Hot water! Saturday-Sunday: Long distance Relationship based Dark romance -2

Hot water! Saturday-Sunday: Long distance Relationship based Dark romance -2

हेलो दोस्तो कैसे है आप, मैं आशा करता हूं आप सब अच्छे होंगे। आपका हमारी अपनी वेबसाइट atozlove पर स्वागत है। दोस्तो आपने हमारी पिछली स्टोरी डायरी-a cute love story को बहुत ही प्यार दिया उसके लिए आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद। दोस्तो आज मैं एक अलग तरह की Romantic love story, Hot water! Saturday-Sunday: Long distance Relationship based Dark romance -2जो एक तरह की Romanceful जुनूनी लव स्टोरी है जिसे पढ़ कर आपको मजा आने वाला हैं…….

अभी तब पार्ट 1 में आपने पढ़ा को आज महीने के आखिरी सैटरडे कृतिका और मिहिर एक महीने बाद एक दूसरे से मिलने वाले थे, आज का दिन उन दोनों की जिंदगी का बहुत ही खूबसूरत दिन था दोनों साथ में बहुत ही romantic पल इंजॉय करते है अब आगे वैसे अगर आपने पहला पार्ट नहीं पढ़ा तो पहले उसे जरूर पढ़ ले

सुबह के 4 बजने वाले थे कृतिका बार-बार मिहिर से छोड़ देने की रिक्वेस्ट कर रही थी पर मिहिर बार-बार ” बस थोड़ी देर और प्लीज” कहके उसकी बात को अनसुना कर दे रहा था । ऐसा नहीं है कि मिहिर खुद को रोकने की कोशिश नहीं करता लेकिन पता नहीं महीने भर का इंतजार है या कृतिका को हर बार , हर बार से ज्यादा पा लेने की भूख मिहिर को जो आसानी से चैन नहीं लेने देती जब तक उसे ये नहीं महसूस होने लगता की उसकी कृतिका सिर्फ बिस्तर पर ही नहीं उसके रूह में भी समा गयी है , उसकी सिसकियाँ सिर्फ कमरे में ही नहीं उसके दिमाग़ में भर चुकी हैं, उसके बदन का दर्द मिहिर के शरीर में भी बराबर घुस गया है और उसके बदन से बहता पसीना मिहिर की नसों में महीने भर दौड़ने के लिए तैयार है अगले ऐसे महीने के लिए ।

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Good afternoon my queen! मिहिर ने कृतिका को बांहों में उठाते हुए कहा ।
Goo. … no. ..n. .. कृतिका ने थोड़ी आँखें खोली और मिचमिचा के वापस बंद कर ली ।
क्या हुआ ? निंदी आ री है? प्यार से उसके बालों को सही करते हुए मिहिर ने उसकी आँखों को चूमते हुए पूछा।
हू…। उसके पेट में अपना मुँह छुपाते हुए वो बोली।
नहीं , अब नहीं सोना है पहले नहाना फिर खाना और तब फिर सोना । उसने चादर हटा कर उसे गोद में उठा लिया पूरी तरह । सोने दो न ।

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No! वो बाथरूम की तरफ चल दिया ।
रात में भी नहीं सोने देते दिन में भी नहीं । वो गुस्सा करती हुई बोली ।
अच्छा महीने भर सोती रहती हो मेरे लिए एक रात नहीं जगा जा सकता है ?
अभी थोड़ी देर में नहा लूँगी प्लीज । खुद को बाथरूम में देखते ही कृतिका ने पूरी आँखे खोल दी ।
बच्चा खुद नहाएगा या मुझे नहलाना पड़ेगा ?
कृतिका ने एक बार मिहिर की आंखो में देखा फिर अपने बाथटब की तरफ जो उसके लिए तैयार किया जा चुका था ।
खुद नहा लूँगी । उसकी बांहों से उतर कर कृतिका बाथटब में बैठ गयी ।
जल्दी आना, खाना लगा रहा हूँ मैं तब तक । मिहिर बाथरूम के बाहर निकल गया ।
मिहिर के जाने के बाद कृतिका पानी से खेलने लगी । गुनगुना पानी और उसमें गुलाबजल और नींबू का रस । बाथ टब के साइड में बड़ी सी मोमबत्ती जल रही थी । इत्र की खुशबू से बाथरूम बहुत ही सुकूनदेह लग रहा था ।

आज तो वो पक्का पूछ के रहेगी कि मिहिर हमेशा उसे Hot water क्यों प्रोवाइड कराता है , पीने के लिए तो नहाने के लिए तो और तो और सोते वक्त भी Hot water bottle से सिकाई …! इतने ज्यादा Hot water का use तो वो period के समय भी नहीं करती है ।
मेरी skin dry हो जाती है इनके इस Hot water से फिर भी इसी से नहाओ । उसने पानी में अपने पैर पटकते हुए कहा । भले ही उसे गुस्सा आ रही हो इस गर्म पानी वाले नुस्खे से फिर भी उसे अच्छा भी बहुत लग रहा था गुनगुने पानी में नहाते वक्त ।
नहाने के बाद वो तौलिया लपेट कर बेडरूम में कपड़े पहनने आयी तो उसकी नजर बेड पर रखी रेड मिडी पर गयी जाहिर है मिहिर ने ही रखी थी। कृतिका ने मुस्कुराते हुए उसे उठा लिया उसके ऊपर एक नोट भी रखा था – ” Sorry ”
उसने वो नोट ड्रॉवर में रख दिया और तैयार होने चली गयी ।
मिहिर खाने की टेबल पर उसका इंतजार कर रहा था ।
Oh my God! किलर लग रही हो इस ड्रेस में तुम । मिहिर के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान फैल गयी थी कृतिका के आते ही। उसने उठकर कृतिका के लिए कुर्सी खींची और उसे टेबल पर बिठाया।
हूँ बहुत प्यारी है थैंक्यू ! वैसे मैंने भी तुम्हारे लिए एक ब्लू शर्ट खरीदी थी ।
तो दी क्यों नहीं ।
दे क्या नींद में ही देती अभी तो सो कर उठी हूँ । सोचा था रात को जब तुम शॉवर लेकर निकलोगे तब दूंगी लेकिन…..
लेकिन उसके बाद मैंने कपड़े ही नहीं पहने है न ! उसने खाने पर से प्लेट्स हटाते हुए कहा ।
तुम बहुत बेशर्म होते जा रहे हो दिन पर दिन । कृतिका के गाल गुलाबी हो गये शर्म से की मिहिर के ‘Hot water ‘ में नहाने वाले नुस्खे से ये पता नहीं ।
शादी के ढाई साल हो चुके है मैडम अगर अब भी मैं शर्म करता रहा तो बाप बनने की उम्र मेरी शर्म करने में ही निकल जाएगी।
मिहिर तुम मार खाओगे अभी ।
चलो मार ही सही कुछ तो आप अपने मन से खिला रही है आप वरना तो अपने हक़ की चीज भी खाने के लिए हाथ फैलाने पड़ते है । उसने अपने पैर से कृतिका के पैर को सहलाते हुए शरारत की।
तो तुम मुझे खाना भी नहीं खाने दोगे ? उसने अपनी चम्मच दाल की कटोरी में ही रोक दी ।

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Sorry यार ! लगता है कल रात के लिए अभी भी नाराज हो । अपनी चम्मच उसके होठो तक ले जाकर मिहिर ने एक हाथ से अपना कान पकड़ लिया था ।
नाराज हूँ लेकिन उस बात पर नहीं । कृतिका ने उसकी चम्मच का खाना खाते हुए कहा ।
तो किस बात पर नाराज हो ?
मैंने तुम्हें बताया है न कि मै normal water से नहाती हूँ फिर दो दिन तुम मुझे Hot water से क्यों नहलाते हो ?
Hot water नहीं गुनगुना पानी बोलो ।
मुझे तो Hot ही लगता है ।
वो तो तुम्हारी Hotness देख के जब मैं Hot हो जाता हूँ तो पानी भला किस खेत की मूली है ।
अब तुम मजाक कर रहे हो न ? उसने मुँह बनाते हुए कहा ।
तुम सवाल ही ऐसा कर रही हो ।
नहीं न, इतने महीनों से पूछने का सोचती हूँ भूल जाती हूँ या तुम कभी बात बदल देते हो बताते नहीं आज बताओ ये Hot water का चक्कर क्या है ?
ये कोई चक्कर की बात नहीं है मेरी जान After Sex मुझे तुम्हारी टेंशन होने लगती है इसीलिए ।
मतलब ?
अच्छा ये बताओ जब Hot Water तुम use करती हो तुम्हें relax feel होता है या नहीं ।
उम्म … हाँ होता तो है ।
हाँ बस इसीलिए गर्म या गुनगुना पानी हमारे दर्द को खींचने के काम आता है , हमें अच्छा महसूस कराता है । अब तो कई मैटरनिटी क्लिनिक्स पर under water delivery process होता है जिसमें गुनगुने पानी में औरतें अपने बच्चों को जन्म देती है क्योंकि गुनगुना पानी डिलीवरी के दर्द को 70% तक कम कर सकता है । इसीलिए ये Hot water therapy मैं तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए अप्लाई करता हूँ ।
मुझे मालूम है कि न चाहते हुए भी मैं बहुत ज्यादा Hard हो जाता हूँ काफी रफ टफ बिहेव करने लगता हूँ । ये सब मुझे बाद में अहसास होता है तो बहुत गिल्ट महसूस करता हूँ सोचता हूँ कुछ ऐसा करूँ कि तुम्हें ज्यादा दर्द न रह जाये जिससे मेरे जाने के बाद तुम्हें किसी भी तरफ की कोई दिक्कत हो । और कुछ तो कर नहीं पाता मसाज थेरेपी से और इस Hot water से तुम्हें थोड़ा सा अच्छा महसूस करा सकता हूँ क्योंकि कृति मैं तुम्हें दर्द में नहीं देख सकता चाहे वो दर्द कितने ही हसीन लम्हों के दौरान न मिला हो तुम्हें । उसने कृतिका के दोनों हाथों को अपने हाथ में लेते हुए कहा ।

जानते हो अगर दर्द देने वाला इतना हसीन मासूम और देखभाल करने वाला हो तो हम औरतें डिलीवरी के दर्द को भी हंसते-हॅंसते इस लालच में झेल जाएँ कि इसके बाद हमारी केयर भी दोगुनी होगी । ये दर्द तो कुछ भी नहीं उसके आगे । उसने मिहिर के दोनों हाथों को चूमते हुए कहा ।
खाना खाने के बाद दोनों मूवी देखने लगे। टीवी पर शाहरुख़ की मूवी चल रही थी टेबल पर पॉपकॉर्न थे और मिहिर की गोद में कृतिका के दोनों पैर रखे थे जिनकी वो मालिश कर रहा था । सच में अगर ऐसा मर्द हो तो दर्द से किसे डर लगता है !!
शाम को मूड फ्रेश करने के लिए दोनों बाहर निकल गएँ । कुछ बातें की , थोड़ा घूमे फिरे और एक दूसरे के लिए कुछ शॉपिंग की उसके बाद वापस अपने घर की तरफ मुड़ लिए दोनों। पक्षियों की तरह जो अपने घोसलों की तरफ शाम होते ही चल पड़ते है ।
कृतिका ने वापस आकर मिहिर के लिए बढ़िया सी कॉफी बनाई और दोनों कपड़े चेंज करके उसी टेबल पर बैठ गएँ जिसपर कल बैठे थे । लेकिन कल की तरह का कोई एक्साइटमेंट नहीं नजर आ रहा था दोनो के चेहरे हलकी उदासी लपेटे बैठें थें ।
काफी Hot है ।मिहिर ने माहौल को खुशनुमा करने के लिए थोड़ी मस्ती शुरु कर दी ।
क्या कॉफ़ी ज्यादा गर्म है ?
उन्हू मैं तो कॉफी से कह रहा था कि तुम कितनी Hot हो ।
तुमने फिर शुरु कर दिया न ।
मैं ख़त्म ही कब करता हूँ ।
हम कभी पूरी बातें कर ही नहीं पाते तो ख़त्म ही कहाँ से हो जाएंगी। खाने में क्या बनाऊं जो तुम्हारा मन हो वही बताना । कृतिका टेबल से उठ गयी तो मिहिर समझ गया की उसका दिल भारी हो चुका है ।
कृतिका डिनर नहीं कर रही थी इसीलिए मिहिर ने उसे पुचकर कर अपने हाथों से थोड़ा बहुत खिलाया जितना खिला सकता था और कृतिका ने भी लगभग इसी तरह मिहिर को खाना खिलाया । दोनों एक-दूसरे से यही कहते रहें कि ज्यादा भूख नहीं है । ये करते-करते दोनों साथ में ही हँस पड़े हालांकि वो हँसी काफी भारी थी ।
डिनर के बाद कृतिका किचन साफ करने लगी तो मिहिर बिस्तर लगाने चला गया ।
Will you be my dance partner? ? कृतिका के कमरे में घुसते ही मिहिर रोमांटिक अंदाज़ में घुटने के बल बैठ कर कृतिका से डांस के लिए बोलने लगा । उसने कृतिका की पसंद की प्ले लिस्ट बनाकर टीवी पर कनेक्ट कर दिया था ।
ओके पर इसमें मेरा क्या फायदा होगा ?
आपकी सेहत बनेगी , एक मासूम से प्यारे से बच्चे की दुआ लगेगी , चेहरा आपका और ज्यादा ग्लो करने लगेगा और मुझपर ये जिंदगी भर के लिए एक एहसान हो जायेगा ।
बस बस इतने फायदे ही काफी है मेरे लिए । उसके हाथों में अपना हाथ देती हुई वो बोली ।
कमरे की खिड़की खुली हुई थी जिससे चांद की चांदनी कमरे में आ रही थी बाहर की ठंडी मीठी हवा भी पूरे माहौल को और खुशनुमा बना रही थी उसपर से कृतिका-मिहिर का बाहों में बाहें और आँखों में आँखें डाले स्लो रोमांटिक डांस ……! ऐसा लग रहा था कि जिंदगी उनके पास ही कहीं ठहर के बैठ गयी हो ।
कल सुबह चले जाओगे ? मिहिर के सीने पर सर रखे कृतिका ने पता नहीं किस उम्मीद से पूछा ।
काम तो करना ही पड़ेगा । उसके सर पर हाथ फेरते हुए मिहिर ने जवाब दिया ।
कल रहने दो जाने को , परसो चले जाना ।
परसों भी जाने लगूँगा तो फिर तुम इसी तरह रोकोगी मुझे इसीलिए बेहतर रहेगा कल ही चला जाऊँ वैसे भी मंडे को बैंक्स में ज्यादा काम बढ़ जाता है ।
तो जाओगे ?
कोई और रास्ता है इसके सिवा ?
हाँ है हम दोनों नौकरियां छोड़ कर गाँव चलते है ।
इससे क्या होगा ?
इससे हम दोनों साथ भी रहेंगे और भैय्या के साथ मिलकर तुम खेती बाड़ी करना अपना खर्च भी निकल आएगा और फैमिली भी साथ ही हो जाएगी ।
अच्छा मिस अमेरिका रिटर्न , तुम रह पाओगी गाँव में ।
मैं कही भी रह लूँगी तुम्हारे साथ ।
मम्मी और दादी का गुस्सा तो तुमने देखा ही नहीं हैं शादी के बाद हमारे घर वालों ने हमें यहाँ न शिफ्ट किया होता तो अब तक तुम खुद ही अलग होने की जिद करने लगती ।
नहीं करूंगी कोई जिद उनकी सारी बातें मानूँगी जो कहेंगी सब कर दूंगी बस मुझे तुम्हारे साथ रहना है चाहे मुझे अपने साथ ले चलो , चाहे तुम ही यहीं आ जाओ या फिर दोनों लोग गाँव चले।
देखो ये घर हमारा है इसे तो हम छोड़ेंगे नहीं , तुम्हारी खुद की यहाँ जॉब हैं तो तुम्हें साथ ले नहीं जाऊँगा रही गाँव की बात तो वहाँ दिक्कत होगी …..
नहीं होगी मुझे कोई दिक्कत…..
तुम्हें नहीं मुझे
तुम्हें? अपने घर में किसे दिक्कत हो सकती है भला ।
देखो बचपन से यहीं शहर में रहा हूँ तो यहीं की आदत लग चुकी है मुझे और घर वाले चाहते भी नहीं कि उनकी तरह मैं भी गाँव में कैद हो कर रह जाऊँ क्योंकि गाँव की मिट्टी ऐसी होती है कि सारे नशे फेल हो जाते है उसके सामने और फिर….. मिहिर ने कृतिका को खुद पर से हटाते हुए कहा – वहाँ प्राइवेसी भी नहीं होती। ” और आहिस्ते से उसके होठों को चूम लिया बात करते करते।
मैने कहा तो मुझे तुम्हारे अलावा कुछ नहीं चाहिए प्राइवेसी भी नहीं । उसके गालों को अपने दोनों हाथों में भरते हुए कृतिका ने मिहिर का माथा चूम लिया।
लेकिन मुझे तो चाहिए वहाँ पास पास ही सबके कमरे है एक कमरे में दादी और बिट्टी बरामदे में दादा बीच में हमारा छोटा सा कमरा उसके अगल बगल मम्मी- पापा और भैय्या भाभी का कमरा, एक कमरा जो सबसे थोड़ा अलग है उसमें अनाज। टोटल देखा जाएँ तो अपनी रोमांटिक रिलेशनशिप की तो वाट लग जाएगी। फिर गाँव में सब 6 बजे तक उठ भी जाते है , तुम कैसे जागोगी …
मैं जग जाऊँगी!
कैसे…? तीन-चार बजे तक तो तुमको मैं जगा के रखूँगा फिर 6 बजे कैसे ? उसकी आँखों में देखते हुए मिहिर बोला ।
गाँव में भी….?
गाँव- शहर , खेत- बाजार , ऑफिस घर , कमरा- आंगन , दिन- रात मैं तुम्हें अपनी बाहों में भरने का एक भी मौका नहीं छोड़ने वाला समझी। उसे बाहों में कसके उसके सीने पर सर रखते हुए मिहिर बोला।
कृतिका नींद में ही थी लेकिन फिर भी उसे कमरे में हो रही सारी हालचल सुनाई दे रही थी शायद मिहिर पैकिंग कर रहा था। लेकिन कृतिका ने आँखें नहीं खोली क्योंकि उसे लगा कि उसने आँखें खोली तो मिहिर तुरंत चला जायेगा ऐसे शायद उसके जागने का इंतजार करें। थोड़ी देर बाद उसे अहसास हुआ की किसी ने उसे गोद में उठाकर सीने से लगा लिया है । उसकी धड़कन तेज हो गयी लेकिन आँखें उसने तब भी नहीं खोली।
तुम्हें क्यों लगता है कि तुम ये बच्चों वाली हरकतें करोगी और पकड़ी नहीं जाओगी ! चलो अब मेरी गोद से उतरो तुम्हें भी ऑफिस जाने में लेट हो रहा होगा । कार के पास खड़े होकर मिहिर ने कृतिका के बदन को हिलाया। कृतिका ने कोई हरकत नहीं की बल्कि उसकी गर्दन को थोड़ा और तेजी से दोनों हाथों में पकड़ लिया।
तुम्हारे लिए नाश्ता तैयार कर दिया है , तुम्हारे लिए तुम्हारे जितना Hot water भी बाथरूम में रखा है । अब उतर जाओ मेरी गोद से बेटा जी ।
रहने दो जाने को ।
8 बज रहा है मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो जाएगी चलो उतरो।
नहीं उतरूँगी। वो और कसके लिपट गयी।
अच्छा रुको , उसने कृतिका को पास रखी बेंच पर बिठा दिया और अपनी गर्दन से उसकी बाहें छुड़ाने की कोशिश करने लगा।
नहीं न …! वो रुआंसी हो गयी तो मिहिर अपने पैरो के बल उसके सामने बैठ गया।
जान मेरा बच्चा , गर जाऊँगा नहीं फिर वापस कैसे आऊँगा? मुझे तुम्हें ऐसे छोड़ के जाते अच्छा थोड़े लगता है तुमसे ज्यादा मेरा दिल भारी रहता है । तुम यहाँ एकदम अकेली हो ये बात मुझे बहुत कचोटती है वहाँ ,कई-कई बार तो रोने भी लगता हूँ । जब। तक तुमसे फोन पे बात नहीं हो जाती रात को तब तक मेरे गले से नीचे खाना नहीं उतरता। कभी-कभी जी करता है कि सबकुछ छोड़ के तुम्हारे पास चला आऊं या तुम्हें अपने पास बुला लू । लेकिन मैं जानता हूँ अपनी परिस्थितियों को खुद पर हावी होने देना हमारी सबसे बड़ी हार होगी। हमें चाहिए की हम इस मुश्किल वक्त में एक-दूसरे की ताकत बने फिर ये दूरियां हमेशा तो रहेंगी नहीं लेकिन हमारा प्यार तो जिंदगी भर का है न ।
हूँ. .! सुबकते हुए वो बोली।
तो तुम बताओ जाऊं या नहीं ।
जाओ और अपना ध्यान भी रखना अच्छे से पहुंच के फोन करना मुझे।
मिहिर ने कसकर उसे गले लगा लिया।
तुम्हें मैने बताया नहीं शायद लेकिन हमारी एक शाखा अपने यहाँ भी खुलेगी उसी की कोशिश में लगा हूँ ताकि यहाँ ट्रांसफर करा सकू अपना । बस दो-चार महीने की बात और है। मिहिर ने कृतिका का माथा चूम लिया।

कृतिका मिहिर की कार को जाता हुआ तब तक देखती रही जब तक वो सड़कों में गुम न हो गयी और मिहिर भी कृतिका को शीशे से तब तक देखता रहा जब तक वो दूर नहीं निकल आया।

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कृतिका को बाथटब का गुनगुना पानी अपने जितना Hot नहीं बल्कि सुबह मिहिर की बाहों जितना Hot लग रहा था । कृतिका उस पानी में आज तब तक रहना चाहती थी जब तक वो ठंडा होकर उसके शरी में न उतर जाएँ ।

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