My wife’s Ex Boyfriend | Husband wife love story part 2

My wife’s Ex Boyfriend | Husband wife love story part 2

My wife’s Ex Boyfriend | Husband wife love story कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मेहर की शादी रितिक से होने वाली है लेकिन मेहर किसी और से प्यार करती है। मेहर और शिखर ने कोर्ट मैरिज का प्लॉन बनाया था लेकिन शिखर एन मौके पर उसके साथ नहीं आया। ऐसे में उसने रितिक से सारी बात बताते हुए उससे विनती की कि वो शादी से डायरेक्ट मना न करे वरना उसके पापा को फिर से हार्ट अटैक आ सकता है। रितिक ने उसकी इज्जत बचाने के लिए उससे शादी कर ली और उसे अपने घर ले आया। मेहर के ससुराल में सभी उससे बहुत प्यार करते थे खासकर भाभी ।

लेकिन मेहर और रितिक एक दूसरे से प्यार नहीं कर पा रहें थें। इसी बीच रितिक बैंगलोर शिफ्ट हो जाता है मेहर के साथ । यहाँ पर उनकी मुलाकात शिखर से हो जाती है। शिखर से मिलने के बाद मेहर गुस्से में घर चली आती है । अब आगे –

घर पहुंच कर भी दोनों में कोई बातचीत नहीं हुई । रात को दोनों अपने-अपने कमरों में चले गएं।
सुबह रितिक ऑफिस के लिए बहुत जल्दी निकल गया। एक बार भी मेहर को जगाने नहीं गया।
मेहर की नींद दोपहर में टूटी जब बार-बार डोरबेल बज रही थीं ।

मेहर ने दरवाजा खोला तो सामने एक बड़े से गुलदस्ते के साथ शिखर खड़ा था। मेहर ने तुरंत दरवाजा बंद करने की कोशिश की लेकिन उसने अपना हाथ दरवाजे में फंसा दिया।
एक बार बात तो कर लो मुझसे । शिखर दरवाजे को धक्का देकर अंदर आ गया ।
चाहते क्या हो ? मेरे घर कैसे आएं ? और ये फूल..फूल लाने की हिम्मत कैसे की? मेहर ने गुलदस्ता छीन कर फर्श पर पटक कर पैरों से कुचला, उसके बाद शिखर के सामने ही उसे डस्टबिन में डाल दिया। शिखर ये सब देख कर हंसता ही रहा ।

लो तुम्हारा गिफ्ट ले लिया,अब दफा हो जाओ यहाँ से।
but हमारा सर्विस टैक्स तो दे दीजिए।
कौन सा सर्विस टैक्स?

एक्चुअली कल तुम्हारे पति ने ये गुलदस्ता बनाने का ऑर्डर दिया था । किस्मत से रेस्टोरेंट की तरह वो फ्लॉवर शॉप भी हमारी ही फैमिली की थी। वहीं से एड्रेस मिला था तुम्हारे घर का । देने तो डिलीवरी बॉय को आना था लेकिन मैंने कहा मुझे ही जाने दे।
वो गुलदस्ता रितिक ने बनवाया था !
हाँ।
Oh God! मेहर अपना सर पकड़ कर कुर्सी पर बैठ गई ।

उसके गुलदस्ते को रौंदा तो इतना अफसोस और कल जो मेरे दिल को रौंद के चली आई हो उसका क्या ? शिखर उसके बगल में खड़ा हो गया ।
तुम दोनों की कोई कंपैरिजन नहीं है शिखर । तुम भीड़ में अकेला छोड़ के गए थे और उस इंसान ने उसी भीड़ में थामा था मुझे ।
कितनी बार कहूं कि मैं तुम्हें छोड़ कर नहीं भागा मेरे साथ साजिश हुई थी यार ।
साजिश ! कैसी साजिश?

मैंने पापा से कहा था या तो मैं तुमसे शादी करूंगा या फिर अपनी जान दे दूंगा। मुझे लगा पापा मान जाएंगे लेकिन ऐन मौके पर ही उन्हें हार्टअटैक आ गया । हम सब भागते हुए हॉस्पिटल पहुंचे । वहाँ मैं पापा के चक्कर में ही उलझा रहा और किसी ने मेरा फोन पानी में डाल कर खराब कर दिया । मेरे लिए उस वक्त हमारी शादी से ज्यादा जरूरी पापा की जान थी। जिस तरह तुमने अपने पापा की जान बचाने के लिए शादी की उसी तरफ अपने पापा की जान की खातिर मैं तुमसे शादी नहीं कर पाया ।

अच्छी बात है शिखर । अब भूल जाओ जो हुआ । ये बताओ अंकल कैसे हैं अब ?
मुझे नहीं पता !
नहीं पता का क्या मतलब होता है ? पापा हैं तुम्हारे ।
मेरी उनसे बात नहीं होती मैंने उनका घर भी छोड़ दिया है।
क्यों ? ऐसा क्यों किया तुमने ?

क्योंकि झूठे हैं वो । उन्होंने हार्ट अटैक का ड्रामा किया ताकि तुम्हारी शादी किसी और से हो जाएं। उनकी रिपोर्ट्स दूसरे डॉक्टर को दिखाने पर मुझे ये बात पता चली थी। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसके बाद ही मैंने उन्हें छोड़ दिया । उन्होंने तुम्हें मेरा नहीं होने दिया इसीलिए मैने भी खुद को उनका नहीं रखा । अब रहें अपनी उस दौलत के साथ जिसके आगे मोहब्बत को उन्होंने कुछ नहीं समझा। शिखर emotional हो गया था इसीलिए खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया।

I am sorry! मुझे लगा कि घरवालों के दबाव में तुम झुक गए हो । मेहर ने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा।
तुम्हें क्या लगता है तुम्हारे कदमों में दुनिया को झुका देने का इरादा रखने वाला लड़का अपने घरवालों के सामने कभी झुक सकता था ? शिखर ने उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर उसकी आँखों में झांकते हुए पूछा।
आओ, चलो बैठो ! कब से खड़े-खड़े ही बातें किए जा रहें हैं । मेहर ने शिखर से तुरंत अपना हाथ छुड़ा लिया ।

पति कब आएंगे तुम्हारे ?
आ जाते हैं 5-6 के बीच में ।
अभी तो दो ही बजा है तुम कहो तो बाहर लंच करने चलें?
बाहर जाने की क्या जरूरत मैं तुमको कुछ यहीं बना कर खिला देती हूँ।

तुम खिलाओगी ? खाना बनाना कब से शुरू कर दिया तुमने ? I know थोड़े patriarchal mindset के लोग हैं तुम्हारे ससुराल वाले। मैने तो सुना था कि बच्चे की डिमांड भी शुरू हो गई है उनकी तो ।
जी नहीं बिल्कुल गलत सुना है तुमने। डिज्नी प्रिंसेस की कहानी तुमने सिर्फ टीवी पर देखी होगी लेकिन कभी मेरे ससुराल आना असल की डिज्नी प्रिंसेस दिख जाएगी तुम्हें।

“ससुराल आना ” क्या मतलब है इस बात का ? तुम हमेशा वहीं रहोगी क्या ? मानता हूँ कि तुम्हारी शादी हो चुकी है लेकिन तुम प्यार तो नहीं करती न रितिक से फिर क्यों फिजूल का रिश्ता निभाना ।
मैं नहीं कहती कि मैं प्यार करती हूँ रितिक से लेकिन इतना जरूर है कि उनकी इज्जत बहुत करती हूँ। इसीलिए मैं ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहती जिससे उसकी इज्जत पर कोई आंच आएं ।

लेकिन यार एक मौका तो मैं भी डिजर्व करता हूँ न !
उस बारे में मैंने सोचा नहीं अभी तक ।
तो कब सोचोगी ।
देखो सोचूं भी या नहीं । इसके आगे मेहर ने शिखर की एक भी बात नहीं सुनी सीधा किचन में चली गई।

मेहर अपने दोनों के लिए खाना लगा ही रही थी तब तक रितिक ऑफिस से आ गया । सुबह मेहर को बिना बताए चला गया था । उसने सोचा कि मेहर परेशान हो रही होगी तो जल्दी ही ऑफिस से घर आ गया था।
आ गएं तुम । आप साथ में बैठ कर हम लोग लंच करते है। इनसे भी मिलवा देती हूँ..
हम कल मिल चुके हैं। रितिक ने बात बीच में ही खत्म कर दी ।

तब तो अच्छी बात है। चलो बैठो मैं प्लेट लेकर आती हूँ तुम्हारे लिए। मेहर रसोई में चली गई। तब तक रितिक की नजर डस्टबिन से झांक रहे गुलदस्ते पर पड़ गई। ये बात शिखर ने नोटिस की।
पैरों से कुचल कर फेंक दिया जैसे ही मैने बोला कि तुम्हारे पति ने भेजे हैं। उसने मुस्कुराते हुए कहा।
आइए बैठिए जनाब । मेहर रसोई से वापस आ गई।
चलो ठीक है मेहर । टाइम मिले तो मेरे रेस्टोरेंट ही आ जाना । अभी तो मैं चलता हूँ ।

अरे ऐसे कैसे मेहर के दोस्त हो यार बिना खाए कैसे जा सकते हो । आओ बैठो न साथ ।
अरे नहीं वैसे भी मेहर ने बोला था कि आप पाँच बजे ही वापस आयेंगे। इसीलिए उसने सिर्फ हम दो के लिए ही स्पेशल खाना बनाया था।
तो भाई खा लो न । मेरी बीवी मेरे लिए तो कभी भी बना देगी लेकिन तुम कौन सा यहाँ रोज खाने आ सकते हो।
आ भी सकता हूँ अगर मेहर बुलाए तो। चलिए bye! शिखर कार की चाभी लेकर निकल गया।

मेहर ने शिखर के बारे में रितिक को पहले ही बोल के रखा था। अब दोबारा से दोस्ती शुरू हो जाने पर भी वो जब भी शिखर से मिलने जाती तो रितिक को बता कर जरूर जाती थी। वैसे तो रितिक के साफ मना कर देने पर शायद मेहर शिखर से न मिलने जाती लेकिन रितिक नहीं चाहता था कि वो एक ऐसे खेल में गोल्ड जीते जिसका वो एकमात्र खिलाड़ी हो । उसे पूरा भरोसा था कि एक न एक दिन मेहर को पति का प्यार जरूर दिखेगा।

शिखर पूरी कोशिश करता था दोनों के बीच गलतफहमी पैदा करने की लेकिन रितिक कभी उसकी बातों पर ध्यान ही नहीं देता था, बल्कि उसका प्यार और देखभाल तो मेहर के लिए बढ़ते ही जा रहें थें। इस बात पर भाभी भी उसका मजाक बना देती थीं।

क्या कर रहे हो देवर जी ।
आपकी लाडली के कपड़े प्रेस कर रहा हूँ। एक बुक इवेंट में जाना है । अभी दोपहर में उठेगी तो उल्टा- सीधा कुछ भी पहन के भाग जाएगी।
तुमने तो इसे और भी बिगाड़ दिया है।
क्या करूं ? बच्चों की सी हरकतें करती है तो डांट भी नहीं पाता।
खाना बनाओ, कपड़े प्रेस करो , सुबह जगाओ। ये सब करने के साथ एक अच्छा सा रिश्ता देख कर शादी भी fix करवा दो ।
हाँ शायद ये भी करना पड़ जाए। इतना कहकर रितिक ने फोन काट दिया।

मेहर शिखर के रेस्टोरेंट में बैठ कर लिखती। कभी-कभी दोनों साथ में किसी बुक फेयर में शिरकत करने चलें जाते और कभी- कभी पिछले दिनों की बातें याद करतें तो थोड़ी सी वाइन भी टिका लेते । हफ्ते के तीन दिन तो मेहर शिखर के साथ ही गुजार देती है । कभी-कभी रात को देर से घर लौटती है । ये सब देख कर रितिक को जलन और गुस्सा दोनों महसूस होता है लेकिन वो कुछ नहीं बोलता बस अपने कामों में लगा रहता है। अभी तक उसे कभी insecure feel नहीं हुआ था मेहर के लिए । लेकिन मेहर ने एक रात वो कमी भी पूरी कर दी।

12 बजे तक घर न लौटने पर रितिक बार-बार मेहर को कॉल किए जा रहा था लेकिन उसका फोन बंद था । उसे शिखर पर थोड़ा भी भरोसा नहीं था इसीलिए वो खुद रेस्टोरेंट जाने की तैयारी करने लगा । तब तक दरवाजे की बेल बज गई।
रितिक ने दरवाजा खोला तो देखा मेहर शिखर की बांहों में नशे में चूर होकर लेटी है और लगातार कुछ बोले जा रही है।

My wife's Ex Boyfriend | Husband wife love story
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लीजिए अपनी वाइफ । इसे समझा दो कि नशे में मुझसे प्यार का इजहार न करे । होश में बोलेगी तो एक्सेप्ट कर लूंगा। शिखर शैतानी मुस्कान बिखेर रहा था।

रितिक के हाथों में जाते ही मेहर उसकी गर्दन में बाहें कर झूल गई । रितिक ने मेहर के चेहरे की तरफ देखा जिसपर गहरी नींद के सिवा कोई दूसरा भाव नहीं था और धोखेबाजी का तो बिल्कुल भी नहीं।
किस रास्ते से आएं हो ? रितिक ने शिखर को मुस्कुराते हुए ही देखा।
इधर सामने वाले रूट से ।
हाँ तो बेटा उसी रूट से निकल भी लो । इतना कह कर रितिक ने शिखर के मुंह पर ही दरवाजा बंद कर दिया।

इस घटना के बारे में न उसने मेहर से कुछ पूछा और न कुछ कहा । बस अंदर ही अंदर खुद को हारा हुआ महसूस करने लगा और थोड़ा परेशान रहने लगा । मेहर पूछती भी कि कोई बात है क्या ? लेकिन वो मुस्कुराते हुए डाल देता । कभी भी नहीं कहा कि” तुम शिखर से न मिलो या उसके साथ घूमने मत जाओ ।” कैसे कहे ! 10 साल के रिश्ते को 7 महीने की शादी थोड़े खत्म कर सकती है।

रितिक का छुपा हुआ गुस्सा अब मेहर को भी दिखने लगा था । इसीलिए उसने शिखर से मिलना-जुलना कम कर दिया । ज्यादातर समय घर पर ही रहने लगी भले ही उसे कितना भी अकेलापन क्यों न लगे, अपनी तरफ से शिखर को कॉल नहीं करती। लेकिन जब भी शिखर उसे बुलाता तो खुद को रोक नहीं पाती । पता नहीं पिछला प्यार था या नई दोस्ती जिसकी वजह से उसे शिखर का साथ अच्छा लगता था ।

मेहर रितिक की ज्यादा देखभाल करती, सुबह जल्दी उठकर नाश्ता भी बना देती कभी-कभी। उसके कपड़े भी प्रेस कर देती और शाम को उसके आने पर अगर घर पर हो तो कॉफी भी बना कर दे देती । इन सब बातों के बावजूद भी रितिक को लगने लगा है कि वो मेहर को खो रहा है।
अपनी नई बुक के लॉन्च के लिए मेहर थोड़ा ज्यादा बिजी हो गई थी। शहर में कई जगह प्रमोशन के लिए जाना पड़ रहा था और रितिक अपने काम में इतना व्यस्त हो चुका है कि मेहर को शिखर का साथ ही लेना पड़ा।

एक दिन सुबह 6 बजे की निकली मेहर जब शाम 6 बजे घर पहुंची तो देखा रितिक वैसे ही अपने कमरे में लेटा है जैसे सुबह लेटा था।
क्या हुआ ? आज ऑफिस नहीं गएं? रितिक का कोई जवाब नहीं आया ।
तबियत खराब है क्या? मेहर ने माथे पर हाथ रख के चेक किया तो वाकई बुखार था ।
तुमको तो बुखार है यार ! डॉक्टर को बुलाया ?

कलीग से दवा मंगवा ली थी तुमको परेशान होने की जरूरत नहीं अब । रितिक ने करवट लेकर मुंह फेर लिया।
I am sorry… मुझे पता होता कि तुम्हारी तबियत खराब है तो मैं इवेंट कैंसिल कर देती।
तुम्हें तो बहुत कुछ नहीं पता है ।
Sorry न! अच्छा मैं डॉक्टर को बुलाती हूँ। मेहर ने पर्स से फोन निकाला तो देखा भाभी की चार कॉल्स लगी हुई थीं।

डॉक्टर की जरूरत नहीं है । रितिक ने चादर में मुंह ढकते हुए कहा।
Ok! तुम आराम करो मैं कुछ बना कर लाती हूँ।
बोला न जरूरत नहीं है परेशान होने की ।
तो किस चीज की जरूरत है, बोलोगे ?

जिस चीज की जरूरत है वो तुम पूरी नहीं कर सकती। इसीलिए तुम अभी जाओ यहाँ से। रितिक की तबियत देखते हुए मेहर न कोई बहस नहीं की और अपना फोन लेकर बाहर आ गई।
बाहर आते ही उसने सबसे पहले भाभी को कॉल बैक की।

और बेटा … कल की क्या तैयारी है ?
कल की ? कुछ स्पेशल है क्या भाभी ?
क्या तुम्हें सच में नहीं पता कि कल रितिक का birth day है?
क्या सच में ? उसने मुझे कभी बताया क्यों नहीं ?
शायद तुमने जानने की कोशिश ही नहीं की बेटा।

Oh God! अब क्या करूं मैं ? खाली हाथ कैसे wish करूं भाभी ? आपको पहले बता देना चाहिए था तो मैंने सारी तैयारी कर ली होती।
कोई बात नहीं तुम तैयारी कल कर लेना और wish रात में ही कर देना।
नहीं पूरी तैयारी के साथ ही birthday wish करूंगी। ताकि उसको surprising feel हो।

फोन काटने के बाद उसे याद आया कि कल तो शिखर का भी birthday होता है । इतना याद आते ही उसे थोड़ा गिल्ट महसूस हुआ । अपने ex boyfriend के birthday की प्लानिंग वो महीने भर पहले ही शुरू कर देती थी और बात जब पति की आई तो एक दिन पहले तक birth date भी नहीं पता चली उसकी ।

सुबह उठते ही मेहर घर के कामों में इतनी व्यस्त हो गई कि उसे याद ही नहीं रहा , जिस शिखर को रात 12 बजे ही फोन करके birth Day wish करती थी उसे सुबह 8 बजे तक भी एक msg नहीं किया है।
पूरा घर साफ करने के बाद वो घर में जगह-जगह फूलों के गुलदस्ते लटका रही थी तभी डोरबेल बजने लगी।

आती हूँ बस दो मिनट रुको। टेबल पर चढ़ी होने की वजह से वो अपना काम खत्म करके उतरना चाहती थी। लेकिन डोरबेल लगातार बजे ही जा रही है। तो रितिक की नींद का खयाल करके मेहर को मजबूरन नीचे उतरना पड़ा।
अरे तुम इतनी सुबह-सुबह ! Oh So sorry! Birthday wish करना भूल गई। Happy Birthday my BFF. उसने शिखर को गले लगाया।
आओ अन्दर आ जाओ । मेहर शिखर को अंदर बुला कर फिर से अपने कामों में व्यस्त हो गई।

तुमने कहा था कि तुम सुबह मुझसे मिलने आओगी। आज तुम्हारा सारा दिन मेरा होगा , कहा था न ? फिर ये धोखेबाजी क्यों ?
Sorry यार नहीं आ सकी रितिक की तबियत खराब है न। लेकिन कल या फिर कभी मैं तुम्हें तुम्हारी birth Day party दे दूंगी।
आज क्यों नहीं ?
बोला न रितिक की तबियत सही नहीं है और घर पर बहुत सारा काम भी है।
तो तुम्हारे लिए मुझसे ज्यादा रितिक जरूरी है।

यार तुम हमेशा रितिक से कंपेयर क्यों करते रहते हो ?
चलोगी या नहीं ? शिखर ने गुस्से में पूछा ।
नहीं । मेहर ने शांत लहजे में कहा।
Boyfriend हूँ यार तुम्हारा थोड़ी तो…
Best friend बस इससे ज्यादा कुछ नहीं हो मेरे ।

तो तुम मेरे साथ नहीं चलोगी ? शिखर ने मेहर का हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया।
शिखर छोड़ो मुझे ! अगर रितिक ने देख लिया तो गलत समझेगा ।
यही तो चाहता हूँ मैं। अब चुपचाप चलो मेरे साथ वरना तुम्हें अपनी बाहों में उठा कर जबरदस्ती ले जाऊंगा।
शिखर please….

Oye hoye क्या बात है उस्ताद ! पति के सामने उसकी बीवी को उठा कर ले जाने की बात कर रहे हो । जरा देखूं तो तुम्हारे बाजुओं की ताकत को । रितिक सीढ़ियों से नीचे उतर आया । उसे देख कर मेहर घबरा गई ।
रितिक जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नहीं है।
वैसा ही है ये मेरी गर्लफ्रेंड है और ये मेरा birth day सेलिब्रेट करने मेरे साथ जा रही है।

तेरा birthday कहीं तेरा funeral day न बन जाए लल्ला । इसीलिए मेहर को छोड़ और मुझसे बात कर । रितिक ने अपनी स्लीव्स चढ़ा ली। मेहर ने शिखर को धक्का दे कर खुद को अलग कर लिया।
घर का दरवाजा उधर है बेहतर होगा कि तुरंत चले जाओ। मेहर रितिक के पास जाकर तब शिखर से कुछ बोल पाई।
तुम पागल हो ऐसे आदमी के लिए मुझे जाने को बोल रही हो ? जानती हो एक बार चला गया तो जिंदगी भर पछताओगी ।

पछता तो तुमसे दोबारा दोस्ती कर के रही हूँ।
सुना नहीं मेरी बीवी कह रही है तो तुम्हें चले जाना चाहिए।
मेहर मैं सच में चला जाऊंगा !
हाँ जाओ, लेकिन एक मिनट रुको। मेहर भागते हुए अपने कमरे में गई । थोड़ी ही देर में एक बड़ा सा box लेकर लड़खड़ाते हुए नीचे आई।
जाते वक्त इन्हें भी साथ ले जाओ तुम्हारी दस साल की यादें जिन्हें मैंने 8 महीने से सम्भाल कर रखा था।

यार ऐसा मत करो please प्यार करता हूँ तुमसे मैं । तुम्हें बहुत खुश रखूंगा। जितना ये कमाता नहीं है उतना तो मैं तुमपर खर्च कर सकता हूँ। फिर क्यों चुन रही हो इसे?
हर चीज पैसा नहीं होती शिखर । तुम जाओ अब यहाँ से।
ये तुम्हारा फाइनल डिसीजन है?
हाँ। मेहर ने पूरी सख्ती और बेदिली से जवाब दिया।

शिखर की आँखों से आँसू निकल आएं। वो box को संभाले हुए चला गया न सिर्फ घर से बाहर बल्कि उसकी जिंदगी से बाहर भी। उसके जाते ही मेहर फफक के रो पड़ी। सारा गुस्सा सारी सख्ती आँसू बनकर बहने लगी।

बड़ी मुश्किल से उसे चुप कराने के बाद रितिक ने उसे कमरे में ले जाकर सुला दिया।

दोपहर के बाद जब उसकी नींद खुली तो काफी तरोताजा महसूस कर रही थी। एक अंगड़ाई लेकर जब उठी तो देखा रितिक बेड के पास बैठा उसे ही देख रहा है।
वो.. मैं पूछ रहा था मेरे सारे कपड़े कहाँ हैं?
कपड़े ? वो तो मैंने लॉन्ड्री के लिए दे दिए थे सुबह ।
सारे?

हाँ मेरे भी तुम्हारे भी ।
अरे यार मुझे बाहर जाना था ।
एक शर्ट होगी उसे पहन लो। वापस आते वक्त लॉन्ड्री से कपड़े ले लेना। हो सके तो मेरे लिए एक नई ड्रेस भी लिए आना ।
Ok लिए आऊंगा।
Thank you .

वो मैं पूछ रहा था कि.. अगर शाम को फ्री हो तो डिनर पर चले बाहर ? रितिक ने नर्वस होते हुए पूछा।
बाहर ! No way ! मेहर ने करवट बदल ली।
Ok .

रितिक ज्यादा दूर नहीं गया घर से । पास की एक बेकरी से केक खरीद कर उसपर अपना नाम लिखने के बाद फोटो खींची और केक आसपास घूमते बच्चों के हवाले कर दिया। पार्क की बेंच पर बैठे हुए उसने एक शर्ट ऑर्डर की और फूल वाले से एक बुके भी बनवा लिया। इतना सब बस इसलिए कि रात में अगर घर से कोई फोटो मांगे तो उन्हें बता सके मेहर ने उसका birth day कैसे मनाया है।

रात 8 बजे जब रितिक घर पहुंचा तो उसे पूरे घर में किसी चीज के जलने की स्मेल आ रही थी। उसने ज्यादा गौर नहीं किया और अपने कमरे में चला गया। कमरे में पूरा अंधेरा था इसीलिए उसने दरवाजे पर खड़े रहते हुए ही फोन की फ्लैश ऑन की। फ्लैश ऑन होते ही उसके ऊपर फूलों की बारिश हो गई और अचानक लाइट भी जल गई।

Happy birthday my dear husband! हाथ में छोटा सा चाकू लेकर मेहर केक के पास खड़ी थी।
रितिक के लिए ये unexpected था इसीलिए वो थोड़ा इमोशनल हो गया।
तुम्हें कैसे पता कि…
बीवी हूँ मुझे नहीं पता होगा तो किसे पता होगा । आओ केक कट करो आके।
शॉवर ले लूं जाकर पहले?

एक्चुअली केक फैल रहा है तब तक और भी फैल जाएगा। डिनर हम लोग शॉवर के बाद कर लेंगे ।
जो हुकुम मेरे आका। चाकू हाथ में लेते ही रितिक समझ गया था कि ये जला हुआ केक उसकी अनाड़ी बीवी ने बनाया है।
मैंने तीन केक बनाए थें उसमें इस केक की हालत थोड़ी ठीक है इसीलिए इसे सजाया। थोड़ा जला हुआ है लेकिन…
लेकिन कोई बात नहीं । रितिक ने केक कट करके मेहर को खिलाया।

गिफ्ट क्या चाहिए तुमको ?
सच कहूं तो मेरा गिफ्ट तो तुमने सुबह ही दे दिया था अब कुछ और मागूंगा तो लालची महसूस होगा।
उसकी वजह से तुम hurt हुए हो न ।
मुझे मेरी मर्जी के बिना कोई hurt नहीं कर सकता समझी। अब मैं जा रहा हूँ शॉवर लेने उसके बाद हम खाना खाएंगे।

ठीक है मैं भी तब तक नहा के आती हूँ। ये बताओ कपड़े लाए हो ?
Sorry… भूल गया यार कसम से ।
और मेरी ड्रेस?
वो भी रह गई।
तो इस बैग में क्या है ? मेहर ने बैग खोला तो उसमें शर्ट थी।
ये मेरे लिए ?

तुम्हारे लिए? हाँ तुम्हारे लिए । ज्यादा सवाल जवाब से बचने के लिए रितिक ने हाँ में हाँ मिला ली।
मेरे पास भी है तुम्हारे लिए कुछ । मेहर ने क्लोजेट खोलकर एक बैग निकाला । Watch, perfume और अरमानी का सूट है उसमें ।
Thank you ! अपने आँसू छुपाने के लिए रितिक गिफ्ट्स भी सही से नहीं देख पाया और बाथरूम में चल गया।
नहाने के बाद जब बॉथरूम से निकल कर कमरे में आया तो रितिक ने देखा खाना कमरे में ही सजाया जा चुका था। टेबल के बीच में एक मोमबत्ती चल रही थी और एक लाल गुलाबों का गुलदस्ता सजा हुआ था । खुशबू से साफ पता चल रहा था कि सबकुछ रितिक की पसंद का ही बनाया गया है । उसने अपना फोन उठाया और तुरंत कुछ फोटो खींच ली उस नजारे की।

मेहर के कमरे में आने से पहले रितिक तैयार होना चाहता है लेकिन वो शर्ट लेकर तो मेहर चली गई । अब पहने क्या ? बहुत खोजबीन के बाद उसे एक टी शर्ट मिली और एक जींस जो थोड़ी छोटी थी इसीलिए कभी पहनी ही नहीं गई।

अभी तक जो भी हुआ वो सब रितिक सम्भाल ले गया था लेकिन मेहर के कमरे में आती ही ऐसा लगा कि सारी बातें उसके हाथ से निकल गईं हैं। मेहर सिर्फ शर्ट ही पहने हुए आई थी । शॉवर लेने की वजह से बाल भी गीले है । रितिक ने उसे देखा तो आँखें ही बंद कर ली जैसे थोड़ी देर और देखेंगे तो कुछ हो जाएगा।

चलो डिनर करते है । मेहर कुर्सी खींच कर बैठ गई।
रितिक !
हूं । उसने सांस काबू में करते हुए बोला।
आ जाओ यार ।
हाँ।

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दोनों डिनर करते वक्त दुनिया भर की बातें करते रहें । ऐसा लग रहा था बहुत पुराने दोस्त आज अचानक मिल गए हो । अपना खाना खत्म करने के बाद मेहर कुर्सी पर ही फैल गई।
मुझ से नहीं चला जाएगा यार , गर्दन तक खा लिया मैंने। अब अपने कमरे तक कैसे जाऊंगी ?
मैं छोड़ दूं?
नहीं। मेहर ने कुर्सी सरकाई और रेंगते हुए रितिक के बिस्तर पर चढ़ गई। रितिक को सारी टेबल अकेले साफ करनी पड़ी।

मैं तुम्हारे कमरे में सो जाऊं आज ?
नहीं तुम मेरा बिस्तर बिगाड़ दोगे ।
तो मैं यहीं सोफे पर सो जाता हूँ।
क्यों इतना बड़ा बेड नहीं दिखाई दे रहा तुमको । इतनी साइड में आराम से सो जाओगे ।

रितिक थोड़ा नर्वस हो गया । उसने बड़ी आहिस्ते से बेड के एक साइड को पकड़ लिया और बीच में इतनी जगह छोड़ी कि मेहर टेढ़ी होकर भी लेटे तब भी आराम से सो सकती है ।
बीच में आ जाओ ।
नहीं यहीं ठीक हूँ।

आ जाओ वरना गिर नीचे।
Ok . रितिक थोड़ा और बीच में आ गया।
Light बंद कर दो ।
तुम्हारी ही किताब पढ़ रहा हूँ। एंडिंग में हूँ उसे खत्म करते ही लाइट बंद कर दूंगा। रितिक ने किताब उठा ली।

बंद कर दो न यार please वरना मुझे नींद नहीं आएगी। वैसे भी लाइट की वजह से गर्मी लगती है मुझे । मेहर ने शर्ट के ऊपरी दो बटन खोले तो रितिक की साँस अटक गई। उसने तुरंत लाइट बंद कर दी और साँस रोक के लेट गया।

थोड़ी देर इसी तरह लेटे रहने पर उसे लगा कि मेहर ने उसका हाथ पकड़ा है । रितिक को लगा कि भ्रम होगा इसीलिए उसने कुछ नहीं किया । मेहर ने रितिक का हाथ अपनी तरफ खींचा तब वो जान पाया कि ये हकीकत ही है। मेहर ने उसका हाथ अपनी जांघ पर रख दिया। एक पल के लिए सारी दुनिया रितिक की आंखों के सामने नाच गई।

उसे एसी में भी पसीना आने लगा और उसकी सांसे बेतरतीब ढंग से आने-जाने लगी। इतनी तेज प्यास का अहसास होने लगा कि उसने दूसरे हाथ से अपनी गर्दन पकड़ ली। अब वो क्या करे ? अगर कुछ करने की कोशिश करता है और मेहर वैसा नहीं चाहती हो तो बहुत ज्यादा embarrassing हो जाएगा। लेकिन अगर चाहती नहीं है तो हाथ क्यों रखा? हो सकता है नींद में हो!

तुम्हारे हाथ में फेवीक्विक लगा है क्या ?
न..नहीं.. तो ।
तो ये move क्यों नहीं हो रहा ?

क्या ? रितिक ने पहले तो shocked होकर उसकी तरफ देखा फिर अगले ही पल उसकी थाई को मजबूती से जकड़ते हुए उसे अपनी तरफ खींच लिया।
आउच..आहिस्ते !
इसी आहिस्ते में तो 8 महीने निकल गएं और कितना आहिस्ते मेरी जान ? रितिक ने उसके गुलाबी होठों को चूमते हुए पूछा ।

4 moths later –

भाभी माँ आप अपनी देवरानी को वापस बुला ले मुझसे नहीं संभाली जा रही अब ।
अरे भई क्या हो गया ? क्यों नहीं संभाली जा रही अब।
भाभी शेफ बना दिया है इसने मुझे ।
हाँ तो पहले भी तो खाना बनाते थे अपने दोनों के लिए।

हाँ पहले सिर्फ दो लोगों का बनाता था मैं, अब दो और  लोगों के लिए बनाता हूँ।
दो और कौन ?
अरे यार भाभी दो बच्चे आपके हुए उनके लिए और दो बच्चे जो उसके हुए उनके लिए…
क्या.. नहीं , नहीं ! तुम झूठ बोल रहे हो ! है ही नहीं ऐसा कुछ..! क्या सच में । Oh God … भाभी

फोन पर ही जोर जोर से रोने लगी। उनके रोने की आवाज पर भैया भी आ गएं।
मम्मी .. मम्मी.. कहती हुई वो बाहर भागीं। रितिक फोन के इधर होते हुए भी घर के लोगों की खुशी देख पा रहा था । उसकी आँखें भी छलक आईं थीं।
कितने महीने हुए ?
चार !

चार ? और तुम मुझे अब बता रहे हो।
हमें भी तो अभी पता चला । आलसी नेचर की वजह से क्लीनिक के चक्कर नहीं लगाना चाहती थी इसीलिए मुझे कुछ बताया नहीं । इसके जरूरत से ज्यादा खाने और ज्यादा सोने की वजह से मुझे कुछ डाउट हुआ तो आज क्लीनिक लेकर आया तब पता चला कि… ट्विंस हैं।

लगता है अपने भैय्या के हिस्से की मेहनत भी तुमने ही कर ली है क्यों देवर जी इतना क्यों परेशान किया मेरी देवरानी को ।
भाभी सच कह रहा हूँ तीन चार बार से ज्यादा तो हाथ भी नहीं लगाया है ।
अब उससे ज्यादा लगा भी नहीं पाओगे । कल मैं आ रही हूँ तुम्हारे भैया के साथ उसे लेने ।
सोच लीजिए भाभी अभी इसी को संभालने में आप परेशान हो जाती हैं जब इसके जैसी दो और कॉपीज घर में घूमेंगी तो आपका क्या हाल होगा ।

तुम्हें पाल पोस कर इतना बड़ा कर दिया है तो तुमसे तो कम शैतान है मेरी मेहर ।
अरे आपने तो पार्टी बदल ली ।
अच्छा चलो उससे बात कराओ ।
भाभी वो सो रही है । Long drive पर भी उसे सोना ही रहता है।

अच्छा छोड़ो ये बताओ तुम कब आओगे ?
बस महीने भर में अपने सारे टॉस्क खत्म करके ।
फोन रखने के बाद रितिक ने बहुत प्यार से सोती हुई मेहर को देखा और उसके हाथ को अपने हाथों में लेकर अपनी आँखों से लगाया फिर चूम लिया ।

Thanks for everything my love .
कार फिर से चलने लगी जिंदगी के किसी मोड़ की तलाश में ।

Thanks for reading.

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