Doctor patient love story in Hindi part 3

Doctor patient love story in Hindi part -3

शेखर ने उस दिन के बाद से तमन्ना के वॉर्ड में जाना बिल्कुल कम कर दिया। रात के वक्त तो बिल्कुल गया ही नहीं। ऐसे वक्त गया कि कोई न कोई हो तो लेकिन रविंद्र न हो। 8 दिन में ही शेखर ने डिस्चार्ज लिख दिया । डिस्चार्ज पेपर पर तीन आर्थोपेडिक्स के नाम लिख दिए थें । वो भी शेखर की तरह काफी नामी डॉक्टर्स में शामिल थें। वो चाहता था कि तमन्ना आगे का ट्रिटमेंट उन्हीं से करवाएं।

उसने इस बारे में रविंद्र को बोला कि तमन्ना उससे इलाज नहीं कराना चाहती इसीलिए उसने इन डॉक्टर्स को सजेस्ट किया है। रविंद्र ने डॉक्टर शेखर को जितनी रुपए दिए बिना मना किए उन्होंने ले लिए। रविंद्र उससे कहना चाहता था कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है लेकिन उसे अभी तक उन दोनों के बारे में ज्यादा कुछ भी पता नहीं था । तमन्ना की साइड से तो बिल्कुल ही कुछ नहीं मालूम था उसे। ठीक होने के बाद वो तमन्ना से ही बात करेगा इस बारे में।

तमन्ना ने समझा कि रविंद्र की उस दिन वाली बात से ही शेखर दुखी हो गया है और रविंद्र सोचता रहा कि तमन्ना के गुस्से और शक्की मिजाज की वजह से शेखर उन दोनों से दूर हो गया है। दोनों ने सिर्फ सोचा लेकिन बात नहीं की ।

लगभग 20 दिन के बाद तमन्ना रविंद्र और पापा के साथ हॉस्पिटल आई थी अपना प्लास्टर हटवाने के लिए । फोन पर बात तो शेखर से ही हुई थी लेकिन जब वहाँ पहुंचे तो देखा शेखर की बजाय दूसरे डॉक्टर्स आएं है। शेखर कोई कॉन्फ्रेंस में गया हुआ है। तमन्ना बिल्कुल रुआंसी हो आई और रविंद्र को बहुत गुस्सा आया।

शाम को जब उसने इसका इसका कारण जानने के लिए शेखर को फोन किया तो उसने काफी परेशान आवाज में बस इतना ही कहा कि वो तमन्ना का इलाज नहीं कर सकता है। इसके अलावा जो भी करने को कहा जाएगा वो करेगा।

जब तमन्ना को ये बात पता चली तो उसने भी कह दिया कि वो अपना इलाज सिर्फ डॉक्टर शेखर से ही कराएगी। रविंद्र को लगा कि उसने अपने एगो पर बात ले ली है इसीलिए उसे समझाना चाहा लेकिन वो टस से मस न हुई। थक हार कर रविंद्र ने डॉक्टर शेखर का नंबर उसे दे दिया। तमन्ना का फोन सिर्फ एक ही बार रिसीव हुआ उसके बाद इतने कॉल किए एक बार भी कॉल अटेंड नहीं की गई।

उसका प्लास्टर हटाने वाले डॉक्टर ने अपना कार्ड तमन्ना को दिया था ताकि आगे के इलाज के लिए वो उससे संपर्क कर सकें लेकिन तमन्ना ने उसे फाड़ कर डस्टबिन में डाल दिया।

उसने अपनी एक दोस्त को फोन करके घर पर बुलाया और उसी के साथ हॉस्पिटल के लिए निकल गई।
डॉक्टर शेखर ने राधिका नाम की पेशेंट को अंदर बुलाया था लेकिन सामने तमन्ना खड़ी थी अपनी दोस्त के कंधे का सहारा लेकर।

तमन्ना … आप यहाँ क्या कर रहीं है ?
हॉस्पिटल में कोई क्या ही करने आ सकता है।
हाँ लेकिन मैने तो राधि …

Hello docter मैं राधिका हूँ और ये मेरी दोस्त तमन्ना। मेरी दोस्त को पिछले महीने फ्रैक्चर हुआ था यहीं आप के ही पास इलाज भी कराया गया है । अब रिकवरी और बोन स्ट्रांग करने के लिए कुछ ट्रीटमेंट कीजिए। राधिका ने तमन्ना को चेयर पर बिठाने के बाद खुद भी साइड वाली चेयर पर जम गई।
डॉक्टर शेखर कुछ नहीं समझ पाएं कि उन्हें कैसे रिएक्ट करना चाहिए । उन्होंने खुद को शांत रखते हुए तमन्ना की फाइल अपनी तरफ खींच ली।

आपने कहा था कि आप मुझसे इलाज नहीं कराना चाहती है।

मैंने नहीं कहा था ये आपका खयाल था । फिर भी अगर कहा हो तो अब कहे देती हूँ की मुझे यहीं से अपने पूरे रिकवर होने तक इलाज जारी रखना है।
हाँ लेकिन मुझे लगता है डॉक्टर मधुसूदन , डॉक्टर खान और डॉक्टर सिंह आपका मुझसे बेहतर इलाज कर सकते है । उनके ट्रीटमेंट से आप जल्दी रिकवर करेंगी मुझसे टाइम लग सकता है। वजह ये है कि आपका पैर दोबारा से फ्रैक्चर हुआ है जिसके इलाज के लिए मेरे पास पर्याप्त अनुभव…

कोई बात नहीं we are ok with it. जितना टाइम लेना है लीजिए । कहीं से तो अनुभव लेना ही पड़ेगा यही से सही। राधिका ने जवाब दिया।
तमन्ना जी देखिए किसी के दबाव में आकर या हमारे फैमिली रिलेशनंस की वजह से आपको मेरे पास इलाज कराने की कोई जरूरत नहीं है।
मैं अपनी मर्जी से आई हूँ।

आप मेरी दोस्त के इलाज करने से मना क्यों कर रहें हैं? चलिए ठीक है उसने पहली ही मुलाकात में आपको गालियां दी ,उल्लू का पट्ठा, कमीना छिछोरा न जाने क्या -क्या बोला पर उन सब के लिए ये Sorry भी है । हो न?

हाँ Sorry डॉक्टर शेखर मुझे आपसे उस तरफ से बात नहीं करनी चाहिए थी।
अब आप इसका इलाज करने से मना नहीं कर सकते समझे ।
डॉक्टर शेखर ने कुछ नहीं कहा बस घूर कर राधिका को देखा और फाइल में लगी हुई रिपोर्ट्स को ध्यान से पढ़ने लगा।

तमन्ना जी थोड़ा खड़ी होकर दिखाइए। वो खड़ी हो गई।
अब आप यहाँ से उस मिरर तक जाइए। तमन्ना ने चलने की कोशिश की एक पैर पर ज्यादा जोर देते हुए दूसरे को लगभग जमीन से ऊपर ही रख रही है , बगल की दीवार का सहारा लेकर आगे बढ़ी। डॉक्टर तुरंत अपनी चेयर से उठ कर खड़े हो गए की अगर वो गिरे तो उसे संभाल सके। मिरर तक जब तक वो चल कर गई तब तक डॉक्टर शेखर को काफी पसीना आ गया था।

Good job ! वापस आ पाएंगी?
हाँ। तमन्ना वापस आने लगी। जितना रिकवरी उसने सोची थी उतनी हुई नहीं ।
रविंद्र बोला था कि तुम काफी रिकवर हुई हो लेकिन तुम बिना सहारा लिए अभी भी नहीं चल पा रही हो ।
हाँ। इनके भैया के डॉक्टर ही ऐसे थें जो इलाज बीच में छोड़ कर गायब हो गएं। उम्मीद है कि आगे से वो ऐसा किसी भी पेशेंट के साथ नहीं करेंगे।

तमन्ना जी आपके पैर में चोट है मुंह में नहीं । डॉक्टर अपना चश्मा पहन कर पर्चे पर कुछ लिखने लगें।

Doctor patient love story in Hindi part 3
Doctor patient love story in Hindi part 3

क्या नाम बताया था तूने इनका डॉक्टर सेक्सियर….? Believe me he is sexiest not sexier ….!
डॉक्टर शेखर…! तमन्ना ने राधिका के पैर को अपने पैर से दबा दिया।
डॉक्टर ने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया ऐसे अपने काम में बिजी रहें जैसे सुना ही न हो।

मेहता जी ने x ray कराया था उसमें काफी चीजें ठीक लग रही है। इसीलिए मैं सिर्फ कुछ दवाएं बदल रहा हूँ। आप महीने भर बाद…
महीने भर बाद क्यों डॉक्टर ? आप जानबूझ कर पेशेंट को डिले कर रहें है। साफ साफ क्यों नहीं कह देते आपको तमन्ना की तकलीफ से कोई फर्क ही नहीं पड़ता । कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर चोट पुरानी होने तक 10 – 12 दिनों के अंतर पर बुलाता है और आप तो सीधा…

बहन जी तमन्ना की डॉक्टर आप है कि मैं ! अगर आप है तो अपने हिसाब से इलाज कीजिए और अगर मैं हूँ तो मुझे अपने हिसाब से करने दीजिए।
और तमन्ना जी आप अगली बार किसी बड़े को साथ में लाइएगा। अभी मैं कुछ दवाएं बदल रहा हूँ। 20 दिन के बाद आना होगा आपको तब कुछ टेस्ट और x ray होगा आपका। राधिका की बात पर डॉक्टर शेखर कुछ सोच में पड़ गएं थें।

मैं रविंद्र भैय्या के साथ आऊंगी…।
नहीं मेरा मतलब था जिसके साथ भी आप कंफर्ट हो। इनके साथ भी , अंकल के साथ भी । कोई भी responsible one.
Ok । तमन्ना के बाहर जाते ही डॉक्टर एक गहरी सांस छोड़कर कुर्सी पर निढाल हो गएं। कुछ देर खुद को संयत किया उसके बाद अगले नंबर को बुलाने के लिए कहा।

ये बीस दिन तमन्ना से काटे नहीं कट रहें थें और डॉक्टर शेखर चाहते थें कि कैलेंडर में सिर्फ 19 ही दिन हो एक महीने के और 20वें दिन पर एक साल खत्म हो जाएं। पता नहीं किस चीज से वो इतना डर गए थें कि तमन्ना से दूर ही भाग जाना चाह रहें थें। कौन सा अपराधबोध है जो उन्हें अंदर से घुला के रखता है । ऐसा नहीं है कि तमन्ना की फिक्र नहीं है उन्हें लेकिन फिक्र से ज्यादा डर भर चुका है ।

डर..? हाँ अभी तो फिलहाल डॉक्टर शेखर इस अबोध भाव को डर ही समझ रहें हैं आम जन जिसे प्रेम शब्द से परिभाषित करतें हैं। इस डर के अलावा उसे रविंद्र का भी डर है उसे अक्सर महसूस होता है कि जरूर उसने वो वीडियो तमन्ना को दिखा दिया होगा और वो जरूर बहुत ही बुरी गालियों से उसे नवाज रही होगी। अगर मान लो रविंद्र और तमन्ना दोनों साथ में आ गएं उसके पास तब …?

20 दिन के बाद उसी केबिन में सामने की कुर्सी पर तमन्ना बैठी हुई है , डॉक्टर शेखर उसकी नई फाइल को हाथ में पकड़े बैठें है। तमन्ना के साथ भाभी आई है उसकी।
आपके पति नाराज है मुझसे ?
नहीं तो।

पर है तो ऐसा ही वरना अब तक मुझे मिठाई खिलाने न आया होता ऐसा हो ही नहीं सकता।                                                                                    Oh मैं समझ गई। भाभी ने मुस्कुराते हुए अपने पेट की तरफ देखा, जो ढीले सूट से साफ उभरा हुआ दिख रहा था ।
आपके लिए है न मीठा , रवि ने ही भेजा है। तनु अपने पर्स से चॉकलेट निकाल कर डॉक्टर साहब को दे देना । मैं बाहर बैठ कर तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ,यहां मुझे उलझन हो रही है। अपने पेट पर हाथ रखे हुए भाभी केबिन से बाहर चली गईं।

मेरी पर्स में ? उसने अपनी पर्स खोल कर चेक की। वाकई
उसमें एक बड़े साइज की चॉकलेट रखी थी। उसने वो चॉकलेट डॉक्टर की तरफ सरकाई उन्होंने भी पूरी सावधानी बरतते हुए बिना तमन्ना की उंगलियों को टच किए चॉकलेट अपनी तरफ खींच ली।

अब दर्द कैसा है ? ज्यादा होता है या कम। रिपोर्ट्स देखते हुए उन्होंने तमन्ना से पूछा।
ज्यादा तो नहीं होता बस कभी- कभी होने लगता है ।
प्रेशर पड़ने पर की ऐसे ही आप ही आप।
अधिकतर तो प्रेशर पड़ने पर ।

जो लेग एक्सरसाइज बताई भी आपको वो करतीं है आप या नहीं ?
हाँ कभी-कभी ।                                                                                                                                                                                          कभी- कभी से कैसे काम चलेगा तमन्ना जी । आपको मेहनत करनी पड़ेगी अगर आप पहले जैसा पैर चाहती हैं तो ।
हाँ वो बात तो सही है आपकी।

मैं कह रहा था कि…. कहते-कहते डॉक्टर शेखर चुप हो गएं पता नहीं तमन्ना को as a patient treat कर पाना उनके लिए इतना मुश्किल क्यों है।
जी डॉक्टर…!
मैं कह रहा था कि पर्दे के पीछे लेटने के लिए एक ऊंचा बिस्तर लगा हुआ है…! तो आप … लेट सकती है वहां पर ताकि मैं आपके पैर की चोट को ठीक से देख सकूं।

Ok! तमन्ना को सहारा देकर डॉक्टर अंदर ले गएं। तमन्ना मुलायम से बिस्तर पर आराम से चढ़कर लेट गई। इतना काम तो जैसे तैसे उसने कर दिया अब सबसे मुश्किल काम वो कैसे करें। शायद ये काम इतना मुश्किल न होता अगर तमन्ना ने इतना लंबा स्कर्ट न पहना होता या फिर उसके एक्सपीरियंस तमन्ना के साथ कुछ ठीक होते।

क्या हुआ ? डॉक्टर को चुपचाप खड़ा देख कर तमन्ना ने पूछा।
कुछ नहीं मैं ग्लव्स भूल गया। डॉक्टर शेखर ने तुरंत पर्दे की उस साइड से इस साइड में स्विच कर लिया।
I am not her gynecologist …! ग्लव्स भूल गया?बेवकूफ ..! उन्होंने एक ग्लास पानी पीने के बाद पर्दे के उधर चले गएं।

मुझे सिर्फ इसी तरह लेटना है क्या ?
क्या..! नहीं ऐसा नहीं है मुझे बस चेक करना था आपके पैर को ।
तो कीजिए।
हाँ एक मिनट । शेखर वापस पर्दे से इधर निकल आया।

भाभी को इस हालत में परेशान करना सही नहीं है इसीलिए उसने नर्स को आवाज दी।                                                                                              सिस्टर इनके दाहिने तरफ का कपड़ा घुटने तक करिए। तमन्ना को उसकी इस बात पर हँसी आई लेकिन वो हँसी नहीं चुपचाप लेटी रही।
जोड़ को दबाने से दर्द हो रहा है आपको ?
हाँ हल्का हल्का ।

डॉक्टर शेखर से पैर को चारों तरफ से छू कर देखा । पैर को नीचे की तरफ घुमाया तो तमन्ना कराह उठी और डॉक्टर शेखर के हाथ कांप गएं। सोच के देखिए 6 माह तक के बच्चे की सर्जरी कर चुके एक डॉक्टर को 26 साल की लड़की की सिसकी डरा देती है।
घुटने तक पूरे पैर की जांच करने के बाद डॉक्टर ने नर्स को इशारा किया तो उसने वापस से स्कर्ट पैर तक कर दी और चली गई।
आइए । उसने उठने के लिए तमन्ना को सहारा दिया।

ज्यादा दिक्कत तो नहीं है आपको लेकिन पैर नीचे की तरफ मूवमेंट नहीं कर पा रहा है । यही दवाई कंटिन्यू रहेगी। आप अपने से चलने की कोशिश करते रहिए और लेग एक्सरसाइज भी सही से कीजिए। डॉक्टर शेखर दवा लिखने में व्यस्त थें। उनके चेहरे पर पसीने की बूंदे अभी भी थीं।
डॉक्टर….
जी ।
जिस काम के लिए अपने नर्स को बुलाया वो मुझसे भी कह सकते थें ।
डॉक्टर शेखर ने अपना पेन रोक कर उसकी तरफ देखा और फिर से लिखने लगे – आप पहले से ही मुझे इतना लूज कैरेक्टर समझती है अगर ऐसा कहता तो भगवान जाने और क्या- क्या समझ लेती।

पहले समझती थी लेकिन अब नहीं समझती जबसे जान गई हूँ आपके बारे में।
अच्छा तो आप जान भी गईं है मेरे बारे में ! लेकिन क्या ?
यही की भैया की तरह आप मेरे भी दोस्त है और मेरा बुरा नहीं सोचते ।
दोस्त..? डॉक्टर शेखर मुस्कुरा दिए । ये पहली मुस्कान थीं उनकी तमन्ना के साथ ।

उन्होंने ड्रॉवर से अभी दी हुई चॉकलेट निकाली और उसे खोल कर थोड़ी सी लेने के बाद तमन्ना की तरफ सरका दी।
हमारी दोस्ती के नाम ।
Yes to our friendship..! दोनों हँसे लेकिन थोड़ा थोड़ा।

अगले 4 महीनों में 6 से ज्यादा बार तमन्ना हॉस्पिटल में विजिट कर चुकी थी। पैर लगभग पहले जैसा ही हो चुका था । इस दौरान डॉक्टर शेखर ने तमन्ना की उन चोटों का भी इलाज किया जो उसकी Clumsiness की वजह से उसे लग जाया करती थीं। इस लिए घरवालों के साथ- साथ डॉक्टर भी परेशान थे कि कहीं वो अपने पैर को फिर से न नुकसान पहुंचा ले । तीसरी बार तो हड्डी जोड़ने में भी आफत हो जाएगी। लेकिन इन सबकी फिक्रों से बेफिक्र तमन्ना अपनी लाइफ जी रही थी।

उसने फिर से जॉब के लिए अप्लाई करना शुरू कर दिया था। बड़े बड़े अखबारों के एडिटर्स के नंबर सर्च करने लगी थी। एक इंटर्नशिप प्रोग्राम के बारे में भी पता किया था और वहां जाने का सोच रही थी। लेकिन घरवाले चाहते थें कि अभी वो और 5 महीने तक घर पर ही आराम करे ताकि पैर पूरी तरीके से ठीक हो जाएं। इस वजह से वो कभी-कभी फ्रस्ट्रेट हो जाती है। लेकिन घर में आने वाले छोटे मेहमान का सोचकर उसका गुस्सा जल्दी ही उड़न छू हो जाता है।

वैसे तो पेरेंट्स बेबी के वेलकम की तैयारियां करतें है । लेकिन इस घर में ये काम उनकी बुआ कर रही थी। बच्चे के लिए शॉपिंग करना , टॉयज लाना , बेबी के रूम को उसके हिसाब से कलर कराना…. । ये सब तमन्ना ही कर रही है। भैय्या और भाभी भी उसे ये करने से इसलिए नहीं रोक रहें इसी बहाने वो व्यस्त रहेगी तो इंटर्नशिप के लिए जाने की जिद नहीं करेगी।

डॉक्टर शेखर ने रविंद्र को बता दिया था कि तमन्ना अब रिकवर हो चुकी है । बस ऐतिहातन 1-2 बार नॉर्मल चेकअप के लिए आना है । तमन्ना को भी ये बात पता थी इसी लिए वो थोड़ी गुमसुम रहने लगी थी। उसकी उदासी का कारण रविंद्र को शेखर से हुई कोई अनबन ही लगी। इसीलिए उसने तमन्ना से बात करने की कोशिश की।

क्या बात है आजकल बड़ा सुस्त रहती हो। तमन्ना बिस्तर पर लेटी थी रविंद्र उसके बगल में जाकर लेट गया।
ऐसा कुछ नहीं है भैया … मौसम ही ऐसा है । वो पलट कर रविंद्र के सीने पर सर रख देती है।
कैसा है ? उदासी वाला ! अगर मौसम की गलती है तो सबको उदास होना चाहिए सिर्फ तुमको ही नहीं ।

उदास नहीं हूँ मैं बस मन नहीं लगता ।
क्यों फिर से शेखर से झगड़ा हुआ कोई ? उसके बालों को रविंद्र सहलाने लगा।
नहीं तो उनसे झगड़ा क्यों होगा। अच्छे आदमी है वो ।

चलो मुझे तो खुशी है कि तुम्हें अब कोई गलतफहमी नहीं उन्हें लेकर। अच्छा एक बात बताओ । इतनी बार तुम उनसे मिली हो कभी ऐसा महसूस हुआ है कि वो तुम्हें पसंद करते हैं ?
बात तो उसी तरह मुझसे भी करतें हैं जैसे बाकी मरीजों से। ….. अच्छा भैया… वो सर उठा कर रविंद्र की तरफ देखने लगी – क्या आपको लगता है कि वो मुझे पसंद करते हैं?

मम्मी कसम खा कि तू उसे गलत नहीं समझेगी और न इस बात का जिक्र उससे करेगी, तो मैं तुझे कुछ बताऊं जो बहुत टाइम से बताना चाहता हूँ।
बताओ न भैया प्लीज।
पहले तू बता उसे पसंद करती है या नहीं ?
Ummm … Confirm नहीं है अभी पर find out करने की कोशिश कर रहीं हूँ। अब आप बताओ जल्दी से।

मम्मी की कसम तो खा कि तुझे गलत नहीं लगेगा कुछ।
मम्मी की कसम अब बता दो न प्लीज।
रविंद्र ने तुरंत अपना फोन निकाला और वो वीडियो तमन्ना को दिखाने लगा जो 5 महीने पहले उसने हॉस्पिटल में शूट किया था। डॉक्टर के चेहरे की रौनक , मुस्कुराहट और चाहत सब कुछ इस वीडियो में दिख रहा था।

ये वीडियो देखते हुए तमन्ना के चेहरे पर भी खुशी आ गई। उसने दोबारा से वीडियो देखना शुरू किया मगर रविंद्र ने अपना फोन छीन लिया।
भैय्या प्लीज, ये वीडियो मेरे पर भेज दो ।
नहीं जब तक मुझे तुम दोनों के रिलेशन का सच पता नहीं चल जाता मैं नहीं भेजूंगा। पता चले मैं भेज दूं और तू उसे जाकर दिखा दे ।
मैं दिखाऊंगी नहीं बस जानने की कोशिश करूंगी कि वो मुझे पसंद करते है या नहीं ।

पहले तू अपना तो कन्फर्म कर ले पागल लड़की….। रविंद्र उसे धक्का देकर अपने ऊपर से हटा देता है और उसके कमरे का लॉक लगा कर भाग जाता है।एप्वाइंटमेंट वाले दिन तमन्ना सुबह से ही भाभी के कमरे में जम चुकी थी । बस एक ही रट के साथ की वो उसका मेकअप बिल्कुल हीरोइनों वाला कर दें । भाभी उसे बार बार यही समझा रहीं थीं कि एक patient को इतना मेकअप नहीं करना चाहिए वरना डॉक्टर ही बीमार हो जाता है। काफी समझाने के बाद मिनिमल मेकअप पर बात सेट हुई।

भाभी ने एक से बढ़कर एक सलवार- सूट , फ्रॉक, शॉर्ट्स, मिडी, जींस , ऑफिस आउटफिट सब दिखाया लेकिन वो स्लीवलेस कुर्ती और शरारा पर ही अड़ी रही।

नेवी ब्ल्यू कलर के शरारा सूट के साथ मैचिंग ईयरिंग, बैंगल्स और पायल ने उसे बिल्कुल डिफरेंट लुक दे दिया था। भाभी के हाथों का कमाल उसके चेहरे पर तो साफ दिख ही रहा था । नेट वाले दुपट्टे को कैरी करके वो खुद को सब्यसाची की मॉडल समझ रही थीं। भाभी ने उसके कान के पीछे एक छोटा सा काला टीका लगा दिया था नजर से बचाने के लिए। झूमती – इतराती हुई वो हॉस्पिटल जाने के लिए निकल पड़ी। घर से तो फ्लैट चप्पल में ही निकली लेकिन रस्ते में पहुंच कर डेढ़ इंच की हील अपने पर्स से निकाल कर पहन ली।

कितनी बच्ची लग रही थीं वो ऐसी हरकतें करते वक्त। एक बार को तो हँसी आ जाएं लेकिन अगले ही पल में प्यार। पता नहीं क्यों प्यार में पड़ने के बाद लड़कियां ऐसी बचकानी हरकतें करने लगती हैं। भाभी ऐसा सोच रहीं थीं सोफे पर पड़े पड़े। उन्हें अपने दिन याद आ रहें थें वो भी रवि से मिलने के पहले खुद को हर एंगल से शीशे के सामने खड़ी होकर देख लेती थीं कि कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई।

मम्मी… जब आपको अहसास हुआ कि आपको पापा जी से प्यार है तो आप का रिएक्शन कैसा था। उन्होंने लेटे हुए ही किचन की तरह आवाज लगाई।
मत पूछ बेटा भले ही हमारी अरेंज मैरिज थी लेकिन शादी से पहले तक बहुत घुलमिल गएं थें हम लोग। जब भी पता चलता की ये घर आ रहें हैं मेरे , मैं सुबह से ही हर चीज तैयार करने और खुद तैयार होने बैठ जाती थीं। बहुत बेचैनी और उमंग रहती थीं दिल में। लोग चेहरे को देख के ही जान जातें थें कि इसके होने वाले पति आ रहें हैं।

Doctor patient love story in Hindi part 3
Doctor patient love story in Hindi part 3

तुम्हारे दादा जी को संतरी रंग पसंद था मैंने उस रंग की साड़ी को इतना पहना इतना पहना कि लोग मुझे साध्वी समझ के आशीर्वाद लेने लगें थे। दादी के कमरे से भी एक पुरानी याद बहकर बाहर तक चली आई तो तीनों औरतें शर्माते हुए खिलखिला के हँस पड़ी।
सभी औरतें जब लड़कियां हुआ करतीं है तो शायद प्यार में पड़ने के बाद कुछ न कुछ बचकाना करती जरूर हैं जिसे बाद में याद करके उन्हें खुद से ही लाज आने लगती है। पीढ़ी चाहे कोई हो लेकिन प्रेम में दीवानापन कभी बदला ही नहीं मासूम लड़कियों का।

तमन्ना आज अकेले ही आई थी चेकअप के लिए। उसके आते ही उसके चेहरे से पहले पैरों पर नजर गई थीं डॉक्टर शेखर की । पैर देख कर तो उन्हें गुस्सा आई लेकिन चेहरा देखकर एक अलग किस्म का भाव । ज्यादा देर उसके चेहरे पर नजर न टिका सकने के कारण उन्होंने सर झुका लिया और उसकी रिपोर्ट्स को खोलने बंद करने लगे।

Umm.. तमन्ना आपको अभी इस तरह हिल्स नहीं पहनने चाहिए ।
लेकिन मैं कंफर्ट थी तो पहन लिया । अब कोई दिक्कत भी नहीं महसूस होती मुझे।

हाँ वो बात तो सही है……! अभी डॉक्टर शेखर तमन्ना से बात कर ही रहें थें कि उन दोनों के बीच टेबल पर रखा डॉक्टर का फोन बज उठा … बबीता मैम …! नाम के साथ एक हँसने वाली इमोजी लगी थी। डॉक्टर शेखर ने तुरंत फोन के वॉल्यूम को कम करके उसे साइड में उल्टा करके रख दिया।
…..तो मैं कह रहा था कि अब दवाई की तो कोई जरूरत नहीं है लेकिन तसल्ली के लिए हमें एक बार X ray …..

डॉक्टर धर … आपको डॉक्टर अंकित और डॉक्टर नेहा की टीम को लीड करना है अभी । एक क्रिटिकल केस आया हुआ है । बड़े सर ने आपको सजेस्ट किया है, जल्दी करें। डॉक्टर शेखर की असिस्टेंट डॉक्टर ने आकर उसे इमरजेंसी की सूचना दी।
OT रेडी करो चलकर मैं आया।
Ok डॉक्टर।

तमन्ना आप यही दवा ले ले जाकर और अगले हफ्ते तक जब फ्री हो तो दोबारा आइएगा।

डॉक्टर शेखर सबकुछ वैसे ही छोड़ कर केबिन से निकल गएं। तमन्ना का सारा उत्साह बिल्कुल ठंडा पड़ गया उसे खुद पर ही खीझ आ गई। बताओ ध्यान से देखा तक नहीं, बात करनी तो दूर की बात है। वो खड़ी हो गई जाने के लिए लेकिन दरवाजे को एकदम से धक्का देकर डॉक्टर फिर अंदर आएं अपना कोट लेने के लिए।

कोट लेकर जाते-जाते  उन्होंने तमन्ना से बस इतना ही बोला “अच्छी लग रही है ये ड्रेस आप पर।”
डॉक्टर ने भले ही खुलकर उसकी तारीफ न की हो लेकिन फिर भी तमन्ना तो अपना तैयार होना सफल जान पड़ा। उसके गाल गुलाबी होकर टमाटर जैसे हो गए। वो झूमती हुई केबिन के बाहर निकल गई।

कहते है बुरी नजर से आप चाहे कितना भी बच लो आपकी एक झलक से ही वो आपको लग सकती है । यही कुछ हुआ तमन्ना के साथ भी । पता नहीं तीन दिनों से वो किस खयाली दुनिया में जी रही थीं उसके भाई ने उसे हकीकत से रूबरू करा दिया।

तुम्हें कुछ पता चला तनु…!
क्या ? अपना टीवी बंद करके वो रविंद्र की तरफ मुंह करके बैठ गई।
शेखर की मम्मी का फोन आया था वो बंगाल में हैं अभी…
तो..?

वो बुला रहीं थीं मुझे … मतलब हम लोगों को ..
वहाँ क्यों बुला रहीं हैं हमें ?
हाँ वही तो बता रहा हूँ तुम्हें देखो बात ये है कि… उन्होंने बताया वो.. शादी हो रही है ।
किसकी ? तमन्ना की सांसे ऊपर नीचे होने लगी।

वही बताया तो था तुम्हें बॉबिता और…
डॉक्टर शेखर की ..?
हाँ.. शायद..!
अच्छा तभी कॉल कर रहीं थीं वो उन्हें..! तमन्ना के चेहरे पर कोई भाव नहीं दिखा बस दोनों हाथों से उसने अपना मुंह बंद कर लिया।

तुम ठीक हो न ..?
हाँ । वो सोफे से उठकर अपने बिस्तर पर चली गई और पैर से लेकर सिर तक सब ढक लिया।

तमन्ना की एप्वाइंटमेंट थी । डॉक्टर शेखर उसका इंतजार कर रहें थें लेकिन वो नहीं आई। अगले दिन भी उसका वेट किया फिर भी वो नहीं आई तो उन्होंने रविंद्र को फोन किया लेकिन रवि ने फोन नहीं रिसीव किया फिर तमन्ना को कॉल किया तब भी फोन रिसीव नहीं हुआ। बस एक बार उधर से कॉल आई और उसने बस इतना ही कहा – “अब मैं ठीक हूँ इलाज की अब कोई जरूरत नहीं।” बस इसके बाद शेखर कॉल करता रहा तमन्ना ने फोन नहीं रिसीव किया।
अगले दिन फिर उसने फोन ट्राई किया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला ।

उसने फिर से रविंद्र को कॉल की तो उसने इतना ही कहा – “हॉस्पिटल में हूँ बाद में बाद करता हूँ।” इतनी बाद सुनकर डॉक्टर शेखर के होश हवा हो गएं। बाहर मौसम खराब था जरूर तमन्ना इस बारिश में कहीं गिर गई होगी और उसे हॉस्पिटल ले जाया गया होगा। ये खयाल आतें ही डॉक्टर बिना एक भी मरीज देखे वहाँ से निकल गएं उन्हें खराब मौसम का भी खयाल न रहा।
उनकी गाड़ी सीधा रविंद्र के घर के सामने आकर रुकी। वो बिना रुके डोरबेल को लगातार बजाएं जा रहें हैं।

दरवाजा तमन्ना ने खोला ।
आप ठीक तो है । डॉक्टर भीग चुके हैं।
हाँ।
तो और किसको क्या हुआ ?

आप अंदर आ जाइए। घर पर कोई नहीं है तो खुद ही ब्लोवर जलाकर अपने कपड़े सूखा लीजिए। सब हॉस्पिटल गएं है भाभी को लेकर और मेड आज छुट्टी पर है। तमन्ना सीढ़ियों से ऊपर जाने लगी।
आप कहाँ जा रही हो ?
कपड़े उतारने को भूल गई थी वहीं लेने जा रही हूँ।

लेकिन वो भीग चुके होंगे। तमन्ना ने कोई जवाब नहीं दिया।
बारिश हो रही है आपको ऊपर नहीं जाना चाहिए। शेखर सीढ़ियों के नीचे आया लेकिन तमन्ना उसे नहीं दिखी। पीछे-पीछे वो भी सीढ़ियां चढ़कर उसे रोकने गया।

आप बारिश में फिसल सकतीं हैं ! बिजली इतनी तेज कड़क रही थी कि शेखर की आवाज तमन्ना तक नहीं पहुंच पा रही थीं। वो पहली बार घर में इतनी ऊपर तक आया था इसीलिए उसे छत का रास्ता नहीं पता था फिर भी वो जल्दी जल्दी सीढ़ियां चढ़ता हुआ छत तक पहुंच गया ।
जैसा कि उससे गलत होना उसके DNA में ही समा चुका है । छत पर पहला कपड़ा खींचते ही वो फिसल गई , सहारे के लिए रस्सी पकड़ी तो वो भी टूट गई। लेकिन वो नीचे नहीं गिरी । आँखें खोली तो देखा डॉक्टर शेखर ने उसे अपनी बाहों में पकड़ लिया था।

आप यहाँ क्यों आएं ?
क्योंकि आप हॉस्पिटल नहीं आईं।
तो आप मेरी फिक्र कर रहें हैं एक डॉक्टर की हैसियत से ?

ये आप पर है अगर ये सवाल एक मरीज पूछ रहा है तो  एक डॉक्टर फिक्र कर रहा है ताकि मरीज को आगे कोई दिक्कत न हो, एक दोस्त का सवाल है तो उसका दोस्त फिक्रमंद है क्योंकि बात नहीं हो पा रही है एक फैमिली मेंबर का सवाल है तो मुझे टेंशन हो रही थीं कि फिर से आपने कहीं खुद को नुकसान तो नहीं ….

और अगर एक प्रेमिका का सवाल हो तो …? तमन्ना के दोनों हाथ शेखर के कंधे पर टीके हुए थें और वो शेखर की आंखों में झांक रही थीं।
तो…? शेखर की हार्टबीट बहुत तेज हो चुकी थी ऐसा लग रहा था कि बिजली की कड़क और उसके सीने की धड़क में कोई कॉम्पिटिशन चल रहा हो।

तो मैं एक प्रेमी की तरह जवाब दूँगा कि मैं नहीं चाहता था कि आपको खो दूं । आप आती थीं तो अच्छा लगता था मुझे । उस दिन जब आप आई थी इतनी खूबसूरत लग रही थीं कि दिल में आ रहा था आपको अपने सीने से लगा लूं । आपसे जब जब मिलता हूँ तो उतना ही करीब होता जाता हूँ न चाहते हुए भी । तभी मैं आपके इलाज के लिए मना कर रहा था ताकि मैं आपसे प्यार न कर बैठूं। डॉक्टर होकर भी आपको तकलीफ में नहीं देख पाता हूँ मैं, आपकी एक सिसकी मुझे अंदर तक डरा देती है।

आपने शुरू से ही मुझे गलत न समझा होता तो जरूर मैं रवि को बता देता कि मैं आपको पसंद करता हूँ, आपसे भी कहता कि आप ऑक्सीजन जितनी जरूरी हैं मेरे लिए। बताता कि मेरा पेशेंट ही मेरा डॉक्टर है और उसका डॉक्टर ही उसका मरीज पर…. बस एक प्रेमी को इतनी ही फिक्र थी कि उसके प्यार ने उसे फिर से गलत न समझ लिया हो । शेखर ने ये सारी बात एक ही साँस में कही थी लेकिन उसके सारे शब्द कांप रहें थें।

तमन्ना की आंखों में आँसू थें लेकिन बारिश की वजह से पता नहीं चल पा रहें हैं।
ये सवाल पूछने में शायद मैंने देर कर दी शेखर ..! लेकिन शायद आप खुश हो अब अपनी जिंदगी में ।
हाँ मैं बहुत खुश हूँ। लेकिन मैं भी जानना चाहता हूँ कि आप क्या सोचती हैं मेरे बारे में?

तमन्ना के मन में जरूर एक बार आया होगा कि झूठ ही सही एक बार तो कह देता की तुम्हारे बिना क्या खुशी। बस मन मारकर शादी कर रहा हूँ। तमन्ना ने उसकी बात का जवाब नहीं दिया , अपने ही सवाल करती रही।

बबीता जी बहुत अच्छी होंगी न ? इस बारिश के कांपते मौसम में दो गर्म जिस्मों के बीच किसी तीसरे का जिक्र शेखर की समझ से परे था लेकिन उसे मालूम है कि बबीता की कॉल तमन्ना के सामने ही आई थी।
हाँ । काफी साफ दिल की हैं , सुलझे हुए खयाल हैं उनके । मुझसे सीनियर थीं कॉलेज में और आज भी मुझसे आगे ही हैं।

शादी कब है ?
अगले हफ्ते ।
तमन्ना की पकड़ शेखर के कंधों से ढीली पड़ गई और वो बिल्कुल सीधी खड़ी हो गई। लेकिन शेखर के हाथ पहले की ही तरह उसकी कमर पर ही रहें।

आपने मेरी बात का जवाब नहीं दिया ?
क्या करेंगे जवाब जानकार अगर मैं कह दूं कि मुझे भी प्यार है , अच्छा लगता है आपके साथ वक्त बिताना , आपके लिए तैयार होना । शादी करना चाहती हूँ आपसे तो ? शादी तो तोड़ नहीं देंगे जाकर ..! तमन्ना ने सिसकी लेकर कहा।

आप मुझसे ही प्यार करती हैं न? तब फिर उनकी शादी तोड़ने की क्या जरूरत ..? डॉक्टर शेखर तमन्ना की अजीब सी बात से हैरान हुए।

किनकी शादी ?
बबीता जी और घोष बाबू की ।
कौन घोष बाबू ?
बबीता जी से प्यार करते है वो ।
और आप ?

मैं तो आप से प्यार करता हूँ ।
तो शादी किसकी किसकी हो रही है ?
बताया तो घोष बाबू और…
एक मिनट फिर आपकी माँ वहाँ क्या कर रहीं हैं?

उनकी माँ नहीं हैं मेरी माँ को ही अपनी माँ मानती हैं। इसीलिए हमारी शादी भले ही नहीं हुई है लेकिन हमारे पारिवारिक रिश्ते काफी अच्छे है।
लेकिन भैय्या ने बोला कि आप उनसे शादी कर रहे है।
उन्हें गलतफहमी हुई होगी।
क्या सच में ?

अच्छा तो आपने मुझे इसलिए सब कुछ बताया क्योंकि आपको लगा कि मैं किसी और से शादी करने वाला हूँ!
तो सच में आप मुझसे शादी करेंगे ? तमन्ना के चेहरे पर सैकड़ों जगनुओं जितनी चमक आ गई थी।
अगर आप इजाजत दें तो…! बहुत तेज बारिश में शेखर ने काफी धीरे से कहा। उसने तमन्ना को आहिस्ते से खींच कर खुद में समा लिया था ।
इजाजत है …? उसके चेहरे पर झुकते हुए शेखर ने पूछा।

हाँ। आँखें बंद करते हुए उसने जवाब दिया।

Doctor patient love story in Hindi part 3
Doctor patient love story in Hindi part 3

तनु… कहाँ हो ? रविंद्र की आवाज सुनते ही दोनों चौंक के अलग हो गएं।
तो तुम यहाँ… अरे डॉक्टर साहब भी यहीं हैं । Sorry sorry डिस्टर्ब कर दिया दोनों को लगता है। मैंने सोचा घर पर अकेली हो तो तुम्हें भी लिए जाऊं पता होता तुम्हारे मेहमान आएं हैं तो आता ही नहीं ।

नहीं ऐसा कुछ नहीं है रविंद्र मैं बस इन्हें देखने आया था ।
हाँ वो तो मुझे भी दिख ही रहा है। खैर कंटिन्यू कीजिए आप दोनों … पर Love birds ध्यान रखना कि बारिश में ज्यादा भीगने से पंख ही न खराब हो जाएं…! रविंद्र उन दोनों को चिढ़ाता हुआ सीढ़ियों से ही लौट आया।

मुझे आपसे बात करनी है भैया । पीछे से तमन्ना भी निकल आई।
छत पर अकेले बचे डॉक्टर शेखर अपनी दोनों बाहें खोल कर सावन की बूंदों को सीने से लगाने लगें। प्यार में पड़े आशिक को सावन लुभाता भी तो खूब है ।
The end

इश्क़ का अंजाम all parts 

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