A middle class boy and a rich girl love story part 2

A middle class boy and a rich girl love story part 2

कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मिहिर जो कि अपनी फैमिली को स्टेशन छोड़कर रेस्टोरेंट में खाना खाने आया था, उसे एक लड़की मिल जाती है। लड़की के पीछे कुछ लोग पड़े हुए थें इसीलिए मिहिर उसकी मदद करता है और उसे अपनी कार में बिठा देता है। लड़की उन लोगों से बचने के लिए कार काफी तेजी से चलाती है जिससे कार पर निशान पड़ जाते हैं।

घर पहुंच कर मिहिर लड़की से उनके घर जाने को कहता है तो पता चलता है कि लड़की घर से ही भाग के आ रही है और उसके रहने की कोई जगह नहीं है उसके पास फिलहाल तो । इसके बाद मिहिर उसे कुछ दिन अपने घर में रहने की परमिशन दे देता है। सुबह नाश्ते के समय मिहिर को पता लगता है कि वो एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी है । अब आगे –

नाश्ता तो हो चुका था लेकिन मिहिर को अब साशा के लंच और डिनर की फिक्र हो रही थी। चपाती, सब्जी , चावल , दाल ,आचार , दही और जूस ये सब चीजें तो नॉर्मल लोग खाते हैं, पता नहीं बड़े लोगों की औलादें क्या खाकर बड़ी होती हैं? जितना महंगा खाना ये लोग एक दिन में खाते हैं उतने में तो हमारे यहाँ हफ्ते भर का राशन आ जाएं ।

शायद उसने गलती कर दी साशा को रुकने का कहकर । वैसे तो उसने खाने के लिए कुछ नहीं कहा है लेकिन अब मिहिर का भी तो फर्ज बनता है उसकी जरूरत का खयाल रखने का आखिर वो मेहमान जो ठहरी।

सुनो ! मैं बाहर से दरवाजा बंद करके जा रहा हूँ। कोई दिक्कत हो तो कॉल करना मुझे ।
लेकिन मैं अपना फोन नहीं ऑन कर सकती location दिख जाएगी।
तो तुम अपने फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकती ?
नहीं ।

कोई second hand फोन चलेगा तुमको ?
वैसे जरूरत तो नहीं है मगर फिर भी रख लूंगी।
Ok मेरे दोस्त के पास है मैं वापसी में लेता आऊंगा।
वैसे जा कहाँ रहें हो ?
बस यही पास तक । जल्दी आ जाऊंगा ।

मिहिर को मम्मी जितने पैसे दे गईं थीं और जितने उसके पास थें, वो पैसे लेकर मिहिर सुपर मार्केट पहुंच चुका था।
जिन चीजों के नाम उसने सुबह साशा से सुने थें उनमें से लगभग हर चीज खरीदने की कोशिश की केवल अंडे को छोड़कर । साथ ही साशा के लिए कुछ कपड़े भी खरीद लिए ताकि उसे कोई दिक्कत न हो ।

तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है ? सारा सामान देखने के बाद साशा ने सबसे पहला सवाल यही किया ।
अभी तक तो नहीं , क्यों?
क्योंकि यार काफी lucky girl होगी अगर तुम जैसा care करने वाला बॉयफ्रेंड मिल जाए उसे तो ।

ऐसा कुछ नहीं है । हमारे यहां बचपन से सिखाया जाता है मेहमान भगवान होते हैं तो बस इसीलिए थोड़ा ! मम्मी होती तो तुम देखती असली मेहमाननवाजी किसी कहते हैं।
अगर तुम्हारी मम्मी होती तो मैं यहाँ होती भी कहाँ?
हाँ point तो है । अच्छा तुम्हारी मम्मी कैसी हैं ? Oh sorry मैं भूल गया । Really sorry यार! धनंजय सर की वाइफ तो 6 साल पहले ही …

सुबह तो कह रहे थें उनके बारे में नहीं जानते ?
अब अखबार में न्यूज निकलेगी तो सबको ही पता चल जाएगा । Sorry mind मत करना । बहुत पहले की खबर थी तो अचानक से याद आया ।
अरे कोई बात नहीं वैसे भी उनका होना न होना बराबर ही था । बस हमेशा काम , काम और बस काम । दोनों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया कि उनके बच्चे भी हैं ।

तुम्हारे अलावा भी कोई और है ?
हाँ छोटा भाई 16 साल का ।
वो तो परेशान होगा तुम्हारे लिए ?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ऐसी छोटी मोटी बातों से फर्क नहीं पड़ता ।

ऑक्सफोर्ड बढ़िया है यार वैसे तुमने अपना कॉलेज कहाँ से कंप्लीट किया ?
हॉवर्ड यूनिवर्सिटी। अच्छा तुम कहाँ से पढ़े हो ?
रहने दीजिए मैम हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के सामने एमिटी यूनिवर्सिटी बोलने में तकलीफ हो रही है ।
एमिटी से ? कौन सा कोर्स ?

एमबीए ।
तब तो जॉब की तैयारी हो रही होगी ।
ट्राई तो कर रहा हूँ अब देखो कब मिले ।

दोनों बातें कर रहें थें , मिहिर साथ में काम भी करता जा रहा था। साशा बस उसे काम करते हुए देख रही थी क्योंकि उसे घर के काम नहीं आतें थें । मदद के लिए उसने फ्रिज में समान रखना शुरू किया था लेकिन मिहिर ने बोला कि वो सब अकेले कर लेगा ।

हरे पत्ते या महंगे फल खा कर , ब्रांडेड कॉफी पीकर किसी का पेट तो भर नहीं सकता । पेट भरने के लिए खाना चाहिए होता है इसीलिए मिहिर असमंजस में था कि खाने में क्या बनाए । वैसे देखा जाए तो उसे भी खिचड़ी और दाल चावल के अलावा कुछ खास बनाना नहीं आता लेकिन फिर भी पूछ तो लेना ही चाहिए । कुछ स्पेशल होगा तो Youtube बाबा जिंदाबाद !

सारे दिन घर में घूम कर साशा जान चुकी थी कि middle class family कैसी होती है। ऐसे में कुछ भी फैंसी डिमांड करना मिहिर की दिक्कत को बढ़ाना था। इसीलिए मिहिर ने जब खाने का पूछा तो उसने कह दिया जो भी उसे सबसे अच्छा बनाना आता हो वही खाना बना ले ।
टेबल पर दाल, चावल , बैगन का भर्ता, रायता , आचार ये सब सज चुका था। एक कटोरी में दो रसगुल्ले भी रखे थें।
तीन चीजों को छोड़कर बाकी चीजें मम्मी बनाकर रख गईं थीं मेरे लिए ।

हूँ, अच्छा । साशा बहुत धीरे-धीरे खा रही है । खाना उसकी पसंद का नहीं है । अगर किसी 7 star या 5 star होटल में होती तो अब तक भड़क के खाना छोड़ चुकी होती । लेकिन ये एक घर है जहाँ अनाज की बहुत इज्जत की जाती है और बनाने वाला कोई शेफ नहीं भोला-भाला लड़का है जो सिर्फ उसे प्यार से खिलाने की कोशिश कर रहा है ।

मिहिर भी साशा का चेहरा देख कर समझ गया था कि खाना कुछ खास पसंद नहीं आ रहा उसे इसीलिए उसे थोड़ा अफसोस था । उसने तेल मसाला भी कम डाला था ताकि उसकी डाइट में गड़बड़ न हो । लेकिन बड़े लोगों के चोंचले … कैलोरी, फैट, शुगर ! अब वो कोई न्यूट्रिनिस्ट तो है नहीं कि इनकी हर खाने पीने की चीज का पोस्टमार्टम करता फिरे । अफसोस के साथ उसे थोड़ा गुस्सा भी आ गया ।
खाना न अच्छा हो तो रहने दो ।

It’s ok खाना तो ठीक है लेकिन आगे से ऑयली मत बनाना ।
ऑयली? दाल में तड़का लगाया है वो भी सिर्फ छोटी आधी चम्मच तेल में । इससे ज्यादा oil free चाहिए तो पानी में fry करूं क्या ? मिहिर मन में ही सोच कर रह गया।
डिनर खत्म होने के बाद दोनों थोड़ा फुर्सत से बैठे तो मिहिर ने अपनी main problem बताई।

कार का क्या करना है ? मैंने पता किया है एजेंसी में 20- 25 हजार लग जाएगा ।
इंश्योरेंस नहीं था कार का ?
नहीं पापा अभी लेने की सोच ही रहें थें।
इतनी देर में साशा ने भी अपनी main problem बता दी।
I can’t use my credit card.

क्यों? मेरे पास तीन कार्ड थें दो डैड के, एक मेरा। मैं जल्दबाजी में उनका कार्ड ले आई । अगर पैसे निकालने गई तो msg चला जाएगा उनके पास।
Oh God! तुम कोई काम ठीक से नहीं कर सकती क्या ?
इधर सुनो अपने डैड से भागी हूँ मैं इसीलिए तुम्हें मेरा डैड बनने की कोई जरूरत नहीं है । बस इतना बताओ हम इसके आगे क्या कर सकतें हैं?

Sorry! ऐसा कोई इरादा नहीं था कहने का मेरा । आगे क्या करना है मैंने अभी तो नहीं सोचा लेकिन शायद मुझे कार छुपानी पड़ेगी कुछ दिन तक ।
Sorry मेरी तरफ से भी । मेरी वजह से तुम्हें problems फेस करनी पड़ रहीं हैं। साशा सोफे से उठ गई थी
कल से लेकर आज तक उसमें पहली बार sorry बोला था इसीलिए मिहिर थोड़ा मुस्कुरा दिया ।
Good night .

Good night babe . साशा ने नॉर्मली ही बोला था लेकिन bebe मिहिर को थोड़ा स्पेशल फील करा गया।

साशा को वैसे तो कई चीजों की जरूरत थी लेकिन वो एक भी चीज की डिमांड मिहिर से नहीं कर सकती थी। वो जानती है कि मिहिर पहले ही उसके लिए पैसे खर्च कर चुका है । यहाँ आने के बाद से उसने अपना फोन भी बंद करके रखा है वरना शायद दोस्तों से ही कुछ मदद मिल जाती । अगर किसी होटल में जाती है तो पकड़े जाने का डर रहेगा क्योंकि डैड की सिक्योरिटी टीम उसे ऐसी ही जगहों पर ढूंढ रही होगी ।

साशा के दिमाग में चल रही उलझनों के बावजूद उसे मिहिर के घर में बिताए चार दिन काफी राहत भरे लगे। मिहिर को अपने लिए परेशान होता देख कर उसे अपने डैड की याद आती है । क्योंकि एक वहीं हैं जो बिना किसी स्वार्थ के उसकी फिक्र करतें हैं। जिस तरफ मिहिर उसकी जरूरतें पूरी करते हुए उसे हंसाने की कोशिश करता है , वैसे सिर्फ उसके डैड ही करतें आएं थें। इन चार दिनों में उसने काफी कुछ सिखा है लेकिन उसके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है रोटी बनाना ।

इन चार दिनों में उसने किसी देश की नक्शे जैसी जली हुई रोटियां बनाई हैं , लेकिन उन्हें खाने में बड़ा स्वाद आया है । दो दिन तो उसने रात में सोते समय मिहिर का फोन लेकर Netflix भी देखा है । मिहिर ने बिना किसी बहाने के उसे फोन दे भी दिया । यहीं होता है सिंगल लड़कों की लाइफ में। खुद तो पेरेंट्स के कमरे में जाकर सो जाता , साशा सारी रात web series वगैरह देखती रहती।

दोनों साथ होते थें तो चीजें बिगड़ती भी थी जैसे डिनर सेट की एक प्लेट टूट जाना , किचन में मसालों का इधर से उधर हो जाना । लेकिन दोनों के साथ रहने पर चीजें बनती भी थीं जैसे मिहिर के कमरे में बाथरूम के टैब सही करना और पुराने गमलों को फिर से डेकोर करना ।

A middle class boy and a rich girl love story
A middle class boy and a rich girl love story

दोनों की ये चार दिन की जिंदगी काफी प्यारी थी लेकिन इस जिंदगी को पांचवा दिन देखना नसीब न हुआ। पांचवे दिन सुबह- सुबह ही पापा आ गएं।
मिहिर घंटी की आवाज सुनकर झूमते हुए दरवाजा खोलने गया था।

कौन ? पापा ! दरवाजा खोलते ही पापा का चेहरा दिखा तो मिहिर shock हो गया। जल्दबाजी में कुछ न कर सका तो दरवाजा ही बंद कर दिया उसने मुंह पर । भागा-भागा किचन में गया और साशा का नाश्ता अपने कमरे में रखते हुए उसे हिदायत दे आया कि कमरे से बाहर न निकले । उसके बाद जल्दी से हॉल में पड़े उसके कपड़े , टॉवेल और बाकी सामान समेत कर साइड में करने लगा। पापा लगातार बेल बजाए जा रहें थें।

हाँ पापा , आप ! मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि आप हो ।
दरवाजा क्यों बंद किया ? पापा उसे साइड करते हुए अंदर आ गएं।
क्योंकि मैं यकीन नहीं कर पा रहा था कि आप आ गएं हैं। आप लोगों ने कहा था न कि 8-10 दिन लग जाएंगे। उसने अपने पापा के कंधे से बैग उतार लिया।
मेरा घर है जितने दिन में आने का मन करेगा आऊंगा । पापा चारों तरफ शक की निगाह से देख रहें थें ।

पापा बैठो मैं पानी लेकर आता हूँ।
ठीक है किचन में जा रहे हो तो बैग से छोले और पनीर की सब्जी निकाल कर गर्म कर देना , खीर और हलवा भी है , फ्रिज में लगा देना । आज दोनों बाप-बेटे मौज करेंगे।
वो बात तो ठीक है पापा लेकिन ये खराब नहीं हो गया होगा , कुछ ताजा बना लेते…

खराब ? सुबह गर्म गर्म पैक करवाया है ऐसे ही खराब हो जाएगा ? वैसे तो शुक्र ही मनाओ कि पैक ही कर दिया उन लोगों ने वरना अपने घरवालों के आगे उन्हें कोई और दिखाई ही दे रहा था । अब मेरा मुंह क्या देख रहें हो जाकर पानी लेकर आओ ।
जी पापा ।
पानी पीने के बाद जब पापा ने मिहिर से इत्मीनान से बैठने को कहा तो उसकी सांसे ऊपर-नीचे होने लगी।

देखो मिहिर तुम्हारी मम्मी को तो अपने भाई-भाभी के आगे कुछ दिखता नहीं है । लेकिन मैं उन लोगों की सारी चालबाजी समझता हूँ। उनकी कोशिश थी कि खानदान में जैसी शादी उनके बेटे की हुई है वैसी किसी की न हो। लेकिन तुम देखना तुम्हारी जॉब लगते ही ऐसी शादी करूंगा कि सात पुश्तों ने कभी ऐसी शादी न देखी होगी। शादी भी कैसी होगी arrange marriage होगी उनकी तरह झूठ बोलने की जरूरत नहीं हैं हमें। नहीं हैं न बेटा ?

हाँ पापा.. झूठ क्यों बोलना ।
नहीं पहले ही बता दो अगर कोई लड़की- वड़की हो तो ?
नहीं पापा । मिहिर को पसीना आ गया था।

हाँ फिर ठीक है। मैं तो सीना ठोक के कहूंगा कि मेरे बेटे ने हमारी पसंद की लड़की से शादी की । वो लोग तो love marriage को arrange marriage बताने पर तुले है ।
जी पापा अब आप आराम कर लो जाकर मैं भी थोड़ा इंटरव्यू की तैयारी कर लूं ।
हाँ जाओ मेहनत करो।

वैसे पापा ..! मिहिर जाते- जाते पलटा ।
पांच हजार रुपए मिलेंगे ?
किस लिए चाहिए अभी मम्मी जाने से पहले तुमको दे तो गईं थीं 8 हजार रुपए?

ठीक है मैं तो बस पूछ रहा था कि आपने खाने के साथ जो करने के लिए बोल था वो किया मैंने लेकिन बैग में पीने वाला भी कुछ था उसका क्या करूं ?
पीने वाला ..? अरे बेटा ! उसे बैग से निकाला तो नहीं ।
निकाला भी , फोटो भी खींची पर मम्मी को अभी तक भेजी नहीं हैं।

बात ये है कि मैं तो मना कर रहा था लेकिन अपने मामा को तो जानते ही हो एक नंबर के पियक्कड़ । तो उन्होंने ही रख दी होगी । बाकी तुम तो बस अपने इंटरव्यू पर ध्यान दो । पैसा चाहिए तुमको न ये लो पकड़ो। पापा ने जेब में हाथ डाल कर पर्स निकाली और उसमें लगभग 6 हजार रुपए थें सारे मिहिर को दे दिए ।

अब जाओ बस मम्मी को कुछ मत बताना और जो समान है उसे किसी दूसरी बोतल में पलट के रख देना ।
Ok boss ! आपका काम हो जाएगा।

कमरे में आते ही मिहिर की नजर साशा के चेहरे पर पड़ी। जो परेशान दिख रही है । परेशान तो मिहिर भी है लेकिन इस समय शांत रहना ज्यादा जरूरी है ।
अब क्या होगा ? मैं कहीं चली जाती हूँ।
कहाँ जाओगी ?

जैसे यहाँ आई थीं वैसे कहीं और भी चली जाऊंगी। महीने भर की ही बात है । फिर तो वो लोग वापस लौट जाएंगे ।
क्या गारंटी है कि कहीं और जाओगी तो safe रहेगी जैसे यहां हो ?
मैं न तो गारंटी दे सकती हूँ और न तुमको और परेशानी ही ।

तुम्हें पता है किसी गलत इंसान के हाथों पड़ गई तो क्या होगा ? तुम्हारा किडनैप किया जा सकता है , तुम्हारे पैसे का misuse किया जा सकता है , गलत कामों में इंवॉल्व कर सकते है , छेड़छाड़ हो सकती है और भी बहुत कुछ हो सकता है ।
Rape हो सकता है ।
हाँ वो भी हो सकता है ।

तुम क्यों परेशान हो रहें हो मेरे लिए ? न तुम मेरे भाई हो , बॉयफ्रेंड हो और न दोस्त ही ।
किसी की फिक्र करने के लिए भी किसी रिश्ते की जरूरत पड़ती है क्या ?
अगर यहाँ रुक गई तो अपने पापा से क्या बोलोगे ? कल मम्मी आएंगी उनको क्या कहोगे ?
मुझे किसी से कुछ नहीं बोलना। मैं तुम्हारे लिए रहने का बदोबस्त करता हूँ कहीं तब तक तुम इसी कमरे में रहना।

और अगर घर में सबको पता चल गया तो ?
तो क्या मैं सब संभाल लूंगा । हाँ वो बस खाने की दिक्कत रह सकती है तुमको । Please जो लेकर आऊं वो खा जरूर लिया करना । भूल जाना कि तुम किसी बिजनेसमैन की बेटी हो , कुछ दिन हमारे साथ हम लोगों की तरह जी कर देखना ।
तुम इतना कर सकते हो मेरे लिए तो मैं भी तुम्हारे लिए इतना तो कर ही सकती हूँ। Don’t worry जो भी खाना लेकर आओगे वो चुपचाप खा लूंगी।
Thanks !

दिन तो आराम से कट गया । लेकिन असली problem रात में शुरू हुई , खाने से लेकर सोने तक में मिहिर को स्ट्रगल करना पड़ा । पहले तो पापा की नजरों से खाना छुपाते हुए अपने कमरे तक ले जाना और सोने के लिए अलग से बिस्तर बिछाना , दोनों ही चीजों में मिहिर uncomfortable था।
तुम चाहो तो ऊपर सो सकते हो ।

नहीं जरूरत नहीं । मैं यहीं ठीक हूँ। मिहिर साशा की तरफ पीठ करके लेटा था।
वैसे तुम ऐसे ही पूरे कपड़े पहन के सोते हो ? गर्मी नहीं लगती है तुम्हें?
ऊपर पंखा चल रहा है , सामने कूलर चल रहा है । फिर गर्मी किसको लगती है ?
मुझे लगती है ।

हाँ तुम हमेशा एसी में जो रही हो । हमारे घर में तो बस पापा के कमरे में एसी लगा है । हम दोनों के कमरे में कूलर और पंखा है लेकिन चला एक ही चीज सकते हैं।
दोनों चीजें क्यों नहीं ?
बिल ज्यादा आता है।

तो मेरे लिए दोनों चीजें क्यों चला रहें हो ?
तुमको फिर भी तो गर्मी लग रही है । मिहिर उसकी तरफ मुंह करके लेट गया । साशा भी बेड पर उसकी तरफ मुंह करके ही लेटी थी।
इतना ध्यान क्यों रख रहें हो मेरा , जबकि मुझे जानते भी नहीं ।
नाम जानता हूँ उतना काफी है ।

सच कहो ये सब तुम कुछ पाने की चाहत में कर रहें हो न?
What do you mean by पाने की चाहत ?
मतलब पैसा , नौकरी , फेम या something else…

एक बात बताओ तुम जैसे लोगों के लिए पैसा ही सबकुछ होता है क्या ? पैसे और पैसे से खरीदी जा सकने वाली चीजों के अलावा तुम लोगों के पास और भी कुछ होता है? मिहिर गुस्से में उठा और अपना बिस्तर समेटने लगा ।
गुस्सा क्यों हो रहे हो ? और ये तुम जा कहाँ रहें हो ?
सुकून से सोने जा रहा हूँ। दरवाजा बंद कर लेना । मिहिर सारा बिस्तर लेकर छत पर चला गया।

Wait for part – 3
Thanks for reading .

 

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6 thoughts on “A middle class boy and a rich girl love story part 2”

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