Angela: An Inverted Love Story William Schwenk Gilbert

 Angela: An Inverted Love Story By William Schwenk Gilbert

मैं एक लाचार अपाहिज नौजवान हूं और पिछले कई सालों से बिस्तर और सोफ़ा ही मेरी नियति बन गई है। विगत छः वर्षों से मैं एक छोटे कमरे में रह रहा हूं, जो वेनिस की नहर किनारे के एक मकान में है। एक बूढ़ी और बहरी स्त्री मेरी देखभाल कर रही है। मेरी आमदनी बहुत थोड़ी है, जिसे मैं बाहर कलर ड्राइंग्स के जरिए कमा पाता हूं। कैनवस के सबसे सस्ते मॉडल यानी फल-फूल अपने चित्रों में बनाता हूं और लंदन में एक दोस्त के पास भेज देता हूं। वह इन्हें एक डीलर को बेच देता है। कुल मिलाकर मैं खुश हूं।
Love Story By William Schwenck Gilbert
Love Story By William Schwenk Gilbert

मेरे कमरे की एकमात्र खिड़की नहर के पानी से पांच फीट ऊपर है। वेनिस की आत्मा है यहां की नहर, जिसके दोनों किनारों पर मकान बने हैं और उसकी नींव बहुत गहरी है। मैं अपनी शारीरिक मजबूरियों के चलते ज़्यादा दूर तक नहीं देख पाता। नहर के दूसरे किनारे पर बने एक मकान का थोड़ा हिस्सा ही दिखाई देता है। नहर के पानी में इस मकान की छवि के साथ इसमें रहने वाले लोगों की बालकनी में होने वाली गतिविधियों की छाया दिखाई देती है और साथ ही दिखाई पड़ती है खिड़कियों की छाया।

छः बरस पहले मैं जब इस कमरे में आया था तो मुझे पानी में कोई तेरह बरस की एक लड़की की छाया दिखाई दी थी। वह रोज़ बालकनी में बैठी रहती थी। सुबह से शाम तक, उसके पास कुछ फूल और एक सलीब रखी रहती थी। मेरे ख़याल से वह सारा दिन बैठी वहां सिलाई- कढ़ाई का काम करती थी। वह बेहद मेहनती थी और छांया में जो कुछ मैं देख सकता था उससे वह साफ़-सुथरे कपड़े पहने सुंदर लगती थी। उसकी एक बूढ़ी कमज़ोर मां थी, जो उसके साथ ही बालकनी में बैठी रहती थी। लड़की काम के बीच बार-बार मां को चूमती जाती थी।

समय के साथ लड़की बड़ी होती गई, उसकी छाया भी बढ़ती गई। वह सोलह-सत्रह साल की एक छोटी सी स्त्री हो गई। मैं दिन के भरपूर उजाले में ही काम कर सकता था इसलिए मेरे पास उसकी गतिविधियों को देखने के लिए खूब समय रहता था। इसी वक़्त में मैं उसे लेकर कुछ रूमानी कल्पनाएं भी करने लगा था। मैंने देखा मुझे लगा कि वह भी मेरी छाया में थोड़ी रुचि लेने लगी है क्योंकि हम दोनों ही एक-दूसरे की छायाओं को देख सकते थे।

एक दिन मैंने पानी के अक्स में देखा कि वह लगातार मुझे देखे जा रही है तो मैंने उसके अक्स को देखकर सिर हिलाया। मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था जब मैंने जवाब में उसका भी हिलता हुआ सिर नहर के पानी में देखा। इस तरह हम दोनों के अक्स एक-दूसरे से परिचित हो गए।

उसके प्रेम में गिरफ़्तार होने में मुझे ज़्यादा वक़्त नहीं लगा लेकिन रोज़ सुबह-शाम सिर हिलाने से आगे बढ़ने में ज़रूर समय लगा। एक दिन जब हमारे अक्स एक-दूसरे से सिर हिलाकर बातें कर रहे थे, मैंने नहर के पानी में एक फूल फेंक दिया। जवाब में उसने कई बार सिर हिलाया। फिर तो हर सुबह-शाम मैं ‘गुड मॉर्निंग’ और ‘गुड नाइट’ कहने के लिए पानी में फूल गिराने लगा और यह सब व्यर्थ नहीं गया।

एक दिन उसने भी एक फूल मेरे वाले फूल से मिलने के लिए पानी में डाला और फिर वह देर तक ताली बजाते हुए हंसती रही क्योंकि दोनों फूल एक-दूसरे से जुड़कर साथ बहने लगे थे। फिर रोज़ सुबह-शाम हम दोनों पानी में फूल गिराने लगे।

 

Love Story By William Schwenk Gilbert
Love Story By William Schwenk Gilbert

जब दोनों के फूल मिल जाते तो वह हंसकर तालियां बजाने लगती। मैं भी उसका साथ देने लगा। जब कभी यानी अक़सर ही दोनों फूल एक-दूसरे से नहीं मिल पाते तो वह निराशा में हाथ गिरा देती और मैं उसकी नक़ल करने की कोशिश करता। जब कभी कोई नाव हमारे फूलों को रौंदकर चली जाती तो वह आसमान की ओर हाथ उठाकर संकेतों में बताती कि नियति ने हमारे फूलों को कुचल डाला है। मैं इशारों में उसे समझाने की कोशिश करता कि अगली बार भाग्य हमारा साथ देगा।

इस तरह हमारी प्रेमकथा आगे चलती रही। एक दिन उसने सलीब दिखाकर उसे चूमा और मैंने भी, ये तय हो गया कि हम एक ही मज़हब के हैं।

एक दिन बालकनी पर लड़की नहीं आई। फिर कई दिनों तक वह नहीं दिखी। मैं अपना फूल पानी में छोड़ता लेकिन उसका साथ देने कोई फूल नहीं आता। कई दिनों बाद वह दिखाई दी। काले कपड़ों में, अकसर रोती हुई और तब मुझे समझ में आया कि उसकी मां नहीं रही। अब वह दुनिया में अकेली है।

कई दिन उसकी तरफ़ से कोई फूल नहीं आया और न ही उसने हमारी जान-पहचान का कोई संकेत दिया। वह बस अपने काम में जुटी रहती। वह अपनी मां की खाली कुर्सी को देखती और रोने लगती। आख़िर एक दिन उसने मेरा अक्स देखकर सिर हिलाया और फिर हमारे फूल पानी में साथ-साथ बहने लगे।

फिर एक बदकिस्मती वाला दिन आया जब मैंने एक आकर्षक नौजवान को उससे बातें करते हुए देखा। वह अपनी नाव में खड़ा था जबकि वह बालकनी में थी। वे दोनों पुराने दोस्तों की तरह बातें कर रहे थे। कोई आधा घंटे की बातचीत के दौरान वह नाविक उसका हाथ पकड़े खड़ा था। वह चला तो गया लेकिन मेरा दिल डूब रहा था। जल्द ही मुझे असलियत पता चल गई।

उसने दो जुड़वां फूल एक साथ गिराए और मैं समझा कि वे दोनों भाई-बहन हैं। मैने खुश होकर उसकी तरफ़ सिर हिलाया तो जवाब में उसने भी हिलाया। दोनों हंसे और फिर सबकुछ पुराने ढर्रे पर चल पड़ा।

फिर मुश्किल वक़्त आया। मुझे इलाज के लिए जाना था और मैं यह सोचकर ही परेशान था कि लड़की को कैसे सूचना दी जाए। यह तो बहुत बुरा होगा अगर बिना सूचना के ही मैं चला जाऊं। मैं रातभर सोचता रहा और कुछ नहीं कर पाया। एक दिन मेरी देखभाल करने वाली बुढ़िया ने बताया कि एक नाविक मेरे बारे में पूछताछ कर रहा था। तब मुझे लगा कि लड़की ने अपने भाई को मेरी खैर-ख़बर लेने भेजा होगा। आख़िर मैं कई दिनों से खिड़की पर नहीं दिखा था।

उस दिन से अगले तीन हफ़्तों तक मेरी खिड़की के किनारे पर एक फूल रखा रहता था। मैं बिस्तर से उठ नहीं सकता था लेकिन मुझे लगा कि नहर में से कोई भी नाविक वहां आसानी से फूल रख सकता है और एक दिन में अपनी पुरानी जगह फिर आ गया। लड़की ने मुझे देखा और सिर के बल खड़ी होकर वह ख़ुशी के मारे तालियां बजाने लगी और मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था।

पहली बार मैंने नहर से गुज़रने वाले नाविक को इशारे से बुलाया तो उसने मुझे बताया कि वह मुझे सकुशल देखकर बहुत खुश है। मैंने उन दोनों को शुक्रिया कहा। उस नाविक से पता चला कि उसका नाम एंजेला है और वे दोनों भाई-बहन नहीं हैं बल्कि अगले दिन तो उनकी शादी होने वाली है।

Angela: An Inverted Love Story By William Schwenk Gilbert
Love Story By William Schwenk Gilbert

यह जानकर मेरा दिल बुरी तरह डूबने लगा। मैंने जैसे-तैसे अपने पर क़ाबू पाया और उसे शुभकामना के शब्द कहे। उसने पूछा कि क्या वह शादी के बाद अपनी दुलहन को मुझसे मिलाने के लिए ला सकता है?

उसने कहा, क्योंकि एंजेला तुम्हें बचपन से जानती है और उसने कई मर्तबा तुम्हारे बारे में मुझसे बात की है। बरसों से वह तुम्हें खिड़की के किनारे सोफे पर बैठा देखती रही है। वह तुमसे बात करना चाहती थी, तुम्हारा दुःख बांटना चाहती थी। एक दिन जब तुमने नहर में फूल गिराया तो उसने मुझसे पूछा था कि क्या वह भी एक फूल गिराए। मैंने कहा कि शुभकामनाओं के लिए फूल बहाने में कोई दिक़्क़त नहीं।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी love story  हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है… 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top