे घर में जहाँ मन हो घूमने दिया करे हाँ बस नजर बराबर रखे ।

 इश्क़ का अंजाम
                     इश्क़ का अंजाम

शक्ति कुछ न समझ पाया वो तो बस मंजिल को ही देखता रह गया जो अपनी किताब को तुरंत बंद करके सधे कदमों से सोफे के पास तक आ गयी थी ।

इन्हें ये क्या हो गया दीदी । उसने कल्पना से घबराहट में पूछा। सार्थक की आँखें बंद थी लेकिन मंजिल की आवाज़ से वो जान गया कि वो उसी के पास खड़ी है। उसने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उससे लिपट गया। कल्पना , प्लीज मेरी मम्मी को बुला दीजिये जब तक वो नहीं आती आप इसी तरह मेरे पास रहिए…..

मंजिल काफी ज्यादा डर गयी थी अगर सार्थक ने ये हरकत होश में की होती तो अब तक उसके दोनों गाल लाल कर देती लेकिन जिसे खुद अपना होश नहीं वो कहाँ इस होश में होगा कि वो कल्पना नहीं मंजिल है । उसपर से उसके शरीर पर लगी चोट देख कर उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि उसे कैसे धक्का देकर उससे दूर हो जाये।

आहिस्ते से जब उससे उससे दूर जाने की कोशिश की तो सार्थक ने उसे और तेजी से कस लिया। एक तो सार्थक मस्कुलर पॉवर वाला सुपरस्टार और एक मंजिल नाजुक और दुबली सी लड़की और उससे पतली उसकी कमर , सार्थक के मजबूत हाथ से कसने पर उसके मुँह से बस एक सिसकी निकलते-निकलते रह गयी।

भाई साहब इन्हें संभालिये. ….। उसने शक्ति की ओर देखा। लेकिन शक्ति कोई जवाब नहीं दे पाया क्योंकि वो मंजिल के चेहरे को ही देखने में डूबा हुआ था ।
भाई जी ….! उसने जरा तेज आवाज़ में शक्ति को पुकारा।

To be continued. …..
Wait for the next part of ‘ इश्क़ का अंजाम ‘ story.

मुझे आशा है कि आप सब को इश्क़ का अंजाम एक जुनूनी आशिक की लव स्टोरी पसंद आ रही होंगी।  अगर आपके पास भी कोई ऐसी लव स्टोरी हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है… 

इश्क़ का अंजाम एक जुनूनी आशिक की लव स्टोरी 

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