डायरी- A cute love story
श्वेता , क्या तुम इस ब्रेल लिपि को अपनी भाषा में मुझे समझा सकती हो ? चारु ने नोट्स श्वेता की टेबल पर रखते हुए इस अंदाज़ में पूछा जिससे साफ पता चल रहा था की आज वो फिर उसकी राइटिंग का मजाक बनाने वाली है । श्वेता ने कहा तो कुछ भी नही पर अपनी बुक चुपचाप बंद की और वहाँ से उठ गयी। कहाँ चली? पढ़ना-लिखना नहीं आता तुम्हें? चारु अपनी दो तीन चमचियों के साथ उसका रास्ता रोक के खड़ी हो गयी ।
मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था की मेरे नोट्स नहीं समझ आएंगे तो तुम्हें लेनी ही नहीं चाहिए थी मेरी नोटबुक । श्वेता का स्वर धीमा था ताकि क्लास के बाकी बच्चे ना सुन पाएं स्पेशली फर्स्ट बेंच पर बैठने वाला सात्विक जोकि क्लास का टॉप स्टूडेंट भी है और मॉनिटर भी ।
हाँ मुझे तो सच में नहीं समझ आ रहे तभी तो कह रही हूँ तुम्ही अपने नोट्स मुझे समझा दो या क्या तुम्हें भी अपनी नर्सरी के बच्चों वाली राइटिंग समझ नहीं आ रही । चारु इसे ज्यादा तेज बोलती हुई (ताकि सात्विक भी सुन सके) हँसने लगी और उसकी सहेलियाँ भी ।
श्वेता रुआंसी हो गयी इस लिए नहीं की क्लास की तेज बच्चों की लिस्ट में आने वाली श्वेता को अपना लिखा पढ़ने में सबसे ज्यादा मुश्किल होती है बल्कि इस लिए की उसे ऐसा लग रहा था की सात्विक के सामने उसकी बेइज्जती हो गयी है । लेकिन असल में तो मिस्टर मॉनिटर अपनी बेंच पर बैठे बड़े ध्यान से कुछ पढ़ रहें थें जोकि साफ दिख नहीं रहा था कि कोई किताब है कोई नोट्स है या क्या है ।
लगता है तुम्हें डिस्लेक्सिया है ,कितनी बार कहूं मिस चारु की आपको इस बीमारी का इलाज कराना चाहिए कब तक आप दूसरो से पढ़वाने का काम करवाती रहेंगी । महक कागज का एयरोप्लेन जस्ट चारु के सामने रोकते हुए बोली।
मुझे तो पता था कि जब पतीली यहाँ हैं तो उसकी चमची कहाँ गयी होगी भला । चारु की तरफ से ये जवाब उसकी परमप्रिय सखी मधु ने दिया ।
क्या यार चारु तेरे पास इतने सारे तो पैसे है ,अपनी इन पालतू बिल्लियों के लिए थोड़ी सी अकल और तमीज क्यों नहीं खरीद देती जब देखो तब बड़ों की बात में मुँह घुसाया करती हैं । महक ने मधु के चेहरे की तरफ बड़ी बेचारगी से देखते हुए कहा। माइंड योर लैंग्वेज समझ गयी ना महक की बच्ची । चारु ने गुस्सा होते हुए कहा ।
अगर मैने कहीं अपनी लैंग्वेज को माइंड कर लिया ना तो सोच लेना तुम्हारे कान सड़ के यहीं गिर जाएंगे । इस बार महक की आवाज हाइपर थी थोड़ी ।
तू समझती क्या है अपने आप को……
क्लॉस…! क्लास के गेट पर एक जोर से दस्तक हुई सारे बच्चे अपनी अपनी डेस्क की तरफ भागे ।
ये क्या हो रहा था चारु और महक ? तुम दोनों फिर लड़ रही थी । जरा सा भी कोई टीचर छुट्टी ले ले तो तुम लोगों के मजे हो जाते है ये नही की अपने आप से बैठ के पढ़ लो। कबाड़खाना बना देते हो पूरे क्लास को थोड़ी ही देर में और तुम सात्विक तुम्हारे होते क्लास में ये सब हो रहा था और तुम अभी भी चुपचाप बैठ के पढ़ रहें थें प्रिंसिपल मैम को क्यों नही जाकर बताया या तिवारी मैडम से ही बोल देते।
सॉरी मैम ! मैं पढ़ रहा था तो ध्यान नहीं दे पाया । सात्विक चुपचाप खड़ा हो गया।
कोई बात नहीं, ध्यान रखा करो समझे। और बाकी की क्लास तुम लोग भी इनकी तरह तरफ किताब खोलकर पढ़ो । इतना कह कर शिवांगी मैम क्लास से बाहर निकल गयी।
यार तू इतनी अपसेट क्यों हैं मैंने डांटा ना तेरी तरफ से उस चारु को । छुट्टी के बाद घर जाते हुए महक बार बार श्वेता से बात करने की कोशिश कर रही थी ।
नहीं यार वो बात नहीं हैं मेरी वजह से मैम ने सात्विक को डांटा तभी बुरा फील हो रहा है ।
यार हर वक्त तू उसकी ना सोचा कर वो तो तेरी कभी नहीं सोचता ।
पता नहीं सोचता है या नहीं लेकिन कभी कभी जैसे मुझे देखता है नोटिस करता है उससे तो लगता है की….
नहीं लगना चाहिए तुझे क्योंकि उसका काम है क्लास के सारे बच्चों को ऑब्जर्व करना और उसकी रिपोर्ट टीचर को देना ।
देख मैं तेरा दिल नहीं तोड़ना चाहती लेकिन कभी कभी जैसे वो चारु से बात करता है तो लगता है की ….. फिर दूसरी बात भी तो है की उसके सामने अच्छा करने के प्रेशर में कभी अच्छा परफॉर्म नहीं कर पायी , हमेशा उसके सामने तू इतनी नर्वस हुई की मुँह से बोला तक नहीं गया। टेस्ट में , शीट्स में इवन एग्जाम्स में भी हर बार टॉप फाइव में आने वाली लड़की जब क्लास में बोलेगी ही नहीं तो कौन जान पायेगा उसे। चारु को देखो बोले भले गलत लेकिन पटर पटर बोलती तो है इससे सात्विक का ध्यान उसपर नहीं जायेगा तो तुम जैसी शांत स्वभाव की लड़की पर तो नही जायेगा
रागिनी, शिल्पा , एंजल और स्वाति सभी तो उससे अपने डाउट्स पूछती है और वो सभी की डेस्क पर जाकर बताता है कभी आया है तेरी डेस्क पर ? तू आज तक कभी अपना टिफ़िन उसे ऑफर कर पायी है चारु तो ना जाने कितनी बार ही अपना पूरा टिफ़िन उसे दे देती ……..Are you Crying ? हे ! मैं नहीं कह सकती कि वो तुझे पसंद करता है की नहीं मैं बस ये कहना चाहती थी की तुम्हें उसके सामने अपनी परफॉर्मेंस सुधारनी होगी । मैं तुम्हें डेमोटीवेट……
श्वेता ने उसकी पूरी बात सुने बिना ही रास्ता बदल लिया । महक थोड़ी देर खड़ी सोचती रही की उसे उसके पीछे जाना चाहिए या नहीं । फिर उसने ना जाने का ही फैसला किया क्योंकि उसके कहने का अंदाज भले ही गलत हो सकता है पर वो गलत नहीं । फिर अगर ज्यादा गुस्सा हुयी तो स्कूल में उसे मना ही लेगी।
वही रात 12 के आसपास महक के फोन पर श्वेता का फोन बज उठा । अमूमन शायद ही कभी इन दोनो की रात 10 के बाद कोई बात होती हो । इसीलिए थोड़ा हैरान होते हुए उसने फोन उठा लिया।
श्वेता तू ठीक तो ………
महक मेरी डायरी खो गयी। श्वेता की आवाज में घबराहट थी।
वही डायरी जिसमें तू सात्विक के बारे में लिखती थी कि कब उसने तुझसे हैंडशेक किया कब तुझसे पेन मांगा कब तुझे पहले हाय बोला या कब उसने तुझे देर तक देखा…………
हाँ यार वही, पता नहीं कहाँ खो गयी अभी लिखने जा रही थी तो बैग में है ही नहीं। श्वेता लगभग रो सी पड़ी।
देख तू परेशान ना हो मिल जाएगी डायरी । जरा याद करके बता की लास्ट टाइम डायरी कहाँ पर निकाली थी।
वहीं लन्च के टाइम निकाल के कुछ लिखने जा रही थी जब तुझे चोट नही लगी थी तभी मैं डायरी बैग पर ही रख कर तेरी तरफ भागी थी फिर सारा ध्यान तुझपर ही लगा रहा और फिर उसके बाद जो हुआ उससे और मूड अपसेट हो गया तभी ध्यान ही नही दिया डायरी पर।
देखो तुम परेशान ना हो अगर डायरी वही रखी है तो कल वही मिल भी जाएगी ।
कैसे मिल जाएगी यार कहीं किसी ने पढ़ लिया तो सब क्या सोचेंगे मेरे बारे में पता है मैंने एक जगह उसमें सात्विक के साथ एक रोमांटिक डेट के बारे में लिख चुकी हूँ की क्या क्या कैसे हो अगर मुझे कभी सात्विक का साथ मिला तो । यार बहुत कुछ लिखा है उसमें एक एक बात जो सात्विक को देखकर मेरे मन मे आती है……।
शांत श्वेता रिलैक्स और मेरी बात सुनो अगर किसी को वो डायरी मिल भी गयी किसी ने पढ़ भी लिया तो क्या समझ पायेगा की तूने उसमें क्या लिखा है ! तुम्हें अपनी राइटिंग पर भरोसा नहीं रहा क्या ? अब परेशान न हो और चुपचाप सो जाओ।सुबह जल्दी चलेंगे और उसे ढूंढ लेंगे। अगली सुबह दोनों सहेलियाँ जल्दी ही घर से निकली , श्वेता का चेहरा देख कर ही लग रहा था कि वो रातभर सही से सो नहीं पायी है ।
पीरियड्स का बहाना बना कर श्वेता असम्बेली लाइन में भी नहीं लगी और हर उस जगह अपनी डायरी ढूंढती रही जहाँ उसे जरा सा भी उम्मीद थी यहाँ तक कि चारु और उसकी सहेलियों के बैग में भी देख लिया ।
क्या तुम इसे ढूंढ रही थी। सात्विक हाथ में डायरी लिए हुए क्लास में आ चुका था । श्वेता का पूरा चेहरा पिला पढ़ गया इसलिए नहीं की उसकी डायरी सात्विक के हाथ में थी बल्कि इसलिए की हमेशा की तरह इस बार भी उसके मन मे श्वेता की गलत इमेज बन चुकी होगी जब उसने उसे चारु का बैग चेक करते हुए देखा होगा।
मुझे कल तुम्हारी डेस्क पर रखी मिली थी तो मैं इसे तुम्हें देने के लिए गया था पर तब तक तुम जा चुकी थी तो मैने इसे अपने बैग में रख लिया सोचा आज दे दूँगा सो यू कैन टेक इट प्लीज । सात्विक ने डायरी उसकी तरफ बढ़ा दी श्वेता को ना कुछ पूछते बना ना बताते उसने बस डायरी चुपचाप ले ली ।

वैसे एक एडवाइज है जब भी कुछ लिखा करो तो थोड़े बड़े बड़े अक्षर और थोड़ी दूरी रखा करो ताकि समझ आ जाये कि लिखा क्या है वरना मेरे जैसा लड़का तो तुम्हारा एक भी नोट्स डीकोड नहीं कर पायेगा सच में ।
पता नहीं ये सात्विक को कहने की जरूरत थी या नहीं मगर इससे श्वेता को बड़ी राहत मिल गयी क्योंकि सात्विक उसकी डायरी नहीं पढ़ सका मतलब सब कुछ सीक्रेट ही है।
लंच में श्वेता ने जैसे ही अपना टिफ़िन खोला तो महक के अलावा भी दो हाथों ने एक पराठे को पकड़ लिया श्वेता ने देखा तो उन दोनो को सात्विक जॉइन कर चुका था । श्वेता की तरह चारु सहित क्लास की बाकी लड़कियां भी हैरान थी क्योंकि सात्विक ने आजतक कभी किसी लड़की के टिफ़िन में अपने मन से खाना नहीं खाया था बुलाने पर ,बिठाने पर , या पूरा टिफ़िन दे आने पर ही उसने किसी लड़की के टिफ़िन में खाया होगा।
श्वेता अगर तुम शाम में फ्री हो तो क्या मेरे साथ कॉफी पीने चल सकती हो। टिफ़िन ख़त्म होने के बाद सात्विक ने जब ये पूछा तो श्वेता उसे देखती ही रह गयी ।
बोलो।
अब श्वेता क्या बोले जब उसे बोला ही नहीं जा रहा था वो तो बस इस लम्हें को महसूस ही करती जा रही थी।
हाँ पक्का ! उसकी तरफ से महक ने बोल दिया पता नहीं उसकी और सात्विक की आँखें किस शरारत से मुस्कुराई कि आहिस्ते से सात्विक ने अपना थम्ब ऊपर उठाया और थैंक्स जैसा कुछ बोलकर अपनी सीट पर चला गया । श्वेता अब भी आंखे फैलाये इस बात पर यकीन करने की कोशिश कर रही थी और महक अपने पैर की चोट को देख कर मुस्कुराये जा रही थी।
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