The Nightingale and The Rose by Oscar Wilde in Hindi

The Nightingale and The Rose by Oscar Wilde in Hindi   गहरी पीड़ा के साथ आह भरते हुए वह नौजवान अपने आप से बोला, ‘वह कहती है लाल गुलाब के बिना मेरे साथ नहीं नाचेगी लेकिन मेरे बाग़ में तो एक भी लाल गुलाब नहीं है।’ युवक की आंखों से आंसू बह रहे थे। ‘ओह, ज़िंदगी में कभी-कभी ख़ुशियां कितनी छोटी-छोटी चीज़ों पर टिकी होती हैं। मेरा सारा ज्ञान और दर्शनशास्त्र का अध्ययन इस एक …

Read more