किस्से मोहब्बत के love story in hindi
अरी रमा कहां रह गई ….. देखो तो सुबह के 6 बज गए है पर एक प्याला चाय का नसीब नहीं हुआ । रमा सुन रही है या नहीं ….. एक अधेड़ उम्र की औरत घर के आंगन में बने खाट पर बैठ खुद में ही बुदबुदा रही थी । तभी रसोई घर से एक लड़की हाथ में चाय का प्याला लेते हुए आई । गुलाबी रंग के सूट में उसका सवाला चेहरा निखर रहा था । बाल खुले कर के कंधे के एक तरफ रखे हुए थे जिससे पानी की बूंद गिर रही थी जो इस बात की गवाही दे रही थी की उसने अभी ही बाल धोए है ।
चाय का प्याला खाट के सामने रखे टेबल पे रखती हुई वह बोली – क्या अम्मा सुबह हुई की नही की आप घर को अपने सिर पर उठा लेती है । अब शांति से चाय पीजिये । मैं रसोई में जा रही हु जल्दी से नाश्ता तैयार कर देती हुं फिर स्कूल भी जाना है । इतना कह वह उठने लगी की अम्मा जी ने उसके हाथ पकड़ के उसे अपने पास बैठा लिया ।
रमा ने उनसे पूछा – क्या हो गया अम्मा जी खाने में कुछ पसंदीदा चीज बनवानी है ? अम्मा जी ने उसके गालों को अपने दोनो हाथो में लेते हुए बोली – कितनी मेहनत करती है मेरी लाडो सुबह उठ के खाना बनाती है फिर स्कूल जाती है वहां से बच्चो को ट्यूशन पढ़ाने चली जाती है । रात को थकी हारी आती है तो फिर घर के कामों में लग जाती है । तुझे तो फुरसत ही नही मिलती ।
रमा मुस्कुराते हुए बोली – क्या अम्मा यह सब मैं हमारे ही लिए तो करती हुं। अब आपके सिवा मेरा इस दुनिया में कोई है भी तो नहीं । बचपन में ही मां – बाबा गुजर गए । जब से होश संभाला है आपको मेरे लिए परेशान होते देखा है । अब जब मेरी बारी आई है आपके लिए कुछ करने के लिए तो आप ऐसा कह रही है ।
पर गुड़िया तेरे दादा जी की पेंशन तो है ही ना उतना तो हम दोनो के लिए काफी है ।
अम्मा मैं अपने पैरो पे खड़ा होना चाहती हूं और यह सब मैं हमारी खुशी के लिए ही करती हूं ।
अम्मा जी फिर कुछ कहती उस से पहले रमा ने कहा – बस अम्मा जी आज के लिए इतना काफी है सुबह – सुबह बहुत इमोशनल कर दिया आपने अब बाकी कल और जल्दी से चाय पीजिए और नहा धो के तैयार हो जाइए । तब तक जल्दी से मैं आपकी पसंद का नाश्ता बना देती हूं । इतना कह रमा रसोई घर चली गई और अम्मा जी ने भी चाय खत्म की और नहाने चली गई ।
रमा ने जल्दी से नाश्ता बनाना शुरू किया । जब तक उसने नाश्ता तैयार किया तब तक अम्मा जी भी नहा धो के तैयार हो गई और मंदिर में दर्शन भी कर आई । वह वापस खाट पे बैठते हुए बोली – लाडो खाना तैयार हुआ की नही ।
बस लाई अम्मा जी फुल्के सेक रही हु ।
अम्मा जी खाट पे बैठ राम नाम जप रही थी की दरवाजे पे दस्तक हुई देखा तो एक थुल – थुल औरत अंदर आ रही थी । वह खाट पे बैठते हुए बोली – पाऊं लागू अम्मा जी अब तो मुंह मीठा करवाओ घर में खुशियां जो आने वाली है ।
अम्मा जी हैरान होते हुए बोली – क्या बात है लता बहु के पैर भारी हो गए का जो इतना खुश होते हुए आ रही है ।
अरे नही अम्मा जी मैं तो अपनी रमा के लिए एक बढ़िया रिश्ता लेके आई हु । बड़ा शोना लड़का है । आपको पता है अम्मा जी लड़का बैंक में मैनेजर है और परिवार में भी बस मां और एक बड़ी बहन है उसका भी ब्याह रचा दिया है । मैने तो उन्हे अपनी रमा की तस्वीर भी दिखा दी है । उन्हे रमा बड़ी पसंद आई है । सच कह रही हु अम्मा जी राज करेगी अपनी रमा उसके तो भाग खुल गए ।
रसोई घर के बाहर खड़ी रमा ने जब उनकी बाते सुनी तो गुस्से से उसका पारा हाई हो गया । वह दनदनाती हुई आई और कहा – आपको कोई काम नही होता है लता काकी जो सुबह ही आके मेरे घर में कलेश करवा रही हु ।
हाय राम कैसी बाते कर रही है तू छोरी मैं तो तेरे लिए इतना अच्छा रिश्ता लेके आई और तू है की मुझे ही सुना रही है ।
किसने कहा आपसे मेरे लिए रिश्ता देखो । मुझे नहीं करनी कोई शादी – वादी ।
देख रही हो अम्मा जी कैसी बवालियो की तरह बात कर रही है ब्याह नही करेगी तो सारा जीवन ऐसे ही काट लेगी ।
रमा कुछ कहती उस से पहले ही अम्मा जी उसे डाटते हुए बोली – तमीज ना से छोरी घर आए मेहमान से कैसे बात करते है ना पानी पूछा ना चाय सीधा झगड़ना ही शुरू कर दिया । ऐसे थोड़े ना होता है चल अब माफी मांग लता से ।
रमा ने कुछ न कहा और सीधा अपने कमरे में चली गई । कुछ देर बाद वह हाथ में हैंड पर्स लिए आई और बाहर जाने लगी ।
अम्मा जी ने उसे रोकते हुए बोला – अरी रमा कहां जा रही है ?
स्कूल ….
पर लाडो खाना तो खा ले ।
भूख नही है । इतना कह वह जल्दी से निकल गई ।
अम्मा जी वही खाट पे निराश होके बैठ गई । उन्होंने लता से कहा – माफ करना लता बच्ची है गुस्से में कुछ ज्यादा ही बोल देती है ।लता ने कहा – अरे अम्मा जी आप काहे माफी मांग रहे हो । क्या मैं इस पगली के स्वभाव को नही जानती । अरी अपनी आंखों के सामने बड़ी होते देखा है मैंने इसे। देखिएगा रात को घर आने से पहले मेरे घर टपक जायेगी माफी मांगने ।
उसकी बात सुन दोनो मुस्कुराने लगे । थोड़ी देर बाद लता जी ने कहा – अम्मा जी एक बात बोलूं लड़का बड़ा भला है । ऐसा रिश्ता बार – बार नही आता । आप बात करना रमा से । अच्छा तो अब मैं चलती हु घर में बहु भी अकेली है । इतना कह लता जी अपने घर को निकल गई ।
थोड़ी देर बाद अम्मा जी रमा का टिफिन पैक किया और बाहर खेल रहे एक बच्चे को बुलाते हुए बोली – अरे लखन जरा इधर आ बबुआ
का हो गया अम्मा जी ? सुन बबुआ जा ई टिफिन लाडो के स्कूल पहुंचा आ ।
लखन टिफिन लेते हुए बोला – ठीक है अम्मा जी ।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्स स्कूल …..
रमा स्टाफ रूम में कॉपीज चेक कर रही थी । अभी उसकी क्लास शुरू होने में वक्त था । तभी एक स्टाफ उसके पास आया और बोला – मैडम बाहर आपसे मिलने कोई आया है । रमा उनके साथ बाहर आई तो देखा लखन हाथ में टिफिन लिए खड़ा है । वह उसके पास आई और बोली – अरे लखन तुम इस वक्त यहां क्या कर रहे हो ?
दीदी अम्मा जी ने खाना भिजवाया है आपके लिए ।
थैंक्यू बेटा तुम इतनी दूर मेरे लिए खाना लेके आए ।
इसमें थैंक्यू वाली क्या बात है दीदी मैं तो आपके लिए कुछ भी कर सकता हु ।
उसकी बात सुन रमा मुस्कुराने लगी । उसने कहा – अच्छा लखन मेरा एक और काम कर देगा बेटा ।
हां – हां दीदी बोलो ना ।
बेटा तू अम्मा जी को खाना खिला देगा और उन्हें उनकी दवाई उन्हे दे देगा ।
अरे दीदी आप परेशान न हो मैं उन्हे अपने सामने बैठा के खिलाऊंगा और दवाई भी दे दूंगा ।
रमा ने अपने पर्स से 20 रुपए निकाले और उसे देते हुए बोली – जा चॉकलेट खा लेना ।
बच्चा पैसा लेके चला गया और रमा भी अपनी क्लास की तरफ बढ़ गई । वह क्लास ले ही रही थी की तभी प्रिंसिपल मैम के साथ एक बच्चा क्लास में एंटर हुआ । प्रिंसिपल मैम को आता देख सब बच्चो ने उन्हें गुड मॉर्निंग विश किया। प्रिंसिपल ने सबको बैठने को कहा और फिर रमा से कहा – रमा यह न्यू एडमिशन है आज से यह इसी क्लास में पढ़ेगा । उन्होंने बच्चे का हाथ रमा के हाथ में थमा दिया और वह क्लास से चली गई ।
रमा ने उस बच्चे से पूछा – बेटा आपका नाम क्या है ? गौरव ….
गौरव बेटा आप जा के रिया के बगल वाली सीट पे बैठ जाओ और वह फिर क्लास लेने लगी । घर पे अम्मा जी बार – बार रास्ता ही देखे जा रही थी । तभी लखन दौडते हुए आया । अम्मा जी ने पूछा – दे आया खाना ?
हां अम्मा जी दे आया और दीदी ने कहा है की अपनी आंखों के सामने आपको खाना खिलवा दू ।
तो जा न खड़ा क्या है जल्दी से रसोई घर से खाना ले आ भूख से तो मेरी जान निकल रही है । लखन दौडते हुए रसोई घर से खाना ले आया । अम्मा जी ने खाना खाया और फिर लखन उन्हे दवाई दे के अपने घर की ओर निकल गया । ऐसे ही आज का दिन निकल गया । शाम को 7 बजे जब रमा घर आ रही थी तो आज उसने ऑटो अपने घर से थोड़ी दूर पहले ही रुकवा दिया । ऑटो वाले को पैसे देके वह सीधा लता काकी के घर घुस गई ।
उसको आता लता काकी की बहु झुमडी ने कहा – अरी रमा बबनी आप आई है । सुना है सासु जी ने आपके लिए बड़ा भला लड़का देखा है । इसी बात का तो रोना है भाभी मुझे तो शादी करनी नही है पर आपकी सासु जी है की रोज नया रिश्ता लेके मेरे घर आ जाती है । उसकी बात सुन झुमड़ी हसने लगी । रमा ने कहा – वैसे कहां है आपकी सासु जी।
कमरे में बैठी है जाइए बात कर लीजिए । रमा कमरे में गई तो लता जी अपने पैरो में तेल लगा रही थी । रमा उनके पास बैठते हुए बोली – क्या बात है काकी लगता है आज कल मंदिर के दर्शन ज्यादा कर रही हो । अरे इतना माखन लगा के क्या मांगने का इरादा है भगवान से । लता जी ने कुछ नही कहा तो रमा ने फिर कहा – लाओ काकी मैं कर देती हु आपके पैर की मालिश ।
वह उनके पैर छूती उस से पहले ही उन्होंने अपने पैर हटा लिए । बाऊरा गई है छोरी बेटी से पैर छूवावेगी नरक भेजेगी मुझे ।
रमा ने मुस्कुरा के उन्हे देखा तो वह भी मुस्कुराने लगी । रमा ने उनके हाथो को अपने हाथ में लेते हुए कहा – माफ कर दो काकी सुबह गुस्से में कुछ ज्यादा ही बोल गई । लता जी ने कहा – अरी बावरी तेरी बातो का बुरा मानने बैठी तो दिन भर मेरा मुंह फूला ही रहेगा ।
अच्छा काकी अब मैं चलती हु क्लास के बाद सीधा यहां आई हु घर पर अम्मा जी इंतजार कर रही होगी । वह जाने को उठी ही की लता जी बोली – अब आई है तो अपना और अम्मा जी का खाना लेते जा अब क्या ही बनाएगी इतना थक के आई है ।
रमा उनको माना करती रही पर उन्होंने भी उसे बिना खाना लिए जाने ही नही दिया । आखिरकार उसे खाना ले जाना ही पड़ा । रमा घर आई तो अम्मा जी खाट पे ही बैठी थी
माना आई अपनी काकी को ?हां अम्मा जी माना आई और देखिए मेरे लाख मना करने पर भी उन्होंने खाना भिजवा ही दिया ।
यह तो उसका प्यार है । रमा ने पूछा – आपने खाना खाया और दवाई ली थी ।तूने जासूस जो लगाया था पूरा खाना खिला के गया है मुझे और दवाई भी दे दी । तूने खाना खाया ……
हां अम्मा जी खा लिया । अच्छा अम्मा जी मैं ना थोड़ा फ्रेश हो लु फिर साथ में खाना खाते है ।
हां लाडो जा तू आराम कर बस ना मुझे वह उल्टा चश्मा लगा के दे दें । रमा ने उनके फोन में तारक मेहता लगा दिया और फिर वह अपने रूम में आ गई । पूरा कमरा बिखड़ा था । उसने खुद से कहा – पहले फ्रेश हो लु फिर इस कमरे की हालत ठीक करती हूं । सारा काम खतम करते हुए उसे दो घंटे लग गए । बाहर आई तो अम्मा जी अभी भी फोन देख रही थी। उसने पूछा – अम्मा जी खाना लगवा दू ?
हां लाडो लगा दे । रमा रसोई घर में गई और खाना गरम किया फिर दोनो ने साथ बैठ के खाना खाया।
रमा ने रसोई साफ की और कुछ देर छत पर जाके बैठ गई। यह उसकी आदत थी कुछ पल आसमान को देख गुजरती थी । रमा खुद में ही मगन थी की तभी उसके बगल में अम्मा जी आके बैठ गई। रामा ने उनकी गोद में सिर रख दिया । अम्मा जी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली – तो लाडो क्या सोचा तुमने ?
किस बारे में अम्मा जी ….. ब्याह के बारे में गुड़िया । अम्मा जी आप क्यों मेरी शादी करवाना चाहती है । मैं आपको छोर कर कही नही जाऊंगी ।
बेटा जाना तो सबको पड़ता है देख मैं भी तो तेरे दादा जी के साथ ब्याह के आई फिर तेरी मां आई लाडो यह तो समाज की रीत है और मेरा क्या भरोसा आज हु कल नही । तेरा घर बसते हुए देख लूंगी तो आराम से मौत को गले लगा लूंगी ।
कैसी बाते कर रही है अम्मा जी आप । अभी तो आपको मेरे साथ कितने साल बिताने है ….. बिताऊंगी लाडो लेकिन अपनी अम्मा जी की यह बात मान ले । आज तक तूने कभी मेरी कोई बात नही टाली। आखिरी ख्वाइश समझ के ही इसे पूरा कर दे ।
ठीक है अम्मा जी मान ली आपकी बात कर लूंगी शादी अब खुश ।
बहुत खुश मैं कल ही लड़के वालों को मिलने बुला लेती हु ।
रमा ने जब अम्मा जी को राजधानी पकड़ते हुए देखा तो उसने ब्रेक लगाई और कहा – इतनी जल्दी क्या है मिल लूंगी लड़के से लेकिन तीन महीने बाद ।
अरे तीन महीने बाद क्यों …..
क्योंकि अभी मैं बहुत बिज़ी हु । बच्चो के फर्स्ट टर्म के एग्जाम है दो महीनो में और मेरे खुद के भी तो एग्जाम है ।
ठीक है 3 महीने बाद ही सही तू लड़के से मिलेगी तो सही मेरे लिए तो इतना ही काफी है ।
चलिए बहुत रात हो चुकी है अब सो जाइए और वो दोनो सोने चले गए ।
दूसरी तरफ एक 25 – 26 साल का लड़का अपने गोद में 6 साल के बच्चे को बैठाया हुआ था । उसने बच्चे से पूछा – तो कैसा रहा आपका स्कूल चैंप ?
बहुत बढ़िया । मुझे बहुत मजा आया । आपको पता है मैने बहुत से दोस्त भी बनाए और मेरी मैम भी बहुत अच्छी है ।
आपको मम्मी – पापा की याद तो नही आ रही ना ?
नही मामू मुझे आपके और नानी के पास बहुत मजा आ रहा है ।
तो चलो फिर सो जाओ कल स्कूल भी तो जाना है और वो दोनो भी सोने चले गए ।
ऐसे ही दिन बीत रहे थे । लता ने लड़के वालों से बात कर ली थी उन्हे भी कोई दिक्कत नही थी । रमा ने अभी कोचिंग पढ़ाना छोड़ दिया था क्योंकि उसके खुद के भी एग्जाम थे । एक दिन वह स्कूल जा रही थी की तभी अम्मा जी ने कहा – लाडो घर का राशन खतम हो गया है आज स्कूल से आते वक्त ले आना ।जी अम्मा जी ले आऊंगी अभी देरी हो रही है तो निकलती हु । आप अपनी दवाई टाइम से ले लीजिएगा ।
स्कूल खतम होने के बाद जब वह समान ले रही थीं की तभी अनजाने में वह किसी से टकरा गई । हाथ में जो समान था नीचे गिर गया और साथ में फोन भी जिसकी ग्लासेस पे अब कई दर्रार आ चुके थे । रमा जल्दी से नीचे झुकी और अपना सामान उठाने लगी । अपने फोन की ऐसी हालत देख उसे बड़ा गुस्सा आया ।
वह सामने खड़े इंसान पर बरसते हुए बोली – अंधे है क्या देख के नही चल सकते और ना जाने क्या क्या बोल रही थी लेकिन सामने वाला तो जैसे कुछ सुन ही नही रहा था । वह तो रमा को ही निहार रहा था और निहारता भी क्यों ना हल्के पीले रंग के सूट में वह लग भी रही थी खूबसूरत ।
रमा ने जब सामने वाले इंसान को खुद मे ही खोता पाया तो उसके सामने चुटकी बजाते हुए बोली – कहां खो गए जनाब मैं इतनी देर से कुछ कह रही हु सुना या नहीं आपने ।
जी नहीं ……. वो कुछ कह रही थी आप ।
है माता रानी एक तो आप मुझसे टकड़ा गए । मेरा सारा सामान गिरा दिया और अभी तक मुंह से सॉरी का एक लफ्ज़ नही निकाला ना ही मेरी समान उठाने में मदद की यह देखिए क्या हाल कर दिया आपने मेरे फोन का – उसने अपना फोन उसके सामने कर दिया ।
आई एम रियली सॉरी वो मेरा ध्यान नहीं था ।
हांजी वो तो दिख ही रहा अभी भी लगता है सपने में ही जी रहे है आप ।
आप परेशान न हो मैं आपका फोन ठीक करवा देता हु ।
कोई जरूरत नही है मैं खुद ही करवा लूंगी और हटिए सामने से । रमा उसे साइड कर आगे बढ़ गई । वह उसे देखता रह गया जब तक वह उसके आंखो से ओझल ना हो गई। तभी उसके कंधे पे किसी का हाथ महसूस हुआ । सामने देखा तो उसका जिगड़ी यार खड़ा था ।
कब तक घूरेंगे उन्हे राघव बाबू वह जा चुकी है । वैसे कौन थी यह लड़की ।
पता नही ऋषभ पर जो भी थी बवाल थी मुझे तो बोलने का मौका ही नही दिया खुद ही चटर – पटर करती रही ।
ऋषभ ने कहा – कही आपको पहली नजर का प्यार तो नही हो गया न ।
तू भी ना कुछ भी बोलता है पागल है एकदम से । चल अब गौरव के लिए समान भी खरीदना है ।
रात का समय ……
राघव अपने बेड पे लेट के रमा के खयालों में खोया था की तभी गौरव उसके बगल में आके लेट गया ।
चैंप क्या हुआ आज नानी के साथ नही सोओगे ?
नही मामू आज मैं आपके साथ सोऊंगा ।राघव ने उसे गले लगाते हुए बोला – ठीक है मेरा बच्चा आजा । कुछ देर मैं वह दोनो सो गए ।
3 दिन बाद ……..
आज राघव गौरव को उसके स्कूल लेने गया था । स्कूल की बेल बजी तो सारे बच्चे बाहर आने लगे । राघव आगे की तरफ बढ़ने लगा की आज फिर वह किसी से टकरा गया । सामने वाला इंसान गिरता उस से पहले ही राघव ने उसे अपनी बाहों में थाम लिया । राघव ने जब सामने वाले इंसान का चेहरा देखा तो हैरान हो गया । उसकी बाहों में रमा थी जिसने डर के मारे अपनी आंखें मिच ली थी । राघव एक बार फिर उसकी मासूमियत में खो सा गया था ।
रमा को जब एहसास हुआ की वह गिरी नही है तो उसने अपनी आंखें खोली । सामने राघव को देख वह भी हैरान थी । उसने उसे हल्का सा धक्का दिया और खुद सीधी खड़ी हो गई ।
राघव कुछ कहता उस से पहले ही रमा का टेप रिकॉर्डर चालू हो गया । वह राघव पे बरसते हुए बोली – अरे आप …… आप तो वही है ना जो उस दिन मार्केट में मुझसे टकराए थे । आज यहां टकरा गए । आपको कोई काम धंधा है या नही या सारा दिन लोफरो की तरह इधर से उधर घूमते रहते है । कही आप कोई चोर तो नही । शक्ल तो बड़ी अच्छी है हाथ पैर भी सलामत है शर्म नही आती चोरी करते हुए ।
रमा का कहना जारी ही था की तभी एक गौरव आके राघव के पैर में लिपट गया । राघव ने उसे अपने गोद में उठा लिया । गौरव उसे गले लगाते हुए बोला – थैंक यू मामू आप आ गए आज मुझे लेने ।
रमा ने जब गौरव के मुंह से मामू सुना तो वह तो पूरी शॉक में ही चली गई । सामने अपनी टीचर को देख गौरव ने कहा – मामू यही है मेरी फेवरेट मैम जिनके बारे में मैंने आपको बताया था और मैम यह मेरे मामू है ।
रमा अभी भी हैरान थी उन दोनो को देख के । राघव ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा – हेलो मैम । रमा जबरदस्ती मुस्कुराई और जल्दी से वहां से भाग गई । उसकी हरकत देख राघव मुस्कुराने लगा और गौरव तो समझ ही नही आया की अभी हुआ क्या । वो दोनो भी घर के लिए निकल गए ।
सारे रास्ते रमा खुद की कोसती हुई आई । उसने खुद से ही कहा – क्या करती है तू रमा अपनी जबान पे तो जैसे काबू ही नही है। क्या जरूरत इतना बोलने की पता नही वह आदमी मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा ।
रमा घर आ चुकी थी। आज सारा दिन वह राघव के खयालों में ही खोई रही । रात को जब पढ़ने बैठी तो फोन की बीप बजी । देखा तो अंजान नंबर से मैसेज आया हुआ था । उसने उसे इग्नोर किया और अपनी पढ़ाई में बिजी हो गई । पढ़ते – पढ़ते ना जाने कब उसकी आंख लग गई । सुबह 7 बजे के अलार्म से उसकी आंख खुली । आज सन्डे था तो कोई दिक्कत वाली बात नही थी । वह भी उठी और घर के कामों में लग गई ।
करीब 1 बजे जाके वह फ्री हुई । अम्मा जी लता के घर गई हुई थी । उसने अपना फोन उठाया तो देखा उसी अननोन नंबर से गुड मॉर्निंग और गुड आफ्टर नून का मैसेज आया हुआ था । जब रमा को लगा वह इस इंसान को नही पहचानती तो उसने टाइप किया – कौन ????
उधर से जवाब आया – राघव ।
कौन राघव मैं किसी राघव को नही जानती ।
अरे मैं गौरव का मामा कल मिले था ना स्कूल में जहां आपने मुझे डॉटा था । पहचना आपने मुझे ।
हां पहचान गई पर आपको मेरा नंबर कहां से मिला ।
वो गौरव की डायरी से सोचा गौरव की प्रोग्रेस रिपोर्ट के बारे में आपसे बात कर लु ।
कुछ देर दोनो गौरव की पढ़ाई को लेके बात करने लगे फिर लास्ट में रमा ने कहा – सॉरी वो कल मैं कुछ ज्यादा ही बोल गई ।
राघव का जवाब आया – इसकी कोई जरूरत नहीं मैं जानता हूं आपको गलतफहमी हो गई है ।
रमा ने भी स्माइली इमोजी भेज के बात यही खतम कर दी ।
अब तो उसकी और राघव की अक्सर फोन पे बाते होने लगी । कभी – कभी वो दोनो स्कूल में भी मिल जाते ।
अभी स्कूल में एग्जाम स्टार्ट हो गए थे । रमा इन सब में बिजी हो गयो थी । 10 दिन के बाद उसके भी एग्जाम शुरू होने वाले थे । राघव और उसकी बात अब कम ही हो पाती थी ।
5 दिन बाद ……
आज गौरव का लास्ट पेपर था । ऋषभ और राघव दोनो ही उसे लेने आए थे । गौरव ने इन दोनो को देखा तो दौर के आके उनसे लिपट गया । ऋषभ ने उसे अपने गोद में उठाते हुए बोला – और कैसा है मेरा शेर ? मैं बिलकुल ठीक छोटे मामू आज आप भी मुझे लेने आए हो ।
हां बेटा आज आपका लास्ट एग्जाम था ना तो छोटे मामू आज आपको ट्रीट देंगे । ट्रीट का नाम सुन गौरव बहुत खुश हो गया ।
ऋषभ ने राघव के कान में कहा – अच्छा मौका है आज तू उसे अपने दिल की बात बता देना और गौरव को लेके वहा से चला गया । कुछ देर बाद रमा बाहर आई । हल्के आसमानी रंग के सूट में आज फिर वह कयामत ढा रही थी । राघव उसके पास आता हुआ बोला – हेलो मैम ।
अरे राघव जी आप यहां।हां वो गौरव को लेने आया था ।लेकिन गौरव तो कही दिख नही रहा ।अरे उसका आज लास्ट एग्जाम था ना तो मेरा दोस्त आज उसे ट्रीट दिलाने ले गया है । रमा मुझे आपसे कुछ कहना है …..
हां कहिए न क्या बात है …..
वो रमा क्या आप मेरे साथ कॉफी पीने चलेंगी ? रमा हैरानी से उसे देख रही थी । इतने दिन बात करने के बाद रमा यह तो समझ गई थी की राघव अच्छा लड़का है फिर भी उसे उसके साथ जाने में झिझक हो रही थी ।

राघव ने फिर कहा – कुछ दिनों बाद तुम्हारे एग्जाम शुरू हो जायेगे इसलिए कहा फिर तो तुम उन में ही बिजी हो जाओगी फिर पता नही हम कब मिले पर तुम्हे अगर प्रोब्लम है तो रहने देते है ।
रमा ने झट से कहा – नही ऐसी बात नहीं है चलिए हम चलते है ।
कुछ देर बाद दोनो कॉफी शॉप में बैठे कॉफी पी रहे थे । कुछ देर बाद राघव कहता है – एक सवाल पूछूं आपसे रमा ….
हां – हां पूछिए ना । तुम्हारी प्यार के बारे में क्या राय है आई मीन कभी किसी से प्यार हुआ है तुम्हे ?
राघव का सवाल सुन रमा को एक ठाशका सा लगा । इस तरह के सवाल की उम्मीद नहीं थी उसे । राघव उसका चेहरा देख समझ गया था । उसने कहा – मैने तो कैजुअली पूछ लिया था अगर तुम बताना नही चाहती तो कोई बात नही है ।
और फिर दोनो तरफ शांति छा गई । थोड़ी देर बाद रमा न कहा – छोटी थी तभी मां बाबा गुजर गए । बचपन से ही अम्मा जी ने मुझे संभाला है । मेरी जरूरत पूरी करने के लिए वह अपनी जरूरत नजरंदाज कर देती थी । बचपन से एक ही कसक थी की जल्दी से बड़ी हो जाऊ तो अम्मा जी को भी आराम मिल जायेगा । फिर कामों में ऐसा उलझी की कभी इन सब चीजों के लिए वक्त ही नही मिला ।
राघव ने कहा – तो कॉलेज के बाद अब क्या करने का इरादा है ?
पहले तो आराम करूंगी फिर लता काकी ने जो लड़का बताया है उस से भी तो मिलना है ।
लड़का….. – राघव हैरान था ।।।
हां 3 महीने पहले ही काकी रिश्ता लेके आई थी मना नही कर पाई इसलिए बहाना बना दिया की एग्जाम के बाद मिल लेंगे । मुझे तो लगा वो लोग रिश्ते से मना कर देंगे पर पता नही कैसे लड़का 3 महीने से इंतजार कर रहा है बिलकुल डफर ही होगा – लास्ट लाइन बोलते हुए रमा के चेहरे पे शरारत से भरी मुस्कान थी ।
तो आप शादी क्यों नही कर लेती ???? – राघव ने पूछा
बताया तो आपको मेरा अम्मा जी के अलावा कोई है ही नही और अगर मैं शादी कर चली जाऊंगी तो फिर इस उम्र में उनकी देखभाल कौन करेगा ??? इसलिए मैंने एक आइडिया सोचा है जिससे साँप भी मर जायेगा और लाठी भी नही टूटेगी । कैसा आइडिया ?? – राघव भी अब उसकी बात में इंटरेस्ट ले रहा था
जब लड़के वाले देखने आयेंगे तो मैं उनसे कह दूंगी की शादी के बाद अम्मा जी मेरे साथ ही रहेगी तो वो लोग अपने आप ही रिश्ते से मना कर देंगे । मेरी प्रोब्लम सॉल्व हो जायेगी । अगर लड़के वालों ने आपकी शर्त मान ली तो ????

अब तक रमा के चेहरे पे जो मुस्कुराहट ही वो राघव का सवाल सुन के उड़ चुकी थीं । उसने तो इस बारे में सोचा ही नहीं की अगर लड़के वाले मान जायेंगे तब क्या होगा ।। उसने कहा – नही वो लोग नही मानेंगे आज कल ऐसे लड़के होते कहां है । खुद की जिम्मेदारी तो कोई उठाते नही दूसरो की क्या उठाएंगे ।
राघव कुछ और पूछता उस से पहले ही रमा ने कहा – अब बस बहुत सवाल कर लिया आपने अब मेरी बारी है तो चलिए कितनी गर्लफ्रेंड है आपकी ??? दिखने मे तो बड़े हैंडसम है जरूर कॉलेज लाइफ में बड़े मजे उड़ाए होंगे आपने …..
रमा का सवाल सुन राघव मुस्कुराने लगा – उसने कहा ऐसी कोई बात नही है कॉलेज के टाइम में बहुत शरीफ बच्चों की गिनती में आता था लेकिन हां मुझे एक लड़की पसंद है । ओह वाओ आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले । आपने उसे बताया कि नही की आप उन्हे पसंद करते है । प्रपोज किया की नही । अभी कहां डर लगता है कही वो मुझे रिजेक्ट कर देगी तो …… अरे ऐसे कैसे रिजेक्ट कर देगी । आपको तो लड़की देखते ही पसंद कर लेगी ।
सच में….
हां बिलकुल आपको न करने की कोई वजह तो चाहिए । आप इतनी अच्छी जॉब करते है । दिखने में भी हैंडसम है । आप में वो सारी क्वालिटी है जो एक लड़की अपने होने वाले पति में देखती है ।
ठीक है फिर जब आपने मेरी इतनी तारीफ कर ही दी है तो मैं जल्द ही उस से अपने दिल की बात कह दूंगा ।
रमा कुछ और कहती उस से पहले ही उसका फोन बजने लगा । देखा तो लता काकी का नाम शो हो रहा था । उसने जैसे ही फोन उठाया उधर से अम्मा जी की आवाज आई –
कहां रह गई से छोरी ???
बस आई अम्मा जी रास्ते में ही हु आ रही हु । उसने कॉल काटा और उठाते हुए बोली – अच्छा राघव जी चलती हु काफी देर हो गई है ।
आप कहे तो मैं आपको छोड़ दू ?
अरे नही नही मैं चली जाऊंगी थैंक्यू और हां अपने दिल की बात जल्दी से उस लड़की को बता दीजियेगा । दिल के मामले में देरी नही करनी चाहिए । इतना कह वो मुस्कुराते हुए वहां से निकल गई । राघव उसे जाते हुए देखता रहा और फिर खुद से ही बोला – पागल है यह तो पूरी ।
रमा जब घर आई तो अम्मा जी इधर से उधर चक्कर काट रही थी । रमा को देख जल्दी से उसके पास आई ।
कहां रह गई थी लाडो पता है मैं कितना परेशान हो गई थी ??
वो अम्मा जी एक दोस्त मिल गया था । उसी से बातो में ऐसा लगी की समय का पता ही नही चला ।
कोई ना पर आगे से ध्यान रखना देर होवे तो बस एक बार खबर कर दियो।
जी अम्मा जी !!!!
चल अब भीतर चल ….
ऐसे ही दिन बीतने लगे । समय अपनी गति से चल रहा था । आज रमा का आखिरी पेपर था । उसके सारे एग्जाम अच्छे गए थे । इस बीच उसकी राघव से ना के बराबर ही बात हुई थी । आखिरी पेपर दे कर जब वो घर आई तो लता काकी को अम्मा जी के पास बैठा देख वही रूक गई । उसने खुद से ही कहा – अब पता नही यह दोनो मिल के क्या खिचड़ी पक्का रहे है ।
लता ने जब रमा को दरवाजे पर खड़ा देखा तो बोली – अरी रमा वहा क्या खड़ी है जल्दी से अन्दर आ मेरे पास तेरे लिए एक खुशखबरी है ।
आप की खुशखबरी मेरे लिए शॉक का काम करती है पता नही अब क्या होगा – उसने खुद से ही कहा ।
लता ने उसे अपने पास बैठते हुए बोला – अब तू पैकिंग कर ले लाडो क्योंकि अब तू यहां नही रहने वाली ।
मतलब क्या है आपका काकी ???
अरी गुड़िया दो दिन बाद आ रहे हैं तेरे दूल्हे राजा तुझे देखने ।।
रमा उन्हे हैरानी से देख रही थी । उसने अम्मा जी से कहा – पर इतना जल्दी क्या है आज ही तो मेरे एग्जाम खतम हुए है और आप लोगो ने उन्हे बुला भी लिया । अम्मा जी ने कहा – देख लाडो अब कोई बहाना नही तूने कहा था तेरी परीक्षा के बाद तु उन लोगो से मिल लेगी तो अब परसू तू उन लोगो से मिलेगी ।
पर अम्मा जी ……
कहा ना कोई पर वर नही यह मेरा आखिरी फैसला और अब कोई बहस नही होगी । रमा अपना मन मामोस के रह गई ।
शाम का वक्त था । रमा खुद में ही खोई थी की तभी उसका फोन बजा । राघव का नाम फ्लैश हो रहा था । मन तो उसका किसी से भी बात करने का नही था पर काफी दिन हो गए थे उसके और राघव के बीच बात हुए इसलिए उसने फोन उठा लिया ।
उधर से राघव की आवाज आई – कैसी हो रमा ??
मैं ठीक आप कैसे है ???
मैं भी एकदम बढ़िया तुम बताओ लास्ट एग्जाम था ना तुम्हारा कैसा गए सारे एग्जाम ???
जी सब अच्छे ही गए !!!!!
कोई बात है क्या रमा तुम्हारी आवाज में उदासी सी लग रही है ।।।
नही – नही ऐसी कोई बात नही ।
अच्छा फिर कैसी बात है ???
जी …. वो … आपको कुछ काम था ।
बिना काम के फोन नही कर सकता हु ??
अरे ऐसी बात नहीं आप कर सकते है ।।।
अच्छा मैने तुम्हे इनवाइट करने के लिए फोन किया था ।
इनवाइट !!! हां परसो मेरा बर्थडे है ना तो मैं पार्टी दे रहा हु ।
ओह ग्रेट बट आई एम सॉरी मैं नही आ पाऊंगी ।।
पर क्यूं ???
आपको बताया था ना रिश्ते के बारे में वो लोग परसू ही आ रहे है ऐसे में मैं घर से बाहर नहीं निकल पाऊंगी ।
ओह अब समझ आया इसलिए इतना लो साउंड कर रही थी तुम । चलो कोई ना फिर कभी मिल लेंगे ।
हां बिलकुल हम कुछ दिनों के बाद मिल लेंगे और आपका बर्थडे और मेरा रिश्ता टूटने का सेलिब्रेशन एक साथ माना लेंगे ।
राघव उसकी बात सुन मुस्कुराने लगा । ठीक है फिर रखता हु । बाय……
बाय ।।।।
राघव अपने फोन के देखते हुए बोला जिसमे रमा की तस्वीर लगी हुई थी – परसो हम जरूर मिलेंगे रमा और यह मेरा अब तक का बेस्ट बर्थडे होगा और वो फिर सोने चला गया ।
दो दिन भी बीत गए । आज रमा को देखने लड़के आने वाले थे । बाहर सब तैयारियों में लगे थे और वह अंदर घबराई हुई सी बैठी है । बाहर सारे मेहमान आ चुके थे । अम्मा जी और लता जी ने उन्हे बैठाया । थोड़ी बातचीत के बाद लता जी ने कहा – जा बहु रमा को ले आ ।
झुमरी अंदर आते हुए बोली – चलिए रमा बबुनी बाहर लड़के वाले आ गए। लेकिन रमा को इस तरह घबराता देख वह वही बैठ गई ।।क्या हो गया है आपको ?? भाभी डर लग रहा है ।।।।
अरे इसमें डरने वाली क्या बात है । वो लोग आपको खा थोड़े ना जायेंगे । बस कुछ सवाल पूछेंगे और फिर बात खतम । वैसे भी अगर लड़का पसंद आया तो हां कह दीजियेगा और नही पसंद आया तो वही मना कर दीजियेगा । चलिए अब चलते है वरना सासु जी आ जायेगी । झुमरी रमा को लेके बाहर आई ।
हल्के हरे रंग की साड़ी में उसकी खूबसूरती निखर के बाहर आ रही थी । बिना मेकअप के भी उसका चेहरा खिल रहा था । रमा वही लगे सोफे पे बैठ गई । उसने अपनी नजरे नीची कर के ही रखी थी । लड़के के तरफ से आई महिला उस से सवाल कर रही थी और आराम से उसके जवाब दे रही थी । थोड़ी ही देर बाद उस महिला ने कहा – भाई हमे तो यह रिश्ता मंजूर है ।
तभी लड़के ने कहा – अम्मा जी क्या में रमा से अकेले में मिल सकता हूं ???
रमा ने जब उसकी आवाज सुनी तो सिर उठा के देखा । सामने राघव बैठा था जो उसे मुस्कुराते हुए देख रहा था । उसके बगल में ही गौरव बैठा तो वह भी रमा की तरफ देख मुस्कुराने लगा । रमा को तो कुछ समझ ही नही आ रहा था की आखिर हो क्या रहा है । तभी उसके कान में अम्मा जी की आवाज आई – जा रमा जमाई जी को अपना कमरा दिखा आ।
रमा आगे बढ़ गई और राघव उसके पीछे मुस्कुराते हुए बढ़ गया । रमा अपने कमरे में आके रुकी । राघव भी अंदर आया । उसने कहा – वाओ !!!! नाइस रूम …
आप यहां ??? मैं वही हु रमा जिससे तुम इतने दिन से बचने की कोशिश कर रही थी । अब बोलो करोगी मुझसे शादी ???
रमा कुछ कह ही नही पा रही थीं। बड़ी हिम्मत के बाद उसने कहा – पर आप तो किसी लड़की से प्यार करते थे न उसका क्या होगा ???
बेवकूक लड़की वह तुम हो जिस से मैं प्यार करता हु । मुझसे तो मेरा दिल तुम्हारी तस्वीर ने ही चुरा लिया था । उसके बाद जब हम पहली बार मिले उस वक्त तुम्हारी डांट तो मैं सुन ही नही रहा था बस तुम्हारे खूबसूरत चेहरे में खो चुका था । फिर जब गौरव के स्कूल में तुम्हे देखा तो दिल के सारे अरमान फिर जाग गए । धीरे – धीरे तुम्हारी हर खूबी मुझे अपना दीवाना बनाते गई और मैं तुम्हारे प्यार में पागल होता चला गया ।
रमा शांति से उसकी बाते सुन रही थी। उसे तो कभी पता ही नही चला की कब उसे भी राघव की आदत हो गई । जब उसने राघव के मुंह से सुना की वह किसी लड़की को पसंद करता है तो उसके दिल में एक जोर का दर्द उठा था तब तो कुछ समझ नहीं आया पर आज वह समझ चुकी थी ।
उसने डरते हुए कहा – अम्मा जी ….. तुम उनकी चिंता मत करो । वह हमारे साथ ही रहेगी ।पर आपका परिवार वो इस बात को मानेंगे ??? किसी को इस बात से कोई प्रोब्लम नही है अब तो खुश है ना आप मिसेज रमा राघव भारद्वाज । उसकी बात सुन रमा के आंखो में आंसू आ गए और वह वही बैठ रोने लगी ।
राघव बोला – क्या हुआ अब रो क्यों रही हो ?? रमा उसके गले लगते हुए बोली – थैंक्यू मेरी लाइफ में आने के लिए । मुझे इतनी खुशी देने के लिए ।
राघव ने भी उसे अपने बाहों में भर लिया । थोड़ी देर बाद जब रमा का रोना कम हुआ तो राघव ने कहा – वैसे तुम भूल रही हो आज मेरा बर्थडे है ।
रमा उस से अलग होते हुए बोली – अरे हां मैं तो भूल ही गई हैप्पी बर्थडे ।
मेरा गिफ्ट कहां है पहले यह बताओ !!!
गिफ्ट वह तो में नही लाई । मुझे क्या पता हम आज मिल जायेंगे ।
राघव ने उसे बाहों में लेते हुए कहा – गिफ्ट तो तुम्हारे पास ही अगर तुम देना चाहो।
मेरे पास ….
तुम खुश हो न इस रिश्ते से ??
रमा ने अपना सिर हां में हिला दिया तो राघव ने उसे कस के गले से लगा लिया । उसने कहा – अब तक का यह मेरा बेस्ट बर्थडे गिफ्ट है रमा । आई लव यू …… आई लव यू सो मच ।।।
रमा ने भी कहा – आई लव यू टू राघव ।
बाहर मानसून की बारिश का आगमन हो चुका था और यहां दो दिलों के अंदर प्यार का भी ।
-STORY WRITTEN BY ANJALI ( OUR REGULAR READER )
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