इश्क़ का अंजाम last part-30 love story

इश्क़ का अंजाम last part-30 love story

इश्क़ का अंजाम कहानी एक ऐसे सुपरस्टार सार्थक की कहानी है जिसे एक मिडिल क्लास फैमिली की एक लड़की मंजिल से प्यार हो जाता है । बार-बार उसके मना करने पर सार्थक उसे किडनैप करके अपने साथ ले आया था। उसके करीब जाने के लिए सार्थक कितने बहाने , कितने तरीके आजमाता है ये सब कुछ इस कहानी में आप को पढ़ने के लिए मिला। मंजिल के इंकार की वजह और शक्ति की समझदारी ये सब कुछ कहानी के आधार हैं ।

इश्क़ का अंजाम part-29 Love story में आपने पढ़ा कि सार्थक मंजिल को जबरदस्ती दवा खिलाने के बाद उसके साथ फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश करता है। लेकिन कामयाब नहीं हो पाता क्योंकि तब तक विपुल भी खिड़की से कूद कर कमरे में आ जाता है। दोनों में हाथापाई शुरु हो जाती है । इसी बीच सार्थक का पैर पानी पर फिसल जाता है और वो नीचे गिर कर अचेत हो जाता है। विपुल शक्ति को इन्फॉर्म करके मंजिल के साथ भाग जाता है । अब आगे –

सुबह काफी प्यारी और नई थी लेकिन सिर्फ मंजिल और विपुल के लिए । शक्ति टीवी पर उनके मुस्कुराते हुए चेहरों को देख कर बहुत हैरान हो रहा है। उसे लगा था कि विपुल मंजिल को लेकर कहीं ऐसी जगह छिप जाएगा जहाँ शक्ति की पहुंच न हो । मगर विपुल ने मीडिया के सामने आकर दिखा दिया कि ताकत भले सार्थक में ज्यादा हो लेकिन दिमाग़ विपुल के पास ज्यादा है। “टीवी पर उसने बताया था कि मंजिल को सार्थक ने न सिर्फ force marriage से बचाया बल्कि एक दोस्त का फर्ज निभाते हुए विपुल से उसकी शादी भी कराई ।

उन दोनों को उम्मीद है कि सार्थक जैसे अभी तक मंजिल को प्रोटेक्ट करता आया है आगे भी करेगा । सार्थक के कुछ दुश्मन अगर उन दोनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं तो सार्थक ने कहा है कि उन्हें बचाने की सारी जिम्मेदारी उसकी होगी। इसीलिए newly wed couple को किसी भी परेशानी पर सार्थक से ही सवाल जवाब किये जाएँ।”

न्यूज के बीच ही शक्ति को अपने कंधे पर एक हाथ महसूस हुआ। टीवी बंद करते हुए शक्ति तुरंत खड़ा हो गया । सार्थक बिल्कुल पागलों की तरह खड़ा मुस्कुरा रहा था ।
भाई क्यों किया तुमने ऐसा? तुझे अपने भाई से भी बढ़कर माना था और तूने ही दुश्मनों वाला काम किया ।
सर आप गलत कर रहें थें ।शक्ति सर झुका कर सार्थक के सामने खड़ा था।

तो अब एक मामूली मैनेजर मुझे बताएगा कि मैं गलत कर रहा हूँ! सार्थक ने गुस्से से शक्ति का कॉलर पकड़ लिया और उसके मुँह पर पंच मारने लगा। पेट पर लात खाते ही शक्ति फर्श पर घुटनो के बल आ गिरा।
शक्ति जानता था कि उसने जो किया है उसके बदले अगर सार्थक उसे जिंदा ही छोड़ दे यही बहुत बड़ा एहसान होगा उसका । इसीलिए उसने कसम खा ली थी कि सार्थक उसके साथ चाहे जैसा सुलूक करे वो पलट कर सार्थक पर हाथ नहीं उठाएगा।

साले तुझे कल की आयी वो लड़की इतनी सगी हो गयी कि 10 सालों का मेरा साथ भूल गया तू. .. । सार्थक ने उसके मुँह पर किक किया तो शक्ति के मुँह से खून निकलने लगा।
तुझे कुत्ता समझ के वफ़ादारी की उम्मीद कर रहा था लेकिन तू तो सांप निकला , मौका पाते ही डस लिया। सार्थक ने शक्ति के बालों को मुट्ठी में दबोच कर उसका सर फर्श पर पटक दिया।

सर… मैंने वहीं किया जो आप के लिए ठीक था । शक्ति की आवाज में कराह थीं । इतनी मार खाने के बाद वो समझ चुका था सार्थक उसकी जान लेकर ही मानेगा । इसीलिए वो खुद को बचाने के लिए लड़खड़ाते हुए उठ खड़ा हुआ । अपने सर को पकड़े वो खड़ा हो ही पाया था कि सार्थक ने पास रखे गमले को पूरी ताकत से शक्ति के सर पर मार दिया । शक्ति ने खुद को संभालने के लिए दीवार का सहारा लिया ।

सार्थक ने फिर से उसके बालों को पकड़ कर उसका सर दिवार से लड़ा दिया। शक्ति के माथे से भी खून की दो चार धार बह निकली। सार्थक का दिल इसके बावजूद भी नहीं पिघला उसने ताबड़तोड़ मुक्के बरसाना शुरु कर दिए शक्ति के पेट और मुँह पर । शक्ति फिर से फर्श पर गिर पड़ा।
sorry. ..सार्थक लेकिन तुम गलत थे ! आगे…आगे कोशिश.. करना अच्छे बनने की । शक्ति के होंठ फट चुके थें लेकिन वो फिर भी बोल रहा था। सार्थक अपने हाथ पैरों का इस्तेमाल करके थक चुका था । उसने फलों की तश्तरी से चाकू उठा लिया।

उन्हें जीने देना मेरे भाई ! और तुम भी जीना । शक्ति ने समझ लिया था कि चाकू किसी भी लम्हें उसकी पीठ के आर-पार होगी।
वो इतनी प्यारी… है ही कि किसी को भी उससे प्यार हो जाए. .. लेकिन उस प्यार के बदले रेप ? वो डिजर्व नहीं करती यार सार्थक ! शक्ति लम्बी लम्बी साँसे ले रहा था। चाकू शक्ति के चेहरे के सामने आकर गिरी। आँखों पर लगी चोट के बावजूद शक्ति को साफ दिख रहा था की सार्थक ने अलमारी से गन निकाल ली है ।

तुझपे गुस्सा क्यों उतार रहा हूँ मैं ? उसने मुझसे प्यार नहीं किया तो नाकामयाब मैं हुआ , कामयाबी विपुल की हुई । मेरे दोस्त ने मुझे धोखा दिया तो वफादारी विपुल की हुई । मेरे घरवालों ने भी मुझे ही फटकारा , शाबाशी मिली विपुल को ! अब इस हिसाब से देखा जाएँ तो जब सब चीजें विपुल की हैं मेरा कुछ हैं ही नहीं। तो मैं जीकर क्या करूँगा? और जीऊंगा भी तो किसके लिए ? सार्थक ने गन लोड करके अपने माथे से सटा ली।

No sir. ..no. .no! शक्ति ने पूरी ताकत से उठने की कोशिश की।
Mom dad से कहना उन्हें मैं बहुत प्यार करता था लेकिन मंजिल के बिना जीना मेरे लिए मुमकिन नहीं । सार्थक ने ट्रिगर दबा दिया। शक्ति ने गन छीनने की कोशिश की थी लेकिन वो इतना ही कामयाब हुआ जितना सार्थक अपने इश्क के अंजाम में । गन माथे से हट कर गाल में जाकर धंस गयी और सार्थक धड़ाम से फर्श पर बिखर गया।

सार्थक… शक्ति ने अपनी खून बहती बांहों में उसे भरने की कोशिश की। शक्ति का शरीर पहले से ही घायल था और उसे चककर भी आ रहें थें । लेकिन उसने अपनी परवाह न करते हुए सार्थक को जैसे तैसे अपने कांधे पर उठा लिया और लंगड़ाते हुए नीचे भागा।
बाहर पहुँचते ही सार्थक के गार्ड्स भी आ गयें।
इनको लेकर जाओ । गाड़ी में सार्थक को लिटाते ही शक्ति बेदम हो चुका था।

सर आप ?
पहले सर को बचाओ मैं दूसरी गाड़ी से… कहते कहते शक्ति भी बेहोश होकर नीचे गिर पड़ा।
शक्ति की जब आँख खुली तो उसने खुद को हॉस्पिटल के बेड पर पाया । उसके शरीर को जगह-जगह पट्टी से बंधा गया था , एक हाथ पर प्लास्टर चढ़ा हुआ है और पेट पर कई टांके लगे हुए है।

इश्क़ का अंजाम last part-30 love story
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सार्थक सर कैसे है ? उसने वॉर्ड में आई नर्स से पूछा । उसने कोई जवाब नहीं दिया तो शक्ति को अनहोनी की आशंका हुई। नर्स के जाते ही शक्ति बिस्तर से उतर कर बाहर निकल आया।

बाहर कुर्सी पर सार्थक के पापा बैठे हुए थें।

अंकल ! सर ठीक है न ?

पता नहीं बेटा डॉक्टर कुछ साफ बता नहीं रहें। कह रहें हैं हमने पूरी कोशिश कर ली इससे ज्यादा… वो फफक कर रो पड़े।
अंकल रोइए नहीं मैं देखता हूँ न।
नहीं बेटा तुम आराम करो बाकी लोग है वहाँ सार्थक और आंटी जी के पास । मैं बस तुम्हें देखने आया था।
अंकल के लाख मना करने के बावजूद शक्ति सार्थक के वॉर्ड के बाहर खड़ा हो चुका था हलाकि अपने पैरों पर नहीं ।

तीन दिनों में शक्ति की हालत तो सुधरी लेकिन इतनी नहीं कि वो मीडिया में चल रही खबरों का खंडन कर सके । मीडिआ में सार्थक के गैंगवार में मौत से लेकर सुसाइड तक की खबरे चल रहीं थीं । कई बड़े बड़े सेलिब्रिटीज ने तो अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शोक संदेश भी चिपका दिया था । सार्थक की पूरी टीम इन बातों का खंडन तो कर रही थी लेकिन असली बात क्या है ये सही से नहीं कह पा रही थीं। इसीलिए सार्थक के फैंस घबराए हुए थें। शक्ति होता तो अब तक बकवास खबरे बंद हो चुकी होती।

इन तीन दिनों में सार्थक की हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं थीं । उसे अब भी होश नहीं आया था । पूजा पाठ, दवा और दुआ सब कुछ किया जा रहा है लेकिन उसकी तबियत में कुछ भी सुधार नहीं हुआ।

सबकुछ बेअसर होता देखकर मजबूरी में शक्ति और विपुल ने तय किया कि मंजिल को एकबार सार्थक से मिलाकर देखा जाएँ। मंजिल पहले ही खुद को सार्थक की इस हालत का जिम्मेदार मानते हुए खाना पीना छोड़ चुकी थी । इसीलिए अगर उसकी वजह से अगर सार्थक की तबियत में कुछ इम्प्रूवमेंट हो जाए तो उसका गिल्ट कुछ कम हो जाएँ शायद।

मंजिल सार्थक के सिरहाने कुर्सी डाले बैठी थी । कभी उसका हाथ अपने हाथों में ले लेती तो कभी उसके माथे को सहलाती। बीच बीच में उसके कानों के पास धीमे से कुछ कह भी रही थी। शायद पिछले दिनों की बातें ताजा करने की कोशिश कर रही थी।
भाई तुम्हारी जगह अगर मैं होता और मंजिल इस तरह मुझे बुलाती तो मौत से भी उठकर आ जाता तुम तो फिर भी बेहोश ही हो। विपुल भी मंजिल के पर हाथ रख के खड़ा हो गया।

सारी रात उन दोनों के जाने के बाद मंजिल सार्थक के पास बैठी रही। सुबह करीब पांच बजे मंजिल को लगा कि किसी ने उसके हाथ को कसके थाम लिया है । वो चौंक के जग गयी । सार्थक की बॉडी में मूवमेंट था । उसने तुरंत शक्ति को कॉल किया।

सार्थक की तबियत को देख कर शक्ति ने मंजिल को thank you बोलते हुए उसे गले से लगा लिया। ये पहली बार था जब शक्ति मंजिल को इतने करीब से छू पा रहा है। विपुल ये देख कर मुस्कुरा उठा और उसके मुँह से निकल गया – “इसका मतलब आप भी?” लेकिन उसने बात संभाल ली।
सार्थक होश में आने के बाद मंजिल और विपुल के साथ कुछ गलत न कर दे इसीलिए शक्ति ने फिर से उन दोनों को मुंबई छोड़ देने का सुझाव दे दिया।

सार्थक जब होश में आया तो अपने माँ पापा के बाद मंजिल को ढूंढने की कोशिश करने लगा । लेकिन मंजिल थीं ही कहाँ ? वो तो अपनी जिंदगी के ठहराव के साथ अपने इश्क का अंजाम सुखद महसूस कर रहीं थीं । सार्थक के सिरहाने उसकी एक निशानी रखी हुई मिली । एक रुमाल था जिसपर मंजिल ने दिल के अंदर बहुत सजा के “सार्थक” नाम लिखा हुआ था । सार्थक उसे हाथ में लेते हुए रो पड़ा और रुमाल को होठो से लगा लिया।

होश में आने के बाद से ही सार्थक प्रेस कॉन्फ्रेस की जिद पर अडा हुआ था इसीलिए उनके dad की परमिशन मिलते ही शक्ति ने शाम को ही हॉस्पिटल के ग्राउंड फ्लोर पर कॉन्फ्रेंस बुला ली।
सभी ने सोचा था कि सार्थक कैमरे के सामने आकर अपने फैंस को राहत देना चाहता है लेकिन सार्थक ने मीडिया में जो बोला उससे सबका दिमाग़ घूम गया।

उसने प्रेस में कहा कि वो फिल्मों से संन्यास ले रहा है सिर्फ फिल्मों से ही नहीं वो असल जिंदगी में सन्यासी बनने जा रहा है। उसने जितनी मूवी डेट्स दी हैं उन्हें वो नहीं करेगा , जो कर रहा है उनके पैसे वापस कर देगा और वही मूवी पूरी करेगा जिनमें बस कुछ शूटिंग बाकी है। इसके अलावा उसे सिर्फ एक मूवी करनी है केशव बजाज की । जिसका ऑफर उसने महीनों पहले ये कहते हुए ठुकरा दिया था कि वो टूटे और हारे हुए आशिक़ की भूमिका निभाना अपनी इंसल्ट समझता है , ये रोल उसकी पर्सनालिटी को सूट नहीं करता। इस मूवी के साथ ही वो इस फिल्मी जगत को हमेशा के लिए अलविदा बोल देगा।

बस अपनी बात कहकर सार्थक ने कॉन्फ्रेस ख़त्म कर दी।

शक्ति, mom dad, दोस्त , इंडस्ट्री के सीनियर्स और काउन्सलर्स ने सार्थक को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन उसने अपना फैसला वापस नहीं लिया । अपनी प्रॉपर्टी का आधा हिस्सा उसने mom dad के नाम कर दिया और बाकी आधे में शक्ति और कल्पना को देने के साथ एक एनजीओ को भी दे दिया।
शक्ति ने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने बस इतना ही कहा – क्या हुआ उनका एक बेटा उनके पास नहीं रहेगा तो दूसरा तो सम्भाल ही लेगा न मेरे भाई ! उसने इतना कहते हुए शक्ति को कसके गले लगा लिया।

इश्क़ का अंजाम last part-30 love story
इश्क़ का अंजाम last part-30 love story

सार्थक ने पांच महीने में ही केशव बजाज की फिल्म पूरी कर ली थी । अपनी जिंदगी में पहली बार उसने कोई मूवी बिना एक भी रुपया लिए शूट की।
इश्क का अंजाम ने रिलीज होते ही इतिहास रच दिया और तीन दिन के अंदर ही पाँच सौ करोड़ के आंकड़ें को छू गयी। फिल्म सिर्फ इस लिए ब्लॉक बस्टर नहीं हुई कि ये सुपरस्टार सार्थक मेल्होत्रा की आखिरी फिल्म है बल्कि फिल्म की कहानी दमदार होने के साथ ही सार्थक की एक्टिंग ने भी लोगों को रुला के रख दिया।

जिसमें भी मूवी देखी उसे यकीन ही नही हुआ कि सार्थक एक्टिंग कर रहा है । अपने करियर की बेस्ट परफॉरमेंस देकर सार्थक ने खुद को फिल्मी परदे से हमेशा के लिए जुदा कर लिया। कुछ महीनों पहले उसके दूसरे प्यार ने उसका साथ छोड़ दिया था इसीलिए सार्थक ने अब अपने पहले प्यार को भी कुर्बान करने का निर्णय लिया । शायद ये फिल्म विपुल के साथ बैठकर मंजिल ने भी देखी हो और उसकी आँखों से भी आँसू निकले हो। इसी उम्मीद ने सभी तारीफों को कमतर कर दिया था।

फिल्मी विशेषज्ञो का दावा था की अबकी बार बेस्ट एक्टिंग के लिए सार्थक को ही अवार्ड मिलेगा । लेकिन इन सब बातों से बहुत आगे सार्थक कहीं एकांत में जा चुका था। इतने एकांत में जहाँ से शायद उसे अब मंजिल भी वापस न ला सकेगी।

The End

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