The Wedding Night । love story of Arranged Couple

           The Wedding Night । love story of Arranged Couple

रात के 12 बजने वाले थें और दोनों एक घंटे से ऐसे ही बिस्तर के कोनों में चुपचाप बैठें थें । उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि अपनी-अपनी बात एक दूसरे के सामने कैसे रखें ? कहीं कुछ गलत समझ लिया तो ? यही डर बैठा हुआ था दोनों के अंदर। परिवार में कितने सदस्य है ? आपको क्या करना है ? टीचिंग कैसी चल रही है ? खेती कैसी हो रही है ? क्या-क्या उगाया जा रहा है इस समय ?

बस ये ही कुछ चुनिंदा सवाल थें , जो दोनों ने एक दूसरे से पूछे और दोबारा से चुप होकर बैठ गएँ। जो सवाल पूछने से बचने के लिए न सिर्फ शादी टाल रहें थें बल्कि मना भी कर दिया था शादी से वो सवाल तो अभी तक पूछा ही नहीं गया उन दोनों से।
अगर दोनों का नाम एक ही अक्षर से न शुरु होता और दोनों कुंडलियों में 36 में से 34 गुणों का मेल न होता तो शायद इनके घर वाले इन पर दबाव डाल कर शादी न करवाते , और दोनों ही इस बड़े भयंकर सवाल से बचकर निकल जाते ।

इतनी देर की खामोशी के बाद दीपाली ने अपना घूँघट खुद ही हटा कर माथे पर रख लिया था ।

The Wedding Night । love story of Arrange Marriage Couple
The Wedding Night । love story of Arranged Couple

 

दीपक ने उसे एक नजर देखा तो पाया वो भी उसी की तरफ देख रही थी। दोनों ने अपनी नजरें तुरंत झुका ली । दीपक ने अपनी जेब से कुछ निकाला और सरका कर दीपाली के पैरो तक पहुँचा दिया।                                                                                                                                                 क्या है ? खुद ही देख लो ?
दीपाली ने उठाकर देखा एक प्यारे से ज्वेलरी बॉक्स में सोने की झुमकी रखी हुई थी।

ये मुँह दिखाई है ? लेकिन आपने घूँघट तो खोला नहीं हमारा। दीपाली ने अपनी लाल साड़ी के छोर को होठों से दबाते हुए कहा।                                      तो क्या हुआ आपका खूबसूरत सा चेहरा तो देखा । दीपक ने उसकी तरफ देखते हुए कहा। उसने भी दीपक को देखा फिर नजरें झुका के दूसरी तरफ देखने लगी। दीपक को इंतजार था कि वो कुछ बोलेगी लेकिन उसके उनिंदे चेहरे को देखकर साफ पता चल रहा था कि ज्यादा देर की चुप्पी उसे गहरी नींद में ले जाएगी।

क्या करे ?कैसे पूछे? दीपक ये सोच ही रहा था कि उसने नोटिस किया दीपाली बार बार पूरे कमरे में नजर दौड़ाती है और उसकी निगाह बार-बार टेबल पर रखी सेब की टोकरी पर रुक जाती है जिसमें कटे हुए बहुत सारे सेब तो रखे हैं पर चाकू नहीं रखी। पूरे कमरे की हालत घर की औरतों ने दीपाली के बालों जैसी बना दी है। साफ, सुंदर , फूलों से भरा खुश्बू वाला लेकिन एक भी नुकीली, कटीली चीज नहीं है ।

शाम के वक्त कुछ औरतें घुसी और कमरे के साथ साथ दीपाली के बालों का जुड़ा खोलकर सारी पिन और क्लिप्स निकाल ले गयी । पहनाया क्या फूलों का गजरा बस।
दीपक के लिए ये अच्छा मौका था अपनी बात कहने का । इसीलिए दीपाली का ध्यान सेब की टोकरी से हटा कर अपनी तरफ करने के लिए उसने थोड़ा गला साफ करने की एक्टिंग की। जब दीपाली ने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दिया।

एक बात बतानी थी तुम्हें! उसने नर्वस होकर कहा।
जी कहिये ।

दरअसल मेरे घर वाले आज भी पुराने कस्टम्स को मानते है , उन्हें आधुनिकता ज्यादा नहीं पसंद फिर भी उन्होंने मेरी शादी आपसे इसलिए की क्योंकि आप अपने खानदान की ऐकलौती लड़की है इसीलिए उन्हें ज्यादा दहेज मिलने की लालसा थी , आपके नाम पर जमीन भी है और आप खुद भी PT Teacher हैं कमाती है अपना खुद का । एक दूसरी बात भी है कि जितने गुण हमारे आपके मिले उतने किसी दूसरी लड़की से नहीं मिले इसीलिए….

एक तीसरी बात भी है कि मेरा रंग दूध जितना गोरा है इसीलिए आपके घर की सभी औरतों को मैं पसंद आ गयी।
हाँ ये भी है । उसने एक लम्बी साँस लेते हुए स्वीकार किया।
मैं भी एक बात बोलू आपसे ?
जी जरूर ।

मेरे घर वालों ने भी मेरी शादी इसलिए की आपसे की घर के ऐकलौते लड़के है आप , जमीन जायदाद का कोई बंटवारा नहीं। आपकी खेती और कमाई पर सब घर वाले अपना मन हार गये। लड़का मशरूम उगाता है ,बिदेश भेजता है ,बहुत पैसा कमा लेता है । अख़बार में फोटो आता है , विज्ञान पढ़के रखा है । यही सब बातें थी जो उन लोगों ने मेरी एक नहीं सुनी उसपर से कुंडली ने अपना असली रंग भी दिखा दिया।

अच्छा तो क्या सच में मैं आपको पसंद नहीं आया था ?
नहीं ऐसा तो बिल्कुल नहीं है ।
तो क्यों मना कर रही थीं मुझे?

आप भी तो मना कर रहें थें ! क्यों कर रहें थें ? अपनी बड़ी बड़ी आँखों को दीपक की आँखों में डालकर उसने सवाल किया तो दीपक उसके पास आने को मजबूर हो गया।

जैसा कि मैंने तुम्हें बताया मेरी family बहुत पुराने ख़यालात की है। जो चीजें कई जगह पर बंद हो चुकी है वो आज भी मेरे इधर जिंदा हैं । इस वजह से मैंने कई लड़कियों को शादी की अगली सुबह ही उनके मायके जाते देखा है । ऐसा नहीं है कि मैंने इसका विरोध नहीं किया बल्कि कई लड़कियों की जिंदगी और इज्जत भी बचाई है लेकिन जबसे इन्हीं बातों की वजह से कुछ लोग मुझे मारने आएं और अम्मा को हार्ट अटैक आया तबसे मैं लाचार हो गया।

मैं नहीं चाहता कि किसी और की वजह से मैं अपनी अम्मा को खो दूँ । तुमसे शादी भी इसीलिए कर ली कि अम्मा कोई लोड न ले ले । अभी 28 का ही हुआ हूँ गांव में सभी औरतों अम्मा को बोलती हैं की तेरा लड़का बुढ़ा गया है कुँवारा ही मर जायेगा। बात करते-करते दीपक इमोशनल हो गया था ।
मैं समझती हूँ आपकी स्थिति । दीपाली ने अपना हाथ बढाकर उसके हाथ पर रख दिया।

मुझे नहीं पता कि कल सुबह मेरे साथ क्या होगा लेकिन जितनी बातें अभी मेरे बस में है वो मैं सच सच बताने जा रही हूँ आपको। मैंने घर पर भी औरतों को अपना शरीर छूने देने से मना कर दिया था और उस वक्त आपने मेरी तरफदारी की थी। मैं चाहती हूँ कि कल अगर मुझे पूरा गाँव कुछ कह रहा हो तो भले आप मेरी तरफ से कुछ न बोले लेकिन मेरे खिलाफ भी कुछ न बोले । जैसा कि ऐसे मामलों में औरतों के साथ होता है कि उनका पति ही उनके चरित्र पर सबसे बड़ी ऊँगली उठाता है।

नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जैसा तुम सोच ….।
मैं एक PT Teacher हूँ । बचपन से ही खेलकूद , दौड़भाग मेरा पसंदीदा रहा है । सगे, चचेरे-ममेरे सभी भाइयों के साथ खूब कुश्ती और कब्बड्डी खेली है मैंने । ऐसे में मैं sure हूँ कि मेरा हाइमन टूट चुका होगा क्योंकि सिर्फ सेक्सुअल एक्टिविटी से ही नहीं बल्कि फिजिकल एक्टिविटी से भी ऐसा होता है। अगर आपको यकीन न हो तो Google. ….

Science का student रहा हूँ , inter तक biology पढ़ी है मैंने और अभी तुमको बताया भी कि इसी मुद्दे पर ही तो गाँव वाले चिढ़ते है मुझपर । मुझे…. मुझे बहुत … खराब कहते है । बोलते है कि. … बोलते है कि. ….! अपनी बात पूरी करने में दीपक की साँसे ऊपर नीचे अटकने लगी थीं ।
क्या बोलतें है ? दीपाली ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो उसे कुछ हिम्मत मिली।

वही सब जो मर्दानगी के ऊल-जुलूल नियम बनाएं है उसी के अनुसार मुझे नपुंसक साबित करने पर लगे है। बोलते है, जानता है खुद तो कुछ कर नही पायेगा इसीलिए पहले से ही अपना बचाव तैयार करने पर लगा हुआ है।
आप ऐसे लोगों की परवाह करतें है जो ठीक से इंसान होने का मतलब भी नहीं जानते ?

नहीं ! लेकिन तुम्हारी तो करता हूँ न ! उसके बहुत ही करीब जाकर अपनी नम आँखों से वो बोला। उन आँखों में प्यार और अपनेपन के अलावा और कुछ भी नहीं था ।
जिस तरह तुमने क्लियर बता दिया उसी तरह मैं भी क्लियर रखना चाहता हूँ पूरी बात ताकि कभी तुम या तुम्हारे घर वाले भी मुझे मेरे गाँव वाले के जैसे न समझ ले , न…..

ये कैसी बात कर रहें हैं आप ! दीपाली ने उसकी बात पूरी होने से पहले ही उसके होठों पर अपना हाथ रख दिया।
दीपाली के इस तरफ से खुद से सटने पर दीपक के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी और उसने दीपाली के हाथों पर अपना हाथ रख दिया। उसने अपने हाथ को खींच कर मुट्ठी बना ली और खुद में ही सिमट के बैठ गयी। दीपक ने उसके झुके हुए चेहरे को अपने हाथों में भर कर फिर से ऊपर किया तो उसने नजरें नीची कर ली।

इतनी नजदीक से अपनी बहनों के सिवा किसी और का चेहरा नहीं देखा आज जब पहली बार किसी लड़की का चेहरा देख भी रहा हूँ तो नजरें ही फिसल जा रही है बार-बार । दीपक अपना चेहरा उसके चेहरे के बिल्कुल पास ले गया ।
मत करिये अभी…! दीपाली ने अपना चेहरा पीछे खींच लिया।

Ok Sorry! दीपक थोड़ा सम्भला।
नहीं मेरा मतलब ये नहीं था मैं बस डर रही हूँ थोड़ा ।
क्यों ?
सुबह की सोच कर, कल तो आप सबसे ज्यादा मजबूर होंगे अपनी माँ और मुझे किसी एक को चुनने के लिए ।

उसकी फ़िक्र तुम मत करो मैंने सब प्लान कर रखा है। कहते हुए दीपक ने अपनी शर्ट की ऊपरी जेब में हाथ डाला और कुछ निकाला।
जरा साड़ी समेटो अपनी । उसने दीपाली के कपड़े समेटने में उसकी मदद की । जब बिस्तर पर फैली साड़ी और चुनरी सिमट गयी तो दीपक ने एक बार मुस्कुराते हुए देखा । इस मुस्कान का मतलब दीपाली समझ पाती इससे पहले ही दीपक की ऊँगली से खून बहने लगा।
ये क्या कर लिया आपने ? दीपाली घबरा कर उसका हाथ पकड़ने के लिए लपकी लेकिन अपने दूसरे हाथ से दीपक ने उसे रोक लिया ।

कुछ नहीं छोटा सा पिन ही चुभाया है बस । उसने अपनी ऊँगली सफेद चादर पर रख दी।
ये पिन नहीं काँटा है मेटल का , इससे टिटनेस हो सकता है। दीपाली ने उसके हाथ में स्टेपल का एक काँटा देख लिया और उसे लेने की कोशिश करने लगी।
अरे कुछ नहीं होता, बिल्कुल साफ लाया हूँ । सोचा तुम्हारे पास तो कुछ ऐसा छोड़ा नहीं होगा सबने । मेरी भी चेकिंग हो सकती थी इसीलिए इतना छोटा सामान लाया हूँ कि पूरे घर क्या खानदान की औरतें नहीं जान पातीं अगर तलाशी लेती भी तो। उसने वो काँटा वापस से शर्ट की जेब में डाल लिया।

क्यों कर रहें हैं आप मेरे लिए इतना सब ? दीपाली की आँखों से आँसू बहने लगे।
क्योंकि शायद… पसंद आ गयीं हैं आप मुझे पहली नजर में ही। उसने दीपाली की आँखों से आँसू पोछ डाले।
अब सुबह ये सफेद चादर जाएगी औरतों के पास फिर सारी औरतों में कानाफूसी होगी । फिर सर्वसम्मत से निर्णय लेकर घर के मर्दों को बताया जायेगा कि दुल्हन अभी तक कोरी ही थी। बड़ी चरित्रवान बहू मिल गयी ,पूरे गाँव में इस बात का हल्ला पिटा जाएगा । तब जाकर शादी की बाकी बची रस्में होंगी हमारी।

बिस्तर पर दीपाली के आसपास खून की बूँदे गिराने के बाद दीपक ने उँगली को थोड़ी देर के लिए मुँह के अंदर रख लिया जिससे खून बहना बंद हो गया।
बात करते-करते दीपक को शरारत सूझी तो उसने दीपाली को छेड़ते हुए पूछा – अच्छा बताओ तुम तो एक टीचर हो , अभी तक तुमको सबसे ज्यादा टेंशन किस टेस्ट ने दी है ? मैं बताऊँ , तुम्हारे इस Virginity Test ने है न ! शुक्र करों मैं तुम्हारे जितना बेरहम Teacher नहीं हूँ वरना पास नहीं होने देता । दीपक हँस पड़ा तो वो थोड़ा सा नाराज हो गयी ।

मैं बेरहम थोड़ी हूँ ।
तुम्हारे स्कूल के बच्चे तो यही बताते है।
आप कब गये मेरे स्कूल?

कई बार जब भी आपको देखने का मन हुआ तो उठाई मोटर साइकिल निकल गया स्कूल की तरफ। दीपक के इस प्यार भरे जवाब पर दीपाली के चेहरे पर एक शर्मीली मुस्कान तैर गयी।
अच्छा तुम्हें नींद लग रही है न ? रात के एक बज रहा है और तुम थकी हुई भी काफी हो और…! दीपक ने एक गहरी सांस ली और बात अधूरी छोड़ दी।

और कुछ नहीं बस तुम सो जाओ । मेरा एअरफोन ले लो और गाने सुनते हुए सो जाओ।
इयरफोन क्यों?
अभी बताता हूँ । दीपक बिस्तर से उतरकर अपनी tv के पास गया और फोन से कनेक्ट करके tv on करके वापस आ गया।
ये क्या देख रहें है आप ? इन सबकी आदत….

अरे नहीं मुझे अपने खेतों से घर आने तक का समय नहीं मिलता तो ये सब कहाँ से देखूँगा! ये तो बस भाभी लोगों के लिए लगाया है । थोड़ी देर में बंद कर दूँगा ,तुम सो जाओ ।
भाभी लोगों के लिए क्यों वो तो सो चुकी होंगी।

कहाँ सो चुकी होंगी दरवाजे के पास ही खाट डाल रखी है , ताकि सुबह होते ही दरवाजा खोलकर तुम किधर निकल न सको। कान दरवाजे पे ही चिपका रखे होंगे अगर कोई आवाज नहीं सुनाई दी उन्हें तो शक करेंगी। अब तुम बस सुबह थोड़ी सी एक्टिंग कर लेना जैसा औरतें करती है First Wedding Night के बाद। शर्माना , दर्द का बहाना बनाना, कोई Wedding Night के बारे में पूछे तो धीमे से मुस्कुराना बस।

दीपाली को सब कुछ अच्छे से समझा देने के बाद दोनों चुपचाप लेट चुके थे । दीपाली को नींद तो आ रही थी लेकिन वो सोना नहीं चाहती थी । उसकी बड़ी भाभियों ने, खुद उसने भी इतने सालों से बस इसी Wedding Night के लिए तैयार किया था। लेकिन इतने सारे रीति रिवाज़ , काम-काज के बाद थकान के अलावा कुछ समझ ही नहीं आ रहा था ।

पर वो ऐसे सो जाये ये भी तो अच्छा नहीं हैं । दीपक ने भी तो इसी Wedding Night का बड़ी बेसब्री से इंतजार किया होगा। उनके भी तो सुहागरात के लिए कुछ सपने होंगे। वो मेरे लिए इतना कर सकतें है और मैं स्वार्थी बन के सो जाऊँ!
यही सब सोच कर दीपाली मजबूर हो दीपक के करीब आने के लिए।
उसने अपना चूड़ियों से भरा हाथ सरका कर बगल में लेटे दीपक के हाथ पर रख दिया।

क्या हुआ ? अभी भी कोई बात परेशान कर रही है क्या ? दीपक ने उसकी तरफ देखते हुए थकी आवाज में पूछा ।
एक बात पूछनी थी ।
क्या ?
यही जो tv पर लगा के आएँ है वैसा हम नहीं कर सकते क्या?

क्या…! पूरे जोश में दीपक खुश होते हुए चिल्ला पर अगले ही पाल खुद को काबू में भी कर लिया । क्या मेरा मतलब इतनी जल्दी mood कैसे बदल गया।
क्यों आप मेरे लिए इतना कर सकते है तो मैं आपके लिए थोड़ी देर जग भी नहीं सकती !
लेकिन तुमने कहा था कि तुम्हें डर लग रहा है ।
एक PT Teacher को कभी डर नहीं लगता ।

सोच लो उन सभी बच्चों का बदला लूंगा जिनको तुमने फील्ड में दौड़ा दौड़ा कर थकाया होगा।
आप में शर्म नहीं है न जरा सी भी ?
जी नहीं । उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए दीपक ने कहा।

चूड़ियाँ उतार दूँ एक भी टूटी तो शक करेंगे सब। दीपक का अंदाज़ रुमानी था उसपर से वो बिल्कुल कान से सटकर बोला तो दीपाली अंदर तक सिहर गयी।
जी..! अपनी सहमी हुई आवाज में उसने स्वीकृति दे दी।

हम इसके लिए कुछ कर नहीं सकते क्या ? जैसा मेरे साथ हो रहा है बाकी लड़कियों के साथ भी तो होता है अपने इधर। सबकी किस्मत मेरी जैसी नहीं होती की आप जैसा पति मिले , उनके साथ कितना बुरा होता होगा । थक कर दीपाली ने अपना सर दीपक के सीने पर रखा हुआ था । लेकिन Sex के बाद थोड़ी भी Bleeding न होने की वजह से थोड़ी स्ट्रेसफुल हो गयी थी अपनी जैसी बाकी औरतों का सोच कर ।

The Wedding Night । love story of Arrange Marriage Couple
The Wedding Night । love story of Arranged Couple

जिन्होंने सालों साल खुद को Wedding Night पर होने वाले Virginity test के लिए बचा कर रखा था । अपनी इच्छाएं मारते हुए , भाग दौड़ वाले खेल छोड़ते हुए और लड़को से दूर भागते हुए। बदले में मिलता क्या है उन्हें ? शरीर से जरा सा खून का कतरा न निकलने पर उसकी इज्जत पूरी पंचायत में नीलाम कर दी जाती है । ससुराल वाले छोड़ देते है , अगर कोई न भी छोड़े तो पूरे गाँव के आदमी उसे भेड़िये की तरफ खाने को बेताब रहते है ।

अकेले तो मैं कुछ भी खास न कर पाया लेकिन तुम भी साथ दोगी तो जरूर लोगों को जागरूक कर सकते है। तुम औरतों को ये बताना कि Wedding Night पर खून न निकलने से कोई चरित्रहीन नहीं हो जाता और मैं आदमियों को सोशल प्रेशर में कैसे अपने बीवी की इज्जत बचाएँ ये बताऊँगा ।
मैं मजाक नहीं कर रही सीरियस पूछ रही हूँ ।

मैंने PMO को खत लिखा था इसी मुद्दे पर , अभी तक जवाब नहीं आया है लगता है सरकार को दूसरा खत लिखना पड़ेगा। ताकि कई लड़कियों की इज्जत भी बच सकें और हम जैसे लोगों को झूठ का सहारा न लेना पड़े। जरूरत पड़ने पर हम पूरे गाँव में अपना किस्सा भी सुना देंगे कि उनकी वजह से कितने डर से गुजरना पड़ा था हमें ।

दूसरा खत्म जब लिखना तो साफ साफ लिख देना कि या तो ये लड़कियों का Virginity Test पूरी तरह से बैन कर दे या तो फिर लड़को का भी Virginity test कराना शुरु कर दें ।

लड़कियों का Virginity test तो बंद होने से रहा कहीं न कहीं , किसी न किसी घर में होता ही रहेगा एक काम करतें हैं लड़को का Virginity test अनिवार्य कर देते है किसी भी शादी के लिए क्यों ?
अब आप फिर से मजाक कर रहें है ।
नहीं तो समर्थन कर रहा हूँ समाज के चुनाव में नोटा पाने वाली बात का । उसने दीपाली का माथा चूमते हुए कहा।

सुबह कमरे का दरवाजा खटखटाया नहीं बल्कि उखाड़ के फेंका जा रहा था । बड़ी-बूढ़ी सभी औरतें और कुंवारी लड़कियाँ दरवाजे पर ही आकर खड़ी हो गयी थीं, घर के पुरुष सदस्य या तो आंगन में बैठ कर हुक्का गुड़गुड़ा रहें थें या इधर-उधर टहल रहें थें।
बूढ़ी औरतें करने के लिए आयी थी वही कुंवारी लड़कियों को आदर्श पत्नी होने की निशानी क्या होती है ये दिखाने के लिए बुलाया गया था।

दीपाली और दीपक दोनों कमरे के कोने में चुपचाप खड़े थे। औरतें कमरे में घुसकर उस चादर को बड़े गौर से देख रहीं थीं । दीपक को यही सोचकर हँसी आ रही थी महिलाएं अपना जो गुण यहाँ इस्तेमाल कर रहीं है कहीं और करती तो भारत अमेरिका को भी पीछे छोड़ देता।
रंग नहीं है इतना कन्फर्म होते ही पूरा हुजूम खुशी से झूम उठा। कुछ औरतें आकर दीपाली को आशीर्वाद देने लगी और शगुन पकड़ाने लगी वहीं कुछ औरतें कबूतर की तरह हाथों में चादर पकड़ के संदेश वाहक बनकर कमरे के बाहर निकल गयी।

अरे बड़ी गुणी छोकरी ले आया है तेरा बेटा , एकदम सुकुमार। बड़ी चरित्रवान , भाग्यशाली , महालक्ष्मी , शुद्ध , कुमारी …. ! और भी कई उपाधियाँ दी जा रहीं थीं उसे घर के आँगन में । सब उस चादर को देख कर ऐसे खुश हो रहें थें जैसे कोई खजाना हाथ लग गया हो ।
कमरे में खड़े सुन रहें दीपक और दीपाली दोनों जानते थें कि ये खुशी नहीं बल्कि मासूम कुँवारी लड़कियों को लालच देने, उन्हें फंसाने का एक जाल है। ताकि इस एक दिन के इंतजार में वो अपनी जिंदगी के बाकी अहम दिनों को इंकार कर दे।

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