Revenge -The Dark side of marriage sad love story part 2

Revenge -The Dark side of marriage sad love story part 2

                            कहानी Revenge -The Dark side of marriage. sad love story के पहले भाग में आपने पढ़ा कि सुहास एक IPS है अपनी गर्लफ्रेंड निधि से शादी करता है । शादी के बाद सुहास का व्यवहार एकदम बदल जाता है। पहले वो निधि की बहुत फिक्र करता था लेकिन अब उसे बहुत मारता पीटता है और घर पर कुछ भी बताने पर उसके घर वालों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देता है। सुहास रोज पैसे की डिमांड करता रहता है, उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता है।
सुहास निधि को मारना चाहता है । इतना बड़ा बदलाव देखकर निधि हैरान रहती है । वो कौन सा Revenge है जिसे पूरा करने के लिए सुहास ये सब कर रहा है । जानेंगे इस अंतिम भाग में –

बहुत रात ढले सुहास घर लौटा था। उसके पैरों में इतनी ताकत नहीं थी कि वो अपने बेडरुम में जा सके लेकिन फिर भी खुद को लगभग घसीटते हुए वो अंदर गया था।   निधि एक पतला सा चादर लपेट कर सो रही थी। पिछले कुछ वक्त से उसने रात में कपड़े पहनना बंद कर दिए है क्योंकि सुहास कपड़ों को ऐसे उतार कर फेंकता था जैसे उसके शरीर की खाल को ही नोच डालेगा। उस दर्द से बचने के लिए निधि खुद ही अपने कपड़े उतार देती है रात में।

Revenge -The Dark side of marriage sad love story
Revenge -The Dark side of marriage sad love story

 

बाकी बचे दर्द से बचने के लिए उसने नींद की गोलियां लेनी शुरू कर दी है । नींद में उसके साथ क्या क्या हो रहा है उसे ज्यादा आभास नहीं होता । अगर कभी सुहास थप्पड़ मार कर या पानी डाल कर उसे जगाता भी है तो थोड़ी ही देर बाद उसे फिर से नींद आ जाती है।

सुहास उसके पास एक कुर्सी खींच कर बैठ गया । उसकी नजर निधि के चेहरे पर ही गड़ी हुई है। वो चेहरा जो कभी बेदाग खूबसूरत हुआ करता था । क्या सच में सुहास को उस चेहरे से कभी प्यार नहीं हुआ ? सिर्फ नफरत के लिए ही उसका इस्तेमाल किया ? आज जो चेहरा सूखा , पोपला दागदार है जिसकी आँखें गहरी धस चुकी है, आसपास झाइयां और मुंहासे निकले हुए है जो 21 का होकर भी 41 का लग रहा है क्या हमेशा से वो ऐसा ही था?

नहीं निधि की क्लास के लड़के पागल थे उसके चेहरे पर। शरारत , मुस्कुराहट और नखरे उसके गोल गुलाबी चेहरे पर खूब जांचते थें। 11,12,13,14 और फिर सीधा  17 क्या इतने सालों तक नजर रखने के बाद भी वो इसे प्यार नहीं कर बैठा होगा। कितने झूठ बोले , कितने बहाने बनाए , कितने ही तरीकों से निधि का दिल जीतने की कोशिश की क्या सिर्फ अपने बदले के लिए ? ऐसा हो ही नहीं सकता कि कभी उसे निधि से प्यार न हुआ हो मगर बदले की भावना हमेशा उसके प्यार को दबा देती थी।

पिछली सारी बातें सोचते हुए सुहास की आंखों में आँसू भर आएं। जिस चीज का वो हमेशा से विरोध करता रहा, हमेशा ऐसी लड़कियों की मदद के लिए दिन रात एक कर दिया । वही हरकत वो खुद करता है । क्यों सिर्फ Revenge पूरा करने के लिए ? लेकिन क्या इसमें उसकी गलती नहीं है ? चारु ने सही तो बोला घरेलू हिंसा के लिए सिर्फ ससुराल वाले ही नहीं मायके वाले भी बराबर जिम्मेदार होते है तो सजा सिर्फ एक पक्ष को क्यों मिले ?

सुहास बहुत ज्यादा शर्मिंदा था । निधि के चेहरे और गर्दन पर बने निशान उसकी आंखों को जख्मी कर रहे थें। वो वहाँ से उठकर ड्रॉवर से एक जेल निकाल लाया और उसके जख्मों पर लगाने लगा। उसने धीरे से उसके बदन पर पड़ी चादर को हटाया तो उसके हाथ कांपने लगे । आज पहली बार जब प्यार वाली आंखों से देखा तो नजर आया कि पूरा शरीर ज़ख्मों से भरा पड़ा था। जली, कटी,नुची, हर तरह की चोट और चोट के निशान मौजूद है उसके शरीर पर ।

उसकी जांघ और सीना, स्त्री शरीर के सबसे कोमल अंग तो जैसे सुहास के ऐशट्रे की तरह काम करते है। उसकी जांघ पर धीरे से हाथ रखते ही निधि ने नींद में होने के बावजूद अपने पैर फैला दिए । उसके पूरे बदन ध्यान से को देखने के बाद उसका गला उबकाई से भर गया । वो भागा-भागा बाथरूम में गया ।

काफी देर तक उल्टी करने के बाद उसे अपना सीना कुछ हल्का महसूस हुआ । वो उठकर अपना मुंह धोने गया तो आईने पे नजर पड़ते ही उसे फिर से उल्टियां होनी शुरू हो गईं। कितना घिनौना लग रहा है वो ।
वापस निधि के पास आकर सुहास उसके पैरों में गिर गया । पता नहीं कितनी देर तक ऐसे ही उसके पैरों में पड़ा रोता रहा लेकिन इतना जरूर मालूम है कि वो उस रात थोड़ी देर भी सो न सका।

निधि सुबह काफी दिनों के बाद देर से सोकर उठी। तभी उसकी नजर टेबल पर पड़े नाश्ते पर गई। आज तक इस घर में उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ था। कहीं इनमें जहर न हो ! इस डर से निधि ने कुछ भी नहीं खाया पिया। बस फटाफट फ्रेश होकर नीचे भागी । नीचे आकर देखा तो सुहास सोफे पर बैठा न्यूजपेपर पढ़ रहा था । इतने टाइम तक वो ऑफिस निकल जाता है लेकिन निधि ने कुछ भी न पूछा वो किचन में घुस गई। वहाँ देखा तो सुहास ने लंच की भी सारी तैयारी करके रखी हुई है। वो अंदर ही अंदर बहुत डर गई।

मुझसे कोई गलती हो गई क्या ? निधि बहुत धीमी आवाज में पूछते हुए सर झुका के सोफे के बगल में खड़ी हुई।
सुहास के पास बोलने के लिए एक भी शब्द न था इसीलिए उसने बस निधि को देख के सर झुका लिया।
मैं जल्दी उठ जाती लेकिन पता नहीं कैसे आज आंख नहीं खुल पाई लेकिन आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा please आप घर पर मत बताना।

सुहास ने निधि को उसके ही घरवालों के सामने विलेन बना के रख दिया है। यहां तक कि वो लोग उसे पागल और बीमार भी समझने लगे है । जो रात को फोन करके घरवालों को परेशान करती है , चीजें भूल जाती है , बच्चा नहीं चाहती , सुहास का ध्यान नहीं रख पाती , बेवजह रोती रहती है , पैसे उड़ाती है जैसी और भी बातें निधि के घरवाले सच मानते है । केवल उसका भाई ही इन चीजों को स्वीकार नहीं कर पा रहा इसके पीछे की वजह भी ये है कि बार निधि का फोन न रिसीव कर पाने पर उन्होंने सुहास को कॉल किया था तब सुहास ने कहा था –

“कॉल उठा लिया कीजिए उसका साले साहब । क्या पता किस जलने-मरने से बचने की इमरजेंसी में वो आपको कॉल करें और जब तक आप कॉल बैक करें तब तक वो स्वाहा भी हो जाएं। ” उस दिन के बाद से महीने भर हो गया लेकिन उसका भाई सही से सो नहीं पाया । रात में उठ कर कई बार अपना फोन चेक करता रहता है। इतनी ज्यादा फिक्र रहती है उसे निधि की कि सही से खाना भी नहीं खा पाता है अब।

निधि को इतना प्यार करने के पीछे वजह भी ये है कि वो सबसे ज्यादा अपने भाई को ही प्यार करती है दूसरी वजह ये है कि शादी के 7 साल बाद भी अभी वो बाप नहीं बन पाया है ।

इसीलिए अपने से 12 साल छोटी बहन को ही अपनी बेटी मानता है।

नाश्ता कैसा बना था ? सुहास ने प्यार से पूछा ।
अभी खाया नहीं सोचा पहले आपके लिए कुछ बना दूं।
मैं खा चुका हूँ।
अच्छा ! आप आज रुके है तो मैं आपका मीटिंग रूम साफ कर दूं ? अगर यही से काम करे तो ?

नहीं उसकी जरूरत नहीं है । मेरा एक दूसरा काम है करोगी ?
जी कहें।
अपने भाई को फोन लगाना है ।
Ok… कितने पैसे …

पैसे नहीं पूरा हिसाब ही खत्म करना है आज । मैं तुमको जो कहूं वही कहना होगा तुम्हें बस । एक बार वो यहाँ आ जाए…
लेकिन आज तो वो नहीं आ पाएंगे । बुआ के घर शादी है तो सब वहीं जाएंगे शाम को।
तभी तो रात में कॉल करना है कि आते-आते उन्हें सुबह हो जाए।
देखिए जो भी बात हो आप मुझसे कह लीजिए घरवालों को इस तरह मत परेशान…

निधू ! आखिरी बार । हाथ जोड़ रहा हूँ तुम्हारे इसके बाद तुम जो कहोगे सब करूंगा। अगर कुत्ता बनकर भी रखोगी वो भी मंजूर है मुझे ।
छी: ये कैसी बातें कर रहें हैं आप । सुहास जैसे ही झुक कर उसके पैर छूने चला वो पीछे हट गई।
हुआ क्या है आपको ?
वो तुम्हें रात में पता चलेगा ।

निधि उसकी कही बात को मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हो रही थी तो सुहास खिड़की पर जाकर खड़ा हो गया ।
मेरी जिंदगी का एक ही मकसद है अपना Revenge पूरा करना अगर तुमने साथ नहीं दिया तो वो कभी पूरा भी नहीं होगा तब इस situation में मेरे जिंदा रहने का सवाल ही नहीं है। मैं जा रहा हूँ हमेशा के लिए । इससे पहले वो खिड़की से नीचे कूद जाता बेबस निधि उसकी बात मानने के लिए तैयार हो गई।

भैय्या please help .. बचा लीजिए,वो मार देगा मुझे । पापा ..बचाओ मुझे … हा.. आह .. छोड़ दो भगवान के लिए … Suhaaa..ss ! एक तेज चीख के साथ फोन डिस्कनेक्ट हो गया। सब अभी शादी में पहुंचे ही थे , ये खबर सुनकर भागे – भागे गाड़ी के पास पहुंचे। उनके साथ कुछ रिश्तेदारों ने भी अपनी अपनी गाड़ी निकाल ली।

निधि के पापा ने सुहास को कॉल की । सुहास की आवाज में घबराहट थी ।
अंकल आप लोग हॉस्पिटल पहुंचिए निधि ने आत्महत्या की कोशिश की है। गाड़ी में बैठे सभी लोग सन्न हो गए। निधि की माँ छाती पीट पीट के रोने लगी।
मम्मी जी शांत रहिए और प्रार्थना कीजिए कि अपनी गुड़िया बच जाए।
अभी कार आधे रास्ते पर पहुंची थी कि सुहास का फोन आ गया ।

हॉस्पिटल आने का कोई फायदा नहीं। मैं एड्रेस भेज रहा हूँ आप लोग चर्चयार्ड पहुंचे ।
साले मार दूंगा तुझे अगर मेरी बहन को कुछ हुआ तो..।
फोन कट चुका था। पूरी गाड़ी में रोना पीटना मच गया।

वो इतनी रात में कैसे जला सकता है अपनी बच्ची को वो भी हम लोगों के बिना। उसके पापा एकदम पागलों की तरफ हरकतें कर रहें थें ।
ऐसा मैं होने नहीं दूंगा पापा । पोस्टमार्टम करवा के उसे सलाखों के पीछे पहुंचाऊंगा। समझता क्या है पॉवर है तो किसी की जान ले लेगा ।

ये सब तुम दोनों की वजह से हुआ । मेरी बेटी को मार दिया उसने ..! हाय दादा । पैसा काहे नहीं दे दिए उसको । पांच लाख ही तो मांगा था कमसे कम बिटिया तो जिंदा रहती । हाय ऊपर वाले अनर्थ देख मार दिया.. मार दिया हमरी बिटिया को वो लोभी । माथा पीटते हुए निधि की माँ बेहोश होकर गिर पड़ी । भाभी ने अपने आँसू रोकते हुए उन्हें संभाला।

जब तक सब चर्चयार्ड पहुंचे 4 बज चुके थे। वहाँ जल रही चिता भी राख बन चुकी थी।

Revenge -The Dark side of marriage sad love story
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ये देखकर पापा भी बेहोश होकर चिता के पास गिर पड़े । भैय्या गर्म चिंगारी वाली राख को अपने बाहों में भरने की कोशिश करने लगे तो भाभी ने लपक के उन्हें पकड़ा।
ये क्या कर रहे हो आप । पगला गए हो क्या ? तुम्हारी बहन को जलाकर गया वो अब यहाँ राख बची है खाली। उसमें खुद को क्यों झोंक रहे हो , होश में आओ। तब तक दो लोगों ने बढ़कर उसे खींच कर चिता से दूर किया ।

बताओ अच्छा खासा परिवार तबाह कर दिया । बिटिया के अंतिम दर्शन तक न नसीब होने दिए। पता नहीं सरकार ऐसे लोगों को अधिकारी कैसे बना देती है। रिश्तेदार आपस में बात कर रहें थें।
भाई तू घबरा मत हमारी बहन को मारकर वो भी सुकून से न रह पाएगा । चल उठ अंकल को संभाल । हम अभी उस साले के घर चलते है।

सब लोग जब सुहास के घर पहुंचे तो वो अपने बैकयार्ड में बैठकर चाय पीते हुए अखबार पढ़ रहा था । उसके बगल में गनर खड़े थे। सुहास को अपने सामने देखकर निधि का भाई उसपर झपट पड़ा लेकिन दोनों गनर ने उसे धक्का देकर सामने की कुर्सी पर बिठा दिया।
मुझे बहुत दुख है कि आपकी बहन ने खुदकुशी कर ली। पागलपन के दौरे तो पड़ते ही थे मुझे क्या पता था कि ये कदम भी उठा लेगी।
वो मरी नहीं तूने मारा है कमीने ।

मम्मी जी पापा जी और आप लोग भी आराम से बैठ जाइए। इस तरह खड़े होकर रोने से दर्द थोड़े कम हो जाएगा। हाँ तो क्या कहा आपने ? की निधि को मैने मारा है !
हाँ हाँ कहा ही नहीं कोर्ट में साबित भी करूंगा कि…
कैसे साबित करोगे सुबूत है कोई ?

इतना उड़ने की कोई जरूरत नहीं सर इतने गवाह ही काफी है तुझे जेल पहुंचाने के लिए। निधि का फुफेरा भाई बोला।
अरे जब मैने मारा नहीं…
तूने ही मारा .. भैया लपक के खड़े हुए लेकिन गनर ने फिर से उसे बिठा दिया।
तुम कैसे कह सकते हो ?

क्योंकि तुम जैसे बहुत से लोगों से पाला पड़ा है मेरा समझे ।
पाला पड़ा है कि खुद किया है ?
जुबान सम्भाल के..

कमाल है बहन खोने के बाद भी ये अकड़ ! मम्मी जी अपने बेटे से कह दो कि अपनी गलती स्वीकार ले बहन तो वापस नहीं मिलेगी लेकिन शायद ऊपर वाला किसी की बददुआ वापस लेकर भाभी जी की गोद ही हरी कर दे।
कैसी गलती ? मेरे बेटे ने कोई गलती नहीं की।
मत मानिए भगवान करे भाभी को बेटी हो जाए और उसे भी कोई इसी तरह जला दे जैसे …

साले हरामखोर … भैया ने उछल कर सुहास की गर्दन पकड़ ली।

मैं तो खुलकर कहूंगा कि मैंने तुम्हारी बहन को जहर देकर मारा क्योंकि मैं मर्द हूँ मुझे झूठ का सहारा लेने की जरूरत नहीं लेकिन तुमने अगर हिम्मत है तो बोलो कि मेरी बहन सुहासिनी को कैसे मारा था तुमने ?
तुम उसके भाई हो ?
हाँ मैं तुम्हारी पहली बीवी का भाई हूँ।

हाँ मैंने तेरे बहन को जलाकर मारा था अगर तेरी कोई दूसरी बहन भी होती तो मैं उसे भी मार डालता।
गीता में लिखा है कि अधिक भावावेग एवं क्रोध में मनुष्य को कोई भी ऐसी बात मुख से नहीं निकालनी चाहिए जिसके लिए उसे बाद में पछताना पड़े । लेकिन ये सीख मनुष्य को याद कहाँ रहती है।
उनका इतना कहना भर ही था कि साथ आए रिश्तेदारों की नजरें तुरंत बदल गई।

मैने ही मारा था तेरी बहन को । लेकिन ये जानकार भी तू क्या कर लेगा जो पिछले 15 सालों में न कर सका वो अब करेगा ? लेकिन अब देख मैं क्या-क्या करता हूँ तेरे साथ …
क्या करेंगे भैया इनकी बहन की तरह इनको भी मार देंगे क्या ? पास के कमरे से निधि बाहर निकल के आई। उसे देखते ही अविश्वास और खुशी से सबकी आँखें गीली हो गईं। उसकी माँ और भैया दोनों उसकी तरफ भागे।

मेरे करीब मत आना आप लोग । मैं हत्यारों की बेटी या बहन नहीं हो सकती ।
मुझे क्यों नहीं मारा अब तक ? शायद मेरे पापा भर भर के पैसे देते आएं है आप लोगों को इसलिए ! अगर किसी दिन पैसे नहीं मिले तो मुझे भी मार दोगे सुहासिनी की तरह ?
नहीं माया ऐसी बात… भैया उसे समझाने जाने लगे तो उन्होंने भी रोक दिया।

दूर… तुम्हारा अभिशाप झेल रही है मेरी कोख और मुझे लगता था कि मुझमे ही कमी है । मैं जा रही हूँ ये कलंक अब तुम ही माथे लगाओ। भाभी कार में बैठकर निकल गई।

सच में भाईसाहब इतने लोभी लोग है आप ! साल भर ही रह पाई थी बड़की बहुरिया । वही सोचूं हर काम तो इतने करीने से करती थी तो लापरवाही से साड़ी में आग कैसे लग गई । जाते है सुहास बेटा कुछ भी ऐसा वैसा बोल दिया हो तो माफ करना । उन लोगों के साथ जो चार पांच रिश्तेदार आएं थें वो भी वहां से निकल गए।

चलो घर लौट चलते है बेटा यहां तुम्हारी जान को खतरा है। उसके पापा बोले।
मेरी जान की चिंता है या अपनी करनी मिल जाने की ।
बेटा वो छोटी सी गलती हो गई थी हम लोगों से।

छोटी सी ? हाँ सही है । मुझे बचपन से पाल रही माँ समान बहन को मार दिया , सालों से अस्पताल में पड़ी माँ एक सदमे में गुजर गईं, हमें अंतिम दर्शन तक न करने दिए आपलोगों ने दीदी के । पुलिस को पैसे खिलाकर पापा पर केस बनवा दिया , हार्टअटैक से पापा भी चल बसे । महीने भर के अंदर 12 साल की उम्र मैं अनाथ हो गया । ये सब आपके लिए छोटी सी गलती है! बढ़िया है फिर तो । काश मैं भी आप लोगों के साथ ये छोटी सी गलती दोहरा पाता। सुहास लड़खड़ाते हुए घर के अंदर चला गया।

बाहर क्या हुआ सुहास को कुछ पता नहीं लेकिन थोड़ी देर बाद निधि ने आकर घर के दरवाजे बंद कर दिए।

आपने कभी बताया क्यों ये सब मुझे ?
क्या तुम्हें सच में इस बारे में कुछ नहीं पता था ?
7 की थी मैं बोर्डिंग स्कूल में पढ़ती थी कहाँ से याद होगा मुझे । इतना मालूम है कि एक दिन कार से भैया के साथ एक सफेद परी लाने गई थी और सालभर के अंदर पता चला परी अपने घर वापस भी चली गई बस। मुझे तो लगता था कि शायद कोई सपना ही होगा ।

बोर्डिंग स्कूल से जब घर लौटी थी तब पता चला था मुझे तुम्हारे बारे में । उसी दिन सोच लिया था तुम्हारे भाई से Revenge पूरा करने का। तब से नजर रखनी शुरू की थी तुम पर । लेकिन फिर कॉलेज में एडमिशन होने से शहर छोड़ना पड़ा। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था । तुमने भी उसी कॉलेज में एडमिशन ले लिया। बदला लेने की भावना मुझमें फिर से आ गई। लेकिन ऐसा नहीं है कि मैंने तुम्हे कभी प्यार नहीं किया बस Revenge ने उस प्यार को दबा दिया था। शादी के बाद एक दिन भी ऐसा नहीं गया जिस दिन तुम्हारे भाई के टॉर्चर मुझे याद न आएं हो ।

पापा के सामने दीदी को पागल , कुलटा चरित्रहीन बोलता था , कभी उनके मुंह में जबरदस्ती जलता कोयला भर देते थें तुम्हारे घर वाले तो कभी चारपाई से बांध कर गर्म सरिया से दाग देते थें। खाना तो तीन चार दिन में मिलता था वो भी बासी। मैं भी इतना नीचे गिरकर तुम्हारे साथ ये सब करना चाहता था लेकिन चलो समय रहते कुछ बुद्धि मिल गई कहीं से ।

आपने बहुत कुछ सहा है सुहास ।
और तुमने भी निधि। हाँ Revenge के लिए मैं बहुत अंधा हो गया था जो किया उसपर बहुत पछतावा है। उसके बदले जो सजा दोगी मंजूर है । इस्तीफा लिख दिया है , अपना जुर्म भी कबूलने को तैयार हूँ और भी जो तुम कहो हर चीज के लिए तैयारी है मेरी । बस मुझे एक और मौका दे दो। इसके बदले जो चाहो मांग लो।

तलाक दोगे ?
क्या ? सुहास को झटका लगा।
अब कभी दोबारा आपको प्यार नहीं कर पाऊंगी आपको क्या किसी भी आदमी को नहीं कर पाऊंगी। अगर आप कुछ देना ही चाहते है तो तलाक दे दीजिए।
निधि please इसके सिवा कुछ भी दे दूंगा लेकिन….

एक बात बताएंगे ? खुद को so called mard समझने वाले आप जैसे लोगों में क्या इतनी मर्दानगी नहीं होती जो सामने वाले आदमी से दो- दो हाथ कर सकें ? हमेशा औरतों के कंधे पर बंदूक रख के क्यों चलाते हैं। भैया ने आपकी बहन के साथ गलत किया तो आप भी उनकी बहन के साथ गलत करेंगे ? इसमें गलती आपकी नहीं देती क्योंकि हम जिस समाज में रहते हैं वहाँ बदला , Revenge का मतलब है दूसरे की बहन , बेटी या माँ की आबरू लूटना , जान से मारना या बदनाम करना ।

उसने मेरी बहन के साथ गलत किया तो मैं उसकी बहन के साथ गलत करूंगा। अरे आप लोगों की गालियां तक में भी मर्दानगी के नाम पर औरतों को बदनाम किया जाता है।
सुहास ने उसकी बात का कोई विरोध नहीं किया बस चुपचाप सर झुका कर सुनता रहा ।

मर्दों की सारी मर्दानगी औरतों के आसपास ही क्यों घिरी रहती है ? अगर आपको बदला लेना था तो भैया का कॉलर पकड़ के उन्हें क्यों नहीं मारा ? क्यों नहीं उन्हें उतना टॉर्चर किया जितना उन्होंने सुहासिनी भाभी को किया ? तभी तो उनको उस दर्द का पता चलता जिस दर्द से वो गुजरी थीं मेरे साथ ऐसा करके आपने सिर्फ उनके male ego को ठेस पहुंचाई हैं और जरा सा दर्द हुआ है लेकिन मैंने क्या झेला है ये न आप समझ सकेंगे न वो ।

दुनिया की तमाम औरतों आप जैसे खुद को मर्द समझने वाले लोगों की male ego और सस्ती dignity का शिकार बनती है। औरतें ही उस गलती की सजा पाती हैं जो उन्होंने कभी की ही नहीं थीं । आपने ये जो किया है मेरे साथ अगर ऊपर बैठकर भाभी देख रही होंगी तो उनकी आत्मा और भी ज्यादा जलने लगी होगी। लानत भेज रही होंगी आप पर । किसी आदमी को मजा चखाने के लिए दो दो औरतों को तकलीफ दी है आपने। मेरे शरीर के ये निशान तो नहीं मिटेंगे लेकिन मन करें तो मेरी और भाभी जैसी औरतों की मदद करके मेरे ज़ख्मों पर मरहम लगाते रहना । निधि उठ खड़ी हुई ।

मुझे छोड़ रही हो ?
नहीं पता बस अभी के लिए बहुत दूर जाना है आप सभी लोगों से । फिक्र न करें मिलने आती रहूंगी आपसे ताकि आपको याद रहें कि ऐसा न दोबारा कुछ करना है न होने देना है। निधि दरवाजे से बाहर निकल गई। उसके पैरों में सिर्फ चप्पल थें। बाकी कोई भी सामान उसके साथ नहीं था। सुहास उठकर दरवाजे तक आया और निधि को जाते हुए देखता रहा ।

Revenge -The Dark side of marriage sad love story
Revenge -The Dark side of marriage sad love story

हवा में उसके बाल और कपड़े उड़ रहें हैं लेकिन वो चलती जा रही है। कितनी खूबसूरत और पवित्र लगती है खुद को ढूंढने जाती हुईं स्त्रियां । औरतें जब घर के चौके-बेलन, झाड़ू-बर्तन, बच्चे , रिश्ते , अनाज , खाना इनसे अलग भी अपना अस्तित्व समझने लगती है तभी उनको निर्वाण मिल जाता है अलग से वनों , पहाड़ों पर, गांवों में भटकने की जरूरत नहीं होती है उन्हें ।

                                                                                                                                          Thanks for reading.

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3 thoughts on “Revenge -The Dark side of marriage sad love story part 2”

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