Black Saree …. A Super Romantic love story In hindi

         Black Saree …. A Super Romantic love story In hindi   

आज की सुबह भी आस्था के लिए ज्यादा खास नहीं थी सिवा इस बात के कि आज स्कूल की छुट्टी थी भले ही कल उसे एक्स्ट्रा क्लास लेनी पड़ेगी , रक्षित तीन दिन बाद पूरे समय के लिए घर पर था भले ही बीमार था , आज उसके सास-ससुर आ रहें थें उसकी शादी के पूरे 3 महीने बाद उससे मिलने भले ही रक्षित और आस्था के अलगाव पर चर्चा करने के लिए और आज उसे पूरा घर भी सही से जमाना था , सजाना था भले ही वो कल इसे छोड़ कर जा रही है ।

बुखार उतरा कुछ ? रक्षित को किचन में आता देख आस्था ने उसके लिए चाय चढ़ा दी थी ।
पता नहीं बस सर दर्द कर रहा है । उसने दीवार के सहारे खड़े होते हुए कहा ।
तब तो तुम्हारी मीटिंग्स ही रात के 1-2 बजे ख़त्म हो रहीं हैं और सुबह तुम्हें फिर 7 बजे निकल जाना होता है ऑफिस तो और होगा क्या।
तो क्या काम छोड़ दूँ?

नहीं , आज संडे है आज तो आराम कर लो जाकर। अभी 8 बजा है 12 बजे तक मैं खुद जगा दूंगी। नींद पूरी हो जाएगी तो आराम रहेगा ।
नहीं जरूरत नहीं इसकी मैं जरा हेल्प करने आया था तुम्हारी, वो रात में माँ-पापा आएंगे डिनर के लिए तो…….
मैं कर लूँगी मैनेज अभी तुम चाय पीकर आराम करो जाके।

बहुत सारा काम है । परदे भी बदलने पड़ेंगे , सोफे के कवर को चेंज करना होगा, साफ-सफाई सारे घर की । वैसे तुमने काफी कुछ पहले से ही सेट रखा है इन तीन महीनों में जबसे यहाँ आयी हो लेकिन माँ-पापा अभी एक भी बार नहीं आएँ तो चाहता नहीं की कोई कमी…….

जब मैने तीन महीने से मैनेज ही कर रखा है तो एक दिन और मैनेज कर लूँगी कोई आफत नहीं हो जाएगी वैसे भी कल के बाद तो…… गला थोड़ा भर गया था आस्था का ।

क्या वो महसूस नहीं कर पा रही है कि रक्षित उसके साथ क्या कर रहा है ? शादी के पहले महीने गुमसुम रहता था , दूसरे महीने चिड़चिड़ करने लगा और तीसरी ही महीने कह दिया कि उसे अभी थोड़ा टाइम चाहिए उस रिश्ते को एक्सेप्ट करने के लिए जो उसने एक बार में ही बिना फोटो देखे सिर्फ नाम सुनकर ही शादी के लिए हाँ कर दी थी ।

सारी सहेलियों में जलन पैदा हो गयी थी कि इतना पागल लड़का उसे मिल कैसे गया वो भी इतना ज्यादा स्मार्ट , टॉल , अच्छी खासी पोजीशन वाला जिसके लिए हर लड़की एक बार जरूर try करें उसने नाम सुनते ही जब हाँ कर दी तो अगर आस्था को करीब पा लिया तब क्या करेगा। उसने भी सभी को अंगूठा दिखाते हुए कहा था ,” ये होता है इंतजार का फल और अपने मम्मी-पापा पर भरोसा करने का नतीजा ।”

माँ-पापा आ रहें हैं दरअसल दीदी से मिलने जा रहें थें, आज अपना फ्लैट रास्ते में ही पड़ता है और मुझे उनसे कुछ बात भी करनी थी हमारे बारे में तो ….. इसीलिए ….! देखो नॉर्मल चलता सब तब तो ठीक था लेकिन अभी तुम्हें सब करना पड़ रहा है तभी पूछ रहा हूँ. …कि कोई दिक्कत तो नहीं होगी तुम्हें….?
मेरे मम्मी पापा आतें आपको होती दिक्कत ?
नहीं मुझे क्यों होती ।

मेरा जवाब मिल गया आपको और आपकी चाय भी । उसने चाय का कप रक्षित को पकड़ा दिया और बोली, अब जाइये आराम करिये जाकर यहाँ मेरा टाइम न वेस्ट कीजिये । अभी पूरा घर झाड़ू-पोछा करके फिट करना है किचन तो सेट कर दिया है डाइनिंग एरिया सजाना है और जब ये सब काम हो जायेगा तो आप बस इतनी कृपा करियेगा प्रभु की घर में चप्पल पहन के मत घूमिएगा । इतना कहके वो किचन से जाने को हुई की उसे फिर कुछ याद आया ।

एक काम खाली करना है आपको मैं लिस्ट बना दूंगी और वो सारा समान लाना पड़ेगा आपको क्योंकि इतना सारा काम करने के बाद मेरी हिम्मत मार्केट जाने की नहीं बचेगी और अगर तो चली भी गयी तो रात को डिनर बनाने में बहुत ज्यादा थक जाउंगी क्योंकि आज मेड से खाना नहीं बनवाऊंगी, फिर मुझे भी तो थोड़ा टाइम चाहिए होगा न तैयार होने के लिए कि ऐसे ही जाउंगी जंगली बिल्ली बन के उनके सामने।
मैं कह तो रहा हूँ कि हेल्प कर दूँ. ……

आप मेरा काम न बढ़ाओ एक वो है जो सुबह से गैलरी ही नहीं साफ कर पायी और एक आप…… जाइये और मुझे 10 मिनट में सोते हुए मिलना, मैं सारा काम निबटा के आपको मार्केट के लिए जगा दूंगी। और हाँ दवाई खाना न भूलना । आस्था रक्षित के सामने ऐसे बात करके गयी जैसे उसे किसी बात से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अंदर ही अंदर वो कितना रो रही थी सिर्फ वही जानती है ।

रक्षित क्यों अवॉयड कर रहा है उसे ? क्यों उससे दूर जाना चाहता है ? ये सवाल उसने उससे पूछें भी खुद के बारे में उसे सब कुछ बताया भी। न उसने आज तक किसी और लड़के से चक्कर चलाया था , न उसकी खूबसूरती में ही कोई कमी है , उसकी सैलरी भी रक्षित से कितनी कम है जो मेल एगो जैसा ही कुछ होता और वो रक्षित से ज्यादा सवाल जवाब भी नहीं करती थी पता नहीं फिर भी क्यों…..?

श्वेता को जैसे ही उसके बचपन के दोस्त ने शादी के लिए प्रपोज किया था वैसे ही उसने रक्षित से ब्रेकअप कर लिया था । इसका बदला लेने के लिए रक्षित ने उससे पहले शादी करने की ठान ली थी इसीलिए जैसे ही आस्था का रिश्ता आया उसने तुरंत हाँ कर दी थी फोटो तक नहीं देखा था उसका ।

अब श्वेता 1 महीने से उससे माफी मांग रही है और दोबारा से रिश्ता शुरु करने को बोल रही है । वो कहती है कि उसे मालूम है वो आस्था से प्यार नहीं करता और उसके साथ खुश भी नहीं हैं इसीलिए किसी ऐसे रिश्ते में रहने के बजाय उस रिश्ते में आ जाएँ जिसमे पहले से ही प्यार है ।

कुछ लोग बोलते है कि उसने श्वेता की गैर जरूरी और रोज बढ़ती जाती डिमांड्स की वजह से उसको छोड़ दिया तो कुछ बोलते है कि श्वेता ने रक्षित के लिए उसे छोड़ दिया । सही क्या है क्या नहीं ये रक्षित को नहीं मालूम लेकिन शायद वो श्वेता को एक बार और मौका देना चाहता था । उसे दोबारा मौका देना सही है या नहीं यही सोचते-सोचते रक्षित सो चुका था।

उसकी नींद तब खुली जब आस्था ने सामान की लिस्ट बना के उसे दोनों हाथों से उठा के बिस्तर पर बिठा दिया था ।

जाओ जल्दी से तैयार होकर आ जाओ आप मैनें कपड़े रख दिए हैं , और किचन में देख लो आकर फिर मैं भी जरा तैयार हो कर आ आऊं वो लोग 8 बजे तक आ जाएंगे।

आप जाइये न मैम मैं देखती है न इधर ! उसकी मेड ने कहा ।
न बाबा , तुम्हारी हाइट तो बीच की दराज तक पहुंच नहीं रही रोज की तरह आज भी अगर कुछ गिर गिरा गया तो सारी मेहनत बेकार जाएगी ।
रक्षित 10 मिनट में तैयार होकर किचन में आ गया था मेड की हेल्प करने के लिए ।

सब कुछ देखे रहना , वैसे तो लगभग मैने सबकुछ बना दिया है लेकिन जो बाकी है उसमें मसाला या कुछ भी चाहिए हो तो खुद से उतार देना तब तक मैं आती हूँ । अच्छा कपड़े में क्या पहनूँ? उसने जाते हुए पूछा , जिस तरह उसने रक्षित के लिए डार्क ब्राउन पैंट और ब्लैक शर्ट निकाल था उसे भी उम्मीद थी कि रक्षित ने कुछ……
कुछ भी पहन लो जाकर ।

ओके…..!
हाँ कुर्ती , सूट , शरारा इतने कपड़े में कुछ भी बस साड़ी छोड़कर।

रक्षित मेड के साथ मिलकर सारा खाना टेबल पर पहुँचा ही रहा था कि अचनाक उसकी आँखों पर लाइट फ्लैश हो गयी जब उसने आँखों से हाथ हटाया तो आस्था दिखी जिसने Black Saree पहनी हुई थी जिसपर साइड में सिल्वर रंग के कुछ छोटी-छोटी टिक्की और मोती लगे थें । साड़ी चिकनी होने की वजह से ही उसपर लाइट पड़कर रिफलेक्ट हो गयी थी जो रक्षित की आँखों में लगी ।

Black Saree .... A Super Romantic love story
Black Saree …. A Super Romantic love story

 

आस्था मेड से खाना लेकर टेबल की तरफ चल दी लेकिन रक्षित उसके कान में लटकते काले रंग के झुमको , सीधे बालों में लगे टेढ़े मगर खूबसूरत क्लिप और उसकी पतली कमर के झटको को ही देखता रह गया।

उसने एक गहरी सांस ली और टेबल की तरफ चल दिया जहाँ आस्था खाने को सजा रही थी। रक्षित ने ध्यान से उसे देखा उसके गले में मंगलसूत्र लटक रहा था जो इस बात के लिए काफी था कि वो उसे छोड़ना नहीं चाहती , भले ही उससे कितना ही कहे कि उसके बिना ज्यादा खुश रह सकती है। काफी हलका मेकअप था लेकिन लाल रंग की लिपस्टिक ज्यादा लग गयी थी , माथे पर छोटी सी बिंदी भी थी काली-काली …..।

मेमसाहब…… किचन से आवाज आयी ।
आई । आस्था उधर चल दी तो रक्षित भी किसी टोने में बंधा हुआ सा उसके पीछे चल दिया ।

वो सौंफ तो भूल ही गयी निकलना ।
रुको निकालती हूँ । आस्था ने साड़ी का पल्लू कमर में खोस लिया और एडियों को ऊँचा उठाकर दराज से सौंफ निकालने लगी। रक्षित उसकी कमर ताकता रहा , कितना फासला है उसकी कमर और रक्षित के हाथ के बीच? सिर्फ एक नौकरानी भर का……!

तुम यहाँ खड़ी- खड़ी क्या कर रही हो ? देखो जाकर वो लोग बस आतें होंगें । रक्षित अचानक से मेड से बोला तो वो दोनों उसे अजीब तरीके से देखने लगीं।
वो तो मेरी मदद कर रही है आप यहाँ क्या कर रहे हो। जाइये आप रिसीव कीजिये न उन्हें ।

आस्था की बात भी ठीक ही थी उसे यहाँ होने के बजाय गेट पर होना चाहिए था लेकिन वो आस्था के काले जादू में इस तरह फंस गया था कि उसे कुछ याद ही नहीं रहा। फोन पर अगर श्वेता का मैसेज न आया होता तो वो होश में भी नहीं आता ।

इतने बढ़िया खाने और इतनी बढ़िया मेजबानी से खुश होकर रक्षित के पापा ने आस्था के हाथ पर शगुन के तौर पर ग्यारह सौ रुपये रख दिए तो उसकी माँ ने अपना कंगन उतार के आस्था के हाथ में पहना दिया । तीनों ही जानतें थें कि ये शादी की आखिरी रस्म थी अब सारी रस्में भी ख़तम हो चुकी हैं और शायद शादी भी।

अब बात करने का कोई फायदा नहीं था रक्षित ने फोन पर ही कह दिया था कि अब वो ये शादी नहीं चला सकता है । लेकिन उसके पेरेंट्स आमने-सामने बात करने के लिए रक्षित के बुलाने पर यहाँ चले आएँ थें । उनमें काफी गुस्सा था अगर वो अपनी बेटी के घर न जा रहें होतें तो शायद यहाँ आतें ही नहीं ।
तीनों के बीच चुप्पी देख कर आस्था ने ही अपनी सास से बात करनी शुरु कर दी और दोनों थोड़ी ही देर में ऐसे बात करने लगीं कि जैसे माँ-बेटी हो ।

बातों ही बातों में उन्होंनें आस्था से कह दिया की आगे से जब भी मिले साड़ी न पहने क्योंकि वो इसमें काफी खूबसूरत लगती है मगर बहू जैसी लेकिन उन्हें अपने लिए एक और बेटी चाहिए।

रक्षित शांत बैठा था ये देख आस्था ने वहां से उठ जाना बेहतर समझा ताकि वो तीनों खुल कर बात कर सकें।
किचन साफ करने का बहाना बनाकर जब वो वहां से चली गयी तो रक्षित के पापा ने उससे बात करनी शुरु की ।
क्या दिक्कत आ रही है तुम्हें? कितनी अच्छी लड़की है कोई कमी भी नहीं हैं तब फिर क्यों इतनी जल्दी…. कोई कारण हैं तुम्हारें पास ?
रक्षित चुप रहा ।

क्या कोई कमी है उसमे बेटा अगर हो तो बताओ शायद हम कुछ कर सकें ? उसकी माँ ने उससे पूछा लेकिन रक्षित तब भी चुप ही रहा ।
अब जवाब भी दोगे तुम ? क्या चल क्या रहा है तुम्हारे दिमाग़ में? उसके पापा को थोड़ा गुस्सा आ रहा था अब ।
प्यास…… पापा ….मैं पानी पीकर आता हूँ । रक्षित वहाँ से उठकर सीधा किचन में चला गया जहाँ आस्था काम में व्यस्त थी। उसने अपने बालों का जुड़ा बना लिया था और पल्लू कमर के किनारे दबा लिया था ।

आप यहाँ क्यों आ गएँ मम्मी-पापा को अकेले छोड़कर ?
तुमने साड़ी क्यों पहनी जबकी मैंने मना किया था ।
क्योंकि शादी के दूसरे दिन के बाद से आज तक नहीं पहनी थी फिर मुझे अच्छी लगी साड़ी तो पहन ली मेरी मर्जी ! उसने अपने कंधे उचकाते हुए आगे कहा ‘ लेकिन बस जा ही रही थी उतारने।’

क्यों?
अरे ….! मेरी मर्जी , सुना नहीं मम्मी को बहू नहीं बेटी चाहिए , वैसे भी हमारी शादी सर्वाइव नहीं करने वाली तो बेटी बनने में ही ज्यादा फायदा है ।
तो उनकी बातों को सीरियस ले लिया ।

उनकी बातों को भी दूसरा इस Black saree में बहुत गर्मी लग रही है इसीलिए आप चलिए मैं हलका फुल्का कुछ पहन के आती हूँ ।
पागल हो क्या ? इतनी जल्दी कौन फ्रैंडली होता है, हँसी-मजाक तो सभी करते है । एटलीस्ट जब तक वो है तब तक तो….
पर ….
जहाँ तक तुम्हें करना चाहिए बस बाकी तुम्हारी मर्जी ।
ओके ।

डिनर के बाद आधे घंटे तक चारों साथ बैठें रहें । रक्षित तो कोई बात ही नहीं कर रहा था अपने पेरेंट्स से लेकिन आस्था जरूर चहक रही थी उनके साथ। जब वो लोग जाने लगे तो रक्षित तो छोड़ने तक जाने लगा लेकिन आस्था ने उन दोनों को थोड़ी देर और रुकने के लिए मना लिया और रक्षित को आराम करने की सलाह दे डाली।

जब आपको बुखार है तो आप आराम करिये जाकर ,दवाई बेड के पास रखी है आप सो जाइए मैं मम्मी-पापा को छोड़ दूंगी।

रक्षित अनमना सा थोड़ी देर के लिए बैठा रहा लेकिन किसी को हिलता न देख उसने सोचा की उसके जाने से ही शायद ये लोग चले जाएँ इसीलिए वो उठकर कमरे में चला गया । कमरे में जाने के बाद भी उसे चैन नहीं पड़ा क्योंकि अब तो तीनों और खुलके बात कर रहें थें और जितनी बार वो जाने के लिए खड़े हो रहें थें आस्था उन्हें बच्चों सी जिद करके रोक ले रही थी ।

Black Saree .... A Super Romantic love story
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तंग आकर रक्षित ने आस्था को कमरे में आने के लिए Msg किया , जब उसने व्हाटअप msg सीन नहीं किया तो उसने टेक्स्ट पर भी msg कर दिया । लेकिन वो देखती कहाँ से वो तो बातों में ही बिजी थी , एक नजर फोन पर डाली पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया ।
लगभग रात 12 बजे के बाद वो लोग वहाँ से निकले तो थकी-थकी सी आस्था को और थकान चढ़ गयी । दिनभर काम करने के बाद अब बस वो सोना चाहती थी ।

वो कमरे में जब पहुंची तो देखा रक्षित खिड़की के पास ही खड़ा था ।
अरे ! आप सोए नहीं अभी तक ? दवाई खा के सो जाना चाहिए था ना । उसने रक्षित को थोड़ा झिड़क दिया ।
तुम मम्मी पापा को क्यों नहीं जाने दे रही थी ?
मुझे अच्छा लग रहा था उनके साथ और किसलिए ।

मेरा मैसेज क्यों इग्नोर किया ।
मैंने देखा नहीं था ।
तुमने फोन उठा के चेक भी किया था मैं यहाँ से सब देख रहा था।
मेरी मर्जी । कहकर आस्था अलमारी की तरफ बढ़ गयी ।

साड़ी अभी क्यों चेंज कर रही हो !
अरे भई, वो लोग जा चुके हैं अब क्या सारी रात यही पहन के रखूँ मैं ।
पहले बिस्तर ठीक करो तब फिर चाहे कुछ चेंज करना ।

बिस्तर तो मैं ठीक…….! आस्था की नजर बेड पर गयी जो पूरी तरह अस्तव्यस्त था जबकी वो शाम को ही सब सेट करके गयी थी । बेड की तकिया कुर्सी पर चादर नीचे फर्श पर और पूरे बिस्तर पर बहुत सारी सलवटें पड़ी थी ।
किसने किया ये ?
मुझे क्या पता , तुम सही करो न तब तक मैं कॉफी बना के लाता हूँ ।

ये क्या पागलपन है कॉफी ….. सारी रात जागना है क्या । कॉफी वगैरह कुछ नहीं पीना आपको बस दवा खाइये और सो जाइये मैं बिस्तर फिर से ठीक करती हूँ ।
जब तक आस्था ने बिस्तर सही करके कमर सीधी की तब तक रक्षित कॉफी बना के ला चुका था उसके मना करने के बावजूद वो भी दो कप ।
मैं नहीं पीने वाली और चाहती हूँ आप भी न पिए, वरना नींद नहीं आएगी । वो शीशे के सामने खड़ी हो चुकी थी ।

वहीं तो मैं चाहता हूँ की नींद न आये अब डिसाइड तुमको करना है कि तुम्हें जबरदस्ती जगना है या कॉफी पीने के बाद आराम से। रक्षित कॉफी पीते हुए उसके पीछे ही खड़ा हो गया था ।
क्या मतलब ?

कुछ भी नहीं! रक्षित अपना एक हाथ उसकी कमर पर और दूसरे हाथ से उसके होठों पर कॉफी लगाते हुए कहा । आस्था अंदर से सिहर गयी। काफी दिनों बाद उसे रक्षित ने इस तरह छुआ था लेकिन इतना रोमांच पहले की छुअन में भी नहीं था ।
आप बैठिये मैं चेंज करके पीती हूँ । उसने खुद को संभालते हुए कहा ।

अगर बैठना ही होता तो खिड़की पर इतनी देर से खड़ा क्यों रहता । उसने एक और घूंट कॉफी पी और कप को बगल में रख दिया ।
देखिये मुझे मेरा काम करने दीजिये ।
अच्छा और तुमने जो मुझे एक भी काम नहीं करने दिया उसका क्या ? काम तो छोड़ो मम्मी-पापा से बात तक नहीं कर पा रहा था मैं।
तो मैंने तो नहीं रोका था न आपको ।

तुम्हीं ने तो रोक रखा था मुझे ,मैं कर चाहे जो भी रहा हूँ मेरे दिमाग़ में तुम और तुम्हारी ये Black Saree और एक Super Romantic night यही तो चीजें चल रहीं थीं । उसने दोंनों हाथों को आस्था की कमर पर फिसल जाने दिया।
आप. … चाहते क्या हो ? उसने खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा ।
A Super Romantic night. .. । रक्षित ने आस्था की गर्दन को चूमते हुए कहा ।

मेरे पास ऐसी कोई भी Super Romantic night नहीं हैं । पहले से ही काफी देर हो चुकी है और मुझे सुबह उठकर अपनी पैकिंग भी करनी है ।
कहीं नही जाना है समझी । उसने जरा से पीछे खींच के उसे खुद से सटा लिया और उसके पेट पर अपनी उँगलियों की पकड़ मजबूत करने लगा ।
नहीं…. उसने कसमसाते हुए कहा ,” मुझे सोने में देर हो रही है ,कपड़े बदलने दीजिये ।”

Let me do this ….. कहते हुए रक्षित ने अपने दांतों से उसका पल्लू गिरा दिया ।
उसने तुरंत पल्लू संभालते हुए रक्षित को रोका ,” क्या कर रहें हो रक्षित ! प्लीज मत करिये । आपने ही कहा कि रिश्ता नहीं चल पायेगा अब आप ही कमजोरी दिखा रहे हो…..

और कमजोर किसने किया तुमने ही न । जब मना किया था साड़ी पहनने से तो क्यों पहना ? लगा नहीं था इतनी ज्यादा खूबसूरत लगोगी लेकिन तुमने तो मेरा ईमान मेरी नियत सब हिला दिया। जहर लग रही हो तुम जिसे मैं अपने होठों से लगाकर मर जाने को बेताब हुआ जा रहा हूँ । उसने आस्था के बालों को जुड़े से आजाद कर दिया और उनकी खुशबू को पीने लगा ।

आपकी तबियत ठीक नहीं है ।
मेरी परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा ।
आपको दवा खानी चाहिए ताकि आपको राहत मिले कुछ। अब तक आस्था को भी नशा सा चढ़ने लगा था और उसकी आवाज़ धीमी होती जा रही थी ।
राहत तो अब तुम्हारे जिस्म में खोकर ही मिलेगी। रक्षित ने आस्था के बदन को इतनी आहिस्ते से साड़ी से अलग कर दिया की उसे पता भी नहीं चला ।

आस्था भी पूरी तरह मुड़कर रक्षित की बाहों में समा चुकी थी। बहुत ज्यादा थकी होने की वजह से वो रक्षित को रोकना तो चाहती थी लेकिन 15 दिनों से ज्यादा हो चुका था ऐसा कुछ भी हुए । इन 15 दिनों में आस्था रक्षित की एक प्यार भरी छुअन के लिए बहुत तरसी है , जितना आज रक्षित उसे पाने के लिए , एक Super Romantic night के लिए तपड़ रहा है । तो क्या इतनी आसानी से इन 15 दिनों का हिसाब बराबर हो जायेगा ? नहीं !

उसने रक्षित के मुँह पर हाथ रख दिया ,” कल मुझे स्कूल जल्दी जाना है बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लेनी है , जल्दी उठना पड़ेगा ।
मैं तुमसे पहले उठकर टिफिन तैयार कर दूँगा और कॉलेज भी छोड़ दूँगा। रक्षित ने दोबारा से किस करने की कोशिश की ।
सो जाओ न ! उसने नखरा दिखाते हुए कहा।

भूखा ही सुला दोगी क्या ? अब जब जानवर को जगाया है तो उसे कुछ तो खाने को देना ही पड़ेगा । उसने उसकी गर्दन को चूमने की कोशिश करते हुए कहा ।
न ! आस्था ने फिर उसके चेहरे पर हाथ रख के उसे रोक लिया । इस बार जब उसने रोका तो रक्षित ने अपनी पकड़ ढीली कर दी और उसे छोड़ दिया । आस्था को लगा नहीं था कि वो उसे सच में छोड़ देगा इसीलिए वो थोड़ा परेशान हो उसके पीछे-पीछे बेड तक गयी । रक्षित अपनी शर्ट उतारने लगा तो आस्था जान गयी की अब वो लाइट बंद करके सोने जा रहा है । इसीलिए आस्था वापस अपने कपड़े बदलने के लिए मुड़ी ।

अचानक से रक्षित ने उसकी गर्दन पकड़ के अपनी तरफ घूमा लिया और उसे वाइल्डली किस करने लगा । आस्था कुछ बोलना चाहती थी लेकिन उसकी बात रक्षित के होठों तले दब के रह गयी । थोड़ी देर इसी तरह kiss करने के बाद रक्षित ने उसकी कमर को जोर से अपने हाथों में दबोच कर उसे बिस्तर पर गिरा दिया और खुद अपनी शर्ट की सारी बटनें खोल कर उसपर झुक गया ।

Black Saree .... A Super Romantic love story
Black Saree …. A Super Romantic love story

 

उसके बाल , उसके गाल , उसकी आँखें, उसके होंठो को पागलों की तरह चूमते हुए उसकी गर्दन को को kiss कर रहा था । उसका एक हाथ आस्था की कमर को नाप रहा था तो दूसरा हाथ उसके ब्लाउज के हुक की खोज में भटक रहा था । आस्था कभी सिसकती , कभी आह भरती तो कभी कराह उठती…..!
पूरे कमरे में उन दोनों की गर्म साँसों के अलावा कोई और आवाज नहीं गूंज रही थी ।

दिवार घड़ी में ढाई बजे थे । आस्था 10 मिनट में ही सो गयी थी रक्षित की बाहों में । रक्षित ने सोचा था कि आज उसे पूरी रात नहीं सोने देगा लेकिन आस्था आज सारे दिन में पहले ही बहुत थक चुकी थी इसीलिए रक्षित ने उसे 2 बजे तक ही छोड़ दिया था । आस्था तो सो गयी थी लेकिन रक्षित को जरा भी नींद नहीं आ रही थी पता नहीं क्या-क्या सोच रहा था।

शायद ये रात अब तक की सबसे हसीन रात थी उसकी जिंदगी की , वाकई में एक Super Romantic night जो उसकी सुहागरात भी न बन सकी थी उससे भी ज्यादा खास । सोचते-सोचते उसकी नजर आस्था की मेकअप चेयर पर रखी Black Saree पर चली गयी जो अँधेरे में भी चमक रही थी । उसके चेहरे पर नशा और मुस्कुराहट दोनों तैर गयी।

रक्षित आहिस्ते से बेड के पास रखे टेबल की तरफ सरका और एक हाथ से अपना फोन सरका लिया ताकि उसके सीने पर सर रख के सोई आस्था की नींद न खुले , वैसे तो उसे अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा था कि आस्था जगने की अवस्था में हो ही नहीं सकती फिर भी उसने धीरे से अपना फोन खोला उसपर श्वेता के कई मैसेज थें ।

उसने श्वेता के नंबर पर क्लिक किया और उसे रिपोर्ट करके ब्लॉक मार दिया । फिर वैसे ही लेट कर आस्था को बाहों में कस लिया ।पता नहीं कितनी देर तक लेकिन कई कई बार वो आस्था के हाथों तो कभी उसके माथे को चूमता रहा ।
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  PSYCHO LOVER LOVE STORY

इश्क़ का अंजाम all parts 

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