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अब आप पढ़ रहे है हमारी दूसरी कहानी इश्क़ का अंजाम….. अभी तक आपने इश्क़ का अंजाम part-10 में पढ़ा कि शक्ति ने मंजिल का सार्थक के प्रति रुखा व्यवहार देखा तो उसे कुछ शक हुआ, जिसे मिटाने वो गया कल्पना ने के पास। वह कल्पना से ये जानने की कोशिश करने लगा कि मंजिल है कौन और यहाँ कैसे आई । पहले तो कल्पना सार्थक के डर से कुछ भी नहीं बताना चाहती थी लेकिन जब शक्ति ने उससे वादा किया कि वो किसी को कुछ नहीं बताएगा तो कल्पना उसे उन दोनों के बारे में बताने लगी । अब आगे –
ये लगभग ढाई साल पहले की बात होगी एक दिन साहेब शाम को काफी खुश थें पता नहीं किस बात से मैंने तो सोचा कोई अवार्ड मिलने को होगा , इसीलिए पूछा भी नहीं । थोड़ी देर बाद वो खुद ही किचन में चले आएँ और बधुए को बाहर भेज दिया मैंने सोचा की कही मुझसे कोई गलती तो नहीं हो गयी । लेकिन थोड़ी देर खड़े रहें फिर बोले –
आपको बहुत ज्यादा काम करना पड़ जाता है न ?
मैं तो सोच में पड़ गयी की अब मैं क्या बोलूँ मैंने कहा – नहीं तो इतने लोग है सब करतें हैं ।
फिर बोले- हाँ लेकिन मेरा सारा काम तो आपको करना पड़ता है खाना बनाने से लेकर मेरा बिस्तर ठीक करने तक । क्योंकि मुझे किसी और के हाथ का कुछ भी अच्छा ही नहीं लगता।
मैंने कहा कि इसी की तो पगार मिलती है साहेब अब ये नहीं करूंगी तो क्या करूंगी।
बोले – इसीलिए तो सोचा आपसे पूछ लूँ कि अपना काम करने के लिए कोई परमानेंट वाली ले आऊं वो मेरा ध्यान रखेगी और आप उसका ध्यान रखना ।
मैं तो क्या साहेब , तुरंत इशारा समझ गयी थी मारे खुशी के तो पूछो मत । लेकिन तब मुझे क्या पता था कि साहेब किसी ऊंचे तेवर वाली के चक्कर में पड़ गएँ है वो इन्हें भाव ही नहीं देती। इतना कह कर वो शांत हो गयी ।
उसके ऐसे शांत होने पर शक्ति ने थोड़ी देर इंतजार किया लेकिन उसे अपनी सब्जी में मशरूफ होता देख आगे पूछा – फिर ? मतलब कि उन्होंने सर को पसंद नही किया।
हाँ ऐसे ही बीच-बीच में पूछते या कुछ बोलते रहा कीजिये वरना मुझे लगेगा कि आपको कोई दिलचस्पी ही नहीं है ।
है क्यों नहीं तभी तो पूछ रहा हूँ । अच्छा अब आगे बताइये ।
अब पसंद क्या ही किया उलटे एक अलग ही रोग दे दिया सर को , न खाने का होश रखते न पीने का । बस शूटिंग में बिजी रहते और शूटिंग के बाद उनके कॉलेज के चक्कर काटते।
वो कॉलेज स्टूडेंट थीं?
हाँ किसी महिला कॉलेज में पढ़ती थीं । वहीं की एक सहेली की मदद से साहब जातें थें उनसे मिलने। अरे….. क्या नाम था उसका….. अरे कोई मुस्लिम थी …… त से था कुछ …. हाँ याद आया तूबा, यही नाम था उनकी सहेली । बेचारी बड़ी मदद करती थी सर की , मेमसाहब कहाँ जा रहीं हैं, किसके साथ जा रही हैं, कॉलेज कब जाएंगी कब नहीं जाएंगी , ये सब सुबह से ही फोन करके बताने लगती थी। बाकी साहेब ने अपने दो आदमी भी लगा दिये थे उनके पीछे ताकि थोड़ी-थोड़ी देर पर वो उन्हें सब अपडेट देतें रहें ।
सीरियसली ….! सर इतने ज्यादा पागल है उनके लिए !!
अरे पागलपन तो पूछिए ही मत । एक बार उन्होंनें इनके साथ कहीं जाने से मना कर दिया था उसके बाद साहेब घर आते ही हर चीज तोड़ने फोड़ने लगे । अपने कमरे का हाल तो और बेकार कर दिया था खिड़की , टीवी, फूलदान सब तोड़ दिया था । तोड़ने के साथ चिल्ला भी रहें थें – ” मंजिल भागो मुझसे कितना भाग सकती हो, रोको मुझे कितना रोक सकती हो , इंकार करो कितना कर सकती हो लेकिन इन सब के बावजूद मैं तुम्हें अपना बनाकर ही रहूंगा। तुम चाहे दुनिया के जिस कोने में जाकर छुप जाओ एक दिन तुम आओगी मेरे पास ही।”
अच्छा तो ये बात है । शक्ति अपना पूरा सेब समाप्त करते हुए बोला । अच्छा फिर आगे क्या हुआ ? ये यहाँ कैसे आ गयीं ?
आयीं कहाँ हैं सर लाएं हैं । कल्पना सब्जी काट कर साइड रख देती है ।
मतलब !
किसी से कहना नहीं छोटे साहेब वरना बड़ी दिक्कत हो जाएगी।
अरे मैं क्यों कहूँगा सर सिर्फ आपके ही सर थोड़े है मेरे भी तो है। शक्ति ने कल्पना को भरोसे में लेते हुए कहा।
दरअसल साहेब जबरदस्ती इन्हें उठा लाएं हैं ।
ओह, किडनैपिंग ? शक्ति हैरान हो गया । जो बंदा स्क्रीन पर हीरो का रोल प्ले कर रहा है वो विलेन वाले काम कैसे कर सकता है।
जहाँ तक मुझे लगता है कि साहेब तो गये इनका हाथ मांगने ही थे लेकिन वही लोग नहीं राजी हुए होंगे तो साहेब इन्हें उठा लाएं।
और उनके घर वालों ने कुछ नहीं किया ?
वो क्या ही कर लेंगे अपने साहेब का ! जितना सर एक दिन में रुपया फेंक देतें हैं उतनी तो उनकी महीने भर की कमाई भी न होगी । खाने-पहनने में तो दिक्कत होती है पुलिस केस के लिए रुपया कहाँ से लाएंगे। अगर पुलिस केस करा भी दिया होगा तो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा सर को थोड़ा पॉवर ही तो दिखाना पड़ेगा न।
लेकिन एक बात ये भी है छोटे साहेब कि समझदार होंगे तो करेंगे नहीं क्योंकि इतना अच्छा लड़का वो भी देखते न तो भी मिलता नहीं अपने साहब तो बिना ढूंढे ही मिल गएँ। उन्हीं की किस्मत जोर होगी जो उन्हें सुपरस्टार सार्थक मल्होत्रा जैसा दामाद मिल रहा है ।
दोंनों बात कर ही रहें थें कि तभी मंजिल किचन में आ गयी । वैसे तो वो आज तक वो किचन में आयी नहीं थी इसीलिए कल्पना ने पूछा – कुछ चाहिए था आपको तो आप ऊपर से बेल बजा देतीं मैं खुद लेकर हाजिर हो जाती । आप को यहाँ आने की जरूरत ही नहीं पड़ती ।
मंजिल ने कल्पना की बार का कोई जवाब नहीं दिया बल्कि उसके पास से होती हुई गयी और उस छोटे से मंदिर से जोकि कल्पना ने अपने लिए रसोई में बना के रखा था वहाँ से माचिस उठा कर बाहर की तरह चल दी।
अरे देवा ! पिछली बार साहेब को काटा था अबकी जलाने जा रहीं हैं क्या ? कल्पना घबराहट में किचन के डोर की तरफ बढ़ी।
क्या इन्होंने. …… शक्ति को सार्थक के हाथ पर लगी चोट याद आ गयी । ओह अच्छा …… ! शक्ति कल्पना को साइड करते हुए मंजिल के पीछे दौड़ा।
शक्ति मंजिल के पीछे-पीछे भागते हुए जब उसके कमरे में पहुँचा तो देखा कमरे में उसने काँच बिखेर रखा है । फोटो से काँच को अलग करने के बाद अब वो उनकी फोटो जला रही थी ।
मैम , ये क्या कर रहीं हैं आप ? ऐसे हाथ चल जाएंगे आपके ।
उसकी फ़िक्र करने की आपको जरूरत नहीं है ।
मैम प्लीज ! ये सर की हैं , आप इनको ऐसे ……
खबरदार ! ये आपके सर की नहीं मेरी तस्वीरें हैं जो बिना परमिशन के खींची गयी हैं ।
देखिये मैम मैं समझ रहा हूँ कि आप पर क्या बीत रही है । शक्ति मंजिल के पास जाने की कोशिश करने लगा था ताकि वो उन बची हुई तस्वीरों को छीन सके।
देखो मिस्टर ! इधर आ भी मत जाना वरना तुमको भी जला दूंगी।
मैं आपके पास आने की कोशिश नहीं कर रहा मैं बस आपको समझा रहा हूँ कि ये जो आप कर रहीं हैं वो गलत है।
और तुम्हारे सर जो कर रहें है वो सही है ?
देखिये वो आप दोंनों का आपसी मसला है उसमें मैं कुछ नहीं बोल सकता हूँ ।
तो इसमें भी आपको बोलने का कोई अधिकार नहीं है । ये कहकर मंजिल ने एक और तस्वीर फर्श पर पटकी फिर उसका काँच हटाकर उसे भी आग के हवाले कर दिया। अब तक वो सारे स्केच आग के हवाले कर चुकी थी , और तस्वीरों के साथ भी यही करने वाली थी । पता नहीं पेंटिग्स , स्केच और तस्वीरों को एक-एक करके जलाने में उसे क्या मजा मिल रहा था । शायद तो मंजिल को ऐसा लग रहा हो कि वो सार्थक की रूह को थोड़ी-थोड़ी देर पर धू-धू करके जला रही हो ।
मंजिल जिस मूड में थी उसे देख के लग भी रहा था की अगर शक्ति उसके करीब गया तो वो उसे भी जला सकती है । शक्ति कुछ सोचता हुआ एकदम से चीखा , आप जल्दी वहाँ से हटे, खिड़की के पर्दे में आग ….! मंजिल का ध्यान हाथ में जलती हुई तस्वीर और शक्ति से हटकर खिड़की की तरफ चला गया। जैसे ही मंजिल ने खिड़की की तरफ नजर घुमाई उसी वक्त शक्ति झपट कर उसके सामने से बाकी तस्वीरें खींच कर उससे दूर फेंक दी ।
दरवाजे के पास खड़ी कल्पना ने तुरंत ही वो तस्वीरें उठा ली और कमरे के बाहर निकल गयी।
मंजिल ने जब ये देखा तो जलती हुई तस्वीर शक्ति की तरफ फेंक दी , शक्ति तुरंत दूसरी तरफ हट गया और तस्वीर फर्श पर गिर गयी।
इससे पहले कि मंजिल कमरे में रखा कोई और सामान जलाती शक्ति ने उससे माचिस छीनने की कोशिश की । लेकिन मंजिल ने माचिस को अपने हाथ में मजबूती से पकड़ रखा था शायद उसका इरादा अब सार्थक के इस पूरे घर को ही जलाने का था । शक्ति बिना मंजिल को हाथ लगाए ही वो माचिस छीन लेना चाहता था लेकिन जब ऐसा नहीं होता दिखा तो उसने मंजिल का एक हाथ झटके से अपनी तरफ खींचा , मंजिल एकदम से उसके सीने से जा लगी ।
उसने एक बार को मंजिल के चेहरे की तरफ भरपूर देखना चाहा था लेकिन उसे तुरंत ही अपनी गलती का अहसास हो गया था। उसने किसी भी तरह करके जल्दी से जल्दी उसके हाथ से माचिस छीनी और तुरंत उसे अपने से दूर कर दिया ।
अपने इंडिया का कल्चर रहा है हम कभी निहत्थे , कमजोर , बीमार और शरणार्थी पर हमला नहीं करते भले ही वो हमारे दुश्मन ही क्यों न हो । सर ने जब आपके साथ कुछ बुरा किया था तब आप ठीक थीं, लेकिन अब जब आप उनके साथ बुरा करना चाह रही हैं तब वो बीमार है । अगर आप सच में बहादुर है , ईमानदार हैं तो उनके ठीक होने तक तो इंतजार कीजिये वरना फिर मरे हुए को तो दुनिया भी मारती है।
ये शब्द कमरे से निकलते हुए शक्ति ने मंजिल से कहें और फिर वहाँ से निकल कर सीधे बाहर की तरफ चल दिया , कल्पना के पास भी जाना उसे अच्छा न लगा ।
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इश्क़ का अंजाम एक जुनूनी आशिक की लव स्टोरी
मुझे आशा है कि आप सब को इश्क़ का अंजाम एक जुनूनी आशिक की लव स्टोरी पसंद आ रही होंगी। अगर आपके पास भी कोई ऐसी लव स्टोरी हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है…
इश्क़ का अंजाम एक जुनूनी आशिक की लव स्टोरी
इश्क़ का अंजाम all parts
- इश्क़ का अंजाम Part 1
- A wild heart love story
- डायरी- A cute love story
- इश्क़ का अंजाम पार्ट 2 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 3 love story in hindi
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- इश्क़ का अंजाम part 7 love story in hindi
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