My Neighbor’s Wife” A dramatic dark romance love story part- 2

                      My Neighbor’s Wife” A dramatic dark romance love story part- 2

My Neighbor’s Wife कहानी के पहले भाग में हम देखते है कि अविनाश एक अविवाहित पुरुष है जो दिल्ली में अकेला रहता है। अपने गुस्से की वजह से उसके घर वाले और पड़ोसी सभी उससे बात करने से कतराते है , लेकिन उसके पैसे के कारण उसके भाई बहन उससे सम्बन्ध रखते है। अकेलेपन के शिकार अविनाश के पड़ोस में शादीशुदा स्त्री भवमोहिनी रहने आती है । उसके पति के विदेश में रहने की वजह से अविनाश उससे करीबी बढ़ाता है क्योंकि वो अविनाश को बहुत अच्छी लगती है ।

भवमोहिनी अकेले रहने के कारण फ्लैट का किराया नहीं दे पाती जिससे उसे फ्लैट छोड़ने की नौबत आ जाती है। अविनाश मौके का फायदा उठाते हुए उसे अपने फ्लैट पे ले आता है। जहाँ पहली ही रात अविनाश के दिल में रूमानी खयाल उमड़ने लगते है और वो चुपके से मोहिनी के कमरे में पहुंच जाता है । अब आगे –

दरवाजे को सरका कर अविनाश मोहिनी के बिस्तर के पास चला गया । मोहिनी का एक हाथ माथे और एक हाथ पेट पर था । साड़ी नहीं पहनी थी इस वक्त वो साइड में टंगी हुई थी। ऊपर ब्लाउज दिख रहा है और नीचे कमर तक तो चादर ही लिपटी हुई है। कमरे की खिड़की खुली होने से चांदनी कमरे में बिखरी हुई है , ऐसे में किसी मासूम खूबसूरत लड़की को सोता हुआ देखकर कौन उसे छूना नहीं चाहेगा !

अविनाश खुद से ही घबरा रहा है , उसपर सितम ये है कि मोहिनी की उठती गिरती साँसे उसकी धड़कन को और बढ़ा रही है । अविनाश के मन में आया कि वो मोहिनी को अपनी बाहों में भर ले और उसके ब्लाउज को उसके सीने से अलग कर दे । उसने थोड़ी हिम्मत भी की लेकिन मोहिनी ने करवट बदलते हुए माथे से हाथ हटा लिया जिससे उसका सिंदूर साफ दिखने लगा। वो शादीशुदा है ये याद आते ही अविनाश ने खुद को रोक लिया। थोड़ी देर उसकी खूबसूरती को आँखो से पीता रहा फिर अपने फोन में उसकी कुछ तस्वीरें खींच ली और कमरे को धीरे से बंद करके निकल गया।

वैसे तो अविनाश की नींद सुबह के अलार्म से खुलती थी लेकिन आज अलार्म की जगह उसके घर में पायल की छन छन गूंज रही है। 6 बजे अलार्म सेट करने वाला लड़का 5 बजे लेटे हुए एक लड़की के पायलों की आवाज सुन रहा है । उसके चेहरे पर मुस्कान है और आँखों में आधी नींद में होने का नशा ।

सब कुछ पहले से बेहतर चल रहा है अविनाश की जिंदगी में। बस उसके कानों में तकलीफ हो जाती है जब मोहिनी अपने पति की बातें उससे करने लगती है। सारे एफर्ट वो उसके करीब पहुंचने के लिए करता है लेकिन वो हर बात पे जोड़ देती है – मेरे वो होते तो इससे अच्छा लाते या इससे अच्छा करते ..! इतनी सी बात पर अविनाश को गुस्सा इतनी ज्यादा आती है कि इसे उठाकर दुबई में इसके पति के पास पटक दे।

लेकिन वो अपना गुस्सा उसे नहीं दिखा पाता अपने कमरे में जाकर कुछ तोड़ फोड़ करता है या शॉवर के नीचे खड़े होकर 10 से 1 तक उल्टी गिनती गिनता है।
अविनाश ने अपने गुस्से को कंट्रोल करने के लिए anger manegement सीख रहा है लेकिन मोहिनी की बातें उसे अंदर से आगबबूला बना देती है ।

अभी कुछ दिन पहले ही दोनों में बहस भी हो चुकी है क्योंकि मोहिनी दूसरों के घर में काम करने जाना चाहती थी।
तुम्हें यहाँ किस चीज की कमी है जो तुम दूसरे के घरों में काम करने जाओगी ?
बात कमी की नहीं पैसे की है …
पैसे की ? अच्छा बोलो कितना पैसा चाहिए तुम्हें 10 लाख ,50 लाख , 10 करोड़ …

आप गलत क्यों समझ रहें है मुझे ? मैं बस इतने पैसे जमा करना चाहती हूँ कि अपना वीजा बनवा के खुद जा सकूं उनसे मिलने …। उनको तो फुर्सत मिलती ही नहीं मुझे लेने आने की।
Are you stupid? तुम्हें अब तक नहीं समझ आया कि he is just using you for his fulfillment. Can’t you see this ? dumb girl !
आप गुस्से में अंग्रेजी में क्यों बात करने लगते है ? मुझे अंग्रेजी समझ नहीं आती ।

My Neighbor's Wife" A dramatic dark romance love story part- 2
My Neighbor’s Wife” A dramatic dark romance love story part- 2

 

That’s not my problem. तुम्हें जो समझ नहीं आता जरूरी नहीं कि मैं वो काम करूं ही न !
तो करिए न लेकिन मुझे भी तो मेरा काम करने दीजिए।
No you will not.. That’s my final answer . काम नहीं करोगी तुम बस । गुस्से में इतना कहकर अविनाश फ्लैट से निकल गया था।

अविनाश को मालूम है कि जो गुस्सा किया वो निराधार है उसका कोई हक ही नहीं बनता इस तरह गुस्सा करने का। उससे तो गुस्से से नहीं बस प्यार से ही उलझा कर बात मनवाई जा सकती है। इसीलिए शाम को चाय बनाकर उसके कमरे में देने गया और काम न करने की वजह बताने लगा ।
सोचो तुम्हारे पति को कितना खराब लगेगा जब उन्हें ये पता लगेगा कि जिसे वो रानी बनाकर रखना चाहते है वो दूसरों के घर में नौकरानी बनी हुई है ।
हाँ खराब तो लगेगा ।  तो फिर ! ऐसी जिद न करना आगे से।

ये एक दिन की बात नहीं है । दोनों में अक्सर ही कोई न कोई कहासुनी हो ही जाती है । मोहिनी को समझ नहीं आता कि भला वो किस बात पर भड़क जाते है और अविनाश उससे ये कह नहीं पाता कि बात बे बात पर कमल का जिक्र होना उसके गुस्से को बढ़ाता है ।
आज सुबह ही इसी बात पर अविनाश घर से भूखा ही ऑफिस निकल गया है। सुबह – सुबह उसके पति का फोन आया था महीने भर बाद तो वो मारे खुशी के कुछ ध्यान ही नहीं दे पाई । रसोई में खड़ी खड़ी चाय ही बनाने में घंटे भर लगा दिए।

कुछ खाने को मिलेगा आज की भूखा ही चला जाऊं? रसोई से आ रही मोहिनी की हँसने की आवाज उसे गुस्सा दिला रही है।
लाती हूँ। कहकर वो वापस बात करने में लग गई … आती क्यों नहीं , सुबह से शाम तक याद आती रहती है आपकी लेकिन…
मैं जा रहा हूँ… अविनाश टेबल पर हाथ पटक कर चला गया । ऑफिस में टाइम था फिर भी । मोहिनी पीछे से पराठा और चाय लेकर भागी लेकिन वो एक मिनट के लिए भी नहीं रुका।

रात को देर से लौटा तो बाहर से खा कर ही आया था। डाइनिंग एरिया में पहुंचा तो देखा मोहिनी कुर्सी पर दोनों पैर ऊपर करके सर झुका के सो गई थी। ऐसा लग रहा है कि किसी ने कपड़े की गठरी को कुर्सी पर रख दिया है।सामने टेबल पर खाना ढका हुआ रखा है ।एक बात तो नोटिस की है अविनाश ने कि मोहिनी का वजन बहुत गिर गया है । 55 से वो 45 किलो की लगने लगी है। अविनाश ने बैठने के लिए धीरे से कुर्सी खींची तो उसकी नींद खुल गई।

आ गए आप ! कपड़े बदल आइए मैं खाना लगा देती हूँ। वो हड़बड़ा के सीधी खड़ी हो गई।
तुमने खाया है कुछ सुबह से ?
नहीं ।
क्यों ?

कैसे खाती मेरी वजह से आप भूखे चले गए थें उसके बाद मेरी भूख ही मर गई।
तुम्हारी वजह से नहीं ऑफिस में आज काम ज्यादा था तो जाना पड़ा। चलो अब बैठ जाओ साथ में खाते है । अविनाश ने प्लेट निकालते हुए कहा।        आपसे थोड़ी मदद चाहिए थी ! उसकी आवाज में कुछ संकोच है।
हाँ तो कहो न इसने डरने की क्या बात है ।

वो मेरे उनको कुछ पैसे चाहिए वो पैसे उनके रिश्तेदार के पास है । उन्होंने मुझे उसका पता दिया है लेकिन दिल्ली में कहाँ क्या है मुझे कुछ पता नहीं। आप सुबह वहाँ छोड़ देंगे मुझे ?
लेकिन तुमने बताया था कि कमल वहाँ अच्छा पैसा earn कर रहा है।

हाँ कमा तो रहें हैं लेकिन वो दुबई के पैसे में मिलता है उनको अपने देश के पैसे की जरूरत है ।
Like… seriously..! अविनाश हैरान रह गया।

मोहिनी के पति को लगता है कि मोहिनी अभी भी उसी फ्लैट में रहती है क्योंकि मोहिनी ने उसे अविनाश के कहने पर यही बताया है कि जो मालिक है यहाँ के वो इस बात पर मान गए है कि उनके आने पर वो सारा पैसा एक साथ लेंगे। अपने खर्च के लिए मोहिनी मिसेज पूनावाला के घर चिकन का काम करती है।
इसीलिए कमल को नहीं पता कि मोहिनी उसकी बातें समझे या न समझे लेकिन अविनाश उसकी हर चाल समझ रहा है । भले ही अभी तक मोहिनी से उसने कुछ नहीं बताया है शायद सही समय का इंतजार कर रहा है।

बोलिए छोड़ देंगे ? अविनाश को चुप देखकर उसने दोबारा पूछा।
तुम्हें जाने की जरूरत नहीं कमल का नंबर और उसके रिश्तेदार की डिटेल्स दो कल पैसे पहुंच जाएंगे।
आप आराम से पहुंचा दोगे न ?
अआ.. हूँ , एक बात बताओ कहाँ तक पढ़ी हो तुम ?

क्यों ?
बस ऐसे ही ।
सरकारी स्कूल में 5 तक ।
तुम्हारी बहनें पढ़ रही है न ?  हाँ।

अच्छा ही है कि वो पढ़े उनकी शादी का सोचना भी मत तुम लोग। फिर कुछ रुक कर बोला – एक काम करो अपने गांव का पता भी मुझे दे दो ताकि मैं जाकर देख सकूं और उनका एडमिशन कहीं अच्छी जगह करा दूं जाकर। कोई पूछे तो बोल देना कि उनके दामाद ने तुम्हारी बहनों के पढ़ाई की जिम्मेदारी ले ली है ।

आप क्यों कराएंगे किसी और के नाम पर ! वो जब पैसे लौटाएंगे बाबा को तो बाबा उनका एडमिशन कर…
न वो पैसा लौटाएगा कभी और न कभी तुम्हारी बहनें पढ़ पाएंगी… अविनाश के लहजे में गुस्सा झलक आया था। वो खाना खत्म करके चला गया। लेकिन उसकी आखिरी बात ने मोहिनी को डरा दिया था।

सारी दुनिया व्यस्त है , भाग रही है। लोग मिल रहे है ,बिछड़ रहे है । रोज रात होती है , रोज सुबह होती है लेकिन किसके लिए ? उनके लिए ही न जो चलते है । मोहिनी तो थम के रह गई है । उसकी जिंदगी एक कमरे से शुरू होती है रात में उसकी कमरे में सिमट जाती है। आते ही पूरी बिल्डिंग को अपनी मीठी बातों से मोहने वाली आज सबसे बचकर चलती है। घरवालों से कोई संपर्क नहीं है , उसका पति फोन नहीं करता और अगर करे तो चिल्लाता ज्यादा है ।

अविनाश भी पता नहीं छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने लगा है। पड़ोसी तो वैसे भी उसे गंदे- गंदे नामों से बुलाने लगे है। गांव में थी तो शहर में रहने का मन करता था अब शहर का ऐसा रूप देखकर उसे गांव जाने का बहुत मन करता है। पहले तो टीवी देख लिया करती थी अब तो बस सुबह काम करने के बाद सारा दिन पड़ी अपने देश से पैदल विदेश जाने के बारे में सोचा करती है।

अविनाश बहुत कोशिश करता है उसका मन बहलाने की, उसे अपनी फीलिंग्स बताने की लेकिन मोहिनी का मन घर के कामों के अलावा कुछ और जानने में नहीं लगता। अविनाश ने ब्यूटी पॉर्लर में काम सीखने की बात कही उससे भी इनकार कर दिया । ऐसा नहीं है कि अविनाश के सामने वो हरदम उदास ही रहती है पर अविनाश उसकी मुस्कान के पीछे की उदासी को पकड़ ही लेता है । काफी सोचने के बाद उसने मोहिनी को एक स्मार्ट फोन लेकर दे दिया ये कहते हुए कि मोहिनी यूट्यूब से नई रेसिपी सीखे क्योंकि रेगुलर खाने से उसका मन भर चुका है।

फोन देते वक्त अविनाश ने घर में वाईफाई लगवा ली लेकिन उसे फोन में सिम नहीं डालने दिया। फोन मिलने के बाद से मोहिनी थोड़ी ज्यादा बिजी रहती है । कभी सास बहू का कोई सीरियल, कभी भक्तिधारा और कभी मोगली। उसके फोन के यूट्यूब का एक्सेस अविनाश ने अपने फोन से जोड़ रखा था इस उम्मीद से कि जिस दिन भी मोहिनी का मन जरा भी कमजोर पड़ा उसी दिन वो अपनी किस्मत ट्राई करेगा। लेकिन अभी तक सर्च और व्यू हिस्ट्री में उसे कुछ भी हाथ न लगा ।

वो जितनी भी कोशिश करके उसके पास जाता उसे महसूस होता की मोहिनी उतनी ही कटती जा रही है उससे। ये शक और ज्यादा यकीन में बदल गया जब उसे पता चला कि मोहिनी ने मिसेज पूनावाला से सौ रूपये उधर लिए है । उन्हें तो उसने उसी वक्त पैसे दे दिए लेकिन उसे ऐसा महसूस हुआ कि किसी ने उसका स्वाभिमान नोच लिया है। फ्लैट पर आकर काफी देर चुपचाप बैठा रहा । फिर उठकर मोहिनी के कमरे में चला गया। मोहिनी दीवार के सहारे खड़ी खिड़की से बच्चों को खेलते हुए देख रही थी।

तुम्हें कुछ मंगाना था आज क्या ? अविनाश उसके पीछे आकर खड़ा हो गया।
नहीं तो ! अविनाश की आवाज से वो चौक गई।
तो पूनावाला से सौ रूपये उधार क्यों लिए ?
किसने कहा आपसे ?

बस पता चल गया !
मुझे कुछ जरूरत थी।
तो तुम मुझसे भी तो कह सकती थी न। क्या जरूरत है दूसरों से पैसे मांगने की ?मुझसे कहने में तुम्हें शर्म आती है लेकिन उन लोगों से कहते नहीं। इतना गैर समझती हो तुम मुझे ? तुम्हारी हर जरूरत पर नजर रखता हूँ अगर कहीं चूक हो रही हो तो कम से कम बता दिया करो । ऐसे दूसरों से….

मैं चाय बनाकर लाती हूँ! मोहिनी जाने को हुई तो अविनाश ने उसका हाथ पकड़ लिया ।
रुको मेरी बात खत्म नहीं हुई ..
हाथ छोड़े मेरा… मोहिनी ने गुस्से में अपना हाथ खींच लिया। मेरे पति के अलावा कोई दूसरा मर्द मेरी उंगली भी पकड़े ये मुझे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं। और हाँ पैसे मुझे इसलिए लेने पड़े क्योंकि आप यहाँ नहीं थे और मुझे तुरंत जरूरत आ पड़ी थी । मैं आपके आने का इंतजार नहीं कर सकती थी।

मोहिनी पहली बार अविनाश से गुस्से और ऊंची आवाज में बात कर रही है। बात करते- करते उसकी आंखों में आँसू छलक आए लेकिन उसने तुरंत पोंछ डाले।                                                                                                                                                                                                        Sorry मैं तुम्हें इस तरह नहीं रोकना चाहता था। मैं बस इतना जानना चाहता हूँ कि ऐसी क्या जरूरत थी जो तुम मेरे आने तक का…

थी जरूरत अब मैं आपको क्यों बताऊं ? पति हो आप मेरे ? नहीं न ! तो पति से कहने वाली बात मैं आपसे क्यों कहूं । उसने फिर से अपने आँसू पोंछे। चाय बनाकर लाती हूँ आपके लिए । मोहिनी कमरे से निकल गई।
जिम्मेदारी तो सारी पति वाली ही निभा रहा हूँ सिवा एक काम के । अविनाश ने मन ही में सोचा लेकिन एक शब्द भी उससे कहा नहीं गया क्योंकि मोहिनी के इस रौद्र रूप से उसे डर महसूस हुआ ।

उसके जाने के बाद अविनाश ने सोचा कि ऐसी कौन सी चीज है जिसके बारे में सिर्फ पति को ही बताया जा सकता है ! अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए वो जल्दी- जल्दी मोहिनी के कमरे की तलाशी लेने लगा। पहले उसका बिस्तर , फिर टेबल , ड्रॉअर उसके बाद अलमारी खोली। अलमारी खोलते ही उसे दो पैकेट दिखाई दिए। उन्हें हाथ में लेते ही उसे टीवी की सारी उछलती-कूदती लड़कियां याद आ गई। एक बार अपनी भांजी को भी तो यही खरीदवाने गया था वो। इसमें भला पति का क्या कनेक्शन ? किसी से भी मंगवा….

मोहिनी के पायलों की आवाज करीब आते ही अविनाश ने पैकेट वापस रख के अलमारी बंद कर दी और तेजी से आकर खिड़की के पास खड़ा हो गया। अपने जेब से फोन निकाल पर अगले महीने आज की ही डेट का रिमाइंडर सेट कर लिया उसने।

चाय पी लीजिए ।
Thank you . अब तुम आराम करो मैं मार्केट हो कर आता हूँ। और हाँ… मैं कह रहा था कि आज खाना बाहर से ही मंगवा लेते है। मेरा मन नहीं है घर का खाना खाने का ।
जैसा आपको अच्छा लगे।

Ok !
अच्छा सुनिए ! मेरा भी sorry कुछ ज्यादा ही बोल गई मैं।
मतलब अभी तुम गुस्सा नहीं हो मुझपर ?
नहीं ।

तब एक मिनट रुको। अविनाश ने चाय साइड में रख कर पर्स से 4 कार्ड निकाले और बिस्तर पर रख दिए।
इनमें से तुम्हें जो भी इस्तेमाल करने का मन करे कर लेना इनकी सबकी पिन मैं तुम्हें…
किस चीज में इस्तेमाल कर सकते है इन्हें ?

हे…! उसका मुंह खुला रह गया। कभी कभी आपका रुतबा शोहरत सामने वाले के लिए कोई मायने नहीं रखती। उसने वापस से कार्ड उठा लिए।
तुम्हें आगे से जब भी पैसे की जरूरत हो तुम बेझिझक मेरे कमरे में चली जाना वहाँ मेरे बिस्तर के नीचे और टेबल पर तुम्हें पैसे हमेशा मिल जाएंगे।

दोनों को साथ रहते हुए चार महीने होने को आएं थें लेकिन अभी तक एक भी रोमांटिक सीन नहीं बन पाया था। अविनाश ने सोचा था कि पति से दूर उसकी बेरुखी से तंग आकर नई दुल्हन जब सहारा तलाशेगी तो वो उसे अपनी बाहों में थाम लेगा। मगर मोहिनी सिंदूर और मंगलसूत्र से ऐसी चिपकी हुई है कि उसकी तरफ नजर तक नहीं उठाती। लेकिन एक दो घटनाएं जरूर ऐसी हुई है कि अविनाश को अपने कदम आगे बढ़ाने में आसानी हो गई है।

एक दिन जब उसने अपना शर्ट प्रेस करने के लिए मोहिनी को दिया था क्योंकि उसे देर हो चुकी थी तो मोहिनी बिना नॉक किए ही उसके बेडरूम में आ गई थी। उस वक्त अविनाश टॉवल लपेट कर अपने बाल ड्रायर से सूखा रहा था। मोहिनी उसके कसे सीने और मजबूत बाजुओं को देखकर बर्फ की तरह जम गई थी। अविनाश भी बेशर्मों की तरह उसके सामने ही खड़ा रहा। उसे तो अफसोस इस बात का हो गया कि उसने तौलिया ही क्यों लपेटी ? अब उसके सामने तो तौलिया हटा नहीं सकता। लेकिन चलो जितना दिख रहा है उसी से जान ले कि उसके सूखे छुहारे जैसे पति के मुकाबले मैं कहाँ खड़ा हूँ।

My Neighbor's Wife" A dramatic dark romance love story part- 2
”My Neighbor’s Wife” A dramatic dark romance love story part- 2

 

अविनाश के बाल सूख गए थे फिर भी उसने ड्रायर बंद नहीं किया उसी तरह बालों को ड्राई करने की एक्टिंग करता रहा । शायद सारा दिन भी वो यही कर सकता था लेकिन किचन से कुकर की सीटी लगते ही मोहिनी वापस से सचेत हो गई और उसकी शर्ट बेड पर फेंक कर भाग गई।
ये कूकर किस बेहूदे इंसान ने बनाया होगा ! गुस्से में ड्रायर को पटकते हुए वो कपड़े पहनने लगा।

तैयार होकर जब मोहिनी को खाने के लिए आवाज लगाई तो उधर से कुछ रिस्पॉन्स नहीं मिला तो वो खुद ही किचन में चला गया।
मोहिनी सर झुकाए हुए प्लेट में रखे पराठों को देख रही थी । अविनाश के किचन में आते ही हड़बड़ा गई।
मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था मुझे नहीं पता था कि आप नहा के निकले होंगे ।
कोई बात नहीं हो जाता है कभी कभी । अविनाश ने पराठा उठाकर वहीं खाना शुरू कर दिया।

देखिए मैं आपको नहीं देख रही थी गलती से देखा होगा जो भी देखा लेकिन मेरी नियत बिल्कुल साफ थी मैं… मैं अपने सुहाग की कसम खाकर कहती हूँ। उसने अपने मंगलसूत्र को हाथ में पकड़ते हुए कहा।
ऐसी बातों पर अविनाश को गुस्सा आता है लेकिन आज उसे कोई शैतानी idea आ गया।
सोच लो , मंगलसूत्र बहुत पावरफुल होता है अगर उसकी झूठी कसम कोई खाता है तो फिर वो उसके पास से चला जाता है।

आप डराए नहीं मैं झूठ नहीं बोल रही।
मैं भी तो सच ही बोल रहा हूँ। अपनी प्लेट उठाकर अविनाश बाहर चला गया।

रात में जब वापस लौटा मोहिनी तब भी उसके सामने नहीं आई। अविनाश भी कमरे में उसे बुलाने नहीं गया। रात करीब 1 बजे सधे कदमों में उसके कमरे में दाखिल हुआ । मोहिनी इस वक्त गहरी नींद में थी। अविनाश ने आहिस्ते से उसके मंगलसूत्र को दो उंगलियों में पकड़ा और ब्लेड से उसके धागों को इस हिसाब से काटा की जब वो उठकर चले तभी मोती बिखरे इससे पहले नहीं। ये काम करने के बाद वो बिस्तर पर बैठकर उसके चेहरे को देखने लगा।

कमरे में हल्की हल्की रोशनी थी जो मोहिनी के चेहरे को और मादक बना रही है। अविनाश मन ही मन मोहिनी के लाल होठों को अपने जलते हुए होठों से किस कर रहा था , उसके बालों से खेल रहा था , उसकी गर्दन पर अपने होठों से निशान बना. .. उसके गोल सीने को अपने हाथों से… अविनाश की सांस बहुत तेज हो गई । उसने अपने खयालों पर काबू पाया । जब मछली खुद ही जाल की तरफ आ रही हो तो जल्दबाजी में जाल उसकी तरफ करना बेवकूफी है। यही सोचकर अविनाश कमरे से निकल गया।

क्या हुआ ? मंगलसूत्र उतार कर रख दिया ? अगली सुबह मोहिनी के गले में काले धागे को देखकर अविनाश ने कहा।
हाँ। हमारे यहाँ सोने के मंगलसूत्र को संभाल के रख देते है उसकी जगह गिलट का मंगलसूत्र पहनते है।
सच बोल रही हो कहीं रात में खो तो नहीं गया ?

खोएगा क्यों अंदर रखा है सम्भाल कर।  मोहिनी डर रही है कि मंगलसूत्र टूटने की बात पर अविनाश उसे खराब औरत न मान ले । उसने तो अविनाश को वैसी नजर से देखा भी नहीं था । देखा था क्या ?
तब तो बढ़िया है तुम बोलो तो मैं तुम्हारे लिए गिलेट का मंगलसूत्र ले आऊं ?
आप ला दोगे ? हमारे यहाँ पति के रहते गले को सूना नहीं रखा जाता ।

शाम में ला दूंगा। उसने ये कहा – पहना भी दूंगा ! ये वो कह नहीं पाया।
शाम को अविनाश ने गिलट का बोल के उसे सोने का पहले से वजन मंगलसूत्र ला दिया । बड़ी चालाकी से उसने सुनार से कहकर उसमें अपने नाम का A भी छुपाया। मोहिनी को लगा कि मंगलसूत्र सोने का है तो अविनाश ने कहा था कि शहर वाला गिलट बिल्कुल pure होता है , ऐसे ही चमकता है।                       इसी तरह की बदतमीजी भरी हरकत उसने कुछ वक्त बाद दोबारा भी की।

Sunday के दिन वो अपने कमरे में ही बैठकर काम करता हैं। लेकिन आज वो डाइनिंग एरिया में टीवी की तरह पीठ करके बैठा हुआ लैपटॉप पर काम कर रहा है। उसने हेडफोन भी लगा रखा है । जब उसे लगा कि हाँ बस मोहिनी लंच तैयार कर चुकी होगी तभी उसने मोहिनी को आवाज दी।
मोहिनी टीवी पर कोई अच्छी सी म्यूजिक लगा दो जिससे सोसाइटी के बच्चों का शोर न सुनाई दे । वरना मेरी मीटिंग खराब हो जाएगी please. मैंने तो हेडफोन लगाएं है लेकिन सब थोड़े लगाएंगे।

हाँ क्यों नहीं । मोहिनी ने खुशी खुशी रिमोट उठाकर इधर उधर चैनल बदलते हुए – भोर भए पनघट पे …! गीत लगा दिया और खुद खाना निकालने चली गई। उसके जाते ही अविनाश उठा और इंग्लिश चैनल जिस पर इटालियन मूवी आ रही थी , लगा कर वापस बैठ गया।
मोहिनी आते ही प्लेट लगाने में मशरूफ हो गई उसने टीवी की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। टीवी से कुछ अश्लील किस्म की आवाजें आ रही है लेकिन मोहिनी भोर भए ही गाती है।

मोहिनी का ध्यान जैसे ही टीवी पर जाता है वो चीख पड़ती है ।
हाय… हाय राम !
क्या हुआ चीखी क्यों इतनी तेज ..? अविनाश ने हेडफोन हटाते हुए कहा।

ये क्या हुआ रिमोट कहा है? रिमोट को ढूंढने के लिए वो सामान इधर उधर फेंकने लगी । लेकिन रिमोट को तो अविनाश ने गायब कर दिया है। मोहिनी ने लपक कर टीवी के तार ही नोंच डाले । ये सब कुछ बस डेढ़ मिनट के अंदर हुआ होगा लेकिन इतनी ही देर में मोहिनी पसीने से भीग गई।
पता नहीं ये कैसे लग गया मैने तो गीत लगाया था ? वो घबराई हुई सी वहीं खड़ी रही।

कोई नहीं कभी-कभी आदमी जैसा सोचता है वैसा सच में हो जाता…
मैं कभी ऐसा नहीं सोचती ।
क्यों ? तुम्हारे पति कभी भी इस तरह तुम्हारे सपनों में भी आते !

नहीं कभी नहीं। वो इस तरह नंग धूड़ंग कभी नहीं आते। सपने में भी आपकी तरफ सूट बूट में आते है ।
मेरी तरह ?
हाँ और नहीं तो क्या पूरे कपड़ों में ।
उनके बाल भी फिर तो मेरी तरह होंगे !

हाँ छोटे – छोटे ।
और महंगे वाले जूते…
महंगे वाले जूते भी और आपकी तरह की घड़ी भी।
अब चेहरा भी बता दो कैसा दिखता है क्या वो भी मेरे चेहरे…

नहीं नहीं । मोहिनी घबरा के वहां से चली गई। इस बात से अविनाश को यकीन हो गया है कि मोहिनी भी उससे प्यार करने लगी है लेकिन स्वीकार नहीं कर पा रही है।

इस वाकया के बाद अविनाश ने कई बार उससे बात करने की और उसके पति की हकीकत बताने कोशिश की लेकिन वो अविनाश से बचकर रहने लगी । जितनी बार भी कमल का जिक्र आता वो रोने लगती की उसके पति के बारे में कुछ भी गलत न कहा जाए। दोनों के बीच काफी तनाव आ गया है।            मोहिनी पहले से गाढ़ा और लंबा सिंदूर लगाती है , खूब अच्छे से सजती है जैसे कि वो अपनी शादी से बहुत खुश है और अपने पति के सिवा किसी और की तरह आकर्षित ही नहीं हो सकती । इसी वजह से एक दिन बहस के बीच अविनाश ने सिंदूर की डिब्बी फर्श पर पटक दी और सारा सिंदूर बिखर गया।

मोहिनी बिना वक्त गंवाए तुरंत कमरे में जाकर अपना सामान पैक करने लगी। अविनाश को थोड़ी देर बाद अपनी गलती का अहसास हुआ और उसे डर लगा कि अगर मोहिनी उसे छोड़कर चली गई तो ? इन 6 महीनों में उसे किसी नशे की तरह मोहिनी की लत लग चुकी थी। वो तुरंत जाकर उसे मानने लगा। उसके हाथ जोड़े , तरह-तरह की कसमें खाई , कभी गुस्सा न करने का वादा किया ।

अपनी मजबूरी और अविनाश की बिनती देख कर मोहिनी इस शर्त पर रुकी कि अगर अविनाश ने कभी उसके पति को कुछ भी बुरा कहा तो वो तुरंत ही घर छोड़ देगी। अविनाश इस शर्त को तुरंत मान गया।

अविनाश मोहिनी को खुश करना चाहता था इसीलिए शाम को ही मार्केट से बहुत सारा सिंदूर ले आया । मोहिनी अपने कमरे में कुर्सी पर बैठे बैठे ही सो गई थी। अविनाश ने उसके सूने सर को देखा जिसमें हल्का सा सिंदूर लगा है।” तुम सिर्फ मेरी हो ।” सोती हुई मोहिनी के कानों में उसने कहा फिर चुटकी में सिंदूर लेकर उसकी माँग भर दी। अविनाश जानता है कि मोहिनी को रात में आईना देखने की आदत नहीं है और सुबह तक तो सिंदूर वैसे भी हल्का हो जाएगा।

इस शर्त को मानने के बाद उसे लगा था कि सब कुछ ठीक चलेगा लेकिन इसके बाद भी जब मोहिनी ने फ्लैट छोड़ने की बात कही तो वो भड़क गया।
मुझे अपने लिए कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं तो चली जाऊंगी अपने पति के साथ ये सोसाइटी वाले मेरे पीछे आपको कहेंगे कि ये देखो दूसरे की बीवी रखने वाला! अच्छा लगेगा आपको ?

सोसाइटी….पति .. तुम्हारी सारी दुनिया इन्हीं के पास घूमती है । Didn’t you think about me for a second ? How deeply n madly I am in love with you do you even realize it ? No ! why ? Just because of your cheater husband and sick society . Sometimes you behave with me like I am nothing to you , it hurts Mohini but I preten….
हिन्दी में बात करिए मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा please। मोहिनी भी रुआंसी हो गई अविनाश की आंखों में आँसू देखकर।

मैं बस इतना कह रहा हूँ कि तुम्हें कमल के रिश्तेदार के यहाँ जाने की कोई जरूरत नहीं है। तुम अपना सामान पैक करो और मैं अपना पैक कर लूंगा। अविनाश ने शर्ट की बांह से आँसू पोंछे।
लेकिन हम जाएंगे कहाँ?
जहाँ मैं ले चलूंगा ।

मेरे पति तो यहीं आयेंगे न मुझे लेने फिर कहीं और..
“तुम इसी में मर के दफन हो जाओगी तब भी नहीं आएगा। ” अविनाश मोहिनी से ये बात कहना चाहता था लेकिन शर्त के मुताबिक कह नहीं सका ।
मैं छोड़ जाऊंगा अगर वो लेने आया तो ।

wait for last part . Thanks for reading .

अगर आपके पास भी कोई ऐसी love story  हो तो आप अपने इस परिवार के साथ शेयर कर सकते है आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जायेगा। आप अपनी कहानी हमें मेल कर सकते है… 

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