Love story: इश्क़ का अंजाम पार्ट-21
सार्थक छोड़ो मुझे । हटो मेरे आगे से, जाने दो मुझे । मंजिल अपने हाथ छुड़ाते हुए दरवाजे की तरफ जाना चाहती थी । दरवाजा बंद होने की वजह से मंजिल के अंदर बहुत डर बैठ गया था , उसपर से सार्थक का लाल चेहरा उसे और सहम जाने पर मजबूर कर रहा था ।
कहाँ जाना है उसी लड़के के पास ? सार्थक ने उसके चेहरे को ऊपर की ओर उठाते हुए पूछा ।
तुमने जैसा कहा….
आपने …..! समझी बॉस हूँ तुम्हारा ।
Ok! आपने जैसा कहा था मैंने वैसा ही किया । अपने कमर से सार्थक का हाथ हटाने की कोशिश में मंजिल कांपने लगी थी।
नहीं तुमने वही किया जो तुम्हें अच्छा लगा और जिससे मुझे परेशानी हुई । अब मैं वो करूंगा जो मुझे अच्छा लगेगा और जिससे तुम्हें परेशानी होगी । मंजिल को उसकी कमर से पकड़ के सार्थक ने अपने बेड पर गिरा दिया और उसके सामने ही अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा ।
नहीं सार्थक प्लीज ! मंजिल ने उठने की कोशिश की लेकिन सार्थक ने उसके पैरों को अपनी तरफ खींच कर अपने पैरों से दबा लिया और अपनी शर्ट अलग करके उसके ऊपर लेट गया ।
दूर रहो मुझसे तुम , नफरत है मुझे तुमसे ! मंजिल अपने दोनों हाथों से सार्थक के मुँह को पकड़ के दूर कर रही थी ।
ये तो मुझे पता है जो कुछ न पता हो वो बताओ । सार्थक ने उसके दोनों हाथ पकड़ के उसके सर की तरफ कर दिये ।
मुझे घिन आ रही है तुमसे, मैं तुम्हें बिल्कुल भी बर्दाश नहीं कर सकती । उसने अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया।
ये सब बातें तो तुम्हें पहले सोचनी चाहिए थी। उसने मंजिल का मुँह अपने मुँह के सामने कर लिया ।
I hate your touch! उसने सार्थक के चेहरे पर थूक दिया। And I hate your attitude ! सार्थक ने अंगूठे से अपना चेहरा साफ किया और गुस्से में मंजिल की गर्दन पकड़ कर उसे Kiss करने लगा ।
मंजिल उसकी पकड़ से छूटने के लिए छटपटाने लगी थी, रो रही थी और अपनी पूरी ताकत लगा रही थी। लेकिन सार्थक जैसे बॉडी बिल्ड आदमी के हाथ से तो एकबार कोई हट्टा कट्टा आदमी भी न छूट पाएं मंजिल तो फिर भी दुबली पतली नाजुक सी लड़की है ।
जितनी तेजी से मंजिल छूटने की कोशिश करती उतनी तेजी से सार्थक अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा था । सार्थक का हाथ मंजिल के सीने को पार करता हुआ उसकी थाई तक पहुंच चुका था । मंजिल काफी तेजी से अपने हाथों को छुड़ाने की कर रही थी ताकि वो सार्थक को रोक सके लेकिन उसके होठों की तरफ उसके हाथों की कलाइया सार्थक के एक हाथ की पकड़ में थी।
सिर से लेकर पैर तक उसने पूरे शरीर से कोशिश करके देख लिया पर सार्थक को खुद के ऊपर से हिला पाना भी उसके लिए संभव न हुआ उसे धक्का देकर दूर करना तो अलग बात थी । उसका पूरा शरीर पसीने से भीग चुका था और चेहरा आंसुओ से।
सार्थक ने पहले तो धीरे से ही उसकी थाई टच की थी लेकिन उसके बदन की मांसलता और चिकनाहट ने सार्थक के हाथ को बहका दिया था। उसने खुद पर से कंट्रोल खो दिया था और अब उसे सिर्फ मंजिल के शरीर की गहराइयों में ही उतरना था । उसने मंजिल की थाई को अपने हाथ से मसलना शुरु कर दिया ।
एक आखिरी और तेज विरोध उठा मंजिल की तरफ से फिर वो बिल्कुल ढीली पड़ गयी। सार्थक ने पहले तो ध्यान नहीं दिया लेकिन जब उसका हाथ मंजिल के पेट तक पहुँच गया और उसके शरीर में कोई हरारत नहीं उठी तो उसने अपनी आँखें खोल दी और उसके होठों को आजाद कर दिया ।
Hey. ..! उसने मंजिल के गाल को थपकी दी । सार्थक चाहे जितना गुस्से और नशे में हो लेकिन मंजिल की फ़िक्र उसे इस हालत में भी थी।
मंजिल… । वो उठ कर बैठ गया और उसके चेहरे को हिलाने लगा। मंजिल बेहोश हो चुकी थी । सार्थक का सारा नशा काफूर हो गया , वो बिस्तर पर बैठ गया और मंजिल को अपनी गोद में ले कर उसे उठाने की कोशिश करने लगा । जब मंजिल ने आँखे नहीं खोली तो सार्थक ने उसे बिस्तर पर सही से लिटाया और कल्पना को बुलाने चला गया।
मंजिल की हालत देख कर कल्पना को पूछने की जरूरत ही नहीं रही ये पूछने की, कि वो बेहोश कैसे हुई ? उसके बाल बिखरे हुए थें, गाउन अस्त व्यस्त था और सीने के पास से फटा हुआ भी। उसकी कलाई पर लाल निशान बने थे और गले पर भी सार्थक की उँगलियों के निशान थें। सबसे बड़ी बात तो सारी स्थिति मंजिल का सार्थक के कमरे में होना ही स्पष्ट कर रहा था । वो समझ चुकी थी कि सार्थक ने मंजिल के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की है ।
लेकिन बिना सवाल जवाब के उसने मंजिल की हथेली और पैरों की मालिश की , ठंडे पानी के कपड़े से चेहरा साफ किया और बालों का जुड़ा बना दिया । सबकुछ करने के बाद कल्पना ने एक तिरछी नजर से सार्थक को देखा तो उसने सर झुका लिया । कल्पना जब कमरे से जाने लगी तो सार्थक ने उसे रोक लिया ।
आप प्लीज इसके पास ही सो जाइये मैं किसी और कमरे में सो जाऊँगा प्लीज । इतना कहकर सार्थक कमरे से बाहर निकल गया । कल्पना ने चुपचाप दरवाजा बंद किया और भारी दिल से मंजिल को देखने लगी ।
अगली सुबह काफी दिनों के बाद उसका नाश्ता कल्पना ने तैयार किया था क्योकि मंजिल अभी तक उठी नहीं थी । सार्थक ने कल्पना को देखा तो जरूर रसोई में लेकिन कहा कुछ नहीं बस टेबल पर बैठ कर नाश्ते का इंतजार करने लगा ।
एक बात कहूँ आपसे ?? कल्पना ने सार्थक के उतरे चेहरे को देखकर अपनी बात कहने का अच्छा मौका जान लिया था।
जी.. सार्थक ने धीमे स्वर में कहा।
आप मैम को सिर्फ एक बार हासिल करना चाहते है या शादी करके जिंदगी भर उन्हें अपने पास रखना चाहते है ।
ये कैसा सवाल है ? आपको भी पता है कि मैं उसे लेकर कितना सीरियस हूँ । अगर शादी का प्लान न होता तो इस तरह उसे दो महीने से झेल न रहा होता ।
हूँ. …. इंतजार , इज्जत और समर्पण के बदले ही किसी विद्रोही औरत का प्यार पाया जा सकता है । सख्ती से, जबरदस्ती से कुछ भी हाथ नहीं लगने वाला बल्कि पास में जो है वो भी खो देंगें। कुछ तह के कपड़े उतारने से आप किसी औरत का शरीर पा सकतें है लेकिन कई परतो में कैद उसके दिल को जबरदस्ती से पाना नामुमकिन है। कल जो आपने करने की कोशिश की…
मैं ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन उसने पार्टी में जो किया उसके बाद….
उसके बाद क्या , मैंने तो उससे पहले ही कहा था कि ज्यादा लोगों को देखकर वो फायदा उठा सकती है । ये बात आप भी अच्छे से जानतें थें उसके बावजूद अगर आप उन्हें ले गएँ थें तो इन बातों के लिए उनकी नहीं आपकी गलती होनी चाहिए।
मुझे पता है मैने जो किया वो गलत था लेकिन मैं और क्या ही करता , उसका गुस्सा कम हो ही नहीं रहा था । उसपर से मैं भी गुस्से में था और काफी शराब पी ली थी तभी हो गया वो जो होना नहीं चाहिए था ।
तो अब क्या करेंगे ?
वही तो सोच रहा हूँ । सार्थक ने अपना नाश्ता छोड़ दिया । अपना फोन उठाया और किसी को कॉल करते हुए बंगलो से बाहर निकल गया ।
सारा दिन सार्थक कुछ न कुछ सोचता रहा । उसका ध्यान अपने काम से ज्यादा मंजिल की हालत पर था । भले ही उसे ऐसा वैसा कुछ नहीं करना था लेकिन जब वो कर रहा था तो उसे बहुत सुकून मिल रहा था । उसका नाजुक बदन , गर्म सांसे, नशीले होंठ और…… उफ्फ. .. ! ये सोचने से और भी ज्यादा महसूस होगा तुझे सार्थक..! उसने खुद को रोका । वो माफी चाहता था न कि दोबारा से वही गलती दोहराना । शर्मिन्दा था लेकिन ज्यादा नहीं पर हाँ दुखी जरूर था मंजिल के लिए ।
वो मंजिल को Thank You भी बोलना चाहता था क्योंकि कल जिस काम के लिए वो मंजिल को लाया था वो काम भी उसका हो गया था लगभग। मीडिया का सारा ध्यान सार्थक और एक्ट्रेस के अफेयर को हवा देने के बजाय सार्थक और मिस्ट्री गर्ल के लिंकअप की खबरों पर चला गया था । कुछ पेपर्स में उसकी और मंजिल की फोटोज भी बड़ी खूबसूरती के साथ छपी हुई थी । सोशल मीडिया पर तो खैर मंजिल की खूबसूरती के चर्चे ही ज्यादा थें ।
रात में जब सार्थक घर पहुँचा तो पाया कि मंजिल अभी भी उसके कमरे में थी । वो सधे कदमों से कमरे के अंदर गया लेकिन मंजिल उसे देखते ही उठ कर बैठ गयी और चादर से खुद को ढँक लिया। उसके चेहरे को देखकर ही जाना जा सकता है कि वो सारे दिन रोई है ।
कल रात में सार्थक ने उसे जिस हालत में छोड़ा था वो अभी तक उसी हालत में बैठी हुई थी । शायद न सुबह से बिस्तर से बिस्तर से उतरी थी और न कुछ खाया-पिया ही था ।
Sorry! सार्थक ने बेड के एक कोने में बैठते हुए कहा। मंजिल काफी डरी हुई थी इसीलिए उसके बैठते ही सहम कर कोने में सिमट गयी ।
देखो मुझसे डरो मत । उसने अपनी जेब से कुछ चॉकलेट्स निकाली और बिस्तर पर निकाल के रख दी ।
तुम्हारे लिए लाया था ।
मुझे कुछ नहीं चाहिए तुमसे ।

मुझे मालूम है मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी है लेकिन तुम भी जानती हूँ कि इसमें कहीं न कहीं तुम्हारा हाथ भी है । तुमने जैसा बर्ताव किया मेरे साथ तुम्हें वैसा कुछ भी नहीं करना चाहिए था। अकेले में चाहे तुम मुझे कुछ भी कहो लेकिन बाहर तो मैं एक पब्लिक फिगर हूँ न । फिर कल जब तुम उस लड़के के साथ डांस कर रही थी और वो तुम्हें इधर-उधर हाथ लगा रहा था तो मुझे बहुत गुस्सा आ रही थी । इसीलिए ये सारी चीजें हुई ।
मंजिल ने कोई जवाब नहीं दिया , बल्कि सार्थक की तरफ देखा तक नहीं।
देखो अगर तुम मुझे माफ़ कर दोगी तो मैं भी तुम्हारी सजा माफ़ कर दूँगा और तुमसे कोई भी काम नहीं करवाऊंगा ।
काम ? जिन्हें तुम सजा कह रहो हो उन्हें मैं अपने घर पर रूटीन मानती थी ।
तो और क्या कर सकता हूँ तुम्हारी माफ़ी पाने के लिए तुम्ही बताओ ।
कुछ नहीं बस तुम यहाँ से जाओ अभी , नहीं रुको मैं ही जाती हूँ। मंजिल चादर लपेट कर बिस्तात से उतरने लगी तो सार्थक उठ कर खड़ा हो गया और उसके आगे जाकर बोला –
क्या चाहती हो कि मैं गिल्ट में ही मर जाऊँ?
अगर गिल्ट जैसी चीज महसूस भी होती तुम्हें तो तुम अब तक दस दफा जमींदोज हो चुके होते ।
ठीक है तुम मुझे भला बुरा ही कह लो अगर उसी से तुम्हें कुछ अच्छा महसूस हो रहा हो तो ।
अच्छा या बुरा मुझे अब कुछ भी महसूस नहीं होता ।
देखो मेरी गलती की सजा खुद को मत दो तुम्हें जो कहना है जो करना है मेरे साथ करो । अपने आप को इतना बुरा मत महसूस कराओ ।
मुझे कुछ भी नहीं करना न अपने साथ न तुम्हारे साथ । मंजिल बिस्तर से उठ गयी ।
मंजिल ….! मुझे माफ़ करने के बदले तुम जो मांगोगी वो तुम्हें दे दूँगा ।
नहीं कुछ नहीं चाहिए मुझे ।
सोच लो । ऐसा मौका फिर कभी नहीं आएगा तुम्हारी जिंदगी में। वापस अपने घर जाने के अलावा तुम कुछ भी मांग सकती हो मुझसे ।
मंजिल वही खड़ी रही और कुछ सोचने विचारने लगी। सोचने के बाद उसने नजरें उठाकर सार्थक की तरफ देखा – “कुछ भी !” उसने फिर से पूछा ।
सार्थक जानता था कि वो ऐसा कुछ भी माँग सकती है जिसमें उसे खतरा हो । रूपए पैसे मांगने वाली लड़की तो वो बिल्कुल है ही नहीं । फिर भी उसकी माफ़ी के लिए सार्थक ने अपने दिल को मजबूत करते हुए वापस से अपनी बात दोहराई – हाँ कुछ भी जो तुम चाहो , सब मिलेगा तुम्हें ।
मंजिल ने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा तो सार्थक की रूह सूख गयी वो समझ गया कि अब वो किसी मामूली चीज की डिमांड नहीं करने वाली ।
अभी नहीं कल सुबह बताऊँगी और वो तुम्हें कल के कल करना भी पड़ेगा ।
कल क्यों अभी क्यों नहीं ?
अभी कर नहीं सकते तो बताने का भी कोई फायदा नहीं हैं ।
तुम मुझे अभी बताओ मैं कर दूँगा ।
अभी नहीं एक रात बेचैनी भरी तुम्हें भी नसीब होनी चाहिए । वो मुस्कुराते हुए कमरे के बाहर निकल गयी और सार्थक अपने सर पर हाथ रखके बिस्तर पर बैठा रह गया।
मंजिल सही थी । ये रात सार्थक के लिए काफी उलझन भरी थी। पता नहीं कल मंजिल उससे क्या मांग ले ? कहीं कुछ ऐसा मांग लिया जो उसके अख्तियार से बाहर हुआ तो ? कहीं उस लड़के से Sorry बोलने को कहा तब ? नहीं नहीं वो कुछ और ही मांगेगी लेकिन क्या ?? सार्थक को बहुत बेचैनी महसूस होने लगी थी । न उसे ठीक से लेटा ही जा रहा था और न ही ठीक से बैठा ही जा रहा था ।
अब क्या करे वो ? उसने कहीं कोई गलती तो नहीं कर दी मंजिल को ऐसा मौका देकर ! कहीं मंजिल ने कहा कि वो उसे छोड़ दे ? नहीं इसके लिए तो उसने शुरु में ही मना कर दिया था । मीडिया में जो सुर्खियाँ बनी है उनके लिए मुझे क्लियरिफिकेशन देने तो नहीं भेज देगी ? कर भी सकती है ।
Oh God क्या करूँ मैं अब ! प्लीज उसे कुछ ऐसा मांगने के लिए मजबूर करना जो मुझे ज्यादा नुकसान न करे। अगर करे भी तो उसकी कीमत ये न हो कि वो मुझसे दूर चली जाए बाकी सब बर्दाश कर लूँगा ।
सार्थक इसी अंधेड़बुन में सारी रात करवटे बदलते हुए जल्दी से सुबह होने का इंतजार करने लगा । आधी रात बीत जाने के करीब उसे नींद आयी लेकिन सपने में भी वो मंजिल के पैर पकड़ कर उसे रोकते हुए न जाने के लिए गिड़गिड़ा रहा था । मंजिल ने उसके हाथों को झटक कर अपने पैर छुड़ा लिए और दूर खड़ी मुस्कुराने लगी , उसके साथ कोई और भी था जो सर पर ताज़ रखे हुए था । सार्थक उसे पकड़ने के लिए दौड़ा तो उसे ठोकर लग गयी और वो गिर गया ।
सार्थक चीख कर जग गया। देखा तो उसका सारा बदन पर पसीने से लथपथ था जैसा कल मंजिल का शरीर था। उसने आसपास नजर दौड़ाई तो कमरे में सूरज की रौशनी आती दिखाई दी ।
चलो सुबह तो हुई इतनी लम्बी रात की । उसने बिस्तर से उतरते हुए खुद से कहा । अपने चप्पल पहन कर सार्थक मंजिल से मिलने चल दिया ।
अगर आपके पास भी कोई ऐसी लव स्टोरी हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है…
- अपनी कहानी मेल करने के लिए यहां क्लिक करें।
-
Rebel girl ! What every women should do in toxic Relationship .
-
Hot water! Long distance Relationship based Dark romance -1
-
Hot water! Long distance Relationship based Dark romance -2
- विनीता ही वेरोनिका है । Dark romance love story part 1
- विनीता ही वेरोनिका है । Dark romance love story part 2
- Black Saree …. A Super Romantic love story In hindi
-
Dark Romance: The way of love
-
इश्क़ का अंजाम all parts
- इश्क़ का अंजाम Part 1
- A wild heart love story
- डायरी- A cute love story
- इश्क़ का अंजाम पार्ट 2 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 3 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 4 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 5 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम PART 6 LOVE STORY IN HINDI
- इश्क़ का अंजाम part 7 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 8 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम Part 9 love story in hindi
-
इश्क़ का अंजाम Part 11 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 12 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 13 love story in hindi
- इश्क़ का अंजाम part 14 love story in hindi
- A wild heart love story
- डायरी- A cute love story
- a mature husband love story in hindi
-
Love triangle – Funny Romantic love story In Hindi
-
Crime partner To life partner Cute Romantic love story
I simply wanted to jot down a small comment so as to thank you for all of the awesome tips and tricks you are placing on this website. My incredibly long internet search has now been recognized with professional facts and strategies to share with my partners. I ‘d say that most of us readers actually are unequivocally lucky to dwell in a very good network with so many marvellous professionals with beneficial points. I feel truly privileged to have come across your entire site and look forward to so many more exciting times reading here. Thank you again for a lot of things.