विनीता ही वेरोनिका है । Dark romance love story part 2
कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि सुधाकर के पास से अमर को ‘Your night well-wisher’ Dark romance series की किताबें मिलती है। जब वो उस किताब के नायक रॉनी के बारे में पढ़ता है , तो उसे पता चलता है कि ये नाम उसने पहले ही अपनी वाइफ के मुँह से सुना है। अमर को लगता है कि वो किताब असलियत की कहानी है और उसकी वाइफ भी जरूर रॉनी का शिकार हुई है। अब पढ़ते है दूसरा व अंतिम भाग-
आज बहुत देर कर दी आने में? विन्नू ने अमर की टाई खोलते हुए पूछा।
कुछ नहीं जरा बेचारे संतोष के पास बैठा था । अपने दोनों हाथ विन्नू की कमर पर टिकाते हुए उसने कहा ।
क्यों उनको क्या हुआ ?
बेचारे की बीवी भाग गयी ।
किसके साथ ? अभी 2 ही साल तो हुआ है शादी को न !
क्या पता यार ! ऑफिस में सब अपनी अपनी बीवियों को लेकर डरे हुए है बेचारे ।
तब तो आप भी डरे हुए होंगे । उसने शरारत से पूछा ।
इधर भी कोई खतरे वाली बात है क्या ? नहीं हो सकती मेरा गोलूराम जो तुम्हारे पेट में हैं । अमर ने विन्नू के पेट पर हाथ फेरते हुए कहा।
क्या पता गोलूराम भी किसी और का हो तो ? शर्ट की बटन खोलते हुए उसने मजाक किया ।
तो मैं उस ‘किसी’ को ढूंढ़कर उसका ‘कुची-कुची’ करवा दूँगा और तुम्हें और अपने गोलूराम को वापस से अपने कब्जे में ले लूँगा ।
बाप रे बाप ! कुची-कुची करवाएंगे । जाकर मुँह धूल आईये पहले मैं खाना लगाने जा रही हूँ । खुद को छुड़ाते हुए वो जाने लगी।
अच्छा क्या इतने टाइम पकोड़े मिल सकते है गर्म गर्म चाय के साथ ?
इतनी रात में डिनर के टाइम पे ? बहुत टाइम लग जाएगा ।
बना दो प्लीज बहुत मन हो रहा है मेरा। सुबह अपना टिफ़िन मैं खुद तैयार कर लूँगा । बना दो, बना दो मेरी स्वीटू बाबू जानू सोना …… काला-काला जादू टोना…..
अरे बस बस ये हो क्या गया है आपको आज ? जाइये कपड़े बदलिए मैं बनाती हूँ ।
विन्नू के किचन में जाते ही वो तुरंत बेडरूम में घुस कर उसकी एक-एक चीज चेक करने लगा । उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी वाइफ पर शक कर रहा है की गुस्सा कर रहा है या डर रहा है उसे खोने से । इसी छानबीन में उसे कुछ ऐसी चीजें मिली जो उसने कभी सोचा ही नहीं था । जॉइंट अकाउंट के अलावा भी विन्नू का अलग अकाउंट था , कुछ एडल्ट पोस्टर थें, Dark romance की किताबें थीं , कुछ लेटर थें । यही कुछ चीजें थीं जो विन्नू के आने से पहले वो देख सका था।
अगले दिन ऑफिस में वो सुधाकर से पहले ही पहुंच चुका था । बड़ी बेचैनी से घूमते हुए वो सुधाकर का वेट कर रहा था। उसके आते ही अमर ने उससे ‘Your night well-wisher ‘ – Based on dark romance की चारों किताबें ले ली और सुधाकर को ये पता लगाने का काम दिया की ऑफिस में उसके अलावा और कितने लोग Dark romance पर आधारित किताबें पढ़ते है। एक दो को तो खुद उसने पकड़ा था फिर भी एक पर्टिकुलर आंकड़े के लिए वो एक छोटा सा सर्वे चाहता था। इसके बदले उसने सुधाकर को Dark romance पर लिखने वाले एक फेमस राइटर से मिलाने का वादा किया ।
किताबों को लिए वो सीधा होने केबिन में घुस गया और अच्छे से डोर लॉक करके पढ़ने बैठ गया।
जानते हो रॉनी सिर्फ शारीरिक सुख ही सबकुछ नहीं होता है , अगर आपका पार्टनर लॉयल न हो , आपकी इमोशनल सिचुएशन को न समझे , केयर न करे तो क्या ही फर्क पड़ता है कि बिस्तर पर कितना बड़ा जॉन सीना हैं । अब तुम सोच रहे होगे कि मेरे पास भी तो शरीर के लिए ही आयी होगी। लेकिन जानते हो इस दौरान तुमने तीन बार मुझसे मेरी सिचुएशन पूछी, मुझे कम्फर्ट कराया , तुमने ….. तुमने माथे से शुरु किया …. वो जानते हो कहाँ से शुरु करता……. छोड़ो उस साले की बात ही नहीं करनी जानवर कहीं का …. जानते हो एक बार …. एक …… बार तो मैं तीन दिन तक बिस्तर से उठ ही नहीं पायी …. बहुत दर्द था मुझे बहुत…. वो अपने दोस्तों को सब बताता रहा दिखाता रहा लेकिन ….. लेकिन एक बार भी…. आखिरकार मेरी नौकरानी ने ही थोड़ी हिम्मत करके मुझे डॉक्टर को दिखाया…….. हाँ करने का सवाल नहीं क्योंकि पूछता नहीं था मना करने की हिम्मत नहीं थी क्योंकि मारता बहुत था । कहते कहते जब औरत खुद को ही सिगरेट से जलाने लगी तो तुरंत रॉनी ने उसका हाथ पकड़ लिया, वो सिर्फ चादर लपेट के सोफे पर बैठी थी, पास में ही एक सिगरेट की डिब्बी और 2 बोतल शराब रखी थी और एक बोतल औरत के हाथ में थी ।
मैम आपको आराम करना चाहिए , उसने औरत के साथ से सिगरेट और शराब छीनते हुए कहा।
जानवरों को दुलार करते हो ?
जी हाँ मेरे पास दो कुत्ते है ।
क्या उसी तरह मुझे भी पेट कर सकते हो ? उसने रॉनी का हाथ अपने सर पर रख लिया । रॉनी उसके बगल में बैठ गया और उसके सर को अपने सीने से लगाते हुए उसे थपकी देकर सुलाने की कोशिश करने लगा।
अमर उन किताबों को जितना पढ़ता जा रहा था उतना ज्यादा उनमें खोता जा रहा था । कभी-कभी शर्माने लगता तो कभी आँखों में आँसू भर आते ।
शाम तक उसने ‘Your night well-wisher’ Dark romance series की दो किताबें ख़त्म कर दी थी और उसके साथ-साथ उसके सर से बहुत सारा पैसा कमाने का भूत भी उतर चुका था क्योंकि वो समझ गया था कि उसकी वाइफ को पैसों की नहीं उसके प्यार और केयर की ज्यादा जरूरत है । वो बैठे बैठे अपने वो घाटे भी गिन रहा था जो उसने संस्कारी बनने के चक्कर में उठा लिए , थोड़ा तो अपनी वाइफ के साथ उसे ….. खैर पछताए भी क्या फायदा जब चिड़िया चुग गयी खेत ।
अरे जी …. कमाल हो गया , आज चांद जल्दी निकल आया क्या आपके ऑफिस में अभी तो 6 ही बजे है , रोज तो आपका आना रात के 9-10 बजे होता था । विन्नू ने अमर के हाथ से बैग लेकर उसे कपड़े बदलने का इशारा किया ।
तुम कहाँ जा रही हो ?
किचन में. …..? कुछ बनाऊं आपके लिए की नहीं । कल रात की तरह तो करने का इरादा नहीं हैं न ? इतनी देर किचन में मैं जली और जब पकोड़े लेकर पहुंची तो जनाब खर्राटे भर रहें थें ।
झूठ …. मैं खर्राटें लेता ही नहीं । अमर अपने जूते साइड में रख कर चप्पल पहनने लगा।
हाँ बस कुछ दिन रुक जाइए फिर आपका गोलूराम बताएगा न कि आप खर्राटे लेते है की नहीं ।
वो बता ही नहीं पायेगा क्योंकि उसे मैं हमारे कमरे में रखूँगा ही नहीं ।
तो कहाँ रखने का इरादा है आपका जरा सुनुँ तो….!
किसी ऐसे कमरे में जहाँ तक उसे रात में अपनी मम्मी के चिल्लाने की आवाज न सुनाई दे …… । अमर ने दीवार में अपना चेहरा छिपाते हुए बच्चों की सी आवाज में कहा।
अच्छा…..? कहाँ से देखे जा रहें हैं ये मुंगेरी लाल के सपने । विन्नू ने थोड़ी बनावटी गुस्से में कहा लेकिन उसे अंदर से हँसी आ गयी थी ।
चलिए दीवार में चिपक के छिपकली बनने की कोशिश ना करिए, कपड़े बदल के आइये मैं खाने को कुछ लाती हूँ । विन्नू जाने को हुई तो अमर ने उसका हाथ पकड़ के रोक लिया ।
खाने के लिए मैं बाहर से मंगा लूँगा, तुम बेडरूम में चलो।
अभी….! इस हालत में. …? पागल तो नहीं हो गएँ हो आप? अबकी जरूर उसकी आवाज़ में थोड़ा गुस्सा था ।
अरे नहीं नहीं पागल , मैं सिर्फ बात करने थोड़ा आराम करने के लिए कहा था तुम तो बस गन्दा ही सोच लेती हो । अमर ने तुरंत अपनी सफाई पेश की ।
अच्छा आज इतने फ्री हो गये हो आप कि मुझसे बात करने के लिए जल्दी से आ गए , हैरानी वाली बात है पर याकि कर लेती हूँ । बोलिये क्या बात करनी है ।
ऐसे नहीं….! अमर ने विन्नू के हाथ से बैग लेकर टेबल पर रख दिया और उसे अपनी गोद में उठाकर सीढ़ियों की तरफ चल दिया। विन्नू हैरानी से उसके चेहरे की तरफ देखने लगी तो उसने मुस्कुराते हुए पूछा … क्या ?…. तो विन्नू ने जवाब दिया…. कुछ नहीं।….
विन्नू की कमर के नीचे तकिया लगा के उसे बेड पर बैठाने के बाद अमर अपने कपड़े बदलने लगा ।
सच बताइये आप कुछ छुपा रहें हैं क्या? उसने परेशान होते हुए पूछा ।
और यही अगर मैं तुमसे पूछूँ तो…. ! अमर बेड पर फैल गया ।
मैं तो कुछ नहीं छिपा रही….. विन्नू थोड़ा घबरायी।
सही में. ..! वो रोल करते हुए विन्नू के पास पहुंच गया और उसके पैरों पर अपना सर रख दिया।
आप से क्या छुपाऊँगी भला …..?
लो आज तक अपना लिखा ही ज्यादा कुछ नहीं पढ़ाया दो चार कविताओं के बस ।
तो वही तो लिखती हूँ और आपको दिखाती भी हूँ लेकिन आप देखते ही नहीं ।
I am sorry yaar, पैसे के पीछे मैं गधा बनके भागा जा रहा था ये भी नहीं सोचा कि तुम तो पीछे नहीं छूटी जा रही हो। लेकिन ये भी तो दिमाग़ नहीं लड़ाया कि इन चार सालों में किताबों से तुमको भी तो कुछ रूपया मिला होगा, दोनों के पैसे मिला कर भी तो घर लिया जा सकता है , बड़ी गाड़ी ली जा सकती है घुमा जा सकता है , है ना ?
विन्नू को समझ नहीं आया कि वो क्या जवाब दे , अमर उसके चेहरे की तरफ देख कर अपने हाथों से उसके पैर दबाने लगा।
हाँ है तो थोड़ा बहुत पैसा मेरे पास भी वो जो स्त्री विमर्श पर किताब नहीं लिखी थी उसी का पैसा ज्यादा मिला था ।
जानती हो संतोष की वाइफ क्यों भाग गयी थी ?
क्यों ?
पोर्न एडिक्ट था वो । वो ये सब चीजें देखने से मना करती थी जब उसने नहीं सुनी तो वो भाग गयी। अब ऑफिस में कुछ तो कहते है उलटी सीधी किताबें भी पढ़ता था जो इंग्लिश में आती हैं माफिया , गैंगस्टार बॉस, वाली अरे वही सब …..Dark romance वाली मुझे तो नहीं लगता कि ये किताबों की वजह से होना चाहिए था , किताबें चाहे जैसी भी किसी का घर तोड़ने का काम थोड़ी करती हैं फिर मुझे तो इनमें कोई बुराई नजर नहीं आती है ।
क्या …. लेकिन आप तो कह रहें थें कि. ..
अरे छोड़ो जब कह रहा था तब कह रहा था रिलेशनशिप, रोमांस , सेक्स इन सब पर लिखना कोई अपराध थोड़े है।
अच्छा…! हैरानगी से वो बोली।
अमर के फोन पर बेल बजने पर वो उठकर बाहर चला गया और थोड़ी देर में एक बड़ी सी प्लेट में खाना लेकर आता हुआ दिखाई दिया ।
डिलीवरी वाला था , तुम्हारी पसंद का मंगाया है सब । मलाई कोफ्ता , आलू टिक्का , फिश फ्राई ….. लो । अमर ने प्लेट विन्नू के चेहरे के आगे घुमाई और फिर पास ही बैठ कर उसे अपने हाथ से खिलाने लगा। अभी थोड़ा सा ही खिलाया था कि उसके हाथ पे दो बून्द आँसू गिर गये। उसकी चम्मच वही के वही रुक गयी। उसने तुरंत प्लेट स्टूल पर रख के साइड में सरका दी ।
कुछ गलत कर दिया क्या मैने ? उसने उसके दोनों गालों को हाथों में भरते हुए पूछा।
नहीं…. काफी दिन बाद ऐसे….. तो इमोशनल हो गयी। मुझे मालूम है आप मेरी इस सिचुएशन का फायदा उठा रहें हैं । उसने अपनी भावनाओं को दबाकर बात को हलका रखने की कोशिश की क्योंकि पिछली बातों पर वो अमर को कुछ कहना ही नहीं चाहती थी ।
क्या फायदा उठा लिया बताओ । अमर ने उसे पानी पिलाते हुए पूछा।
जानते है न कि इस वक्त मैं आपसे कोई डिमांड नहीं कर सकती तभी तो ।
तुम करके तो देखो मैं पूरी न कर दूँ तो कहना ।
तो आप चाहते है कि मैं भूल जाऊँ की मैं पाँच महीने की प्रेग्नेंट हूँ जोकि आपने अपने आराम के लिए ही किया था ।
ऐसा नहीं है गलती से गलती हो गयी थी तो उसको छोड़ दो न , इस सिचुएशन का कुछ बताओ , सेक्स कर सकते है कि नहीं? तुम्हें तो मालूम होगा…. नहीं मेरा मतलब कि औरतों के बारे में तुम्हें तो पता ही होगा। उसने विन्नू के ऊपर थोड़ा झुकते हुए पूछा।
मैं कैसे बताऊँ आपको किसी सेक्सोलॉजिस्ट से ये सवाल पूछना चाहिए था । मुझे मालूम है आपको बड़ा पछतावा हो रहा है लेकिन आप इसी चीज के हक़दार भी थें। अब बैठ कर ताकते रहिये पूरे पाँच महीने और ।
बाप से बाप इतने दिन तुम्हें हाथ नहीं लगा सकता ….! अच्छा सेमी सेक्स तो…..
नथिंग । मुझे कोई भी कुछ भी संभावना नहीं दिखती वैसे भी मुझे मॉडरहुड एन्जॉय करने में मजा आ रहा है।
अच्छा यही पता दो मैंने कहीं पढ़ा था कि कभी-कभी किस करने से भी फीमेल्स को ऑर्गेज्म फील होता है , सही है क्या ये फैक्ट।
हाँ थोड़ा-थोड़ा, ये आदमियों पर डिपेंड करता है कि कितना पैशनेटली अपना 100% देते हुए सबकुछ भूल कर वो किस कर सकते हैं। विन्नू की बात सुनते हुए अमर हँसने लगा तो वो चिढ गयी ।
इसमें हँसने वाली क्या बात है ।
तुम्हें क्या लगता है आदमी अपना 100% दे दे , तो तुम लोग बर्दाश कर पाओगी ?
आपको ये मजाक बनाने वाली बात लगती है ? इसमें भी आदमी-औरत करना है आपको। अपनी मर्दानगी पर इतना घमंड…? विन्नू सच में चिढ गयी थी।
नहीं मर्दानगी पर नहीं वो औरत के मन को कभी हरा ही नहीं सकती । मुझे तो अपनी मोहब्बत पर वो भी सच्ची वाली पहली वाली , आखिरी वाली, तुमसे वाली पर भरोसा है । इससे पहले कि विन्नू कुछ और बोलती अमर ने झट से उसके होठों को चूम लिया और आहिस्ते से उसकी कमर से तकिया हटाकर उसे बिस्तर पर पूरा गिर जाने दिया। सच में उसकी वाइफ उसकी पहली मोहब्बत थी और अपनी 100% मोहब्बत उसे ही देना चाहता था वो ।
5 मिनट तक पैशीनेटली विन्नू को किस करने के बाद उसने उसे सांस लेने के लिए थोड़ा वक्त भी दिया।
उसने जब आँखें खोली तो अमर उसकी आँखों में ही देख रहा था।
अच्छा एक बार अपना नाम तो पूरा बताओ । उसे एक नई शरारत सूझी।
क्यों? उसने एक गहरी सांस लेते हुए पूछा।
बोलो तो ….
विनीता राघवानी…..
उन्हूँ ….पूरा नाम । रुमानी अंदाज में अमर ने उसे छेड़ते हुए कहा। अमर कि बड़ी-बड़ी शरारत से भरी आँखें विन्नू की छोटी-छोटी अधखुली शर्म से भारी आँखो में झाँक रही थीं ।
मिसेज विनीता अमर राघवानी ….
मिसेज ??
जी !
तो इस हिसाब से मिस ठीक रहेगा या मिसेज वेरोनिक ज्यादा सूट करेगा …?
जी……!!! इससे पहले विन्नू की आँखे हैरानी से फैल कर बड़ी हो जातीं, अमर ने तुरंत उन्हें बंद होने के लिए मजबूर कर दिया और उसके नाजुक से होठों को दोबारा से वाइल्डली किस करने लगा। पिछली बार सांस लेने के लिए छोड़ा था अबकी बार वैसा भी नहीं लगता है।
अगर आपके पास भी कोई ऐसी लव स्टोरी हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है…
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