Psycho lover : Hindi love story All Parts –
- PSYCHO LOVER LOVE STORY IN HINDI part 1
- PSYCHO LOVER LOVE STORY PART 2
- Psycho lover : Hindi love story part-3
- Psycho lover part 4 hindi love story
- Psycho lover part 5 hindi love story
- Psycho lover part 6 Hindi love story
- Psycho lover part 7 Hindi love story
- Psycho lover : Hindi love story part-8
- Psycho lover : Hindi love story part-9
- Psycho lover : Hindi love story part-10
Psycho lover : Hindi love story part-11
तुमने मुझे इतनी सुबह-सुबह क्यों बुलाया ? तुम्हारी तबियत तो ठीक हैं न? कितनी बेचैन लग रही हो तुम ! लक्ष्य ने उसे संभाल के बिठाया और पानी पिलाया। लेकिन ओजू की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ वैसी ही गुमसुम रही।
ओजू बताओगी कुछ क्या हुआ? किसी ने कुछ कहा ? आदित्य से….! जैसे ही लक्ष्य ने आदित्य का नाम लिया उसकी बेचैनी और बढ़ गयी ।
नहीं. …वो नहीं उधर…उधर पेपर । घबराहट में उसने न्यूपेपर की तरफ ऊँगली से इशारा किया।
शांत , शांत… ओजू , कोई कुछ नहीं करेगा तुम्हें, मैं देखता हूँ। लक्ष्य ने अखबार उठाकर पलटा तो उसे भी हैरानी हुई ।
ये कब ? किसने किया?ये तो कल मॉल वाला ही है न ! नाम भी लिखा है – सुबोध ।
मैंने कहा था न तुमसे कि रोको उसे….तुमने नहीं रोका… तुम यही चाहते थे न कि वो यही करे । ओजू सिसकने लगी । तुम नेगेटिव क्यों हो जाती हो ? हो सकता है किसी और ने इसका खून किया हो !
किसी और ने…! कल उसने ही इस आदमी को जान से मारने की धमकी दी थी और मार भी दिया । वो सच में पागल है साइको है मैंने कहा था न ! ओजू तेजी से बड़बड़ाने लगी । मार दिया…. उसे भी मार दिया….अब वो सबको मार देगा…उसने शेसी को मारा….इसे मारा…अब तुम्हें भी मार. …नहीं मैं उसे तुम्हें कुछ नहीं करने दूंगी , उससे पहले मैं मार दूंगी ….हाँ मैं उसे मार दूंगी ।
होश में आओ ओजू. ..! उसने ओजू के दोनो कंधे पकड़ कर झकझोरें । ओजू एकदम सचेत हो गयी । लक्ष्य ओजू को संभाल ही रहा था कि ओजू का फोन बजने लगा नाम देखा तो आदित्य का था। ओजू ने डर के मारे फोन रिसीव नहीं किया , कॉल 3-4 बार आयी लेकिन न ओजू ने पिक की और न लक्ष्य ने ही । थोड़ी ही देर बाद लक्ष्य का फोन बजने लगा, उसपर भी आदित्य ही कॉल कर रहा था ।
लक्ष्य ने ओजू से अलग जाकर उससे कुछ बात की उसके बाद फोन रख दिया और ओजू के पास आकर बात करने लगा ।
ओजू, मैं थोड़ी देर के लिए जा रहा हूँ अभी आ जाऊंगा । नहीं ..नहीं , मुझे एक मिनट के लिए भी अकेला मत छोड़ो प्लीज! ओजू ने घबरा कर उसका हाथ अपने दोनो हाथों से पकड़ लिया।
ओजू, जाना जरूरी है वरना जाता नहीं। बस यूँ गया और यूँ आया । तुम दरवाजा बंद रखना हो सकता है पुलिस यहाँ आदित्य को ढूंढते हुए आये तो तुम बोल देना कि तुम्हारा उससे खास रिश्ता नहीं हैं बस परिवारिक जान-पहचान है। ज्यादा कुछ डिटेल में नहीं बताना क्योंकि अबकी बार वो जरूर फंस जायेगा क्योंकि पुलिस ने उसे ही मुख्य आरोपी मान लिया है। अब मुझे जाने दो थोड़ी देर में आ गया मैं।
लक्ष्य ने जाते हुए ओजू का माथा चूमा और जल्दी-जल्दी निकल गया। ओजू ने अच्छे से दरवाजा बंद करके उसके पास लकड़ी के मोटे-मोटे डंडे लगा दिये ताकि अगर कोई धक्का देकर खोलने की कोशिश करें तो खुले नहीं । उसके बाद सिमट के आँगन के एक कोने में बैठ गयी।
आदित्य का फोन बार-बार आता रहा लेकिन उसमें इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वो कॉल उठा सकें । एक दिल कह रहा था कि फोन उठाओ, वो तुम्हारा दोस्त है तुमसे प्यार करता है, तुम्हें कुछ नही करेगा। तो दूसरा दिल कहता कि नहीं इस वक्त वो कुछ नही है सिर्फ पागल है , कातिल है और ऐसे लोग किसी को भी अपना दोस्त नहीं मानते ।
जब 12 से ज्यादा बार उसका फोन बज चुका तो उसके अंदर एक उफान उठने लगा, वो मुझे डराना चाहता है उसे लगता है कि मुझे कॉल पर कुछ भी कल लेगा और मैं सुन लूंगी और मान भी जाउंगी ! नहीं , कभी नहीं ! मैं इस तरह उससे डर नहीं सकती , अब डरने को मेरे पास बाकी ही क्या है सिर्फ मेरा शरीर वो भी ख़त्म हो जाएँ तो अच्छा ही है , देवू को अब ऊपरवाला पालेगा ।
इतने दिन से एक पागल को मैंने दोस्त समझ रखा था अब उसका दिमाग़ सही करने का टाइम आ गया है । ओजू ने खुद को खूब हिम्मत बन्धाई लेकिन फोन रिसीव करते वक्त उसका हाथ कांपने लगा और उसकी आवाज़ भी । है…लो !
ओजू, तुम्हें एक बार को मेरा फोन तो उठाना चाहिए था बिना मेरी एक भी बात सुने तुमने मुझे कातिल समझ लिया ! उधर से एक घबरायी और थकी हुई आवाज थी ।
समझने की क्य…आ…क्या बात थी, तुम..हो ही का..तिल । ओजू की आवाज लड़खड़ा रही थी लेकिन उसकी हिम्मत नहीं। ओके मैं समझ गया सब ठीक ही है, आगे भी होगा मेरे साथ भी तुम्हारे साथ भी, जो हमारी-तुम्हारी किस्मत में होगा वो आज ही मिल जाएगा । मैं न अब अपनी कहूंगा न तुम अपनी कहना बस मैं जो कुछ कहूँ ध्यान से सुनना और अमल भी करना। अब कहने सुनने को बाकी ही क्या….
शी… ओजू एक शब्द भी बहस में गँवाने का टाइम नहीं है मेरे पास अगर होता तो सबसे पहले आज इस पर बहस करता कि मैं तुमसे कितना और कबसे प्यार करता आया हूँ लेकिन नहीं हैं टाइम मेरे पास । मैं अपनी हेल्प के लिए पुलिस के पास भी नहीं जा सकता आज दो-दो लोगों से छिप रहा हूँ मैं । अब तुम मेरी सुनो । मैं जब इंडिया आया था तब ही कहा था कि लक्ष्य ठीक नहीं हैं उसमें कुछ तो गड़बड़ है ।
तुम फिर लक्ष्य को बीच में ले ही आएं! तुम्हारा उसने बिगाड़ा क्या है ?
तू चुप कर जा बेवकूफ , पागल एक नम्बर की अन्धी। तुझसे अच्छे तो मेंटल असाइलम में बंद मरीज होते है कम से कम कुछ देख और सुन तो सकते है तूने तो वो भी नहीं किया। आदित्य चीख पड़ा वो ओजू को और भला-बुरा सुनाना चाहता था लेकिन उसके पास वाकईं में वक्त ज्यादा नहीं था। आदित्य की उस फटकर से ओजू अंदर तक कांप गयी । आज तक उसने इतनी ऊंची आवाज़ में या अपशब्दों का प्रयोग आदित्य के मुँह से अपने लिए नहीं सुना था ।
मेरी भोली-मासूम सी ओजू… । आदित्य की आवाज में ममता झलकने लगी ,’ मैंने तुम्हें कॉल की लेकिन तुमने मेरा फोन नहीं रिसीव किया मैं डर गया कि कहीं लक्ष्य ने तुम्हें कुछ कर न दिया हो , इसीलिए न चाहते हुए भी मुझे उसे कॉल करना पड़ा ।
जब मैंने उसे कॉल की थी तो वो समझ गया कि मैं उसके बारे में सब समझ गया हूँ इसीलिए अब वो मेरी तलाश में निकला है। मैं ज़्यादा कुछ नहीं बता सकता फोन पर बस इतना बता सकता हूँ कि मैंने आंटी जी का जो सामान लिया था उसमें खोजबीन के बाद मुझे एक लेटर मिला था जो तुम्हारी माँ ने तुम्हारे पापा के मरने के बाद लिखा था। जिसमे लिखा है कि वो जानती हैं कि उनके पति ने आत्महत्या नहीं की उनकी हत्या की गयी है।
लेकिन वो इस बात का पता नहीं लगाना चाहती कि किसने ये किया है क्योंकि इस बात से वो तुम लोगों पर ध्यान नहीं दे पाएंगी ।
पहले से ही तुम उनकी बिमारी से परेशान हो इसीलिये वो और खर्चा नहीं बढ़वाएंगी। उसमें ये भी लिखा है कि अपने पति के कातिल को वो भगवान के इन्साफ पर छोड़ रही है। मैंने ये लेटर तुम्हारे पर वाट्सअप किया है । इस बात की तह तक जाने के लिए मैंने उस डॉक्टर से सम्पर्क किया जिसने तुम्हारे पापा का इलाज किया था । उसने अपनी आँखों के सामने तुम्हारे पिता को मरते देखा था उस वक्त लालच ने उसकी आँखें बंद कर दी थी लेकिन बाद में जब उसे अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने हॉस्पिटल ही छोड़ दिया और अब गरीबों का इलाज मुफ्त में कर रहा है ।
मैंने सारी बातें एक चिप में रिकॉर्ड कर ली है और यहाँ शहर के बाहर एक गैराज में छुपा हूँ । लोकेशन तुम्हें सेंड करता हूँ तुम यहाँ आ जाओ क्योंकि मुझे बहुत कुछ बताना है तुम्हें। मैं आ नहीं सकता वरना पुलिस पकड़ लेगी मुझे।
मतलब तुमने ही उस आदमी को मारा है जिसने कल मुझे छेड़ा था ? ओजू ने आखिरी ही बात पर जोर दिया जैसे पहले की बात कोई कोरी कल्पना हो जो उसे सुनाई जा रही थी ।
मैंने मारा होता तो कॉल करता तुम्हें ?
तो पुलिस से क्यों डर रहे हो ?
जब मेरे अपने मुझ पर भरोसा नहीं कर रहें तो पुलिस क्या खाक मानेगी की ये मैंने नहीं बल्कि लक्ष्य ने किया है उसने ही मारा है उस आदमी को । वो एक Psycho है ।
तुम अब भी नशा करते हो न ? ओजू ने ये सुनने के बाद इतना ही कहा ।
क्या…! पहले तो ये सुनकर आदित्य हैरान रह गया लेकिन फिर सामान्य होते हुए मुस्कुराकर बोला ,’ मुझे जिंदगी में सिर्फ एक चीज की ही लत लगी थी और वो थी तुम्हारे प्यार की। जिसकी वजह से आज मैं इतना बुरा फंसा हूँ कि मेरे घर वाले भी मुझे गलत समझते है। सही कहा है किसी ने कि लत किसी की हो बहुत खराब होती है और मै तुम्हें खराब नहीं होने देना चाहता लेकिन सच यही है की तुम्हें भी लत लग चुकी है लक्ष्य की।
लेकिन आज मैं कसम खाता हूँ ओजू जब तक मैं लक्ष्य का असली चेहरा तुम्हारे सामने नहीं ले आऊंगा न पुलिस के हाथ पडूंगा और न लक्ष्य के हाथ मरूंगा । मैंने तुम्हें लोकेशन भेज दी है आ जाना । आदित्य ने फोन कट कर दिया । ओजू उलझन में फंस गयी । उसे लग रहा था कि आदित्य सही बोल रहा है फिर लग रहा था कि नहीं ये उसकी कोई साजिश है हम दोनो को फंसाने की। लेकिन उसे एक बार उससे मिलने जाना चाहिए लेकिन अगर उसने कुछ कर दिया तो …..?
ओजू इसी सोच में थी कि लक्ष्य का फोन आ गया । अब ओजू इस सोच में कि उसका फोन उठाये या न उठाये….? एक कॉल मिस हो गयी दूसरी फिर बजने लगी , वो डरपोक नहीं है हकीकत का सामना करेगी उसने खुद से कहा और कॉल रिसीव कर ली। ओजू तुम ठीक हो न पुलिस तो नहीं आयी ?
अभी तक तो नहीं ।
ठीक है फिर तुम अपना ध्यान रखना ।
तुम कहाँ हो ?
मैं आदित्य से मिलने जा रहा हूँ बोल रहा था कि कुछ जरूरी बातें करनी हैं उसे। शेसी के कातिल के बारे में वो जानता है कि शेसी को किसने मारा ! गेहूं के किसी गोदाम की लोकेशन भेजी है मुझे , तो वहीं जा रहा हूँ देखता हूँ क्या करता है आखिर । तुम घर से मत निकलना प्लीज। जब तक मैं या पुलिस न हो दरवाजे पर तब तक दरवाजा न खोलना ।
हो सकता है आदित्य मुझे शहर के बाहर भेज कर तुम्हारे साथ कुछ गलत करने की कोशिश करें क्योंकि अभी वो मुझे होश में नहीं लगता । ध्यान रखना अपना मैं जल्द ही लौटने की कोशिश करूंगा । इतना कह कर उसने फोन काट दिया । ओजू भौचक्की खड़ी रही ।
इन दोनों में से कौन कातिल है ? कौन झूठ बोल रहा है आदित्य या लक्ष्य? आदित्य ने मुझे गैराज की लोकेशन क्यों भेजी और लक्ष्य को गोदाम की क्यों? उसने मुझे पापा के बारे में कहा और लक्ष्य से शेसी के बारे में ! कहीं लक्ष्य को पापा का कातिल और मुझे शेसी का कातिल बता उलझाना तो नहीं चाहता ? हम दोनो को एक दूसरे के खिलाफ भड़का कर उसे क्या मिलेगा ? मैं? नहीं हरगिज नहीं ? अब मैं क्या करूँ आदित्य की भेजी लोकेशन पर जाऊं या लक्ष्य की बताई जगह पर ? घर पर हाथ पर हाथ धर के बैठने से कुछ नहीं हासिल होगा ।
अब मुझे इन दोनो में से किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए अपनी तरफ से मैं कोशिश करूंगी अब । अपने दिल की सुनूंगी दिल को जो सही लगेगा वही करूंगी । ओजू ने अपने आँसू के साथ अपना डर भी पोछ डाला और बाहर निकलने के लिए तैयार हो गयी ।
ओजू ने दरवाजे पर ताला डाला और निकल पड़ी सच्चाई की खोज करने। आज उसे पता लगाना ही होगा कि इन दोनों में झूठा कौन है ? कब तक वो इन दोनो के हाथ की कठपुतली बनी रहेगी ? वो भी देख सकती है , सुन सकती है और बोल भी सकती है ।
अगर आदित्य की बात सच निकली तक क्या करूंगी ? लक्ष्य को कोर्ट तक घसीट कर ले जा पाऊँगी? उसे सजा दिला पाऊँगी? कैसे साबित करूंगी कि उसने मेरे पिता को मारा ? अगर आदित्य सच बोल रहा है तो उसके पास चिप होगी और उससे ये साबित हो जायेगा की लक्ष्य ने ही मेरे पिता को मारा है । मुझे आदित्य के पास पहुंचना चाहिए पहले । लेकिन अगर उसकी ये कोई साजिश हुई तो ? उसने मुझे शेसी या सुबोध की तरह बेदर्दी से मार दिया तो ?
अगर लक्ष्य सही बोल रहा हो तो वो मुझे बचाने कैसे पहुँच पायेगा ? हो सकता है मुझसे पहले आदित्य लक्ष्य को ख़त्म करना चाहे इसीलिए दोनो लोगों को अलग-अलग बुलाया है ? जो भी हो आज मुझे अपनी जान की फ़िक्र छोड़नी होगी और उन दोनो की भी । मुझे मान कर चलना होगा कि अगले ही पल कुछ भी हो सकता है । हो सकता है आदित्य लक्ष्य को मार दे और मैं आदित्य को या, आदित्य मुझे मार दे और लक्ष्य उसे, या शायद मैं ही दोनो को मार बैठूँ? सब देखा जायेगा। आज जीने की किसी को नहीं पड़ी है ।
Wait for next part 🙏🏻
Thanks for Reading.
अगर आपके पास भी कोई ऐसी love story हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है…
OTHER DARK ROMANCE LOVE STORY –
- विनीता ही वेरोनिका है । Dark romance love story part 1
- विनीता ही वेरोनिका है । Dark romance love story part 2
- Black Saree …. A Super Romantic love story In hindi
-
Dark Romance: The way of love
-
इश्क़ का अंजाम all parts love story
- इश्क़ का अंजाम Part 1
- A wild heart love story
- डायरी- A cute love story
- इश्क़ का अंजाम पार्ट 2 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 3 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 4 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 5 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम PART 6 LOVE STORY IN HINDI
- इश्क़ का अंजाम part 7 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 8 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम Part 9 love story in hindi
-
इश्क़ का अंजाम Part 11 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 12 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 13 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 14 love story in hindi
- A wild heart love story
- डायरी- A cute love story
- a mature husband love story in hindi