Love triangle – Funny Romantic love story In Hindi

                       Love triangle – Funny Romantic love story In Hindi

इसमें क्या दिक्कत है भई शादीशुदा हो तो शादीशुदा तो लगोगे ही। अंशिका आईने के सामने बैठी तैयार हो रही थी ।
यार अंशु. ..दोस्तों से शर्त न लगी होती तो तुमको ऐसे थोड़े अकेला छोड़ता पार्टी में आज तक नहीं छोड़ा है जब । लेकिन उनकी बात जरा एगो पर लग गयी उन्हें जो लगता है कि मैं शादी होने के बाद लड़कियों को अट्रैक्ट नहीं कर सकता बस वही दिखाना है । रचित दीवार के सहारे दोनों हाथ किये खड़ा था ।

कहीं किसने थी इतनी अजीब शर्त लगाने को तुमसे और जब बीवी है ही तो क्यों बात एगो पर ले जाना वो भी इतनी खूबसूरत। वो आईने में खुद को ही देख के इतराई ।
मैंने कब कहा की तुम दुनिया की सबसे खूबसूरत और समझदार औरत नहीं हो हाँ बस जरा जोश में आकर लगा डाली 10 हजार की शर्त. …!
कितने की ? अंशिका ने हैरानी में अपनी गर्दन रचित की तरफ घुमाई।

10 हजार ।
शर्त क्या है पूरी बताओ ।
कुछ नहीं मुझे पूरी पार्टी अटेंड करने के दौरान पांच खूबसूरत लड़कियों के साथ सेल्फी क्लिक करानी है और उनका नम्बर भी चाहिए होगा बस लेकिन मुश्किल इतनी है कि वो सभी लड़कियाँ खुद मेरे पास आकर बात करें मैं किसी से पहल नहीं कर सकता हूँ । जैसे कॉलेज टाइम पे लड़कियां मेरी तरफ खींची चली आतीं थीं।

आधा-आधा रहेगा पैसा ! अंशिका के इतना कहते ही रचित लपक कर उसके पास आ गया और कुर्सी के सहारे टिक कर खड़ा हो गया ।
नहीं 3 तुम्हारे और 7 मेरे ।
वैसे तो मेरे तुमसे ज्यादा बनते है क्योकि मैं आरांश को भी सम्भालूंगी ।
अच्छा चलो 4-6 बस बात फाइनल करतें है ।

ओके, चलो अब सीधे खड़े हो मैं तुमको कुँवारों की तरह तैयार करती हूँ । कहती हुई अंशिका खड़ी हुई और सबसे पहले उसने उसने रचित का ब्लैक कोट उतार दिया ।
अरे ये मत करो यार Black them है हम सारे दोस्तों की।
तुम चुप करके थोड़ी देर खड़े रहो ।

उसके बाद उसने रचित के वाइट शर्ट के तीन बटन भी खोल दिये ताकि उसका कसा हुआ चेस्ट एरिया साफ नजर आएँ ।
क्या कर रही हो ? ये सिर्फ तुम्हारी पर्सनल तिजोरी है कोई सरकारी बैंक नहीं जो सबके लिए अवेलबल हो । रचित शर्ट की बटन बंद करने को हुआ लेकिन अंशिका ने उसे रोक लिया । उसके बाद उसने स्लीव्स भी फोल्ड कर दी कोहनी तक इस बार भी रचित ने उसे रोकना चाहा तो अंशिका बिगड़ पड़ी ।

तुमको क्या दिक्कत आ रही है इस बॉडी को मैंने ऐसे ही बनाया है ? सुबह-सुबह महाराज को उठाओ, जिम भेजो,प्रोटीन तैयार करो लेकिन फिर मिलता क्या है, इन्हें अपनी बॉडी भी दिखाने में शर्म आती है । अब तक Black color की घड़ी भी रचित के हाथों पर जम चुकी थी। बाल भी मेसी कर दिए गएँ थें।

जानते हो सबसे Sexy part male body का यही होता है लड़कियों की नजरों में। वो जब कसके मुट्ठी बंद करतें है न तो पूछो मत ऐसा लगता है सारा का सारा खून नसों से बाहर निकल आएगा ।
अच्छा जी मतलब बहुत ध्यान से देखा जाता है लड़को को है न!
लड़कों को देखना ही होता तो तुम पर इतनी मेहनत क्यों करती, अब तुम्हीं को ही देखने से जी नहीं भरता ।

ओहो… मैं तो मर जाऊँ! क्या बन के आयी हो बला बिल्कुल । दुल्हन की सारी लाइनलाइट चुरा लोगी आज। कसम से अगर शादी में न जा रहें होते तो…..
शी… पीछे आरांश गाड़ी में बैठा है यार । जब अंशिका पूरी तरह रेडी होकर बाहर आयी तो रचित बिल्कुल फ़िदा ही हो गया था उसपर और तब तक उसे ही साँस रोक के देखता रहा जब तक उसकी निगाह उसके हाथ पर नहीं गयी ।

तुम्हारी पर्स कहाँ है ?
अरे रहने दो आरांश को संभालूंगी या पर्स ।
आज तुम्हारा दूसरा दिन है सोच लो, मैं तुम्हारा कोई भी समान नहीं कैरी करने वाला ।
कुछ है ही नहीं बस ये फोन रख लेना जेब में ।

मेरा फोन कहाँ है ? अंदर ही छोड़ आयी होगी, बैठो मैं लेकर आता हूँ ।
दोनों शादीशुदा है इस बात का पता न चले इसीलिए दोनों ने अलग-अलग गेट से एंट्री ली। रचित एक हाथ पर Black Coat और एक हाथ में ड्रिंक पकड़े अपने दोस्तों में खो गया और अंशिका आरांश को लिए जान-पहचान की औरतों में चली गयी।

अंशिका अलग स्टॉल पर होती तो रचित दूसरी स्टॉल पर चला जाता , अगर उसके दोस्त अंशिका से बात करने लगतें तो वो अंशिका की सहेलियों से मिल लेता यहाँ तक की स्टेज पर भी दूल्हा-दूल्हन से मिलने दोनों अलग-अलग ग्रुप में ही पहुँचे।

इतनी देर में अभी तक रचित सिर्फ दो लड़कियों के साथ ही फोटो क्लिक करवा सका था और नंबर उसे सिर्फ एक का मिला था । ऐसा नहीं है कि उसका ध्यान अपने बच्चे और बीवी पर नहीं है वो उन को भी बराबर देख रहा था तभी तो उसे पता चला कि अंशिका कुछ परेशान है । वो जब भी परेशान होती है तो गर्दन के पास बार-बार खुजाने लगती है ।

रचित को ये समझते देर न लगी कि वो क्यों परेशान है क्योंकि बार-बार अपनी गुलाबी सारी को ठीक कर रही थी। उसने पहले ही बोल दिया था कि रेस्टरूम use कर लो लेकिन नहीं, उनकी साड़ी की प्लेट्स खुल जातीं कहीं तो । मेड चली गयी थी तो क्या दोनों यूट्यूब से देख के फिर से साड़ी ठीक कर लेते।
पागल औरत..! रचित अपने दोस्तों को एक्यूज करता हुआ अंशिका की तरफ चल दिया ।

अंशिका अभी इधर-उधर चारों तरफ नजर घूमा ही रही थी कि पीछे से आकर रचित ने अपनी पैंट की जेब से कुछ निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा दिया और आगे बढ़कर फीमेल वाशरूम की तरफ इशारा किया और खड़ा हो गया। अंशिका ने देखा कि वो पैड का पैकेट था ।

Aah…! That’s why I love him…. Crazy man और फिर मुस्कुराते हुए वाशरूम चली गयी। उसके जाते ही एक लड़की ने उसे दूर से इशारा किया और जब उसने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया तो वो लड़की रचित के पास आ गयी । थोड़ी देर की बातचीत के बाद उसने रचित के बिल्कुल करीब जाकर कुछ कहा और अकेले में मिलने का इशारा करती हुई चल दी ।

उसको इग्नोर करते हुए वो आरांश के पास गया और उसकी छोटी सी जेब में एक लिपस्टिक रख दी ।
मम्मा को दे देना ।
But dad. ..अपने कहा था कि मम्मा का कोई समान नहीं रखेंगे।
बेटा, एक जेंटलमैन हमेशा अपनी क्वीन के कम्फर्ट का ध्यान रखता है समझे ।

थोड़ी देर बाद जब अंशिका आती दिखी तो रचित वहाँ से निकल लिया अभी 10 कदम भी मुश्किल से चला था कि उसे थोड़ी ही दूरी पर अंशमान दिखा….
अंशिका…अंशमान पूरे कॉलेज के फेवरेट कपल और एक-दूसरे की जान !! रचित कौन ? out of syllabus एक सवाल…! दोनों के परिवार वालों की पसंद , दो के बीच तीसरा और एक Love triangle. .!

पाँच साल पहले अंशिका से उसकी शादी के कुछ ही दिन पहले दोनों में बहुत मारपीट हुई थी । उस वक्त रचित ही जीत के आया था क्योंकि नशे की लत और उसके गुस्से ने अंशमान को कमजोर बना दिया था , अंशिका ने भी उसे इसीलिए छोड़ा था । उस वक्त अंशमान ने कहा था की वो कभी अंशिका को खुश नहीं रख सकता , उसे कुछ भी ऐसा नहीं दे सकता जो उसे अंशमान को भूला सके , ये शादी दो साल भी नहीं चलेगी क्योंकि रचित बहुत जल्द उब जाएगा अंशिका से ….। वो फिर से इस Love triangle को कपल में बदल देगा ।

रचित तुरंत वहां से पलटा और उन दोनों के पास पहुँच गया ।
आरु ! चलो बेटा आपको आइसक्रीम दिला दे चल के मम्मा को अपनी सहेलियों से मिलने के लिए भी तो टाइम चाहिए। रचित ने आरांश को अंशिका के मना करने के बाद भी आइसक्रीम के लिए ले गया क्योंकि अंशमान वही पर खड़ा था ।
कितना प्यारा है आपका बेटा! वही आइसक्रीम लेने आयी महिला ने कहा ।

जी थैंक यू, इसका नाम आरांश है जानती हैं मैंने और मेरी वाइफ ने अपने नामों से मिलाकर इसका नाम रखा है । मैं इसे और इसकी मम्मी दोनों को बहुत प्यार करता हूँ जी ही नहीं सकता इनके बगैर…। ये कुछ ज्यादा लम्बा और ऊंचे स्वर में बोला गया वाक्य था जो किसी भी अजनबी को परेशान करता ।
उसकी बातों को इग्नोर करने के लिए अंशमान चाइनीज फूड स्टॉल्स की तरफ बढ़ गया । पीछे से रचित भी आरांश की आधी खाई आइसक्रीम फेंक कर उधर बढ़ गया ।

बेटा मम्मा को मत बताना वरना अपनी मम्मा को तो जानते हो पता चला की तुमको ऐसी चीजें खिलाई हैं तो सारी रात मुझे कमरे के बाहर ही सुलाएंगी और उनकी बात का विरोध करने की तो मुझमें हिम्मत नहीं हैं । आरांश बड़ी-बड़ी आँखों से अपने डैड को देख रहा था उनका ये ऊंचा स्वर और ये अजीब बातें उसने पहले कभी नहीं सुनी थी । अंशमान को वहां से भी हटना पड़ा और लेडीज के एक ग्रुप की तरह निकल गया ।
रचित भी आरांश की मोमो की प्लेट को वापस सरका कर चल दिया और बेचारा आरांश सिर्फ मोमोज की खुश्बू ही ले सका ।

आरांश को टेबल पर बिठाकर अपने फोन में बिजी करने के बाद रचित अंशिका के पीछे जाकर खड़ा हो गया जहाँ 4 महिलाएँ और खड़ी थीं और सभी आपस में बात करने में ही मगन थी । रचित भी उनकी बातों पर बेजा मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था। फिर थोड़ी देर बाद आहिस्ते से रचित ने अंशिका की कमर पर हाथ रख दिया। अंशिका ने चौकतें हुए उसका हाथ दूर किया। चुंकि ये सब साड़ी के पल्लू की आड़ में हो रहा था तो किसी को नहीं दिखाई दिया लेकिन दूर खड़ा अंशुमान उसे सब दिखाई दे रहा था ।

इस Love triangle का सबसे पहला एंगल अंशिका की कमर ही थी। दूसरे कॉलेज से आया रचित जब डांस प्रैक्टिस में अंशिका की कमर पर हाथ रख रहा था तो एक लड़के ने आकर ऐसा न करने की सलाह दी थी क्योंकि अंशमान गुंडे टाइप का था और उसे इस बात से ऐतराज था ।

 Love triangle
                     Love triangle

 

बार-बार कमर पर हाथ रोक-रोक के परेशान हो चुकी अंशिका आहिस्ते से मुड़ी और उसके कान के पास बोली ,” क्यों अपनी ही पत्नी का वस्त्रहरण करने पर तुले हो अगर साड़ी खुल गयी न तो याद रखना तुम्हारे ही दोस्त की पार्टी है और सब तुम्हारे जानने वाले ही है ।”

अंशिका को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से अपनी शर्त भूल कर ये सब क्यों कर रहा है रचित । ये तो बस वही जान रहा था कि वो अंशमान को हर एंगल से दिखाना चाहता है कि उस Love triangle में वही परफेक्ट था ।

अंशमान अंशिका के साथ अपना नाम जोड़ते हुए कहता था दोनों के नाम A से शुरु होते है और वो चाहता था की ख़त्म भी एक ही नाम के साथ हो अंशमान का सरनेम । वो दोनों एक-दूसरे के लिए परफेक्ट है क्योंकि दोनो का नाम एक ही लेटर से शुरु होता है , ऐसा अंशमान को लगता था । उन दोनों के लिए सब कुछ परफेक्ट ही रहता जब तक कि उनकी कहानी में रचित की एंट्री नहीं हुई थी और उसे भी अंशिका एक ही नजर में पसंद आ गयी थी।

कहाँ कॉलेज का बॉस अंशमान और कहाँ इंटर्नशिप के लिए आया रचित। लेकिन फिर भी रचित और अंशिका की कहानी आगे बढ़ी और बन गया Love triangle ।

रचित बिल्कुल अंशिका के पीछे-पीछे ही चलने लगा । कभी आरांश को लेकर कहीं निकल जाता तो कभी अंशिका के लिए खाने को कुछ ले आता ।
रचित को हमेशा से ही लगता था कि बच्चे प्यार की निशानी होतें हैं और उनकी सेहत इस बात की गवाही देतीं है कि उसकी माँ को कितना प्यार किया जाता है । आरांश तो माशाअल्लाह स्वस्थ्य, सुंदर और खुशहाल था उसके दोनों गाल गुलाब की तरह के गुलाबी थें । इसीलिए रचित अंशमान के आगे-पीछे लेकर आरु को घूम रहा था वो दिखाना चाहता था उसे कि आखिर उसने अंशिका को दिया क्या है ।

अब उन दोनों के बीच में कोई love triangle नहीं था बल्कि एक पिलर था उनके जीने का आधार आरांश।

पार्टी से निकलते समय अंशिका की नजर अचानक से अंशमान पर पड़ी जो अपनी गाड़ी के पास खड़ा किसी का इंतजार कर रहा था । अंशिका तुरंत समझ गयी कि आज रचित का व्यवहार इतना ओवरप्रोटेक्टिव कैसे हो गया था ।

अंशमान उसे देखकर मुस्कुराया तो उसने भी हाथ हिलाकर अभिवादन किया । उसे थोड़ी हिम्मत मिली तो वो अंशिका के पास चला आया ।
दोनों को ही उनकी आखिरी मुलाक़ात याद थी । अंशमान ने शादी वाले दिन अंशिका से कहा था कि अगर उसे अपने फैसले पर कभी अफसोस हो तो वो वापस उसके पास आ जाएँ क्योंकि रचित के पास न इतना पैसा है या इतना वक्त की वो उसे खुश रख सके ।

अभी दोनों ने कुछ बातचीत शुरु ही की थी तभी पीछे से रचित सो चुके आरांश को गोद में लिए हुए आया और सीधा अंशिका की कमर में हाथ डाल कर खड़ा हो गया ।
डार्लिंग घर चलें?
रचित , अंशमान से मिलो । उसने बात सम्भालने की कोशिश की।

5 साल बाद तीनों इस तरह मिल रहें थें सब कुछ बदला-बदला लग रहा था। अंशमान अपनी महंगी कार के सामने खड़ा था , अंशिका मेकअप आर्टिस्ट थी और रचित बड़ी कम्पनी का मैनेजिंग डायरेक्टर । लेकिन कुछ था जो नहीं बदला था रचित- अंशमान की आँखों में अंशिका के लिए प्यार यानि उन तीनों का Love triangle .
हेलो ! कैसे हो ? माफ़ करना हमारा बच्चा सो चुका है और मेरी बीवी भी काफी थक गयी है इसीलिए हम घर के लिए निकल रहें हैं । तुम तो समझ ही रहें होगे शादी के बाद कितनी जिम्मेदारी बढ़ जाती है … अरे तुम कैसे समझोगे…

रचित… अंशिका ने उसे साइड आई से देखा ।
हाँ.. हाँ जरूर ! मेरी दुनिया भी आ गयी है तो निकलते है ।

रचित-अंशिका दोनों ने मुड़ कर देखा तो एक खूबसूरत सी महिला दोनों हाथों से दो 3-4 साल के एकदम हूबहू दीखते जुड़वा बच्चों को लिए आ रही थी। अंशमान तेजी से गया और उन दोनों को अपनी गोद में उठा लिया । उस औरत को गौर से देखने के बाद रचित ने अपना हाथ मुँह पर रख लिया क्योंकी 7 महीने का तो लगभग उसका बेबी बंब नजर आ रहा था ।

दोनों बच्चे आरांश से ज्यादा हेल्दी नजर आ रहें थें और उनकी माँ काफी ज्यादा खुश दिख रही थी ।

इनकी ही कजिन की शादी थी तभी फुल फैमिली आना पड़ा वरना तो मैंने इनसे रेस्ट के लिए कहा था ।
अंशिका ने तुरंत आगे बढ़ के उस महिला का हाथ थाम लिया ताकि उसे चलने में कोई दिक्कत न हो ।
अपने दोनों बच्चों को कार में बिठाकर अंशमान ने रचित से अकेले में बात करने का इशारा किया ।

तुमको क्या लगता है तुम जो कर रहें थें वो मैनें देखा नहीं था। अंशमान सिगरेट सुलगाते हुए बोला ।

 Love triangle
            Love triangle

मैं ? मैं क्या कर रहा था भाई , अपनी वाइफ का ख्याल रख रहा था।
अच्छा तुम जो अंशिका के आने तक लड़कियों से फ़्लर्ट कर रहें थें और आरांश को चुप कराने के लिए उसकी जेब में जो रिश्वत डाली थी मैंने सब देखा था ।

देखो..वो हमारा पर्सनल मैटर है।
Personal or professional, I don’t care बस इतना याद रखना कि प्यार का पता नहीं लेकिन उसकी केयर और रेस्पेक्ट आज भी उतनी ही करता हूँ । Criminal lawyer हूँ लेकिन तुम्हारा डाइवोर्स करने में टाइम नहीं लूँगा समझे ,हरकतें सुधार लो अपनी।अंशमान अपनी सिगरेट साइड में फेंक के चला गया ।

रचित अपना का सा मुँह बनाकर खड़ा रह गया । आज से 5 साल पहले रचित उससे जीत कर आया था और आज अंशमान उससे जीत कर चला गया ।
वैसे तो अंशिका को बहुत हँसी आ रही थी लेकिन रचित को देखकर उसने अपनी हँसी काबू कर ली ।
क्या हुआ ?
क्या मैं तुमसे या आरु से ज्यादा प्यार नहीं करता । उसका चेहरा रुआँसा था ।

नहीं ऐसा किसने कहा ।
तो उसकी फैमिली मेरी फैमिली से ज्यादा क्यों खुश है ?
अरे..! पागल । ऐसा कुछ नहीं होता तुम्हें किसने बता दिया ऐसा। चलो घर चलो अब लेट हो रहा है फालतू का न सोचो। उसने खींच कर रचित को कार में बिठाया और खुद ड्राइविंग सीट संभाली ।

उसे रचित के बड़बोलेपन और मासूमियत पर हँसी आ रही थी। वो Love triangle अब दोबारा नहीं बन सकता क्योंकि वो अब उसकी वाइफ है उसे इतनी सी बात समझ नहीं आती, बेवजह इंसिक्योर हुआ जा रहा था।
हमारा आरांश इतना ज्यादा गोलमोल क्यों नहीं हैं ।

क्योंकि उसके पापा लम्बे-चौड़े और फिट बॉडी के है किसी और के जैसे कम हाईट और थोड़े हेल्थी थोड़े हैं । अच्छा हाँ तुम्हें तो अब शर्त के 10 हजार भरने पड़ेंगे।
तुम्हारे लिए 10 हजार तो क्या 10 लाख भी हारने को तैयार हूँ । उसने आँख मारते हुए कहा ।
दोनों हँसने लगे और रात और भी ज्यादा हसीन हो गयी ।

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